Thursday, May 24, 2012

सोनिया का कार पर लाल बत्ती लगाने से इनकार


नई दिल्ली। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) और कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपनी कार पर लाल बत्ती लगाने से मना कर दिया है। कांग्रेस संसदीय दल की कार्यकारी समिति की बैठक में पार्टी के कुछ नेताओं ने यह निर्णय लिया था और वे कांग्रेस अध्यक्ष से इस पर हरी झंडी चाहते थे। लेकिन सोनिया ने इससे इंकार कर दिया।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक सदस्य ने कहा कि उन्होंने दृढ़तापूर्वक इससे इंकार कर दिया है। यह हमारे लिए आदेश की तरह है। सूत्रों के अनुसार, सोनिया ने कहा कि मैं इसकी अनुमति कैसे दे सकती हूं? सोनिया ने हालांकि सांसदों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लाल बत्ती इस्तेमाल करने की अनुमति देने वाले किसी भी अधिसूचना को ना कह दिया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि राज्य इस सम्बंध में अपने अनुसार निर्णय ले सकते हैं।
 सोनिया का कार पर लाल बत्ती लगाने से इनकार
पिछले साल दिसंबर में नैतिकता मामलों पर संसदीय समिति ने सांसदों को अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाने देने की अनुमति मांगी थी। सांसदों की दलील थी कि यदि विधायक और पंचायत के सदस्य अपने वाहनों पर लाल बत्ती का इस्तेमाल कर सकते हैं तो वे ऐसा क्यों नहीं कर सकते?

मोदी की चली, जोशी बाहर


मोदी की चली, जोशी बाहर

मुंबईः गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अपनी बात मनवाते हुए अपने धुर विरोधी संजय जोशी का भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दिलवा दिया. इसके बाद उन्होंने पार्टी की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने का निर्णय किया जबकि पहले उनकी बैठक के बहिष्कार की योजना थी.
जोशी को वापस कार्यकारिणी में लाने वाले पार्टी प्रमुख नितिन गडकरी ने छोटे विवाद के खत्म होने की घोषणा की और कहा कि वह और गुजरात के मुख्यमंत्री पार्टी को मजबूत करने के लिए साथ-साथ काम करेंगे.
मोदी ने उदयपुर में घोषणा की कि कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने वह दोपहर में मुंबई के लिए रवाना होंगे. बैठक में गडकरी को दूसरी बार पार्टी अध्यक्ष बनाने का रास्ता साफ होगा. गडकरी ने कहा कि इस गतिरोध के खत्म होने के बाद बदली राजनीतिक परिस्थितियों में वह और मोदी कंधे से कंधा मिलाकर काम करेंगे.भाजपा प्रमुख ने संगठन के हित में कार्यकारिणी से इस्तीफा देकर बडा दिल दिखाने के लिए जोशी की प्रशंसा की.
पेट्रोल के मूल्यों में वृद्धि को लेकर संप्रग के खिलाफ बडे आंदोलन की योजना बना रही पार्टी में एकता दर्शाते हुए भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि जोशी ने मुझे पत्र लिखकर कहा है कि वह पार्टी के हित में इस्तीफा दे रहे हैं. इस तरह की आशंका थी कि मोदी की अनुपस्थिति से बैठक पर संकट छा सकता है. इस बैठक के दौरान उम्मीद है कि गडकरी को तीन वर्ष के दूसरे कार्यकाल के लिए भाजपा प्रमुख का पद मिलेगा.

एनडी तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं


एनडी तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं

नई दिल्‍ली. पितृत्‍व मामले में कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता एनडी तिवारी को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है. अदालत ने इस केस के दोनों पक्षों की मौजूदगी में 29 मई को खून के नमूने देने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने हैदराबाद स्थित एक लैब में जांच के लिए नमूने भेजे जाने में पूरी तरह गोपनीयता बरते जाने के भी आदेश दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा, 'देहरादून के जिला जज 29 मई को सिविल सर्जन और पैथलॉजिस्‍ट के साथ खून के नमूने लेने के लिए एनडी तिवारी के घर जाएंगे.' एन डी तिवारी ने दिल्‍ली हाईकोर्ट के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देते हुए याचिका दायर की है जिसमें उन्हें डीएनए जांच के लिए खून का नमूना देने का निर्देश दिया गया है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने तिवारी को पितृत्व संबंधी मामले में 26 मई को कोर्ट में पेश होकर खून का नमूना देने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि तिवारी इस मामले में अपना ब्‍लड सैंपल देने से लगातार बचने की कोशिश कर रहे हैं.

एक नर्स जो बनी आइएएस..

* एनीज कनमणि जॉय ने पूरा किया पिता का सपना
- मिसाल -
तिरुवनंतपुरम : के रल के एक गांव के किसान ने सपना देखा. सपना ये कि उसकी बेटी आइएएस बने. इसी सपने के साथ उसने अपनी बेटियों को बेहतरीन शिक्षा दी और इस साल उस किसान के सपने को उसकी बेटी ने सच कर दिखाया.
जिस लड़की ने अपने पिता के सपने को सच किया वह है एनीज कनमणि जॉय जो कि सिविल सेवा परीक्षा 2012 पास करने में कामयाब रही हैं. एनीज कनमणि जॉय ने न सिर्फ 2012 में परीक्षा पास की बल्कि 65वीं रैंक भी हासिल की है. ऐसा नहीं हैं कि एनीज ने ये पहली बार किया है.
2011 में भी उन्होंने सिविल सेवा पास की थी. तब उनकी रैंक 580 थी. उसी के आधार पर एनीज फिलहाल भारतीय अकांउट सेवा के तहत ऑफिसर ट्रेनिंग ले रही हैं. आइएएस बनने की प्रेरणा कैसे मिली इस सवाल के जवाब ने एनीज कहती हैं, बचपन से ही पिताजी ने सपना दिखाया था, लेकिन मैंने बचपन से इसकी तैयारी नहीं की थी. वह तो इंटर्नशिप के बाद मैंने इस इम्तिहान की तैयारी की.
- पहली नर्स
एनीज पहली नर्स हैं, जो सिविल सेवा परीक्षा पास करने में कामयाब रही हैं. एनीज कहती हैं, जब मैंने तैयारी शुरू की तो सोचा कि किसी आइएएस नर्स से सलाह लूंगी, लेकिन मैं ऐसी किसी नर्स को नहीं ढूंढ़ पायी.
हालांकि, मुझे इस बारे में पक्का पता इम्तिहान पास कर लेने के बाद ही चला. कहती हैं : ग्रामीण पृष्ठभूमि खास मायने नहीं रखती. मायने रखती है कि आप में कितना दम है. वैसे भी मैं केरल से आती हूं, जहां पढ़ाई को बहुत माना जाता है. ये आपके लिए बड़ी बात होगी कि एक गांव की लड़की ने इतना बड़ा काम किया, मुझे तो सबकुछ साधारण लगता है.
* पिता बहुत खुश हैं
एनीज कहती हैं, जब मैंने पिताजी को फोन पर बताया तो वे कुछ बोल ही नहीं पाये. हालांकि मैं उनकी खुशी समझ सकती हूं. एनीज इस इम्तिहान के पास करने के बाद अपने परिवार से मिलने केरल नहीं जा पायी हैं.
एनीज एक खास बात बताना नहीं भूली, मेरे पिताजी मानते हैं कि पढ़ाई ही वह असल धन है, जो हम अपनी बेटी को दे सकते हैं, भले ही हम किसान परिवार से हैं लेकिन उन्होने मुझे बेहतरीन शिक्षा दिलवायी है. हमारे केरल में एक चलन और हैं कि हमारे यहां हर मां-बाप बच्चों के स्कूल जरूर भेजते हैं.
- नौ-नौ घंटे पढ़ाई
एनीज कहती हैं कि उन्होंने पिछले दो साल में नौ-नौ घंटो पढ़ाई की हैं. पूछा गया कि क्या आपको लगता हैं कि आपने पिछले दो साल में कुछ मिस किया हैं, तो एनीज ने कहा : हो सकता हैं कि मैंने कुछ सामाजिक त्योहार या मुलाकात न की हो लेकिन ऐसा कुछ खास मिस नहीं किया. वह हिंदी की कहावत का हवाला देते हुए कहती हैं, कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है.

ÁÕÅñÆ ÃðÕÅð çÆ Ã¹ðÖÆÁÅ Ãì³èÆ éÆåÆ Ô¯ÂÆ ñÆ𯺠ñÆð, çñÅñÅ, êzÅêðàÆ âÆñð» Áå¶ ÚîÇÚÁ» ù ÇçåÆ ÜÅ ðÔÆ ÔË Ã¹ðÖÆÁÅ- âÅ.ðÅäȳ

(    ) ê³ÜÅì ÃðÕÅð òñ¯º ÇêÛñ¶ ÇçéÆ òÆ.ÁÅÂÆ.êÆ Ã¹ðÖÆÁÅ Ãì³èÆ ÕÆåÆ ÜÅ ðÔÆ ë¶ð ìçñ çÅ í»âÅ í³é ç¶ Ô¯Â¶ ÃÇÔÜèÅðÆ ÇÃ¼Ö êÅðàÆ ç¶ Õ½îÆ êzèÅé âÅ.êðîÜÆå ÇÃ³Ø ðÅäȳ é¶ ÇÕÔÅ Õ¶ ÁÕÅñÆ ÃðÕÅð çÆ Ã¹ðÖÆÁÅ Ãì³èÆ éÆåÆ ñÆ𯺠ñÆð Ô¯ Ú¹ÕÆ ÔËÍ À°Ôé» ÇÂÕ êzËà ÇìÁÅé ðÅÔÆ ÇÕÔÅ ÇÕ ê³ÜÅì ÃðÕÅð ç¶ Ã¹ðÖÆÁÅ î¹ÔÅÇÂÁÅ Õðä ç¶ Áêä¶ ÔÆ Øð ç¶ Çéïî Ôé ÇÜæ¶ À°Ôé» ç¶ ÚÔ¶å¶ Üæ¶çÅðÅ ù å» ÜËâ ùðÖÆÁÅ ÇÜ³é¶ ×éîËé êzçÅé ÕÆå¶ ÜÅ ðÔ¶ Ôé Áå¶ ñ½óî³ç» ç¶ Õ¯ñ¯º ÇÂÕñ½å¶ ×éîËé çÆ Ã¹ðÖÆÁÅ òÆ òÅêà ñÂÆ ×ÂÆ ÔËÍÁëïà ÇÕ ÖÅóÕÈòÅç éÅñ ÜÈÞä òÅñ¶ ÇÂÕ ÃÅìÕÅ âÆ.ÜÆ.êÆ ù ÇÃðø 2 ×éîËé ÔÆ Çç¼å¶ ׶ ÔéÍ

âÅ.ðÅäȳ é¶ ç¼ÃÆÁ» ÇÕ ÕÅùé î¹åÅìÕ íÅðå Çò¼Ú 4 êzÕÅð ç¶ Ã¹ðÖÆÁÅ êzì³è Ôé ÁËÕÃ, òÅÂÆ ,ÜËâ Áå¶ ÜËâ êñÃÍ ÇÂÔé» Çò¼Ú ÜËâ êñà ùðÖÆÁÅ Çò¼Ú 36 ×éîËé ,  ÜËâ ùðÖÆÁÅ Çò¼Ú 11×éîËé ,òÅÂÆ Ã¹ðÖÆÁÅ ôz¶äÆ Çò¼Ú ç¯ ×éîËé Áå¶ ÁËÕà ùðÖÆÁÅ ôð¶äÆ Çò¼Ú ÇÂÕ ×éîËé çÅ êzòçÅé ÔË, êð ê³ÜÅì ÃðÕÅð òñ¯º Õ°Þ ÇÂÔ¯ ÇÜÔ¶ òÆ ÚÔ¶å¶ Áå¶ ÚîÚ¶ êÅñ¶ ԯ¶ Ôé ÇÜéÅ Õ¯ñ éÅ å» ÃðÕÅð Çò¼Ú Õ¯ÂÆ ÁÔ°çÅ ÔË å¶ éÅ ÔÆ ÁÕÅñÆ çñ Çò¼Ú Õ¯ÂÆ êzôÅÃÇéÕ ð¹åìÅ ÔË êð À°Ôé» Õ¯ñ ÇÂÕ¯ ×°ä ÔË ÇÕ À°Ô ìÅçñ êðÆòÅð çÅ éÅî Áêä¶ éÅî éÅñ ܯó ÇÕ À°Ã êðÆòÅð ç¶ ç¼ñ¶ ìä ÇÕ Õ³î Õðç¶ Ôé Áå¶ í±-îÅëÆÁÅ çÅ ÇÂÕ ò¼âÅ Á³× Ôé ÇÜà ÕÅðä À°Ôé» ù 11-11×éîËé êzçÅé ÕÆå¶ ×¶ Ãé å¶ Ô°ä ñ¯ÕÅ çÆ Á¼Ö» Çò¼Ú ØàÅ êÅÀ°ä ÖÅåð 6 ×éîËé Çëð òÆ åËéÅå ÔéÍ ÇÂÔ À°Ô ñ¯Õ Ôé ÇÜéÅ é¶ ÃÅìÕÅ Õ¶ºçðÆ î³åðÆ Ã.ìñò³å ÇÃ³Ø ðÅîÈòÅñÆÁÅ òð׶ À°µØ¶ é¶åÅ ù òÆ ÔðÅÀ°ä Çò¼Ú ÁÇÔî ð¯ñ ÁçÅ ÕÆåÅ ÔË êð ÇÂÔé» Çòð¹è Õ¯ÂÆ ÕÅðòÅÂÆ Õðä çÆ ìÜŶ ÇÂÔé» éÅñ ÕÅñÆ òðçÆ òÅñ¶ Õîų⯠ùðÖÆÁÅ ñÂÆ åËéÅå ÕÆå¶ ×¶ Ôé Ü篺 ÇÕ ÇÂÔé» ù Õ¯ÂÆ èîÕÆ ç¶ä çÆ Ü¼°ðå òÆ éÔÆ Õð ÃÕçÅÍ çÈÃð¶ êÅö Õ°Þ À°Ô îÔ¼åòêÈðä ñ¯Õ òÆ é¶ Ü¯ çÈÃðÆÁ» êÅðàÆÁ» Çò¼Ú Ôé êð ÇÜéÅ é¶ ÁÕÅñÆ çñ çÆ î¹ó ÃðÕÅð ÇñÁÅÀ°ä ÖÅåð ×°êå å¯ð å¶ Á³çð ÖÅå¶ ÁÕÅñÆ çñ éÅñ ÃîÞ½å¶ ÕÆå¶ Ãé Áå¶ ÁêäÆ î» êÅðàÆ éÅñ èð¯Ô ÕÆåÅ ÔË, À°Ôé» ù òÆ å¯Ôø¶ å¯ð å¶ Ã¹ðÖÆÁÅ ç¶ Õ¶ ÇéòÅÇÜÁÅ Ç×ÁÅ ÔËÍ Õ°Þ À°Ô ÁÇå îÔ¼åòêÈðä ñ¯Õ é¶ Ü¯ ò¼â¶ ê¼èð å¶ êzÅêðàÆ ç¶ Ã½çÅ×ð Ôé å¶ ÁÕÅñÆ çñ ç¶ òÆ Ã½çÅ×ð Ôé À°Ôé» ù òÆ Ã¹ðÖÆÁÅ êzçÅé ÕÆåÆ ÜÅ Ú¹ÕÆ ÔËÍÕ°Þ ÁõìÅð» ç¶ ÁËâÆàð» Áå¶ ÇéÜÆ àÆ.òÆ. ÚËéñ» ç¶ îÅñÕÅ å¯ Áêä¶ Ô¼Õ Çò¼Ú õìð» ñ×òÅÀ°ä ÖÅåð îÆâÆÁÅ ç¶ Õ°Þ ÁÇÔî êåðÕÅðÅ ù òÆ Ã¹ðÖÆÁÅ êzçÅé ÕÆåÆ ×ÂÆ ÔËÍôz¯îäÆ Õî¶àÆ ç¶ î˺ìð» Áå¶ ÔÅð¶ ԯ¶ ÁÕÅñÆ ÇòèÅÇÂÕ» ù òÆ Ã¹ðÖÆÁÅ Çç¼åÆ ×ÂÆ ÔË, Õ°Þ èÅðÇîÕ Ã³êðçÅò» ÇÜéÅ ÇêÛ¶ ò¯à ìËºÕ ÔË ÇÜÔóÆÁ» ÁÕÅñÆ çñ ê¼ÖÆ Ôé À°Ôé» ç¶ ìÅì¶ÁÅ ù òÆ Ã¹ðÖÆÁå ð¼Öä ñÂÆ ×éîËé Ççå¶ ×¶ Ôé,êð ñ¯ó ò³ç» Õ¯ñ¯º ÇÂÕñ½åÅ ×éîËé òÆ òÅêà ñË ÇñÁÅ Ç×ÁÅ ÔËÍî¹ÔÅñÆ ç¶ Çò¼Ú å» ÇÂÔ¯ ÇÜÔ¶ Áé¶ÕÅ ÔÆ çñÅñ ç¶Öä ù  é÷ð ÁÅÀ°ºç¶ Ôé ܯ ÕÅñÆÁÅ òðçÆÁ» òÅñ¶ å¶ ñÅñ ê¼×» òÅñ¶ Õîųâ¯Á» éÅñ ñÅñ ì¼åÆÁ» ñ×Å ÇÕ ôð¶ÁÅî Ø°³îç¶ ÔéÍ

