रूप चतुर्दशी पर कैसे करें स्नान?
शास्त्रों में पर्व, साधना, कर्म-काण्ड, उत्सवों आदी पर स्नान का महत्व बताया गया है। शस्त्रों में स्नान की अनेक विधियां है जैसे- मृतिका स्नान(विशेष प्रकार की मिट्टीयां लगा कर), भौम स्नान(भस्म लगा कर), गाय के खुर की धुल लगाकर स्नान करना। इन पवित्र स्नान से शरीर तो शुद्ध होता है साथ ही पापों का नाश होता है और पुण्य प्राप्ति होती है। इस चतुर्दशी पर्व पर आपको भी ग्रहों के दोष निवारण एवं नरक दर्शन से बचने के लिए अपनी राशि के अनुसार औषधियों से स्नान करना चाहिए। इस स्नान से आप समृद्धिशाली, सुखी और निरोगी रहेंगे।
राशि के अनुसार औषधी स्नान-
मेष- मंगल देव की इस राशि के व्यक्तियों को पानी में बिल्वपत्र के वृक्ष की छाल और लाल चंदन का चूर्ण डाल कर स्नान करना चाहिए।
वृष- वृष राशि वाले व्यक्तियों को इलायची और मैनसील की थोड़ी सी मात्रा पानी में डाल कर स्नान करना चाहिए।
मिथुन- मिथुन राशि के जातक बुध देव को प्रसन्न करने के लिए गाय का गोबर जल से स्पर्श कर के स्नान करें।
कर्क- इस राशि वाले व्यक्तियों को अपने स्नान के जल में सफेद चंदन की थोड़ी सी मात्रा मिला कर स्नान करना चाहिए।
सिंह- आपको स्नान के जल में लाल पुष्प और केसर डाल कर स्नान करना चाहिए।
कन्या- मोती एवं सोने के आभूषण के जल से स्नान करने से आपके राशि स्वामी बुध देव प्रसन्न होंगे।
तुला- ऐश्वर्य एवं धन की प्राप्ति के लिए आपको केसर एवं सुगंधीत वृक्ष के पूष्प को जल में डाल कर स्नान करना चाहिए।
वृश्चिक- मंगल देव की प्रसन्नता के लिए आपको लाल पुष्प के जल से स्नान करना चाहिए।
धनु- आपके राशि के स्वामी बृहस्पति देव को मालती के फूल विशेष प्रिय है इसलिए आप जल में मालती के फूल डाल कर स्नान करें।
मकर- निरोगी रहने के लिए आपको स्नान के जल में काले तिल का उपयोग करना चाहिए।
कुंभ- आपके राशि के स्वामी शनि देव है। शनि देव की प्रसन्नता के लिए आपको शमी वृक्ष की लकड़ी पानी में डालकर स्नान करना चाहिए।
मीन- सुख, समृद्धि एवं ऐश्वर्य प्राप्ति के लिए जल में मालती के पत्ते या पीली सरसों डाल कर स्नान करें।