जरदारी को डर- मिट जाएगा पाकिस्तान का वजूद
इस्लामाबाद. पाकिस्तानी सेना के सर्वोच्च कमांडर और देश के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी को डर है कि आतंकवाद और हाल में आई बाढ़ की विभीषिका से कहीं मुल्क का वजूद ही खत्म नहीं हो जाए। ‘रक्षा दिवस’ (6 सितंबर) के मौके पर उनकी ओर से जारी संदेश में यह आशंका जताई गई है। जरदारी ने कहा, ‘एक ओर देश में आतंकवाद, कट्टरवाद बढ़ रहा है और दूसरी ओर, इतिहास की सबसे भयानक बाढ़ आई हुई है। ये दोनों ऐसी समस्याएं हैं, जो मुल्क के वजूद के लिए खतरा बन गई हैं।
सेना प्रमुख जनरल अशफाक परवेज कयानी ने अपने संदेश में कहा कि आज पाकिस्तान सुरक्षा के मोर्चे पर कई खतरों से जूझ रहा है। हालांकि कयानी ने खुले तौर पर किसी रूप में भारत का नाम नहीं लिया।
पाकिस्तान में 1965 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना से लाहौर को बचाने की खुशी में हर साल 6 सितंबर को रक्षा दिवस मनाया जाता है।
पाकिस्तान अभी इतिहास की सबसे भयानक बाढ़ से जूझ रहा है। इसमें 1700 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और 2 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हैं। सेना का बड़ा हिस्सा बाढ़ पीडि़तों को राहत पहुंचाने में लगा है। इस बीच, आतंकवादी इसका फायदा उठा कर रोज धमाके कर रहे हैं। वे बाढ़पीडि़तों की मदद कर उन्हें अपने संगठन में शामिल कराने पर भी जोर दे रहे हैं।
कयानी ने अपने संदेश में बाढ़पीडि़तों की सेना द्वारा की जा रही मदद का प्रमुखता से उल्लेख किया, लेकिन किसी ने भी भ्रष्टाचार का मुद्दा नहीं उठाया। पाकिस्तान में भ्रष्टाचार का आलम यह है कि दुनिया भर से बाढ़पीडि़तों की मदद के लिए दिया जा रहा सामान भी खुले आम बाजार में बिक रहा है।