ÃÇÔÜèÅðÆ ÇÃ¼Ö êÅðàÆ é¶ Áé¶ÕÅ òÅðÆ ÁÅð.àÆ.ÁÅÂÆ ÁËÕà ðÅÔÆ ×zÇÔ-î³åðÅñ¶ Áå¶ âÆ.ÜÆ.êÆ çøåð 寺 ÇÂÔ ÜÅäÕÅðÆ î³×ä çÆ Õ½Çôà ÕÆåÆ ÇÕ ÃðÕÅð ç¼Ã¶ ÇÕ ÇÕÔó¶ ÇÕÔó¶ ÁÕÅñÆ ñÆâð» é±È³ ÇÕé¶-ÇÕé¶ ×éîËé ÇÕÃ-ÇÕà ÁëÃð ç¶ Ô°ÕîÅ éÅñ ÇÕÔéÅ ÕÅðäÅ ÕðÕ¶ Çç¼å¶ ԯ¶ Ôé å» À°Ôé» çÅ ÜòÅì ç¯ à¼°Õ ÃÆ ÇÕ ÃÕÆÀ°ðàÆ çÅ îÅîñÅ ÃðÕÅð ñÂÆ ìÔ°å ÁÇÔî Ô¯ä ÕÅðä ÇÂà ìÅð¶ Õ¯ÂÆ òÆ ÜÅäÕÅðÆ î¹ÔÅÇÂÁÅ éÔÆ ÕÆåÆ ÜÅ ÃÕçÆ Áå¶ ÇÂÔ Ã¹ðÖÆÁÅ çÅ îÅîñÅ ÁÅð.àÆ.ÁÅÂÆ ÁËÕà ç¶ ÁèÆÕÅð Ö¶åð 寺 ìÅÔð ð¼ÖÆÁ» Ç×ÁÅ ÔËÍ

âÅ.ðÅäȳ é¶ À°ê î¹Ö î³åðÆ Ã. ùÖìÆð ìÅçñ ç¶ À°Ã ÇìÁÅé ù òÆ ÞÈáÅ ÃÅìå Õð Çç¼åÅ ÇÜà ÇòÚ À°Ôé» ÇÕÔÅ ÃÆ ÇÕ ÇÕö òÆ ÃÆéÆÁð ê¹ñÆà ÁëÃð ù Áêä¶ ÚÔ¶å¶ æÅä¶çÅðÅ çÅ ñÅî ñôÕð éÅñ ìçñ Õ¶ ÇñÜÅÀ°ä çÆ ÇÂÜÅ÷å éÔÆ ÇçåÆ ÜÅò¶×Æ êð ÖºéÅ ÔñÕ¶ ç¶ ÇòÚ âÆ.ÁËÃ.êÆ å¶ æÅä¶çÅð ðŶկà ÔñÕ¶ 寺 ÁÕÅñÆ ñÆâð» çÆ ÇÂÜÅ÷å å¯ ÇìéÅ éÔÆ ÁŶ ÔéÍ

42 ਵਰ੍ਹਿਆਂ ਦੀ ਉਮਰ ਚ ਮੰਟੋ ਦੀ ਸਾਹਿਤ ਨੂੰ ਅਨੋਖੀ ਦੇਣ


ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਦੀ ਜਨਮ ਸ਼ਤਾਬਦੀ ਤੇ ਇੱਕ ਸਜਦਾ

42 ਵਰ੍ਹਿਆਂ ਦੀ ਉਮਰ ਚ ਮੰਟੋ ਦੀ ਸਾਹਿਤ ਨੂੰ ਅਨੋਖੀ ਦੇਣ
 
  
ਬੀਰ ਦਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ, ਸਾਬਕਾ ਡਿਪਟੀ ਸਪੀਕਰ, ਪੰਜਾਬ, ਸੰਪਰਕ :09814033362

