घर का भेदी: आठ आईएएस दोस्तों के साथ रैकेट चलाता था 'जासूस' रवि इंदर!
नई दिल्ली. संवेदनशील सूचनाएं लीक करने के आरोप में गिरफ्तार गृह मंत्रालय में तैनात आईएएस अधिकारी रवि इंदर सिंह को अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। हालांकि पुलिस ने रवि इंदर से पूछताछ के लिए तीन और दिनों के रिमांड का अनुरोध किया था लेकिन अदालत ने इसे ठुकरा दिया।
स्पेशल जज संगीता ढिंगरा सहगल ने आरोपी आईएएस अधिकारी की जमानत याचिका पर सुनवाई चार दिसम्बर के लिए स्थगित कर दी। गत 23 नवंबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार करने के बाद आरोपी अधिकारी से कड़ी पूछताछ की थी। पुलिस ने अदालत से रवि इंदर की रिमांड अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए कहा कि उसके चार में से दो मोबाइल फोन बरामद किए जाने बाकी हैं जिनके जरिये वह कथित तौर पर अवैध गतिविधियां चलाता था।
'जासूस' अधिकारी के बारे में एक के बाद खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि रवि इंदर अपने आठ आईएएस दोस्तों और एक मंत्री के साथ मिलकर अपराध का एक गिरोह चला रहा था। इस गिरोह के सदस्य जीवन की सारी अय्याशी में लिप्त थे।
गृह मंत्रालय के आंतरिक सुरक्षा विभाग में डायरेक्टर के ओहदे पर रहकर देश की सुरक्षा दांव पर लगाने वाले आईएएस अधिकारी के साथ केंद्र सरकार का एक बड़ा मंत्री भी रैकेट का हिस्सा है। एक निजी टीवी समाचार चैनल ने यह ताजा खुलासा किया है।
खुफिया सूचनाओं को बेचने का आरोपी रवि इंदर इस साल जनवरी में ही गृह मंत्रालय में तैनात हुआ था। यहां इसके जिम्मे टेलीकॉम सहित कई मंत्रालयों से जुड़ी संवेदनशील फाइलें थी जिसका सीधा ताल्लुक देश की सुरक्षा से था और रवि इंदर पर इन्हीं अहम सूचनाओं को लीक करने का आरोप है।
सूत्रों के मुताबिक रवि इंदर ने ये कारनामे पिछले 11 महीनों में नहीं किए बल्कि उसकी साजिश का सिलसिला 2001 में ही शुरू हो गया था। 1994 बैच के पश्चिम बंगाल कैडर के इस आईएएस की मुलाकात 2001 में ही एक कंपनी के दलाल विनीत से हुई। यहां भी इस पर कोलकाता के एक व्यवासायी के लिए काम करने के आरोप लगे। इसके लिए उसने लड़की से लेकर रिश्वत तक की दलाली खाई।
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली में गृह मंत्रालय में तैनाती ने उसे नए मौके दिए। आरोप है कि यहां अपने गोरखधंधे के लिए उसने महाराष्ट्र के एक नेता से संपर्क बनाया। आठ आईएएस भी इस गिरोह में शामिल हुए। उसने दूरसंचार विभाग के दो अफसरों को भी मिलाया जिन्हें ‘गॉड 1’ और ‘गॉड 2’ का कोड दिया। उसके पास तीन मोबाइल फोन फर्जी नाम से थे तो सरकारी और निजी फोन का इस्तेमाल भी धड़ल्ले से करता था।
रवि इंदर ने पिछले तीन साल में 13 बार काठमांडू और बैंकॉक की यात्रा की। आरोप है कि वह 14 बार पाकिस्तान के एजेंटों से भी मिला, लेकिन किसी को शक भी नहीं हुआ। एक निजी मोबाइल कंपनी के अधिकारी को भी उसने अपने नेटवर्क में शामिल किया था जो उसे यह सूचना देता था कि उसका टेलीफोन टेप किया जा रहा है या नहीं।