मुंबई. संघ प्रमुख मोहन भागवत की हत्या के कथित षडयंत्र के मद्देनजर उनकी सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। महाराष्ट्र के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने यह जानकारी सोमवार को बांबे हाईकोर्ट में दी।
2008 में मालेगांव में हुए बम विस्फोट के आरोपी समीर कुलकर्णी ने अपने एक पत्र में कहा था कि मालेगांव मामले की चार्जशीट पढ़ते वक्त उसे दो गवाहों के इस बयान की जानकारी मिली थी कि संघ प्रमुख मोहन भागवत को मारने की साजिश रची गई थी। हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते इस पत्र को आपराधिक रिट याचिका में तब्दील करते हुए महाराष्ट्र सरकार और एटीएस से पूछा था कि पत्र में जताई गई आशंका के मद्देनजर वे क्या कदम उठाने जा रहे हैं।
एटीएस की ओर से पेश हरुई वरिष्ठ वकील रोहिणी सालियान ने जस्टिस बीएच मारलापल्ले के नेतृत्व वाली बेंच को बताया कि संघ प्रमुख की सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए एफआईआर दर्ज करने और भागवत की हत्या के षडयंत्र की विस्तृत जांच कराने की कुलकर्णी की मांग पर भी सरकार विचार करेगी।
कुलकर्णी के मुताबिक, मालेगांव मामले के गवाह कैप्टन नितिन जोशी और श्याम आप्टे ने अपने बयान में कहा था कि जब भागवत पुणो में एक कार्यक्रम में गए थे तब उनकी हत्या की साजिश रची गई थी।