ਦੱਖਣੀ ਏਸ਼ੀਆ ਦੇ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਅਫ਼ਸਾਨਾ-ਨਿਗਾਰ ਅਤੇ ਅਤੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਲੇਖਕ ਸਾਅਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਦਾ ਜਨਮ 11 ਮਈ 1912 ਨੂੰ, ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੁਧਿਆਣਾ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਦੀ ਸਮਰਾਲਾ ਤਹਿਸੀਲ ਵਿੱਚ ਪੈਂਦੇ ਪਿੰਡ ਪਪੜੌਦੀ ਵਿਖੇ ਹੋਇਆ।ਸਾਅਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਦਾ ਪਰਿਵਾਰਿਕ ਪਿਛੋਕੜ ਕਸ਼ਮੀਰੀ ਮੁਸਲਮਾਨਾ ਦੇ ਇੱਕ ਬੈਰਿਸਟਰ ਪ੍ਰੀਵਾਰ ਨਾਲ ਬਾ-ਵਾਸਤਾ ਹੈ।ਇਹ ਦੁੱਖ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ ਕਿ ਇਸ ਅਤਿ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਕਲਮਗੀਰ ਦੇ ਸੀਮਤ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਦੀ ਅਧੂਰੀ ਗਾਥਾ ਦਾ ਅੰਤ 18 ਜਨਵਰੀ 1955 ਨੂੰ ਲਹੌਰ (ਪਾਕਿਸਤਾਨ) ਵਿੱਚ ਹੋ ਗਿਆ ਤੇ ਉਹ 42 ਵਰ੍ਹਿਆਂ ਦੀ ਭਰ ਜਵਾਨੀ ਦੀ ਉਮਰ ਵਿੱਚ ਹੀ ਸਪੁਰਦ-ਏ-ਖ਼ਾਕ ਹੋ ਗਏ।ਆਪਣੇ ਇਸ ਸੀਮਤ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਵਿੱਚ ਮੰਟੋ ਨੇ ਨਾਮਣਾ ਯੋਗ ਪੁਲਾਂਘਾਂ ਪੁੱਟੀਆਂ।ਭਾਵੇਂ ਸਾਅਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਹੋਰਾਂ ਜ਼ਿਆਦਾਤਰ ਉਰਦੂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਲਿਖਿਆ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੁਆਰਾ ਲਿਖੇ ਉਪਨਿਆਸ ਤੇ ਨਾਵਲ ਸਾਹਿਤ ਨੂੰ ਹੋਰ ਵੀ ਬਹੁਤ ਸਾਰੀਆਂ ਭਾਸ਼ਾਵਾਂ ਵਿੱਚ ਅਨੁਵਾਦਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ।ਮੰਟੋ ਦੀਆਂ ਬਹੁ-ਚਰਚਿਤ ਲਿਖਤਾਂ ਵਿੱਚ ਠੰਡਾ-ਗੋਸ਼ਤ, ਟੋਭਾ-ਟੇਕ ਸਿੰਘ, ਬੂ, ਖੋਲ੍ਹ-ਦੋ, ਧੂਆਂ, ਆਤਿਸ਼-ਪਾਰੇ, ਸਿਆਹ-ਹਾਸ਼ੀਏ, ਸੜਕ-ਕੇ-ਕਿਨਾਰੇ, ਸ਼ਿਕਾਰੀ-ਔਰਤੇਂ, ਰੱਤੀ-ਮਾਸ਼ਾ, ਕਾਲੀ-ਸਲਵਾਰ, ਖ਼ਾਲੀ-ਬੋਤਲੇਂ, ਸਰਕੰਦੋਂ-ਕੇ-ਪੀਛੇ, ਮੰਟੋ-ਕੇ ਅਫ਼ਸਾਨੇ ਇਤਿਆਦਿ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ।
ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਰੇਡਿਓ ਦੀ ਉਰਦੂ ਸੇਵਾ ਲਈ ਵਾਰਤਾ ਅਤੇ ਨਾਟਕ ਲਿਖਣ ਦਾ ਕਾਰਜ ਵੀ ਕਰਦੇ ਰਹੇ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਈ ਫ਼ਿਲਮਾ ਲਈ ਕਹਾਣੀਆਂ ਵੀ ਲਿਖੀਆਂ। ਮੰਟੋ ਸਾਹਿਬ ਦੀਆਂ ਨਿੱਕੀਆਂ ਕਹਾਣੀਆਂ ਦੇ 22 ਸੰਗ੍ਰਹਿ, ਇੱਕ ਨਾਵਲ, ਰੇਡਿਓ ਨਾਟਕਾਂ ਦੇ ੫ ਸੰਗ੍ਰਹਿ, 3 ਨਿਬੰਧ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਮੌਜੂਦ ਹਨ।ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸਵੈ-ਜੀਵਨੀ ਤੇ ਅਧਾਰਤ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤਰਾਂ ਦੇ ਵੀ 2 ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਉਪਲਭਦ ਹਨ।ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਕਥਾ-ਕਹਾਣੀਆਂ ਦੀ ਪਿੱਠ-ਭੂਮੀ ਤੇ ਵਿਸ਼ਾ-ਵਸਤੂ ਤੇ ਇੱਧਰਲਾ ਤੇ ਉਧੱਰਲਾ ਪੰਜਾਬ ਹੀ ਭਾਰੂ ਰਿਹਾ।ਜਿਸ ਦਰਦ ਨਾਲ ਮੰਟੋ ਨੇ ੧੯੪੭ ਦੇ ਲਹੂ-ਲੁਹਾਣ ਬਟਵਾਰੇ ਦੇ ਸੰਤਾਪ ਅਤੇ ਉਸ ਸਮੇ ਦੇ ਮਨੁੱਖੀ-ਮਨ ਵਿੱਚ ਉਪਜੀ ਦਰਿੰਦਗੀ ਅਤੇ ਪੀੜਾ, ਦੋਵ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬਿਆਨ ਕੀਤਾ ਹੈ, ਉਸਨੂੰ ਪੜ੍ਹ ਕੇ ਅੱਜ ਵੀ ਮਨ ਕੁਰਲਾ ਉਠੱਦਾ ਹੈ।
ਮੰਟੋ ਦੇ ਮਨੋਵੇਗ ਦਾ ਵਿਸ਼ਲੇਸ਼ਨ ਜੇ ਇਨਸਾਨੀ ਫ਼ਿਤਰਤ ਦੇ ਰਵੱਈਏ ਨਾਲ ਜੋੜ ਕੇ ਵੇਖਿਆ ਜਾਵੇ ਤਾਂ ਸ਼ਾਇਦ ਹੀ ਵੀਹਵੀਂ ਸਦੀ ਵਿੱਚ ਉਸ ਦੇ ਪਾਏ ਦਾ ਕੋਈ ਹੋਰ ਅਫ਼ਸਾਨਾ ਨਿਗਾਰ ਹੋਵੇ।ਬਾਵਜੂਦ ਇਸ ਪਹਿਲੂ ਦੇ ਕਿ ਉਹ ਇੱਕ ਵਿਵਾਦਪੂਰਣ ਕਿਰਦਾਰ ਸਨ, ਪਰ ਜਦੋਂ ਉਹ ਦੇਸ਼ ਦੇ ਬਟਵਾਰੇ ਸਮੇਂ, ਬਟਵਾਰੇ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਅਤੇ ਬਟਵਾਰੇ ਤੋਂ ਬਾਦ ਵਿੱਚ ਪਸਰੀ ਸਮੂਹਿਕ-ਦਰਿੰਦਗੀ ਅਤੇ ਪਾਗਲਪਣ ਨੂੰ ਕਲਮਬੱਧ ਕਰਦੇ ਹਨ, ਤਾਂ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਲੇਖਕ ਦੀ ਕਲਮ, ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਦੀ ਕਲਮ ਦੀ ਕਰੁਣਾਮਈ ਦਾਸਤਾਂ ਦੇ ਨੇੜੇ-ਤੇੜੇ ਵੀ ਨਹੀਂ ਢੁੱਕਦੀ।ਉਸਦੀ ਕਬਰ ਤੇ ਉਕੱਰੇ ਇਹ ਸ਼ਬਦ " ਅਫ਼ਸਾਨਾ ਨਿਗਾਰੀ ਕਾ ਹੁਨਰ, ਉਸ ਕੇ ਸਾਥ ਹੀ ਦਫ਼ਨ ਹੋ ਗਯਾ" ਇਸ ਸਚਾਈ ਦੇ ਗਵਾਹੀ ਭਰਦੇ ਹਨ।
ਮੰਟੋ ਨੇ ਆਪਣੇ ਸਾਹਿਤਕ ਸਫ਼ਰ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਪਾਰੀ ਵਿਕਟਰ ਹਿਊਗੋ, ਆਸਕਰ ਵਾਈਲਡ ਜਿਹੇ ਕੱਦਾਵਰ ਸਾਹਿਤ-ਸ਼ਾਸਤਰੀਆਂ ਦੀਆਂ ਉਤਮ ਕ੍ਰਿਤਾਂ ਦੇ ਅਨੁਵਾਦ ਨਾਲ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੀ। ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਚੈਖਵ ਅਤੇ ਗੋਰਕੀ ਜਿਹੇ ਮਹਾਨ ਰੂਸੀ ਲੇਖਕਾਂ ਦੀਆਂ ਉਤੱਮ ਲਿਖਤਾਂ ਦੇ ਅਨੁਵਾਦ ਵੀ ਕੀਤੇ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਸਾਰਿਆਂ ਦੇ ਸਾਂਝੇ ਪ੍ਰਭਾਵ ਨੇ ਉਸਦੇ ਮਨ ਅੰਦਰ ਆਪਣੇ-ਆਪ ਦੀ ਤਾਲਾਸ਼, ਦੀ ਜਗਿਆਸਾ ਜਗਾ ਦਿੱਤੀ।ਇਸੇ ਤਾਲਾਸ਼ ਵਿੱਚੋਂ ਉਸਦੀ ਪਹਿਲੀ ਕਹਾਣੀ 'ਤਮਾਸ਼ਾ' ਦਾ ਜਨਮ ਹੋਇਆ ਜੋ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਦੇ ਜਲ੍ਹਿਆਂ ਵਾਲੇ ਬਾਗ ਦੇ, ਖ਼ੂਨੀ ਸਾਕੇ ਤੇ ਅਧਾਰਤ ਸੀ ।ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ aਸਦੀਆਂ ਲਿਖਤਾਂ ਦੇ ਨਕਸ਼ਾਂ ਵਿਚ ਵਧੇਰੇ ਕਰਕੇ ਮਨੁੱਖੀ ਮਨੋ-ਬਿਰਤੀ ਦੀ ਹਨੇਰਗਰਦੀ ਅਤੇ ਕਦਰਾਂ-ਕੀਮਤਾਂ ਦੇ ਡਿੱਗਦੇ-ਢਹਿੰਦੇ ਮਿਆਰਾਂ ਦਾ ਚਿਤਰਣ ਨਜ਼ਰੀ ਪੈਂਦਾ ਹੈ। ਉਸਨੇ ਇਨਸਾਨੀ ਫ਼ਿਤਰਤ ਵਿੱਚੋਂ ਲਗਾਤਾਰ ਮਨਫ਼ੀ ਹੋ ਰਹੇ ਇਨਸਾਨੀਅਤ ਦੇ ਅੰਸ਼ ਤੇ ਵੀ ਗਹਿਰੀ ਚੋਟ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਮੰਟੋ ਦੇ ਜੀਵਨ ਵਿੱਚ ਆਰਥਿਕ ਮੰਦਹਾਲੀ ਦੀ ਜੱਦੋ-ਜਹਿਦ ਨੇ ਉਸਦੇ ਅੰਤਰੀਵ ਮਨ ਦੀ ਸੂਖ਼ਮਤਾ ਤੇ ਬੁੱਧੀ-ਵਿਵੇਕ ਨੂੰ ਇੱਕ ਲਾਚਾਰ ਅਵਸਥਾ ਵੱਲ ਧਕੇਲ ਦਿੱਤਾ ਜਿਸਨੇ ਉਸਨੂੰ ਸਮਾਜਿਕ ਵਾਤਾਵਰਣ ਵਿੱਚ ਆਏ ਨਿਘਾਰਾਂ ਦੇ ਹਨੇਰਿਆਂ ਦੀ ਚਰਨ-ਸੀਮਾ ਦਾ ਗਹਿਰਾ ਅਹਿਸਾਸ ਕਰਵਾਇਆ, ਇਸ ਅਹਿਸਾਸ ਦੀ ਝਲਕ ਉਸਦੀ ਆਖ਼ਰੀ aੁੱਤਮ ਕਿਰਤ 'ਟੋਭਾ ਟੇਕ ਸਿੰਘ' ਵਿੱਚ ਸਾਫ਼ ਨਜ਼ਰ ਪੈਂਦੀ ਹੈ।
ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਇੱਕ ਖ਼ੁੱਦਾਰ ਤੇ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲ ਕਿਰਦਾਰ ਦੇ ਮਾਲਕ ਸਨ, ਸਵੈਮਾਣ ਦਾ ਅੰਸ਼ ਉਨ੍ਹਾ ਦੀ ਤਬੀਅਤ ਵਿੱਚ ਕੁੱਝ ਵਧੇਰੇ ਹੀ ਭਾਰੂ ਸੀ । ਅਜਿਹੇ ਵਿਅਕਤੀ ਸੁਭਾਅ ਪੱਖੋਂ, ਸੁਭਾਵਿਕ ਹੀ ਸਮਝੌਤਾਵਾਦੀ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦੇ, ਉਹ ਆਪਣੇ ਅਨੁਭਵ ਦੀ ਸੋਝੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਤੱਖਤਾ ਤੇ ਹਮੇਸ਼ਾਂ ਹੀ ਅੜੀਅਲ ਰਵੱਈਆ ਅਖ਼ਤਿਆਰ ਕਰਦੇ ਹਨ। ਉੰਝ ਵੀ ਹਰ ਬਾਸ਼ਊਰ ਮਨੁੱਖ ਦਾ, ਇਨਸਾਨੀ ਸਮਾਜ ਵਿੱਚ ਵਾਪਰ ਰਹੀਆਂ ਨਿਤਾ-ਪ੍ਰਤੀ ਦੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਤੇ ਇੱਕ ਆਪਣਾ ਅੱਡਰਾ ਨਜ਼ਰੀਆ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਉਸਦੀ ਹਰ ਵੇਲੇ ਇਹ ਪੂਰੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਹੁੰਦੀ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਦੂਸਰਿਆਂ ਨੂੰ ਨਾ ਕੇਵਲ ਆਪਣੇ ਦ੍ਰਿਸ਼ਟੀਕੋਨ ਤੋਂ ਜਾਣੂ ਕਰਵਾਵੇ, ਸਗੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਕਾਇਲ ਕਰਨ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਵਿੱਚ ਕਈ ਵਾਰੀ ਤਾਂ ਉਹ ਬੇਕਾਰ ਦੁਸ਼ਮਨੀਆਂ ਵੀ ਸਹੇੜ ਬੈਠਦਾ ਹੈ।ਅਜਿਹਾ ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਨਾਲ ਤਾਂ ਅਕਸਰ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਆਇਆ ਹੈ।ਸਾਲ ੧੯੩੪ ਵਿੱਚ ਜਦੋਂ ਉਹ ਅਲੀਗੜ੍ਹ ਮੁਸਲਿਮ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਵਿੱਚ ਆਪਣੀ ਗਰੈਜੁਏਸ਼ਨ ਦੇ ਸਿਲਸਲੇ ਵਿੱਚ ਗਏ ਤਾਂ ਇਸ ਠਹਿਰ ਸਮੇਂ ਮੰਟੋ ਦੀ ਮੁਲਾਕਾਤ ਅਗਾਂਹਵਧੂ ਲੇਖਕ ਅਲੀ ਸਰਦਾਰ ਜਾਫ਼ਰੀ ਨਾਲ ਹੋਈ, ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸੋਬ੍ਹਤ ਸਦਕਾ ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਦੀ ਕਲਮ ਵਿੱਚ ਇੱਕ ਨਵੀਂ ਜੁੰਬਸ਼ ਤੇ ਉਬਾਲ ਨਮੁਂਦਾਰ ਹੋਇਆ ਤੇ ਮੰਟੋ ਦੀ ਦੂਸਰੀ ਕਹਾਣੀ 'ਇਨਕਲਾਬ ਪਸੰਦ' ੧੯੩੫ ਵਿੱਚ ਅਲੀਗੜ੍ਹ ਮੁਸਲਿਮ ਯੂਨੀਵਰਸਿਟੀ ਦੇ ਮੈਗਜ਼ੀਨ ਵਿੱਚ ਛਪੀ।ਬੱਸ ਫਿਰ ਕੀ ਸੀ, ਇਸ ਤੋਂ ਪਿਛੋਂ ਤਾਂ ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਨੇ ਕਦੇ ਪਿੱਛੇ ਪਰਤ ਕੇ ਨਹੀਂ ਵੇਖਿਆ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਪਹਿਲਾ ਨਿੱਕੀਆਂ ਕਹਾਣੀਆਂ ਦਾ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਆਤਿਸ਼-ਪਾਰੇ ਉਰਦੂ ਵਿੱਚ ਸਾਲ 1936 ਵਿੱਚ ਛਪਿਆ।ਅਲੀਗੜ੍ਹ ਤੋਂ ਮੰਟੋ ਮੁੱਢਲੇ ਤੌਰ ਤੇ ਪਹਿਲਾਂ ਲਾਹੌਰ ਲਈ ਰਵਾਨਾ ਹੋਏ ਜਿੱਥੋਂ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਉਹ ਬੰਬਈ ਪਹੁੰਚ ਗਏ, ਜਿੱਥੇ ਕੁੱਝ ਸਾਲ 'ਮੁਸੱਵਰ' ਨਾਮ ਦੇ ਮਾਹਵਾਰੀ ਫ਼ਿਲਮੀ ਮੈਗਜ਼ੀਨ ਦੀ ਸੰਪਾਦਨਾ ਕਰਦੇ ਰਹੇ ਤੇ ਨਾਲ-ਨਾਲ ਕੁੱਝ ਹਿੰਦੀ ਫ਼ਿਲਮਾ ਦੀਆਂ ਫ਼ਿਲਮੀ ਕਹਾਣੀਆਂ (Scripts) ਅਤੇ ਵਾਰਤਾਲਾਪ (Dialogues) ਲਿਖਣ ਵਿੱਚ ਵੀ ਮਸ਼ਰੂਫ ਰਹੇ ਤੇ ਚੰਗਾ ਪੈਸਾ ਵੀ ਕਮਾਇਆ, ਇਥੇ ਹੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਸ਼ਾਦੀ 26 ਅਪ੍ਰੈਲ 1939 ਵਿੱਚ ਸਾਫ਼ੀਆ ਨਾਲ ਹੋਈ। ਸ਼ਾਦੀ ਤੋਂ ਬਾਦ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਭਾਰੀ ਮਾਲੀ ਸੰਕਟ ਵਿੱਚੋਂ ਗੁਜ਼ਰਨਾ ਪਿਆ। 
ਸਾਲ 1941 ਵਿੱਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਿੱਲੀ ਵਿੱਚ ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਰੇਡਿਓ ਵਿੱਚ ਨੌਕਰੀ ਕਰ ਲਈ ਅਤੇ ਰੇਡਿਓ ਦੀ ਉਰਦੂ ਸੇਵਾ ਲਈ ਲਿਖਣਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ। ਇਹ ਸਮਾ ਮੰਟੋ ਦੇ ਜੀਵਨ ਕਾਲ ਦਾ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਕਰਕੇ ਰਚਨਾਤਮਕ-ਸਿਖਰ ਦਾ ਸਮਾਂ ਸੀ, ਇੱਥੇ ਹੀ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੇ ਚਾਰ ਰੇਡਿਓ ਨਾਟਕ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਛਪਵਾਏ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਵਿੱਚ, ਆਓ, ਮੰਟੋ ਕੇ ਡਰਾਮੇ, ਜਨਾਜ਼ੇ ਅਤੇ ਤੀਨ ਔਰਤੇਂ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ।ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਗਲੇ ਕਹਾਣੀ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ਧੂਏਂ, ਮੰਟੋ ਕੇ ਅਫ਼ਸਾਨੇਂ ਅਤੇ ਪਹਿਲਾ ਵਿਸ਼ਾਮਈ ਨਿਬੰਧ ਸੰਗ੍ਰਹਿ ' ਮੰਟੋ ਕੇ ਮਜ਼ਾਮੀਨ' ਅਤੇ ਇੱਕ ਰਲਿਆ-ਮਿਲਆਿ ਸੰਗ੍ਰਹਿ 'ਅਫ਼ਸਾਨੇ ਔਰ ਡਰਾਮੇ' ਵੀ ਇਸ ਸਮੇਂ ਵਿੱਚ ਹੀ ਛਪਿਆ।ਇਸ ਦੌਰਾਨ ਮੰਟੋ ਦਾ, ਉਸਦੇ ਸੁਭਾਅ ਅਨੁਸਾਰ, ਰੇਡਿਓ ਸਟੇਸ਼ਨ ਦੇ ਉਸ ਸਮੇਂ ਦੇ ਨਿਰਦੇਸ਼ਕ ਅਤੇ ਸ਼ਾਇਰ ਐਨ. ਐਮ. ਰਸ਼ੀਦ ਨਾਲ ਕਿਸੇ ਗੱਲੋਂ ਤਕਰਾਰ ਹੋ ਗਿਆ ਤੇ ਉਹ ਰੇਡਿਓ ਸਟੇਸ਼ਨ ਦੀ ਨੌਕਰੀ ਛੱਡ ਕੇ, ਇੱਕ ਵਾਰ ਫੇਰ ਬੰਬਈ ਪਰਤ ਗਏ ਤੇ ਦੁਬਾਰਾ ਫ਼ਿਲਮਾ ਲਈ ਕੰਮ ਕਰਨਾ ਸੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤਾ।
ਮੰਟੋ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦੇ ਅਨੇਕਾਂ ਹੀ ਦਿਲਚਸਪ ਮਰਹਲੇ ਹਨ, ਮੰਟੋ ਨੇ ਕਦੇ ਵੀ ਕਿਸੇ ਅਫ਼ਸਾਨੇ, ਕਹਾਣੀ ਜਾ ਮਜ਼ਮੂਨ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਦੀ ਖ਼ੁਸ਼ਨੂਦੀ ਹਾਸਲ ਕਰਨ ਲਈ ਨਾ ਤਾਂ ਲਿਖਿਆ ਹੈ ਤੇ ਨਾ ਹੀ, ਜੋ ਉਸ ਨੇ ਆਪਣੀ ਸਮਝ ਅਨੁਸਾਰ ਲਿਖ ਦਿੱਤਾ, ਉਸ ਵਿੱਚ ਕਦੇ ਕੋਈ ਤਰਮੀਮ ਜਾਂ ਬਾਅਦ ਵਿੱਚ ਤਰਦੀਦ ਕੀਤੀ ਹੈ।ਇੱਕ ਵਾਰੀ ਦਾ ਜ਼ਿਕਰ ਹੈ ਕਿ ਲਾਹੌਰ ਦੀ ਇੱਕ ਅਦਬੀ ਮਹਿਫ਼ਲ ਵਿੱਚ ਮੰਟੋ ਸਾਹਿਬ ਮੌਲਾਨਾ ਚਿਰਾਗ ਹਸਨ ਹਸਰਤ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਸਿਹਤ-ਯਾਬ ਹੋਣ ਦੀ ਖ਼ੁਸ਼ੀ ਦੇ ਸਬੰਧ ਵਿੱਚ ਕਰਵਾਏ ਗਏ ਸਮਾਰੋਹ ਵਿੱਚ, ਇੱਕ ਰੇਖਾ-ਚਿੱਤ੍ਰ ਪੜ੍ਹ ਰਹੇ ਸਨ, ਜਿਸਦਾ ਸਿਰਲੇਖ ਸੀ 'ਬੈਲ ਔਰ ਕੁੱਤਾ'। ਇਹ ਰੇਖਾ-ਚਿਤ੍ਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਆਪਣੇ ਹੀ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਅੰਦਾਜ਼ ਵਿੱਚ ਪੇਸ਼ ਕਰਨਾ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ, ਜੋ ਮੌਲਾਨਾ ਚਿਰਾਗ ਹਸਨ ਹਸਰਤ ਸਾਹਿਬ ਦੇ ਜੀਵਨ ਦੇ ਕੁੱਝ ਛੁਪੇ ਹੋਏ ਪਹਿਲੂਆਂ ਦਾ ਪਰਤ-ਦਰ-ਪਰਤ ਪਰਦਾਫ਼ਾਸ਼ ਕਰ ਰਿਹਾ ਸੀ।ਮਹਿਮਾਨੇ-ਖ਼ਸੂਸੀ ਨੇ ਸਦਰੇ-ਮਹਿਫ਼ਲ ਦੀ ਹੈਸੀਅਤ ਵਿੱਚ, ਮੰਟੋ ਨੂੰ ਆਪਣਾ ਮਜ਼ਮੂਨ ਪੜ੍ਹਨ ਤੋਂ ਰੋਕ ਦਿੱਤਾ ਤੇ ਨਾਲ ਹੀ ਹੁਕਮ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਉਹ ਤੁਰੰਤ ਮੰਚ ਤੋਂ ਉਤਰ ਜਾਂਣ, ਪ੍ਰੰਤੂ ਮੰਟੋ ਤਾਂ ਆਪਣੀ ਗੱਲ ਕਹਿਣ ਲਈ ਏਨੇ ਉਤੇਜਿਤ ਸਨ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਮੰਚ ਤੇ ਹੀ ਧਰਨਾ ਦੇ ਦਿੱਤਾ। ਬੜੀ ਮੁਸ਼ਕਿਲ ਨਾਲ ਪ੍ਰਬੰਧਕਾਂ ਨੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬੀਵੀ ਸਾਫ਼ੀਆ ਨੂੰ ਬੁਲਾਇਆ ਜੋ ਸਮਝਾ-ਬੁਝਾ ਕੇ ਮੰਟੋ ਸਾਹਿਬ ਨੂੰ ਮੰਚ ਤੋਂ ਉਠਾ ਕੇ ਲੈ ਗਏ।
ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਨੂੰ ਕਈ ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਅਖ਼ਬਾਰਾਂ ਅਤੇ ਰਸਾਲਿਆਂ ਵਿੱਚ, ਉਸਦੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਕਾਲਮ ਲਿਖਣ ਲਈ ਸੱਦਾ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ। ਪਰ ਗੱਲ ਉਦੋਂ ਟੁੱਟ ਜਾਂਦੀ, ਜਦੋਂ ਮੰਟੋ ਨੂੰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਕਾਲਮ ਵਿੱਚ, ਕਿਸੇ ਸਤਰ ਜਾਂ ਅੱਖਰ ਨੂੰ, ਸੰਪਾਦਕ ਜਾਂ ਅਖ਼ਬਾਰ ਦੇ ਮਾਲਕ ਦੀ ਇੱਛਾ ਅਨੁਸਾਰ ਬਦਲਣ ਜਾਂ ਮਨਫ਼ੀ ਕਰਨ ਲਈ ਕਿਹਾ ਜਾਂਦਾ। ਉਹ ਕਦੇ ਆਪਣੀ ਗੱਲ ਵਿੱਚ, ਆਪਣੇ ਨੁਕਤਾ ਨਜ਼ਰੀਏ 'ਚ' 'ਟੱਸ ਤੋਂ ਮੱਸ' ਨਹੀਂ ਸਨ ਹੁੰਦੇ। ਮੰਟੋ ਨੇ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦਾ ਚਿਤਰਣ ਆਪਣੇ ਨਿਵੇਕਲੇ ਅੰਦਾਜ਼ ਵਿੱਚ ਕੀਤਾ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਦੇ ਵੀ ਨੰਗੀਆਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦੀ ਤ੍ਰਾਸਦੀ ਨੂੰ ਦਰਸਾਉਂਦੀ ਸ਼ਿੱਦਤ ਨੂੰ, ਲਫ਼ਜ਼ਾਂ ਦੇ ਪਹਿਰਾਵਿਆਂ ਨਾਲ ਢਕਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਨਹੀਂ ਕੀਤੀ, ਭਾਵੇਂ ਹੀ ਉਨ੍ਹਾਂ 'ਤੇ ਅਸ਼ਲੀਲ ਲਿਖ਼ਤਾਂ ਲਿਖ਼ਣ ਦੇ ਇਲਜ਼ਾਮ ਲੱਗੇ ਹੋਣ। ਜਦੋਂ ਵੀ ਮੰਟੋ ਦੀ ਰੂਹ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਘਟਨਾ ਨੇ ਝੰਜੋੜਿਆ ਤਾਂ ਮੰਟੋ ਨੇ ਉਸ ਘਟਨਾ ਦੇ ਉਸ ਪੱਖ ਨੂੰ ਉਜਾਗਰ ਕਰਨ ਤੋਂ ਗੁਰੇਜ਼ ਨਹੀਂ ਕੀਤਾ ਜਿਸ ਪੱਖ ਨੇ, ਉਸਦੇ ਦਿਲ ਅਤੇ ਰੂਹ ਨੂੰ ਕੰਬਾਇਆ ਹੋਵੇ। ਮੰਟੋ ਚਾਹੁੰਦੇ ਸਨ ਕਿ ਘਟਨਾ ਜਾਂ ਘਟਨਾਵਾਂ ਦੇ ਚਿਤਰਣ ਨਾਲ ਨਿਆਂ ਤਦ ਹੀ ਹੁੰਦਾ ਹੈ, ਜੇ ਪਾਠਕ ਦੀ ਰੂਹ ਵੀ ਉਸੇ ਤਰ੍ਹਾਂ ਕੰਬ ਉੱਠੇ, ਜਿਵੇਂ ਉਸ ਘਟਨਾ ਨੇ, ਲੇਖਕ ਦੇ ਮਨ ਦੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਨੂੰ ਟੁੰਬਿਆ ਹੈ।ਸਆਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਨੇ ਇਹ ਅਮਲ ਆਪਣੀ ਕਲਮ ਦੇ ਅੰਗ-ਸੰਗ ਰਹਿੰਦਿਆਂ ਆਖ਼ਰੀ ਦਮ ਤੱਕ ਨਿਭਾਇਆ ਹੈ। ਮੰਟੋ ਨੇ ਆਪਣੇ ਖਿਲਾਫ਼ ਚੱਲ ਰਹੇ ਇੱਕ ਮਕੱਦਮੇ ਵਿੱਚ, ਅਦਾਲਤ ਸਾਮ੍ਹਣੇ ਬਿਆਨ ਦਿੰਦੇ ਹੋਏ ਕਿਹਾ ਸੀ , "ਲੇਖਕ ਆਪਣੀ ਕਲਮ ਉਸ ਵੇਲੇ ਚੁੱਕਦਾ ਹੈ ਜਦੋਂ ਉਸਦੀ ਸੰਵੇਦਨਸ਼ੀਲਤਾ ਵਲੁੰਦਰੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ"।
ਸਾਅਦਤ ਹਸਨ ਮੰਟੋ ਬਾਰੇ ਇੱਕ ਬੜੀ ਹੀ ਦਿਲਚਸਪ ਕਹਾਣੀ ਪ੍ਰਚੱਲਤ ਹੈ, ਕਹਿੰਦੇ ਹਨ ਕਿ ਮੰਟੋ ਜਦੋਂ ਆਪਣੇ ਘਰੋਂ ਬਾਹਰ ਜਾਂਦੇ ਸਨ ਤਾਂ ਘਰ ਦਾ ਦਰਵਾਜ਼ਾ ਚਪਾਟ ਖੁੱਲ੍ਹਾ ਛੱਡ ਜਾਂਦੇ ਸਨ ਤੇ ਜਦੋਂ ਘਰ ਵਾਪਿਸ ਪਰਤਦੇ ਸਨ ਤਾਂ ਗਵਾਂਢੀ ਨੂੰ ਆਖ਼ਕੇ ਘਰ ਨੂੰ ਬਾਹਰੋਂ ਤਾਲ਼ਾ ਮਰਵਾ ਦਿੰਦੇ ਸਨ। ਇੱਕ ਦਿਨ ਗਵਾਂਢੀ ਨੇ ਮੰਟੋ ਪਾਸੋਂ ਇਸ ਅਜੀਬੋ-ਗ਼ਰੀਬ ਮੰਜ਼ਰ ਦਾ ਸਬੱਬ ਜਾਨਣਾਂ ਚਾਹਿਆ ਤਾਂ ਮੰਟੋ ਸਾਹਿਬ ਨੇ ਬੜੇ ਹੀ ਦਰਦਨਾਕ ਤੇ ਉਦਾਸ ਅੰਦਾਜ਼ ਵਿੱਚ ਕਿਹਾ "ਮੇਰੇ ਭਾਈ, ਇਸ ਮਕਾਨ ਕੇ ਪਾਸ ਕੌਨਸੀ ਐਸੀ ਜਾਇਦਾਦ ਹੈ ਜਿਸ ਕੋ ਕੋਈ ਚੁਰਾਨੇਂ ਆਏਗਾ, ਲੈ ਦੇ ਕੇ ਮੈਂ ਹੀ ਤੋ ਇਸ ਕੀ ਏਕ ਜਾਇਦਾਦ ਹੂੰ, ਜਿਸਕੀ ਮਹਿਫ਼ੂਜ਼ੀਅਤ ਕੇ ਲੀਏ ਯੇ ਬੇਚਾਰਾ ਘਰ ਅਕੇਲੇ ਮੇਂ ਦੁਆਂਏਂ ਮਾਂਗਤਾ ਰਹਿਤਾ ਹੈ"


ਬੀਰ ਦਵਿੰਦਰ ਸਿੰਘ, 

ਸਾਬਕਾ ਡਿਪਟੀ ਸਪੀਕਰ, ਪੰਜਾਬ, 

ਸੰਪਰਕ :09814033362

ਭਾਰਤ ਦੇ ਜੰਮਪਲ ਤੇ ਦੁਨੀਆ ਚ ਸਟੀਲ ਕਿੰਗ ਵਜੋਂ ਜਾਣੇ ਜਾਂਦੇ ਲਕਸ਼ਮੀ ਨਿਵਾਸ ਮਿੱਤਲ ਨੇ ਬ੍ਰਿਟੇਨ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਅਮੀਰ ਹੋਣ ਦਾ ਆਪਣਾ ਰੁਤਬਾ ਕਾਇਮ ਰੱਖਿਆ ਹੈ। ਉਹ ਲਗਾਤਾਰ 8ਵੇਂ ਸਾਲ ਬ੍ਰਿਟੇਨ ਦੇ ਸਭ ਤੋਂ ਅਮੀਰ ਵਿਅਕਤੀ ਬਣੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਜਨਮ 1950 ਚ ਇਕ ਮਾਰਵਾੜੀ ਪਰਿਵਾਰ ਚ ਰਾਜਸਥਾਨ ਦੇ ਚੁਰੂ ਜ਼ਿਲੇ ਚ ਹੋਇਆ ਸੀ। ਮਿੱਤਲ ਦੁਨੀਆ ਦੀ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਡੀ ਸਟੀਲ ਕੰਪਨੀ ਆਰਸੇਲਰ ਮਿੱਤਲ ਦੇ ਚੇਅਰਮੈਨ ਤੇ ਚੀਫ ਐਕਜੀਕਿਊਟਿਵ ਅਫਸਰ ਹਨ। ਇਹੀ ਨਹੀਂ ਉਹ ਦੁਨੀਆ ਦੇ 6ਵੇਂ ਨੰਬਰ ਦੇ ਅਮੀਰ ਵਿਅਕਤੀ ਹਨ। ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਹੀ ਉਹ ਕਈ ਦੇਸ਼ਾਂ ਦੀਆਂ ਕਮੇਟੀਆਂ ਦੇ ਚੇਅਰਮੈਨ, ਡਾਇਰੈਕਟਰ ਤੇ ਮੈਂਬਰ ਵੀ ਹਨ। ਉਹ ਮੌਜੂਦਾ ਸਮੇਂ ਪ੍ਰਧਾਨ ਮੰਤਰੀ ਦੀ ਗਲੋਬਲ ਐਡਵਾਈਜਰੀ ਕੌਂਸਲ ਆਫ ਓਵਰਸੀਜ਼ ਇੰਡੀਅਨ ਦੇ ਬੋਰਡ ਕੌਂਸਲ ਮੈਂਬਰ ਵੀ ਹਨ। ਇਸ ਦੇ ਇਲਾਵਾ ਉਹ ਕਈ ਪ੍ਰਸਿਧ ਮਾਣ ਸਨਮਾਨ ਵੀ ਜਿੱਤ ਚੁੱਕੇ ਹਨ, ਜਿਵੇਂ ਪਦਮ ਵਿਭੂਸ਼ਣ, 2006 ਚ ਫਾਈਨਾਂਸ਼ੀਅਲ ਟਾਈਮਸ ਦਾ ਪਰਸਨ ਆਫ ਦਾ ਈਅਰ, ਫੋਰਬਸ ਲਾਈਫਟਾਈਮ ਅਚੀਵਮੈਂਟ ਐਵਾਰਡ 2008 ਚ ਜਿੱਤ ਚੁੱਕੇ ਹਨ। ਇਸ ਦੇ ਇਲਾਵਾ ਉਹ 2004 ਚ ਯੂਰਪੀਅਨ ਬਿਜਨਸਮੈਨ ਆਫ ਦਾ ਈਅਰ ਵੀ ਫੋਰਬਸ ਵਲੋਂ ਚੁਣੇ ਗਏ, ਵਾਲ ਸਟਰੀਟ ਜਨਰਲ ਵਲੋਂ 2004 ਚ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਵਰੇ ਦਾ ਉਦਯੋਗਪਤੀ ਵੀ ਚੁਣਿਆ ਗਿਆ ਸੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਧੀ ਵਨੀਸ਼ਾ ਮਿੱਤਲ ਦਾ ਵਿਆਹ ਵਿਸ਼ਵ ਚ ਹੋਇਆ ਹੁਣ ਤਕ ਦਾ ਸਭ ਤੋਂ ਵੱਧ ਖਰਚੇ ਵਾਲਾ ਵਿਆਹ ਸੀ। 

ਸਾਬਕਾ ਮੈਂਬਰ ਪਾਰਲੀਮੈਂਟ ਸ. ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਦਾ ਜਨਮ 28 ਜੁਲਾਈ 1933 ਨੂੰ ਹੋਇਆ ਸੀ। ਸ. ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਹੀ ਉਹ ਸ਼ਖਸ ਹਨ ਜਿਨਾਂ ਨੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਰਾਜ ਸਸਾਬਕਾ ਮੈਂਬਰ ਪਾਰਲੀਮੈਂਟ ਸ. ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਦਾ ਜਨਮ 28 ਜੁਲਾਈ 1933 ਨੂੰ ਹੋਇਆ ਸੀ। ਸ. ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਹੀ ਉਹ ਸ਼ਖਸ ਹਨ ਜਿਨਾਂ ਨੇ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਰਾਜ ਸਭਾ ਚ 1909 ਦੇ ਅਨੰਦ ਮੈਰਿਜ ਐਕਟ ਚ ਸੋਧ ਦੀ ਮੰਗ ਚੁੱਕੀ ਸੀ। ਭਾਰਤ ਚ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਵਿਆਹ ਹੁਣ ਤਕ ਹਿੰਦੂ ਮੈਰਿਜ ਐਕਟ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀ ਰਜਿਸਟਰ ਹੁੰਦੇ ਆ ਰਹੇ ਸਨ ਤੇ ਹੁਣ ਰਾਜ ਸਭਾ ਤੇ ਲੋਕ ਸਭਾ ਵਲੋਂ ਕ੍ਰਮਵਾਰ 21 ਤੇ 22 ਮਈ ਨੂੰ ਇਸ ਬਿਲ ਦੇ ਖਰੜੇ ਨੂੰ ਸਰਵਸੰਮਤੀ ਨਾਲ ਪਾਸ ਕਰਨ ਬਾਦ ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ ਦੀ ਮਨਜੂਰੀ ਮਗਰੋਂ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਵਿਆਹ ਸਿੱਖ ਅਨੰਦ ਮੈਰਿਜ ਐਕਟ ਅਨੁਸਾਰ ਰਜਿਸਟਰ ਹੋਣਗੇ। ਇਹ ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਵੱਖਰੀ ਹਸਤੀ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਸਵੀਕਾਰਨ ਵੱਲ ਇਕ ਵੱਡਾ ਕਦਮ ਹੈ। ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਨੇ ਹੀ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੇ ਸੈਕਸ਼ਨ 25 ਚ ਸੋਧ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਸੀ ਜਿਸ ਚ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਹਿੰਦੂਆਂ ਦਾ ਹਿਸਾ ਦੱਸਿਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਹਾਲਾਕਿ ਇਹ ਬਿਲ ਅਜੇ ਪਾਸ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਹੈ। ਉਹ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦੇ ਚੇਅਰਮੈਨ ਤੇ ਮੈਂਬਰ ਵੀ ਰਹੇ ਹਨ। ਉਹ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਸਿੱਖਾਂ ਤੇ ਹੋਰ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀਆਂ ਦੇ ਹੱਕਾਂ ਲਈ ਲੜਨ ਚ ਮੋਹਰੀ ਰਹੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਪੰਜਾਬ ਤੇ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਲਈ ਪਾਰਲੀਮੈਂਟ ਚ ਤੇ ਪਾਰਲੀਮੈਂਟ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਖੁੱਲਕੇ ਅਵਾਜ ਚੁੱਕੀ ਹੈ। ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਕਮਿਸ਼ਨ ਨਾਲ ਜੁੜਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਉਹ ਲੰਬਾ ਸਮਾਂ ਇਕ ਪਬਲਿਕ ਰਿਲੇਸ਼ਨ ਹਸਤੀ ਵਜੋਂ ਸਰਕਾਰ ਚ ਕਈ ਅਹੁਦਿਆਂ ਤੇ ਕੰਮ ਕਰ ਚੁੱਕੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੇ ਕੈਰੀਅਰ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਲੋਕ ਸੰਪਰਕ ਅਫਸਰ ਵਜੋਂ ਕੀਤੀ ਸੀ ਤੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਾਬਕਾ ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ ਸਵਰਗੀ ਗਿਆਨੀ ਜ਼ੈਲ ਸਿੰਘ ਦੇ ਕਾਫੀ ਨਜ਼ਦੀਕੀ ਰਹੇ ਹਨ। ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਵਲੋਂ ਸਿੱਖ ਜਗਤ ਲਈ ਕੀਤੇ ਕੰਮਾਂ ਦੀ ਸੂਚੀ ਕਾਫੀ ਲੰਬੀ ਹੈ ਤੇ ਸਿੱਖ ਕੌਮ ਰਹਿੰਦੀ ਦੁਨੀਆ ਤੱਕ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਯੋਗਦਾਨ ਨੂੰ ਭੁਲਾ ਨਹੀਂ ਸਕੇਗੀ।ਭਾ ਚ 1909 ਦੇ ਅਨੰਦ ਮੈਰਿਜ ਐਕਟ ਚ ਸੋਧ ਦੀ ਮੰਗ ਚੁੱਕੀ ਸੀ। ਭਾਰਤ ਚ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਵਿਆਹ ਹੁਣ ਤਕ ਹਿੰਦੂ ਮੈਰਿਜ ਐਕਟ ਅਨੁਸਾਰ ਹੀ ਰਜਿਸਟਰ ਹੁੰਦੇ ਆ ਰਹੇ ਸਨ ਤੇ ਹੁਣ ਰਾਜ ਸਭਾ ਤੇ ਲੋਕ ਸਭਾ ਵਲੋਂ ਕ੍ਰਮਵਾਰ 21 ਤੇ 22 ਮਈ ਨੂੰ ਇਸ ਬਿਲ ਦੇ ਖਰੜੇ ਨੂੰ ਸਰਵਸੰਮਤੀ ਨਾਲ ਪਾਸ ਕਰਨ ਬਾਦ ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ ਦੀ ਮਨਜੂਰੀ ਮਗਰੋਂ ਸਿੱਖਾਂ ਦੇ ਵਿਆਹ ਸਿੱਖ ਅਨੰਦ ਮੈਰਿਜ ਐਕਟ ਅਨੁਸਾਰ ਰਜਿਸਟਰ ਹੋਣਗੇ। ਇਹ ਸਿੱਖਾਂ ਦੀ ਵੱਖਰੀ ਹਸਤੀ ਨੂੰ ਸਰਕਾਰੀ ਪੱਧਰ ਤੇ ਸਵੀਕਾਰਨ ਵੱਲ ਇਕ ਵੱਡਾ ਕਦਮ ਹੈ। ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਨੇ ਹੀ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰ ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੇ ਸੈਕਸ਼ਨ 25 ਚ ਸੋਧ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ ਸੀ ਜਿਸ ਚ ਸਿੱਖਾਂ ਨੂੰ ਹਿੰਦੂਆਂ ਦਾ ਹਿਸਾ ਦੱਸਿਆ ਗਿਆ ਹੈ। ਹਾਲਾਕਿ ਇਹ ਬਿਲ ਅਜੇ ਪਾਸ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਹੈ। ਉਹ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਰਾਸ਼ਟਰੀ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਕਮਿਸ਼ਨ ਦੇ ਚੇਅਰਮੈਨ ਤੇ ਮੈਂਬਰ ਵੀ ਰਹੇ ਹਨ। ਉਹ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਸਿੱਖਾਂ ਤੇ ਹੋਰ ਘੱਟ ਗਿਣਤੀਆਂ ਦੇ ਹੱਕਾਂ ਲਈ ਲੜਨ ਚ ਮੋਹਰੀ ਰਹੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਹਮੇਸ਼ਾ ਹੀ ਪੰਜਾਬ ਤੇ ਪੰਜਾਬੀਆਂ ਲਈ ਪਾਰਲੀਮੈਂਟ ਚ ਤੇ ਪਾਰਲੀਮੈਂਟ ਤੋਂ ਬਾਹਰ ਖੁੱਲਕੇ ਅਵਾਜ ਚੁੱਕੀ ਹੈ। ਘੱਟ ਗਿਣਤੀ ਕਮਿਸ਼ਨ ਨਾਲ ਜੁੜਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਉਹ ਲੰਬਾ ਸਮਾਂ ਇਕ ਪਬਲਿਕ ਰਿਲੇਸ਼ਨ ਹਸਤੀ ਵਜੋਂ ਸਰਕਾਰ ਚ ਕਈ ਅਹੁਦਿਆਂ ਤੇ ਕੰਮ ਕਰ ਚੁੱਕੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੇ ਕੈਰੀਅਰ ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਲੋਕ ਸੰਪਰਕ ਅਫਸਰ ਵਜੋਂ ਕੀਤੀ ਸੀ ਤੇ ਭਾਰਤ ਦੇ ਸਾਬਕਾ ਰਾਸ਼ਟਰਪਤੀ ਸਵਰਗੀ ਗਿਆਨੀ ਜ਼ੈਲ ਸਿੰਘ ਦੇ ਕਾਫੀ ਨਜ਼ਦੀਕੀ ਰਹੇ ਹਨ। ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਵਲੋਂ ਸਿੱਖ ਜਗਤ ਲਈ ਕੀਤੇ ਕੰਮਾਂ ਦੀ ਸੂਚੀ ਕਾਫੀ ਲੰਬੀ ਹੈ ਤੇ ਸਿੱਖ ਕੌਮ ਰਹਿੰਦੀ ਦੁਨੀਆ ਤੱਕ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਯੋਗਦਾਨ ਨੂੰ ਭੁਲਾ ਨਹੀਂ ਸਕੇਗੀ। ਪੇਸ਼ਕਸ਼ : ਗਗਨਦੀਪ ਸਿੰਘ ਸੋਹਲ

ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਨਿਵੇਸ਼ ਲਈ ਆਦਰਸ਼ ਸੂਬਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਉਦਯੋਗ ਵਿਭਾਗ ਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਕਾਇਆਕਲਪ : ਸੁਖਬੀਰ


ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਨਿਵੇਸ਼ ਲਈ ਆਦਰਸ਼ ਸੂਬਾ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਉਦਯੋਗ ਵਿਭਾਗ ਦਾ ਹੋਵੇਗਾ ਕਾਇਆਕਲਪ : ਸੁਖਬੀਰ







ਪ੍ਰੋਜੈਕਟਾਂ ਚ ਅੜਿੱਕੇ ਡਾਹੁਣ ਵਾਲੇ ਅਫਸਰਾਂ ਵਿਰੁੱਧ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਦੇ ਹੁਕਮ, 15 ਜੂਨ ਤੱਕ ਰਿਪੇਰਟ ਦੇਣ ਦੇ ਹੁਕਮ ਚੰਡੀਗੜ 22 ਮਈ  : ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਨੇ ਪੰਜਾਬ ਨੂੰ ਨਿਵੇਸ਼ ਲਈ ਸਭ ਤੋਂ ਪਸੰਦੀਦਾ ਥਾਂ ਬਣਾਉਣ ਤੇ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਦੀ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਮਨਜ਼ੂਰੀ ਆਦਿ ਲਈ ਉਦਯੋਗ ਵਿਭਾਗ ਵਿੱਚ ਕਾਂਤੀਕਾਰੀ ਸੁਧਾਰਾਂ ਦਾ ਸੱਦਾ ਦਿੱਤਾ ਹੈ। ਅੱਜ ਇਥੇ ਉਦਯੋਗ ਅਤੇ ਵਣਜ ਮੰਤਰੀ ਸ੍ਰੀ ਅਨਿਲ ਜੋਸ਼ੀ, ਉਦਯੋਗ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਮੁੱਖ ਸੰਸਦੀ ਸਕੱਤਰ ਸ੍ਰੀ ਐਨ.ਕੇ. ਸ਼ਰਮਾ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ਵਿੱਚ ਦੋ ਦਰਜਨ ਤੋਂ ਵੱਧ ਵੱਡੇ ਉਦਯੋਗਿਕ ਘਰਾਣਿਆਂ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦਿਆਂ ਨਾਲ ਤਿੰਨ ਘੰਟਿਆਂ ਤੋਂ ਵੱਧ ਸਮਾਂ ਚੱਲੀ ਮੀਟਿੰਗ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਕਰਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਰਾਜ ਵਿੱਚ ਨਿਵੇਸ਼ ਪੱਖੀ ਮਾਹੌਲ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਲਈ ਮੁੱਖ ਸਕੱਤਰ ਸ੍ਰੀ ਰਾਕੇਸ਼ ਸਿੰਘ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਵਿੱਚ ਇਕ ਉਚ ਪੱਧਰੀ ਕਮੇਟੀ ਬਣਾਈ ਗਈ ਹੈ ਜੋ ਕਿ ਮੈਗਾ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਦੀ ਮਨਜ਼ੂਰੀ, ਉਨਾਂ ਨੂੰ ਦਰਪੇਸ਼ ਮੁਸ਼ਕਲਾਂ ਨੂੰ ਦੂਰ ਕਰਨ ਸਬੰਧੀ 15 ਜੂਨ ਤੱਕ ਰਿਪੋਰਟ ਪੇਸ਼ ਕਰੇਗੀ। ਮੀਟਿੰਗ ਦੌਰਾਨ 24 ਵੱਡੇ ਉਦਯੋਗਿਕ ਘਰਾਣਿਆਂ ਜਿਨਾਂ ਵੱਲੋਂ 50 ਹਜ਼ਾਰ ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦੇ ਨਿਵੇਸ਼ ਨਾਲ ਰਾਜ ਵਿੱਚ ਟੈਕਸਟਾਈਲ ਯੂਨਿਟ ਲਾਉਣ ਵਿੱਚ ਦਿਲਚਸਪੀ ਵਿਖਾਈ ਗਈ ਹੈ, ਨੇ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਦੀ ਮਨਜ਼ੂਰੀ ਪ੍ਰਕਿਰਿਆ ਸੁਖਾਲੀ ਕਰਨ ਤੇ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਕੀ ਢਾਂਚੇ ਨੂੰ ਨਿਵੇਸ਼ਕ ਪੱਖੀ ਬਣਾਉਣ ਦੀ ਮੰਗ ਕੀਤੀ। ਉਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਟੈਕਸਟਾਈਲ ਉਦਯੋਗ ਰਾਜ ਵਿੱਚ ਅਗਲੇ ਤਿੰਨ ਸਾਲਾਂ ਦੌਰਾਨ 1 ਲੱਖ ਤੋਂ \ਵੱਧ ਸਿੱਧੀਆਂ ਅਤੇ 5 ਲੱਖ ਤੋਂ ਵੱਧ ਅਸਿੱਧੀਆਂ ਨੌਕਰੀਆਂ ਪੈਦਾ ਕਰਨ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਮਾਲਵਾ ਖੇਤਰ ਕਪਾਹ ਉਦਪਾਦਕ ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਵੱਡੀ ਪੱਧਰ 'ਤੇ ਲਾਭ ਪਹੁੰਚਾਏਗਾ। ਉਦਯੋਗਿਕ ਘਰਾਣਿਆਂ ਦੇ ਨੁਮਾਇੰਦਿਆਂ ਨੂੰ ਵਿਸ਼ਵ ਪੱਧਰੀ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚੇ, 24 ਘੰਟੇ ਬਿਜਲੀ ਤੇ ਪਾਣੀ ਦੀ ਸਪਲਾਈ ਮੁਹੱਈਆ ਕਰਾਉਣ ਦਾ ਭਰੋਸਾ ਦਿੰਦਿਆਂ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮਾਲਵਾ ਖੇਤਰ ਨੂੰ ਟੈਕਸਟਾਈਲ ਹੱਬ ਵਜੋਂ ਵਿਕਸਤ ਕਰਨਾ ਉਨਾਂ ਦਾ ਮੁੱਖ ਮਕਸਦ ਹੈ ਜਿਥੋਂ ਕਿ ਵਿਸ਼ਵਭਰ ਵਿੱਚ ਕਪੜਾ ਬਰਾਮਦ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ। ਉਨਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਟੈਕਸਟਾਈਲ ਪਾਰਕ ਸਥਾਪਤ ਕਰਨਾ ਉਨਾਂ ਦਾ ਨਿੱਜੀ ਸੁਪਨਾ ਹੈ ਤੇ ਉਹ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਨਿਵੇਸ਼ਕਾਂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਵੀ ਕਿਸਮ ਦੀ ਸਮੱਸਿਆ ਨਹੀਂ ਆਉਣ ਦੇਣਗੇ। ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮੁੱਖ ਸਕੱਤਰ ਦੀ ਅਗਵਾਈ ਹੇਠ ਬਣਾਈ ਕਮੇਟੀ ਰਾਜ ਵਿੱਚ ਮੈਗਾ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਦੀ ਮਨਜ਼ੂਰੀ, ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਸਬੰਧੀ ਦਰਪੇਸ਼ ਮੁਸ਼ਕਲਾਂ, ਨਿਵੇਸ਼ਕ ਪੱਖੀ ਪਾਰਦਰਸ਼ੀ ਮਾਹੌਲ ਆਦਿ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣ ਲਈ ਕੰਮ ਕਰੇਗੀ। ਉਨਾਂ ਨੇ ਉਦਯੋਗ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਹ ਲਾਲੜੂ ਨੇੜੇ ਨਵਾਂ ਉਦਯੋਗ ਕਲੱਸਟਰ ਸਥਾਪਤ ਕਰਨ ਲਈ ਮਾਨੇਸਰ ਤੇ ਗੁੜਗਾਉਂ ਦੀ ਤਰਜ਼ 'ਤੇ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚਾ ਮੁਹੱਈਆ ਕਰਾਉਣ। ਉਨਾਂ ਉਦਯੋਗ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਸਕੱਤਰ ਨੂੰ ਹੁਕਮ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਉਹ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਸਬੰਦੀ ਅੜਿੱਕੇ ਡਾਹੁਣ ਵਾਲੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਨ।

ਪੰਜਾਬ ਦੀਆਂ ਇਤਿਹਾਸਕ ਇਮਾਰਤਾਂ ਤੇ ਸਮਾਰਕਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਨੀਤੀ ਬਣੇਗੀ : ਫਿਲੌਰ

ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ, 23 ਮਈ  : ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਵਲੋਂ ਇਤਿਹਾਸਕ ਇਮਾਰਤਾਂ ਅਤੇ ਸਮਾਰਕਾਂ ਦੇ ਰੱਖ ਰਖਾਓ ਅਤੇ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਇਕ ਵਿਸਤ੍ਰਿਤ ਨੀਤੀ ਤਿਆਰ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ। ਪੰਜਾਬ ਵਿਰਾਸਤੀ ਅਤੇ ਸੈਰ ਸਪਾਟਾ ਬੋਰਡ ਵਿੱਚ ਇਕ ਇੰਜੀਨਿਅਰਿੰਗ ਵਿੰਗ ਇਸ ਮੰਤਵ ਨਾਲ ਗਠਿਤ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। ਜਿਸ ਵਿਚ ਤਕਨੀਕੀ ਮਾਹਰ ਹੋਣਗੇ ਜੋ ਸਮੇਂ ਸਮੇਂ ਸਿਰ ਇਸ ਬਾਰੇ ਵਿਭਾਗ ਨੂੰ ਦਿਸ਼ਾ ਨਿਰਦੇਸ਼ ਦੇਣਗੇ।
ਇਸ ਗੱਲ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਅੱਜ ਇਥੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਸੈਰ ਸਪਾਟਾ ਅਤੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਮਾਮਲੇ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਸਰਵਣ ਸਿੰਘ ਫਿਲੌਰ ਨੇ ਸੈਰ ਸਪਾਟਾ ਅਤੇ ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਮਾਮਲੇ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਨਾਲ ਇਕ ਸਾਂਝੀ ਮੀਟਿੰਗ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਕਰਦਿਆਂ ਕੀਤਾ। ਸੈਰ ਸਪਾਟਾ ਵਿਭਾਗ ਵਲੋਂ ਚਲਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਪ੍ਰੋਜੇਕਟਾਂ ਦਾ ਜਾਇਜਾ ਲੈਂਦਿਆ ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਫਿਰੋਜ਼ਸ਼ਾਹ ਮਿਉਜਿਅਮ, ਫਿਰੋਜ਼ਸ਼ਾਹ ਮੈਮੋਰਿਅਲ, ਮਿਸ਼ਰੀ ਵਾਲ, ਸਬਰੌਣ, ਜੈਤੋਂ ਥਾਨਾ ਅਤੇ ਸ਼ੰਭੂ ਸਰਾਏ ਵਿਖੇ ਚਲ ਰਹੇ ਕੰਮ ਮੁਕੰਮਲ ਹੋ ਚੁੱਕੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਪ੍ਰੋਜੇਕਟ ਛੈਤੀ ਹੀ ਸਾਭ ਸੰਭਾਲ ਲਈ ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਮਾਮਲੇ ਵਿਭਾਗ ਨੂੰ ਸੌਂਪ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣਗੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਵਿਭਾਗ ਦੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਹਿਦਾਇਤ ਕੀਤੀ ਕਿ ਉਹ ਚੱਲ ਰਹੇ ਪ੍ਰੋਜੇਕਟਾਂ ਨੂੰ ਛੇਤੀ ਤੋ ਛੇਤੀ ਸਮਾਂ ਬੱਧ ਢੰਗ ਨਾਲ ਨੇਪਰੇ ਚਾੜ੍ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਹ ਵੀ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜਗਰਾਓ ਵਿਖੇ ਲਾਲਾ ਲਾਜਪਤ ਰਾਏ ਅਤੇ ਸੁਨਾਮ ਵਿਖੇ ਸ਼ਹੀਦ ਉਧਮ ਸਿੰਘ ਦੇ ਪੁਸ਼ਤੈਨੀ ਘਰਾਂ ਦੀ ਸੰਭਾਲ ਦਾ ਕੰਮ ਵੀ ਵਿਭਾਗ ਵਲੋਂ ਪਹਿਲ ਦੇ ਅਧਾਰ ਤੇ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ।
ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਵਿਖੇ ਵਕਾਰੀ ਵਿਰਾਸਤੀ ਪਿੰਡ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਦਾ ਕੰਮ 65 ਫੀਸਦੀ ਮੁਕੰਮਲ ਹੋ ਚੁਕਿਆ ਹੈ ਅਤੇ ਬਾਕੀ ਅੰਦਰੂਨੀ ਸੁੰਦਰੀ ਕਰਨ ਦਾ ਕੰਮ ਇਸ ਸਾਲ ਦੇ ਅੰਤ ਤੱਕ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ।
ਮੀਟਿੰਗ ਵਿੱਚ ਹੋਰਨਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸੈਰ ਸਪਾਟਾ ਦੀ ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸਕੱਤਰ ਸ੍ਰੀਮਤੀ ਗੀਤਿਕਾ ਕੱਲਾ, ਪ੍ਰਮੁੱਖ ਸਕੱਤਰ ਸੱਭਿਆਚਾਰ ਸ੍ਰੀ ਐਸ ਐਸ ਚੰਨੀ ਅਤੇ ਡਾਇਰੈਕਟਰ ਸੱਭਿਆਚਾਰਕ ਮਾਮਲੇ ਸ੍ਰੀ ਕਰਮਜੀਤ ਸਿੰਘ ਸਰਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਦੋਵੇਂ ਵਿਭਾਗਾਂ ਦੇ ਉੱਚ ਅਧਿਕਾਰੀ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਸਨ।

ਨਿਜੀ ਸਕੂਲਾਂ ਤੋ ਗਰੀਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੇ ਦਾਖਲਿਆਂ ਸਬੰਧੀ ਮਲੂਕਾ ਵਲੋਂ ਰਿਕਾਰਡ ਤਲਬ ਗਰੀਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲਾ ਨਾ ਦੇਣ ਤੇ ਇਕ ਲੱਖ ਜੁਰਮਾਨਾ ਤੇ ਮਾਨਤਾ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਰੱਦ : ਮਲੂਕਾ


ਨਿਜੀ ਸਕੂਲਾਂ ਤੋ ਗਰੀਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਦੇ ਦਾਖਲਿਆਂ ਸਬੰਧੀ ਮਲੂਕਾ ਵਲੋਂ ਰਿਕਾਰਡ ਤਲਬਗਰੀਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲਾ ਨਾ ਦੇਣ ਤੇ ਇਕ ਲੱਖ ਜੁਰਮਾਨਾ ਤੇ ਮਾਨਤਾ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ ਰੱਦ : ਮਲੂਕਾ 

 24 May, 2012)
 






 

ਚੰਡੀਗੜ, 24 ਮਈ : ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਨਿੱਜੀ ਸਕੂਲ ਜਿਨਾਂ ਵਿਚ ਸਿੱਖਿਆ ਅਧਿਕਾਰ ਐਕਟ ਤਹਿਤ 25 ਫੀਸਦੀ ਗਰੀਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਮੁਫਤ ਸਿੱਖਿਆ ਲਈ ਦਾਖਲਾ ਨਹੀ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ, ਉਨਾਂ ਸਕੂਲਾਂ ਵਿਰੁੱਧ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਨ ਅਤੇ ਉਸ ਸਕੂਲ ਦੀ ਮਾਨਤਾ ਰੱਦ ਕਰਕੇ ਇਕ ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦਾ ਜੁਰਮਾਨਾ ਵੀ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ।
ਇਸ ਗੱਲ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਸਿੱਖਿਆ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਸਿੰਕਦਰ ਸਿੰਘ ਮਲੂਕਾ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਰਾਜ ਦੇ ਸਮੂਹ ਜਿਲਾ ਸਿੱਖਿਆ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਤੋ ਨਿੱਜੀ ਸਕੂਲਾਂ ਵਲੋਂ ਗਰੀਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲਿਆਂ ਦਾ ਰਿਕਾਰਡ ਵੇਰਵਾ ਤੂਰੰਤ ਭੇਜਣ ਲਈ ਹਦਾਇਤ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਉਨਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਜਿਨਾਂ ਸਕੂਲਾਂ ਵਲੋ ਉਕਤ ਐਕਟ ਅਧੀਨ ਗਰੀਬ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਦਾਖਲਾ ਨਹੀ ਦਿੱਤਾ ਗਿਆ, ਉਨਾਂ ਸਕੂਲਾਂ ਦੀ ਮਾਨਤਾ ਰੱਦ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ ਅਤੇ ਐਕਟ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਹਰ ਸਕੂਲ ਖਿਲਾਫ ਸਖਤ ਕਾਰਵਾਈ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ।
ਉਨਾਂ ਅੱਗੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਸ ਵਰੇ ਰਾਜ ਦੇ ਸਮੂਹ ਪ੍ਰਾਈਮਰੀ ਸਕੂਲਾਂ ਦਾ ਪੱਧਰ ਉਚਾ ਚੁਕੱਣ ਲਈ ਸਿੱਖਿਆ ਵਿਭਾਗ ਵਲੋ ਬੱਚਿਆ ਦੇ ਬੈਠਣ ਲਈ ਵਧੀਆ ਫਰਨਿਚਰ ਮੁਹੱਈਆ ਕਰਵਾਉਣ ਲਈ ਚਾਲੂ ਵਿਦਿਅਕ ਵਰੇ ਦੋਰਾਨ ਵਿਸੇਸ਼ ਤੌਰ ਤੇ ਉਪਰਾਲੇ ਕੀਤੇ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ।
ਉਨਾਂ ਅੱਗੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦੀਆਂ ਖਾਲੀ ਅਸਾਮੀਆਂ ਨੂੰ ਪਹਿਲ ਦੇ ਅਧਾਰ ਤੇ ਭਰੀਆਂ ਜਾਣਗੀਆਂ ਤਾਂਕਿ ਸਕੂਲਾਂ ਵਿਚ ਅਧਿਆਪਕਾਂ ਦੀ ਘਾਟ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕੀਤਾ ਜਾ ਸਕੇ।

मुख्यमंत्री के दरबार में अफसर की हाजिरी, सभी पूछ रहे है एक ही सवाल



 
 
चंडीगढ़. पंजाब में स्टेटस सिंबल बने सिक्योरिटी गार्डस को हटाने के फैसले के बाद कई नेता और अफसर मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंच रहे हैं। इनकी मांग है कि इनकी सिक्योरिटी कम न की जाए। राजनेताओं और अफसरों को मिले सिक्योरिटी गार्डस हटाने की प्रक्रिया जारी है। सत्तारूढ़ दल के कई नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है।





मंगलवार तक हटाए गए सिक्योरिटी गार्डस की संख्या 1980 तक पहुंच गई। अभी कई नेताओं से सिक्योरिटी गार्डस वापस लिए जाने बाकी हैं। इस बात की पुष्टि डीजीपी कार्यालय के एक आला अधिकारी ने की है। सरकार ने पूर्व डीजीपी राजनदीप सिंह गिल, केके अत्री, एसएम शर्मा, एचआर चड्ढा, एपी पांडे, चंद्रशेखर और पूर्व पुलिस अफसर सुखदेव सिंह बराड़ की सुरक्षा में 50 फीसदी कटौती की है। इनसे एस्कॉर्ट जिप्सियां भी वापस ले ली गई हैं।



किससे कितने गार्डस वापस लिए

पूर्व विधायकों से 270, पूर्व आला पुलिस अधिकारियों से 210, पूर्व मौजूदा आईएएस और पीसीएस अधिकारियों से 70 और न्यायिक अधिकारियों से 65 सिक्योरिटी गार्डस वापस ले लिए गए हैं। जिला स्तर के नेताओं और अधिकारियों से 252 सिक्योरिटी गार्डस वापस लिए गए हैं। यह संख्या मिलाकर 1980 तक पहुंच गई है।



इन्होंने लगाई गुहार

सूत्रों के अनुसार, सर्बजीत सिंह मक्कड़, वीर सिंह लोपोके और अन्य अकाली नेता मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल से मिल चुके हैं। हालांकि, सरकार इसमें कोई ढील बरतती नहीं दिख राही, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि कुछ सत्ताधारी नेताओं से सुरक्षाकर्मी वापस नहीं लिए जाएंगे।




बिना मंजूरी दे रखे थे 500 सिक्योरिटी गार्डस

जिला पुलिस और विभिन्न आम्र्ड बटालियनों से 500 सिक्योरिटी गार्डस बिना मंजूरी के ही दिए गए थे। डीजीपी कार्यालय की ओर से बार-बार जिला पुलिस और आम्र्ड बटालियनों से कहा जा रहा था कि सुरक्षाकर्मियों को वापस ले लिया जाए। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।


सिक्योरिटी विंग की जांच में खुलासा हुआ कि जिला पुलिस ने चहेतों को सुरक्षा मुहैया कर रखी है। इसके बाद इसकी विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। गृह विभाग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आदेश जारी किए कि तुरंत कार्रवाई की जाए और सभी से सिक्योरिटी वासप ली जाए।



इन पर चली सुरक्षा हटाने की तलवार

जिन नेताओं और अधिकारियों की सुरक्षा हटाई गई है, उनमें खरड़ से पूर्व विधायक उजागर सिंह वडाली, गोबिंद सिंह कांजला, रणजीत सिंह, वीर सिंह लोपोके, पूर्व ट्रांसपोर्ट मंत्री मास्टर मोहन लाल, दरबारी लाल, कंवलजीत सिंह लाली, अवतार हैनरी, लखमीर सिंह रंधावा, राजकुमार गुप्ता, एसएस सीबिया, सुखपाल खैहरा, रमन बहल, बलविंदर अटवाल, जगबीर सिंह बराड़ आदि शामिल हैं। इसके अलावा अकाली नेता सर्बजीत सिंह मक्कड़, पूर्व स्पीकर निर्मल सिंह काहलों की सिक्योरिटी में भी कटौती की गई है।
 

Tuesday, May 15, 2012

Court resumes case hearing against DGP Sumedh Saini|



Tis Hazari Court would resume recording of the the statement of the prime witness Ashish Kumar in connection with three missing persons from Ludhiana , this when serving DGP of Punjab Police Sumedh Saini, was serving as SSP Ludhiana. He is the prime accused in the case.
The Tis Hazari Court halted recording the statement of Ashish Kumar, after some documents of Punjab and Haryana Court were found missing.
The court started recording the statement of Ashish Kumar after his 90 yr old mother urged upon Chief justice of Supreme Court and High Court to hear the case on day today basis, so that she can see the judgment before her death. Vinod Kumar brother of Ashish Kumar, his brother-in-law , and their driver Mukhtiar Singh were kidnapped in 1994, the CBI found Saini and three other police officials responsible for their disappearance.

ਸੁਖਬੀਰ ਨੇ ਲਾਈ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਪੁਲਿਸ ਅਫਸਰਾਂ ਦੀ ਕਲਾਸ ਸੁਖਬੀਰ ਵਲੋਂ ਜਿਲ੍ਹਿਆਂ ਚ 5 ਸਾਲ ਤੋਂ ਤੈਨਾਤ ਐਸਐਚਓਜ਼/ਡੀਐਸਪੀਜ਼ ਨੂੰ ਬਦਲਣ ਦੇ ਹੁਕਮ, ਬੁੱਧਵਾਰ ਤੱਕ ਸਾਰੇ ਅਣਅਧਿਕਾਰਤ ਗੰਨਮੈਨਾਂ ਨੂੰ ਵੀ ਵਾਪਸ ਬੁਲਾਉਣ ਦੇ ਆਦੇਸ਼

ਸੁਖਬੀਰ ਬਾਦਲ ਵੱਲੋਂ ਪੁਲਿਸ ਦੇ ਸੁਚਾਰੂ ਕੰਮ-ਕਾਜ ਲਈ ਵਤੀਰੇ ਵਿੱਚ ਤਬਦੀਲੀ ਲਿਆਉਣ ਦੀ ਲੋੜ 'ਤੇ ਜ਼ੋਰ
ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ, 14 ਮਈ  : ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਨੇ ਪੰਜਾਬ ਪੁਲਿਸ ਨੂੰ ਦੇਸ਼ ਦੀ ਪੇਸ਼ੇਵਾਰਾਨਾ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸਭ ਤੋਂ ਸਮਰੱਥ ਫ਼ੋਰਸ ਬਣਾਉਣ ਦੇ ਆਸ਼ੇ ਨਾਲ ਅਗਲੇ ਪੰਜ ਸਾਲ ਲਈ ਰਾਜ ਪੁਲਿਸ ਲਈ ਆਪਣੀਆਂ ਪ੍ਰਾਥਮਿਕਤਾਵਾਂ ਸਪੱਸ਼ਟ ਕਰ ਦਿੱਤੀਆਂ ਹਨ।
ਅੱਜ ਇੱਥੇ ਪੰਜਾਬ ਪੁਲਿਸ ਦੇ ਮੁੱਖ ਦਫ਼ਤਰ ਵਿਖੇ ਸਮੂਹ ਜ਼ਿਲ੍ਹਿਆਂ ਦੇ ਸੀਨੀਅਰ ਪੁਲਿਸ ਕਪਤਾਨਾਂ, ਰੇਂਜ ਡੀ.ਆਈ.ਜੀਜ਼, ਜ਼ੋਨਲ ਆਈ.ਜੀਜ਼ ਅਤੇ ਪੁਲਿਸ ਕਮਿਸ਼ਨਰਾਂ ਦੀ ਇੱਕ ਮੀਟਿੰਗ ਦੀ ਪ੍ਰਧਾਨਗੀ ਕਰਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਪਿਛਲੇ ਤਿੰਨ ਸਾਲਾਂ ਦੌਰਾਨ ਪੁਲਿਸ ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਦੀਆਂ ਸਮੂਹ ਇੱਛਾਵਾਂ ਅਤੇ ਮੰਗਾਂ ਨੂੰ ਪੂਰਾ ਕਰਦਿਆਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਮੰਗ ਤੋਂ ਵੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਪ੍ਰਵਾਨ ਕੀਤਾ ਸੀ ਤਾਂ ਜੋ ਫ਼ੋਰਸ ਦੇ ਮਨੋਬਲ ਨੂੰ ਉਚਾ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇ ਪਰੰਤੂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਹਾਲੇ ਤੱਕ ਫ਼ੋਰਸ ਤੋਂ ਇੱਛਤ ਨਤੀਜੇ ਪ੍ਰਾਪਤ ਨਹੀਂ ਹੋਏ ਹਨ। ਥਾਣਾ ਪੱਧਰ 'ਤੇ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਪੁਲਿਸ ਪ੍ਰਤੀ ਧਾਰਨਾ ਨੂੰ ਬਦਲਣ, ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਨਾਲ ਸੰਪਰਕ ਨੂੰ ਹੋਰ ਖ਼ੁਸ਼ਗਵਾਰ ਬਣਾਉਣ ਅਤੇ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ-ਕਰਮਚਾਰੀਆਂ ਦੀ ਹੈਂਕੜਬਾਜ਼ੀ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨ ਦੀ ਗੱਲ ਕਰਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਪੁਲਿਸ ਆਮ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਮਨਾਂ ਵਿੱਚ ਸੁਰੱਖਿਆ ਦੀ ਭਾਵਨਾ ਅਤੇ ਅਪਰਾਧੀ ਤੱਤਾਂ ਦੇ ਮਨਾਂ ਵਿੱਚ ਕਾਨੂੰਨ ਦਾ ਭੈਅ ਪੈਦਾ ਕਰੇ। ਨਿਗਮੀ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਅੰਦਰਾਂ ਅਸਰਦਾਰ ਆਵਾਜਾਈ ਵਿਵਸਥਾ ਦੀ ਲੋੜ 'ਤੇ ਜ਼ੋਰ ਦਿੰਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਹ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ ਜੰਗ ਨੂੰ ਫ਼ੈਸਲਾਕੁੰਨ ਪੱਧਰ ਤੱਕ ਲਿਜਾਣ ਲਈ ਵਚਨਬੱਧ ਹਨ ਤਾਂ ਜੋ ਆਉਣ ਵਾਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਨੂੰ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸ਼ਿਕੰਜੇ ਤੋਂ ਬਚਾਇਆ ਜਾ ਸਕੇ।
ਸਮੂਹ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪੁਲਿਸ ਮੁਖੀਆਂ ਨੂੰ ਚਿਤਾਵਨੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਹਰ ਸੀਨੀਅਰ ਪੁਲਿਸ ਕਪਤਾਨ ਦਾ ਇਹ ਫ਼ਰਜ਼ ਬਣਦਾ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਆਪਣੇ ਸਮੂਹ ਉਪ ਕਪਤਾਨਾਂ ਅਤੇ ਥਾਣਾ ਮੁਖੀਆਂ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਜ਼ਾਬਤੇ ਵਿੱਚ ਰੱਖਣ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਹ ਕਿਸੇ ਪੁਲਿਸ ਕਰਮਚਾਰੀ ਦੀ ਕਿਸੇ ਜਾਇਦਾਦ, ਖ਼ਾਸ ਕਰ ਕੇ ਕਿਸੇ ਪ੍ਰਵਾਸੀ ਭਾਰਤੀ ਦੀ ਜਾਇਦਾਦ 'ਤੇ ਨਾਜਾਇਜ਼ ਕਬਜ਼ੇ ਵਿੱਚ ਭਾਈਵਾਲੀ ਨੂੰ ਕਦਾਚਿਤ ਬਰਦਾਸ਼ਤ ਨਹੀਂ ਕਰਨਗੇ ਅਤੇ ਨਾ ਹੀ ਕਿਸੇ ਬੇਗੁਨਾਹ ਵਿਰੁੱਧ ਕੋਈ ਝੂਠਾ ਮਾਮਲਾ ਦਰਜ ਹੋਣ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਡੀ.ਜੀ.ਪੀ. ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਗਿਆ ਹੈ ਕਿ ਕਿਸੇ ਜ਼ਿਲ੍ਹੇ ਵਿੱਚ ਪਿਛਲੇ ਪੰਜ ਸਾਲਾਂ ਤੋਂ ਤੈਨਾਤ ਸਾਰੇ ਥਾਣਾ ਮੁਖੀਆਂ ਅਤੇ ਪੁਲਿਸ ਉਪ ਕਪਤਾਨਾਂ ਨੂੰ ਤੁਰੰਤ ਬਦਲ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪੁਲਿਸ ਮੁਖੀ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਬਦਲੀ ਮੌਕੇ ਆਪਣੇ ਚਹੇਤੇ ਥਾਣਾ ਮੁਖੀਆਂ ਅਤੇ ਪੁਲਿਸ ਉਪ ਕਪਤਾਨਾਂ ਨੂੰ ਨਾਲ ਲਿਜਾਣ ਦੀ ਆਗਿਆ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤੀ ਜਾਵੇਗੀ।
ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਸੁਰੱਖਿਆ ਵਿੰਗ ਵੱਲੋਂ ਪ੍ਰਵਾਨਤ ਗਿਣਤੀ ਤੋਂ ਵੱਧ ਕਿਸੇ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਅਣਅਧਿਕਾਰਤ ਤੌਰ 'ਤੇ ਅੰਗ-ਰੱਖਿਅਕ ਦੇਣ ਦਾ ਕਰੜਾ ਨੋਟਿਸ ਲੈਂਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਾਰੇ ਅਣਅਧਿਕਾਰਤ ਅੰਗ-ਰੱਖਿਅਕ ਤੁਰੰਤ ਆਪਣੀਆਂ ਯੂਨਿਟਾਂ ਵਿੱਚ ਜਾਣ ਅਤੇ ਯੂਨਿਟ ਕਮਾਂਡਰ ਕਲ ਤੱਕ ਇਹ ਤਸਦੀਕ ਕਰਨ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਕੋਈ ਅੰਗ-ਰੱਖਿਅਕ ਅਣਅਧਿਕਾਰਤ ਤੌਰ 'ਤੇ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤਾ। ਖੋਹ ਅਤੇ ਜਨਤਕ ਜਾਇਦਾਦ ਦੀ ਚੋਰੀ ਦੇ ਮਾਮਲਿਆਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਵਧਣ 'ਤੇ ਆਪਣੀ ਚਿੰਤਾ ਪ੍ਰਗਟਾਉਂਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅਜਿਹੇ ਮਾਮਲੇ ਪੁਲਿਸ ਦੀ ਸਾਖ ਨੂੰ ਧੱਕਾ ਲਾਉਂਦੇ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਆਮ ਆਦਮੀ ਨਾਲ ਸਿੱਧੇ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸਬੰਧਤ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਪੁਲਿਸ ਮੁਖੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਹ ਟਰਾਂਸਫ਼ਾਰਮਰਾਂ ਦੀ ਚੋਰੀ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ 108 ਨੰਬਰ ਐਂਬੂਲੈਂਸ ਦੇ ਪੈਟਰਨ 'ਤੇ ਮੋਬਾਈਲ ਵਿੰਗ ਸਥਾਪਤ ਕਰਨ, ਜੋ ਅਜਿਹਾ ਕੋਈ ਮਾਮਲਾ ਸਾਹਮਣੇ ਆਉਣ 'ਤੇ 20 ਮਿੰਟਾਂ ਦੇ ਅੰਦਰ-ਅੰਦਰ ਘਟਨਾ ਵਾਲੀ ਥਾਂ 'ਤੇ ਪਹੁੰਚ ਕੇ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰੇਗਾ।
ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਏ.ਡੀ.ਜੀ.ਪੀ. (ਟ੍ਰੈਫ਼ਿਕ) ਨੂੰ ਸ਼ਰਾਬ ਪੀ ਕੇ ਗੱਡੀ ਚਲਾਉਣ ਵਾਲਿਆਂ, ਨਿਰਧਾਰਤ ਗਤੀ ਤੋਂ ਤੇਜ਼ ਡਰਾਈਵਿੰਗ ਅਤੇ ਗ਼ਲਤ ਪਾਰਕਿੰਗ ਵਿਰੁੱਧ ਇੱਕ ਠੋਸ ਮੁਹਿੰਮ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰਨ ਦੇ ਆਦੇਸ਼ ਦਿੰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅਜਿਹੇ ਮਾਮਲਿਆਂ ਵਿੱਚ ਫ਼ੋਟੋਗ੍ਰਾਫ਼ੀ ਸਬੂਤਾਂ ਨਾਲ ਮੌਕੇ 'ਤੇ ਚਲਾਨ ਦੀ ਵਿਵਸਥਾ ਕਰਦਿਆਂ ਇੱਕ ਹਫ਼ਤੇ ਦੇ ਅੰਦਰ-ਅੰਦਰ ਵਾਹਨ ਮਾਲਕ ਨੂੰ ਇਹ ਚਲਾਨ ਭੇਜੇ ਜਾਣ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪੁਲਿਸ ਮੁਖੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਹ ਗ਼ਲਤ ਢੰਗ ਨਾਲ ਖੜੇ ਕੀਤੇ ਵਾਹਨਾਂ ਨੂੰ ਚੁੱਕਣ ਲਈ ਕਰੇਨਾਂ ਕਿਰਾਏ 'ਤੇ ਲੈਣ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਇਹ ਵੀ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅਕਸਰ ਆਵਾਜਾਈ ਅਣਗਹਿਲੀਆਂ ਕਰਨ ਦੇ ਆਦੀ ਵਿਅਕਤੀਆਂ ਨੂੰ ਭਾਰਤੀ ਜੁਰਮਾਨੇ ਕਰਨ ਦੇ ਨਿਯਮਾਂ ਵਿੱਚ ਸੋਧ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇ।
ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਵਿਰੁੱਧ ਫ਼ੈਸਲਾਕੁੰਨ ਲੜਾਈ ਦਾ ਸੱਦਾ ਦਿੰਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸਾਨੂੰ ਵਧੇਰੇ ਬਰਾਮਦਗੀ ਨਾਲ ਹੀ ਸੰਤੁਸ਼ਟ ਨਹੀਂ ਹੋਣਾ ਚਾਹੀਦਾ ਬਲਕਿ ਇਨ੍ਹਾਂ ਨਸ਼ੀਲੇ ਪਦਾਰਥਾਂ ਦੇ ਸਰੋਤਾਂ ਨੂੰ ਹੀ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਨਸ਼ਿਆਂ ਦੇ ਭੈੜ ਨੂੰ ਖ਼ਤਮ ਕਰਨ ਲਈ ਉਹ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਪ੍ਰਤੀ ਨਿੱਜੀ ਤੌਰ 'ਤੇ ਵਚਨਬੱਧ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਜ਼ਿਲ੍ਹਾ ਪੁਲਿਸ ਮੁਖੀਆਂ ਨੂੰ ਪਾਇਰੇਸੀ ਵਿਰੁੱਧ ਵੀ ਹੋਰ ਕਰੜੀ ਕਾਰਵਾਈ ਕਰਨ ਲਈ ਆਖਿਆ। ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਜਾਂਚ ਵਿੰਗ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਦੀ ਗੱਲ ਕਰਦਿਆਂ ਸ. ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਡੀ.ਜੀ.ਪੀ. ਗੰਭੀਰ ਜੁਰਮਾਂ ਦੀ ਤੇਜ਼ੀ ਨਾਲ ਜਾਂਚ ਲਈ ਇੱਕ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ੀਕ੍ਰਿਤ ਜਾਂਚ ਸੈੱਲ ਦੀ ਸਥਾਪਨਾ ਦਾ ਪ੍ਰਸਤਾਵ ਭੇਜਣ।
ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕਰਦਿਆਂ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਡੀ.ਜੀ.ਪੀ. ਸ੍ਰੀ ਸੁਮੇਧ ਸਿੰਘ ਸੈਣੀ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ 72,000 ਦੀ ਵੱਡੀ ਗਿਣਤੀ ਵਾਲੀ ਪੰਜਾਬ ਪੁਲਿਸ ਨੂੰ ਈਮਾਨਦਾਰੀ ਅਤੇ ਨਿਰਪੱਖਤਾ ਦਾ ਮੰਤਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ ਅਤੇ ਉਹ ਯਕੀਨੀ ਬਣਾਉਣਗੇ ਕਿ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਅਗਲੀ ਮੀਟਿੰਗ ਸਮੇਂ ਪੁਲਿਸ ਦੇ ਕੰਮ-ਕਾਜ ਵਿੱਚ ਜ਼ਾਹਿਰਾ ਤਬਦੀਲੀ ਨੂੰ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਨ।

ਐਸ ਪੀ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਪਰਵੀਨ ਕੁਮਾਰ ਸੂਚਨਾ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਨਿਯੁਕਤ


ਐਸ ਪੀ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਪਰਵੀਨ ਕੁਮਾਰ ਸੂਚਨਾ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਨਿਯੁਕਤ 

  

ਚੰਡੀਗੜ, 14 ਮਈ (punj): ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਹੁਕਮ ਜਾਰੀ ਕਰਕੇ ਸ਼੍ਰੀ ਸਤਿੰਦਰਪਾਲ ਸਿੰਘ ਆਈ ਏ ਐਸ (ਰਿਟਾ.) ਅਤੇ ਸ਼੍ਰੀ ਪਰਵੀਨ ਕੁਮਾਰ ਆਈ ਏ ਐਸ (ਰਿਟਾ.) ਨੂੰ ਰਾਜ ਸੂਚਨਾ ਕਮਿਸ਼ਨਰ ਵਜੋ ਨਿਯੁਕਤ ਕਰ ਦਿੱਤਾ ਹੈ।
ਇਸ ਦੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦੇ ਹੋਏ ਅੱਜ ਇਥੇ ਰਾਜ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਬੁਲਾਰੇ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਨਿਯੁਕਤੀਆਂ ਸਬੰਧੀ ਟਰਮਾਂ ਤੇ ਸ਼ਰਤਾਂ ਬਾਅਦ ਵਿਚ ਨਿਰਧਾਰਤ ਕੀਤੀਆਂ ਜਾਣਗੀਆਂ।

ਬਾਦਲ ਵੱਲੋਂ 6 ਮੈਗਾ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਲਈ 993.18 ਕਰੋੜ ਦੀ ਰਾਸ਼ੀ ਮਨਜੂਰ 8500 ਕਰੋੜ ਨਾਲ ਖਰਚਾਂਗੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਤੇ ਕਸਬਿਆਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਤੇ : ਭਗਤ

ਵਿੱਤੀ ਵਰੇ ਦੇ ਅੰਤ ਤੱਕ ਸਾਰੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਤੇ ਕਸਬਿਆਂ ਨੂੰ 100 ਫੀਸਦੀ ਸਾਫ ਪੀਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ, ਸਟਰੀਟ ਲਾਈਟਾਂ, ਸਾਫ ਸੁਥਰੀਆਂ ਸੜਕਾਂ ਤੇ ਸੀਵਰੇਜ ਦਾ ਮੁਕੰਮਲ ਕੰਮ ਹੋਵੇਗਾ
ਨਗਰ ਨਿਗਮਾਂ ਤੇ ਕੌਂਸਲਾਂ ਨੂੰ 363 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਕਿਸ਼ਤ ਦਿੱਤੀ
ਚੰਡੀਗੜ, 14 ਮਈ  : ਪਿੰਡਾਂ ਤੋਂ ਕਸਬਿਆਂ ਅਤੇ ਕਸਬਿਆਂ ਤੋਂ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵੱਲ ਵਧਦੇ ਪਰਵਾਸ ਨੂੰ ਦੇਖਦਿਆਂ ਅਕਾਲੀ-ਭਾਜਪਾ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਸੂਬੇ ਦੇ ਸਮੂਹ ਕਸਬਿਆਂ ਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਮੁਕੰਮਲ ਵਿਕਾਸ ਲਈ 8500 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਖਰਚੇ ਜਾਣਗੇ। ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਜਾਣਕਾਰੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਸਥਾਨਕ ਸਰਕਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਮੰਤਰੀ ਭਗਤ ਚੁੰਨੀ ਲਾਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਵਿੱਚ ਵਧਦੀ ਵਸੋਂ ਨੂੰ ਧਿਆਨ ਵਿੱਚ ਰੱਖਦਿਆਂ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਸ਼ਹਿਰੀਆਂ ਨੂੰ ਬੁਨਿਆਦੀ ਸਹੂਲਤਾਂ ਅਤੇ ਬੁਨਿਆਦੀ ਢਾਂਚਾ ਮਜ਼ਬੂਤ ਕਰਨ ਲਈ 8500 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਖਰਚਣ ਦਾ ਫੈਸਲਾ ਕੀਤਾ ਹੈ ਤਾਂ ਜੋ ਸ਼ਹਿਰੀਆਂ ਨੂੰ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀ ਕੋਈ ਦਿੱਕਤ ਨਾ ਆਵੇ।
ਭਗਤ ਚੁੰਨੀ ਲਾਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਮਾਰਚ 2013 ਤੱਕ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਸਮੂਹ ਕਸਬਿਆਂ ਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਨੂੰ 100 ਫੀਸਦੀ ਸਾਫ ਪੀਣ ਵਾਲਾ ਪਾਣੀ ਮੁਹੱਈਆਂ ਕਰਵਾਇਆ ਜਾਵੇਗ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਸੜਕਾਂ, ਸਟਰੀਟ ਲਾਈਟਾਂ ਅਤੇ ਸੀਵਰੇਜ ਦਾ ਮੁਕੰਮਲ ਪ੍ਰਬੰਧ ਕੀਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਪਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਸਰਵਪੱਖੀ ਵਿਕਾਸ ਵੱਲ ਖਾਸ ਤਵੱਜੋਂ ਦੇ ਰਹੇ ਹਨ ਅਤੇ ਇਸੇ ਤਹਿਤ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਲੋਕਾਂ ਨੂੰ ਉਚ ਮਿਆਰੀ ਸਹੂਲਤਾਂ ਅਤੇ ਸ਼ਹਿਰਾਂ ਦੇ ਵਿਕਾਸ ਲਈ 6 ਮੈਗਾ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਬਣਾਏ ਗਏ ਹਨ। ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਵੱਲੋਂ ਇਨ੍ਹਾਂ ਮੈਗਾ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਲਈ 993.18 ਕਰੋੜ ਦੀ ਰਾਸ਼ੀ ਮਨਜ਼ੂਰ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ।
ਸਥਾਨਕ ਸਰਕਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਸੂਬੇ ਦੀਆਂ 5 ਨਗਰ ਨਿਗਮਾਂ ਜਲੰਧਰ, ਲੁਧਿਆਣਾ, ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ, ਪਟਿਆਲਾ ਤੇ ਬਠਿੰਡਾ ਅਤੇ 45 ਨਗਰ ਕੌਂਸਲਾਂ ਲਈ 1100 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦੇ ਬਜਟ ਤਿਆਰ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ ਜਿਸ ਵਿੱਚੋਂ 410 ਕਰੋੜ ਰੁਪਏ ਦੀ ਰਾਸ਼ੀ ਨਗਰ ਨਿਗਮਾਂ ਤੇ ਕੌਂਸਲਾਂ ਨੂੰ ਪਹਿਲੀ ਕਿਸ਼ਤ ਵਜੋਂ ਜਾਰੀ ਹੋ ਚੁੱਕੀ ਹੈ ਅਤੇ ਜਲਦ ਹੀ ਬਾਕੀ ਰਾਸ਼ੀ ਜਾਰੀ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗਾ। ਭਗਤ ਚੁੰਨੀ ਲਾਲ ਨੇ ਨਗਰ ਨਿਗਮਾਂ ਤੇ ਕੌਂਸਲਾਂ ਦੇ ਮੇਅਰ/ਪ੍ਰਧਾਨ ਸਮੇਤ ਅਧਿਕਾਰੀਆਂ ਨੂੰ ਨਿਰਦੇਸ਼ ਦਿੱਤੇ ਕਿ ਜਾਰੀ ਕੀਤੀ ਰਾਸ਼ੀ ਸਹੀ ਥਾਂ 'ਤੇ ਖਰਚ ਕੀਤੀ ਜਾਣੀ ਹੈ। ਜਿਹੜੀ ਰਾਸ਼ੀ ਜਿਸ ਕੰਮ ਲਈ ਜਾਰੀ ਹੋਈ ਹੈ ਉਹ ਸਾਰੀ ਉਸੇ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ 'ਤੇ ਖਰਚੀ ਜਾਵੇ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਚਿਤਾਵਨੀ ਦਿੰਦਿਆਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਹ ਕਿਸੇ ਕਿਸਮ ਦੀ ਅਣਗਹਿਲੀ ਅਤੇ ਭ੍ਰਿਸ਼ਟਾਚਾਰ ਨੂੰ ਬਰਦਾਸ਼ਤ ਨਹੀਂ ਕਰਨਗੇ ਅਤੇ ਕਿਸੇ ਵੀ ਦੋਸ਼ੀ ਅਧਿਕਾਰੀ ਜਾਂ ਵਿਅਕਤੀ ਨੂੰ ਬਖਸ਼ਿਆ ਨਹੀਂ ਜਾਵੇਗਾ।

20 ਜ਼ਿਲਿਆਂ 'ਚ ਬਾਲ ਭਲਾਈ ਕਮੇਟੀਆਂ ਬਣਾਈਆਂ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰੇਗੀ ਬਾਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਕੀਮ : ਮਿੱਤਲ

ਚੰਡੀਗੜ, 14 ਮਈ : ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ, ਸੰਭਾਲ ਅਤੇ ਸਰਬਪੱਖੀ ਵਿਕਾਸ ਦੇ ਮੱਦੇਨਜ਼ਰ ਸੰਗਠਤ ਬਾਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਕੀਮ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰੇਗੀ। ਸਮਾਜਕ ਸੁਰੱਖਿਆ, ਮਹਿਲਾ ਅਤੇ ਬਾਲ ਵਿਕਾਸ ਮੰਤਰੀ, ਪੰਜਾਬ ਸ੍ਰੀ ਮਦਨ ਮੋਹਨ ਮਿੱਤਲ ਨੇ ਅੱਜ ਇਥੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਸ ਸਕੀਮ ਦਾ ਮੁੱਖ ਮਨੋਰਥ, ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਸੁਰੱਖਿਆ ਲਈ ਚਲ ਰਹੇ ਕਈ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮਾਂ ਨੂੰ ਇਕ ਪਲੇਟਫ਼ਾਰਮ 'ਤੇ ਇਕੱਠਾ ਕਰਨਾ ਹੈ।
ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਇਸ ਸਕੀਮ ਅਧੀਨ ਨਵੇਂ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਉਲੀਕਣਾ ਅਤੇ ਮੁਸ਼ਕਲਾਂ 'ਚ ਫਸੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਬਚਾਉਣਾ ਅਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਾਰਵਾਈਆਂ ਨੂੰ ਰੋਕਣਾ, ਜੋ ਬੱਚਿਆਂ ਦੇ ਸ਼ੋਸ਼ਣ, ਵਖਰੇਵੇਂ, ਬਦਸਲੂਕੀ ਤੇ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਬੇਧਿਆਨਾ ਕਰਨ ਲਈ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰ ਹੁੰਦੀਆਂ ਹਨ।
ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਮਹਿਲਾ ਤੇ ਬਾਲ ਵਿਕਾਸ ਮੰਤਰਾਲੇ ਨਾਲ ਸਮਝੌਤਾ ਕੀਤਾ ਹੈ ਅਤੇ ਇਸ ਸਕੀਮ ਅਧੀਨ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ ਆਪਣਾ ਬਣਦਾ ਹਿੱਸਾ ਹਰ ਸਾਲ ਦੋ ਕਿਸ਼ਤਾਂ ਵਿੱਚ ਦਿੱਤਾ ਜਾਵੇਗਾ। ਸੂਬਾ ਸਰਕਾਰ, ਆਪਣੇ ਅਤੇ ਕੇਂਦਰ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਬਣਦੇ ਹਿੱਸੇ ਨੂੰ ਪੰਜਾਬ ਬਾਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੁਸਾਇਟੀ ਦੇ ਬੈਂਕ ਖਾਤੇ 'ਚ ਜਮਾਂ ਕਰਵਾਏਗੀ।
ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਸ ਮਕਸਦ ਲਈ ਸੂਬਾ ਸਰਕਾਰ ਵੱਲੋਂ 20 ਜਿਲਿਆਂ 'ਚ ਬਾਲ ਭਲਾਈ ਕਮੇਟੀਆਂ ਕਾਇਮ ਕੀਤੀਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਬਾਲ ਨਿਆਂ ਐਕਟ ਦੀਆਂ ਵਿਵਸਥਾਵਾਂ ਅਧੀਨ ਹਰ ਜ਼ਿਲੇ 'ਚ ਇਕ ਬਾਲ ਨਿਆਂ ਬੋਰਡ ਸਥਾਪਤ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਭਾਰਤ ਸਰਕਾਰ ਨੇ ਸੰਗਠਤ ਬਾਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸਕੀਮ ਨੂੰ ਲਾਗੂ ਕਰਨ ਵਾਸਤੇ ਸਾਲ 2011-12 ਲਈ 818.22 ਲੱਖ ਰੁਪਏ ਦੀ ਮਨਜ਼ੂਰੀ ਦੇ ਦਿੱਤੀ ਹੈ। ਸ੍ਰੀ ਮਿੱਤਲ ਨੇ ਇਹ ਵੀ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਪਟਿਆਲਾ ਵਿਖੇ ਬਾਲ ਘਰ ਅਤੇ ਫ਼ਰੀਦਕੋਟ ਵਿਖੇ ਦੇਖਭਾਲ ਘਰ ਦੇ ਨਿਰਮਾਣ ਵਾਸਤੇ ਕੇਂਦਰ ਦੇ ਬਣਦੇ ਹਿੱਸੇ ਦੀ ਰਾਸ਼ੀ ਪ੍ਰਾਪਤ ਹੋ ਗਈ ਹੈ।
ਉਨ੍ਹਾਂ ਅੱਗੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਨੇ 6 ਗ਼ੈਰ ਸਰਕਾਰੀ ਸੰਸਥਾਵਾਂ ਨਾਰੀ ਨਿਕੇਤਨ ਟਰੱਸਟ ਨਕੋਦਰ ਰੋਡ ਜਲੰਧਰ, ਸਵਾਮੀ ਗੰਗਾ ਨੰਦ ਭੂਰੀ ਵਾਲੇ ਇੰਟਰਨੈਸ਼ਨਲ ਫ਼ਾਊਂਡੇਸ਼ਨ ਧਾਮ ਤਲਵੰਡੀ ਖ਼ੁਰਦ ਜ਼ਿਲਾ ਲੁਧਿਆਣਾ, ਯਾਦਵਿੰਦਰਾ ਪੂਰਨ ਬਾਲ ਨਿਕੇਤਨ ਲਾਹੌਰੀ ਗੇਟ ਪਟਿਆਲਾ, ਪਿੰਗਲ ਘਰ ਗੁਲਾਮ ਦੇਵੀ ਹਸਪਤਾਲ ਰੋਡ ਜਲੰਧਰ, ਆਲ ਇੰਡੀਆ ਪਿੰਗਲਵਾੜਾ ਚੈਰੀਟੇਬਲ ਸੁਸਾਇਟੀ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਅਤੇ ਸ੍ਰੀ ਰਾਧਾ ਕ੍ਰਿਸ਼ਨ ਧਾਮ ਸਮਿਤੀ ਕੋਟਕਪੂਰਾ ਰੋਡ ਫ਼ਰੀਦਕੋਟ ਆਦਿ ਨੂੰ ਕੌਮੀ ਪੱਧਰ 'ਤੇ ਬੱਚਿਆਂ ਨੂੰ ਗੋਦ ਲੈਣ ਲਈ 'ਲਾਇਸੈਂਸਸ਼ੁਦਾ ਗੋਦਲੇਵਾ ਪਲੇਸਮੈਂਟ ਏਜੰਸੀਆਂ' ਵੱਜੋਂ ਮਾਨਤਾ ਦਿੱਤੀ ਹੈ।
ਸ੍ਰੀ ਮਿੱਤਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਰਾਜ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਯੂਨਿਟ, ਰਾਜ ਬਾਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੁਸਾਇਟੀ, ਰਾਜ ਗੋਦਲੇਵਾ ਸਰੋਤ ਏਜੰਸੀ, ਗੋਦਲੇਵਾ ਤਾਲਮੇਲ ਏਜੰਸੀ, ਜ਼ਿਲਾ ਬਾਲ ਸੁਰੱਖਿਆ ਸੁਸਾਇਟੀ, ਬਾਲ ਨਿਆਂ ਬੋਰਡ, ਬਾਲ ਭਲਾਈ ਕਮੇਟੀ, ਆਸਰਾ ਘਰ, ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਗੋਦਲੇਵਾ ਏਜੰਸੀਆਂ ਅਤੇ ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਦੇਖਭਾਲ ਘਰ ਆਦਿ 10 ਸਕੀਮਾਂ ਲਈ ਪੰਜਾਬ ਸਰਕਾਰ ਦੁਆਰਾ ਫ਼ੰਡ ਮੁਹੱਈਆ ਕਰਵਾਏ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ਜਦਕਿ 7 ਬਾਲ ਘਰ, 4 ਦੇਖਭਾਲ ਘਰ, 2 ਵਿਸ਼ੇਸ਼ ਘਰ ਅਤੇ 2 ਰਾਜ ਮਗਰਲੀ ਦੇਖਭਾਲ ਘਰ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਬੱਚਿਆਂ ਦੀ ਭਲਾਈ ਲਈ ਕੰਮ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ।

ਵਿਦਿਆਰਥਣਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲੇਗੀ ਸਕੂਲਾਂ ਚ ਕਰਾਟਿਆਂ ਦੀ ਟਰੇਨਿੰਗ : ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਸਿੱਖਿਆ ਮੰਤਰੀ ਸ ਸਿਕੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਲੂਕਾ

ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ  : ਪੰਜਾਬ ਸਕੂਲ ਸਿੱਖਿਆ ਵਿਭਾਗ ਨੇ ਆਤਮ ਰੱਖਿਆ ਲਈ ਅਪਰ ਪ੍ਰਾਇਮਰੀ ਕਲਾਸਾਂ ਵਿਚ ਪੜਨ ਵਾਲੀਆਂ ਵਿਦਿਆਰਥਣਾਂ ਨੂੰ ਕਰਾਟੇ ਦੀ ਸਿਖਲਾਈ ਦੇਣ ਸ਼ੁਰੂ ਕਰ ਦਿੱਤੀ ਹੈ।
ਇਸ ਦਾ ਪ੍ਰਗਟਾਵਾ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਸਿੱਖਿਆ ਮੰਤਰੀ ਸ ਸਿਕੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਲੂਕਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਸ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੇ ਪਹਿਲੇ ਪੜਾਅ ਹੇਠ 49792 ਵਿਦਿਆਰਥਣਾਂ ਦੀ ਮਾਹਿਰਾਂ ਵਲੋ ਕਰਾਟੇ ਦੀ ਸਿਖਲਾਈ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣ ਲਈ ਚੋਣ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ।
ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਹ ਕਰਾਟੇ ਦੀ ਸਿਖਲਾਈ ਅਲੁਸੂਚਿਤ ਜਾਤਾਂ 'ਤੇ ਕੇਂਦਰਤ ਸਕੂਲਾਂ ਵਿਚ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੀ ਗਈ ਹੈ ਅਤੇ 54718 ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨੂੰ ਪਹਿਲਾਂ ਹੀ ਇਹ ਵਿਲੱਖਣ ਸਿਖਲਾਈ ਮੁਹੱਈਆ ਕਰਵਾਈ ਗਈ ਹੈ। ਇਸ ਤੋ ਇਲਾਵਾ 6ਵੀ ਕਾਲਸ ਦੀਆਂ 2537 ਜਰੂਰਤਮੰਦ ਲੜਕੀਆਂ ਨੂੰ ਸਾਈਕਲ ਵੰਡੇ ਗਏ ਹਨ। ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਹੁਨਰ ਨੂੰ ਉਭਾਰਨ ਲਈ ਰਾਜ ਦੇ ਸਾਰੇ ਜਿਲਿਆਂ ਦੇ ਚੋਣਵੇ ਸਕੂਲਾਂ ਦਾ ਦੋਰਾ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਜਿਹਨਾਂ ਵਿਚ 66368 ਵਿਦਿਆਰਥੀ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਸ ਸਾਲ ਫਰਵਰੀ ਵਿਚ 5ਵੀ ਤੋ 8ਵੀ ਕਲਾਸ ਦੀਆਂ ਲੜਕੀਆਂ ਅਤੇ ਅਨੁਸੂਚਿਤ ਜਾਤਾਂ ਦੇ ਬੱਚਿਆਂ ਲਈ ਮੁਕਾਬਲੇ ਦਾ ਇਮਤਿਹਾਨ ਕਰਵਾਇਆ ਗਿਆ। ਹਰੇਕ ਬਲਾਕ ਵਿਚ ਤਿੰਨ ਟਰਾਫੀਆਂ ਅਤੇ ਕ੍ਰਮਵਾਰ 2000/-, 1500/- ਅਤੇ 1000/- ਰੁਪਏ ਦਿੱਤੇ ਗਏ।
ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ-ਭਾਜਪਾ ਸਰਕਾਰ ਵਿਦਿਆਰਥਣਾਂ ਦੀ ਸਿੱਖਿਆ 'ਤੇ ਧਿਆਨ ਕੇਂਦਰਤ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਹੈ ਅਤੇ ਸਕੂਲ ਛੱਡਣ ਦੀ ਦਰ ਨੂੰ ਰੋਕਣ ਲਈ ਬਹੁਤ ਸਾਰੇ ਕਦਮ ਚੁੱਕੇ ਗਏ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ 11ਵੀ ਅਤੇ 12ਵੀਂ ਜਮਾਤ ਦੀਆਂ 1.50 ਲੱਖ ਅਤੇ 6ਵੀਂ ਕਲਾਸ ਦੀਆਂ 5480 ਵਿਦਿਆਰਥਣਾਂ ਨੂੰ ਮੁਫਤ ਸਾਇਕਲ ਵੰਡੇ ਗਏ ਹਨ।

ਲੋਕਾਂ ਤੋਂ ਕਰੋੜਾਂ ਲੈ ਕੇ ਰਾਇਲ ਐਂਪਾਇਰ ਦਾ ਮਾਲਕ ਹੋਇਆ ਗਾਇਬ. ਕਈ ਪ੍ਰੋਜੈਕਟ ਅੱਧਵਾਟੇ ਛੱਡੇ


 14 May, 2012
 


ਜ਼ੀਰਕਪੁਰ  : ਜ਼ੀਰਕਪੁਰ ਦਾ ਨਾਮੀ ਬਿਲਡਰ ਤੇ ਪੀਰਮੁਛੱਲਾ ਦੇ ਹਾਊਸਿੰਗ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਰਾਇਲ ਐਂਪਾਇਅਰ ਦਾ ਮਾਲਕ ਜੀਵਨ ਗਰਗ ਕਈ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਵਿਚਾਲੇ ਛੱਡ ਕੇ ਲੋਕਾਂ ਦੇ ਕਰੋੜਾਂ ਰੁਪਏ ਲੈ ਕੇ ਫਰਾਰ ਹੋ ਗਿਆ। ਧੋਖੇ ਦਾ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹੋਏ ਦਰਜਨਾਂ ਲੋਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਪੁਲੀਸ ਨੂੰ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਪੁਲੀਸ ਨੇ ਜੀਵਨ ਗਰਗ, ਉਸਦੇ ਲੜਕੇ ਪ੍ਰਿੰਸ ਗਰਗ, ਉਸਦੇ ਭਰਾ ਪਵਨ ਗਰਗ ਸਤੀਸ਼ ਗਰਗ ਤੇ ਭਤੀਜੇ ਰੋਹਿਤ ਗਰਗ ਖ਼ਿਲਾਫ਼ ਧੋਖਾਧੜੀ ਦਾ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕਰਕੇ ਉਸ ਦੇ ਪਿਤਾ ਆਤਮਾ ਰਾਮ ਗਰਗ, ਭਰਾ ਸਤੀਸ਼ ਗਰਗ ਤੇ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਮੈਨੇਜਰ ਧੀਰੇਂਦਰ ਨੇਗੀ ਨੂੰ ਗ੍ਰਿਫ਼ਤਾਰ ਕਰ ਲਿਆ ਹੈ। ਸੂਤਰਾਂ ਤੋਂ ਹਾਸਲ ਜਾਣਕਾਰੀ ਮੁਤਾਬਕ ਜੀਵਨ ਗਰਗ ਆਪਣੇ ਪਰਿਵਾਰ ਸਮੇਤ ਵਿਦੇਸ਼ ਚ ਭੱਜਣ ਚ ਕਾਮਯਾਬ ਹੋ ਗਿਆ ਹੈ।
ਪ੍ਰਾਪਤ ਜਾਣਕਾਰੀ ਅਨੁਸਾਰ ਜ਼ੀਰਕਪੁਰ ਦੇ ਪੀਰਮੁਛੱਲਾ ਖੇਤਰ ਚ ਜੀਵਨ ਗਰਗ ਵੱਲੋਂ ਰਾਇਲ ਐਂਪਾਇਅਰ ਨਾਂ ਹੇਠ ਹਾਊਸਿੰਗ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤਾ ਗਿਆ ਸੀ, ਜਿਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਛੇਤੀ ਉਸ ਵੱਲੋਂ ਇੱਕ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਇੱਕ ਪੰਜ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਸ਼ੁਰੂ ਕੀਤੇ ਗਏ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਚ ਰਾਇਲ ਅਪਾਰਟਮੈਂਟ, ਬਾਲਾ ਜੀ ਟਾਵਰ, ਰਾਇਲ ਮੈਨਸ਼ਨ ਤੇ ਰਾਇਲ ਮੀਨਾਰ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ। ਜੀਵਨ ਗਰਗ ਆਪਣੇ ਦੋ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਰਾਇਲ ਐਂਪਾਇਅਰ ਤੇ ਰਾਇਲ ਅਪਾਰਟਮੈਂਟ ਵਿਚਾਲੇ ਹੀ ਛੱਡ ਗਿਆ ਹੈ ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਚ ਰਾਇਲ ਅੰਪਾਇਅਰ ਕਰੀਬ 11 ਏਕੜ ਜ਼ਮੀਨ ਤੇ 536 ਫਲੈਟ ਬਣਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਸਨ ਤੇ ਰਾਇਲ ਅਪਾਰਟਮੈਂਟ ਦੇ ਨਾਮ ਹੇਠ ਕਰੀਬ 650 ਫਲੈਟਾਂ ਦਾ ਨਿਰਮਾਣ ਕੀਤਾ ਜਾ ਰਿਹਾ ਸੀ ਜੋ ਵਿਚਾਲੇ ਹੀ ਲਟਕ ਗਿਆ ਹੈ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟਾਂ ਚ ਨਿਵੇਸ਼ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਨਿਵੇਸ਼ਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਪੁਲੀਸ ਨੂੰ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਦਿੱਤੀ ਗਈ ਹੈ। ਪੁਲੀਸ ਨੇ ਤਿੰਨ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕੀਤੇ ਹਨ।
ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਜਿਥੇ ਵੱਡੀ ਗਿਣਤੀ ਵਿੱਚ ਨਿਵੇਸ਼ਕਾਂ ਨੇ ਇੱਕ ਨੰਬਰ ਵਿੱਚ ਆਪਣੇ ਪੈਸੇ ਇਸ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਵਿੱਚ ਲਾਏ ਹੋਏ ਸਨ ਉਥੇ ਮੋਟੇ ਵਿਆਜ ਦੇ ਲਾਲਚ ਚ ਲੋਕਾਂ ਨੇ ਦੋ ਨੰਬਰ ਦਾ ਕਾਲਾ ਧਨ ਵੀ ਇਸ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਚ ਨਿਵੇਸ਼ ਕੀਤਾ ਹੋਇਆ ਹੈ। ਦੋ ਨੰਬਰ ਦੇ ਨਿਵੇਸ਼ਕਾਂ ਚ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਤੇ ਆਸਪਾਸ ਦੇ ਵੱਡੇ ਅਫਸਰ, ਸਿਆਸੀ ਆਗੂਆਂ ਸਮੇਤ ਵੱਡੇ ਬਿਜ਼ਨਸਮੈਨਾਂ ਦਾ ਨਾਂ ਸਾਹਮਣੇ ਆ ਰਿਹਾ ਹੈ,ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਕੋਲ ਕਾਲੇ ਧਨ ਦਾ ਕੋਈ ਸਬੂਤ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉਹ ਪੁਲੀਸ ਨੂੰ ਵੀ ਆਪਣੀ ਸ਼ਿਕਾਇਤ ਦਰਜ ਨਹੀਂ ਕਰਵਾ ਸਕਦੇ।
ਜਾਣਕਾਰੀ ਮੁਤਾਬਕ ਪਿਛਲੇ ਲੰਮੇ ਸਮੇਂ ਤੋਂ ਇਸ ਪ੍ਰਾਜੈਕਟ ਦੇ ਮਾਲਕ ਦੀ ਮਾਲੀ ਸਥਿਤੀ ਖਰਾਬ ਚੱਲ ਰਹੀ ਹੈ ਜਿਸ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹੀ ਉਹ ਆਪਣੇ ਨਿਵੇਸ਼ਕਾਂ ਨੂੰ ਲਗਾਤਾਰ ਲਾਅਰੇ ਲਾ ਰਿਹਾ ਸੀ। ਵਿੱਤੀ ਸੰਕਟ ਹੱਲ ਨਾ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਕੁਝ ਦਿਨ ਪਹਿਲਾਂ ਉਸਦਾ ਪਰਿਵਾਰ ਗਾਇਬ ਹੋ ਗਿਆ ਤੇ ਹੁਣ ਉਹ ਆਪ ਨੱਸ ਗਿਆ ਹੈ। ਰਾਇਲ ਅੰਪਾਇਰ ਦੇ ਮਾਲਕ ਦੇ ਫਰਾਰ ਹੋਣ ਦੀ ਖਬਰ ਫੈਲਦੇ ਹੀ ਪੀਰਮੁਛੱਲਾ ਵਿਖੇ ਨਿਵੇਸ਼ਕਾਂ ਦਾ ਮੇਲਾ ਲੱਗ ਗਿਆ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਪੱਤਰਕਾਰਾਂ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਪੀੜਾ ਬਿਆਨ ਕੀਤੀ।
ਇਸ ਬਾਰੇ ਸੰਪਰਕ ਕਰਨ ਤੇ ਜ਼ੀਰਕਪੁਰ ਥਾਣਾ ਮੁਖੀ ਤਰਲੋਚਨ ਸਿੰਘ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਕੋਲ ਇੱਕ ਦਰਜਨ ਦੇ ਕਰੀਬ ਪੀੜਤ ਲੋਕਾਂ ਵੱਲੋਂ ਸ਼ਿਕਾਇਤਾਂ ਦਰਜ ਕਰਵਾਈਆਂ ਗਈਆਂ ਹਨ। ਇਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਅਧਾਰ ਤੇ ਤਿੰਨ ਕੇਸ ਦਰਜ ਕੀਤੇ ਗਏ ਹਨ। ਬਾਕੀ ਮਾਮਲਿਆਂ ਦੀ ਜਾਂਚ ਕੀਤੀ ਜਾ ਰਹੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮੁੱਖ ਦੋਸ਼ੀ ਦੇ ਪਿਤਾ ਆਤਮਾ ਰਾਮ ਗਰਗ, ਭਰਾ ਸਤੀਸ਼ ਗਰਗ ਤੇ ਪ੍ਰਾਜੈੈਕਟ ਮੈਨੇਜਰ ਧੀਰੇਂਦਰ ਨੇਗੀ ਨੂੰ ਗ੍ਰਿਫ਼ਤਾਰ ਕਰ ਲਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ਤੇ ਜੀਵਨ ਗਰਗ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰਨ ਲਈ ਪੁਲੀਸ ਟੀਮਾਂ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਥਾਵਾਂ ਤੇ ਛਾਪੇਮਾਰੀ ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਭਰੋਸਾ ਦਿੱਤਾ ਕਿ ਛੇਤੀ ਮੁੱਖ ਦੋਸ਼ੀ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰ ਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ।

Uploads by drrakeshpunj

Popular Posts

Search This Blog

Popular Posts

followers

style="border:0px;" alt="web tracker"/>