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Wednesday, December 22, 2010

पंजाब में हर साल बीस हजार युवक करते हैं गैरकानूनी रूप से बार्डर पार


जालंधर। संयुक्त राष्ट्र संगठन की तरफ से करवाई गई स्टडी में यह बात सामने आई है कि भारत में अकेले पंजाब से ही हर साल 20 हजार युवक गैर कानूनी ढंग से बार्डर पार करने की कोशिश करते हैं। इनमें से ज्यादातर पंजाब खासकर दोआबा क्षेत्र से हर साल काफी बड़ी संख्या में युवक गैर कानूनी ढंग से विदेश जाने की कोशिश करते हैं। युवक धोखेबाज एजेंटों के चक्कर मंे फंस कर यह गैरकानूनी कदम उठाकर खुद और अपने परिवार को मुसीबतों में डाल रहे हैं। युवाओं को इन एजेंट्स के धोखे से बचाने और गैर कानूनी ढंग से विदेश न जाने के बारे में जागरूक करने के लिए सेंटर फार रिसर्च एन रूरल एंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट (क्रिड) की तरफ से मुहिम चलाई जा रही है। इसमें युवाओं को बताया जा रहा है कि वे कानूनी ढंग से ही विदेश जाएं। इन कार्यक्रमों को आयोजित कर रहे क्रिड के सहायक संचालक डा. किशन चंद के मुताबिक युवा विदेशी कानूनों के बारे में जानकारी नहीं रखते और धोखेबाज एजेंटों के चक्कर में फंस जाते हैं। गैर कानूनी ढंग से विदेश जाने के लिए एजेंटों को मोटी रकम देते हैं।

इस जागरुकता मुहिम के लिए जालंधर को केन्द्र इसलिए चुना गया है, क्योंकि इस क्षेत्र से ही ज्यादा युवा विदेश जाते हैं। क्रिड की तरफ से जालंधर के विभिन्न हिस्सों में ३क् जागरुकता कार्यक्रम आयोजित करने का लक्ष्य तय किया गया है। इनमें अभी तक जालंधर में कई गांवों में इस तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। केरला के बाद पंजाब (आबादी के हिसाब से) ऐसा दूसरा राज्य हैं, जहां से सबसे ज्यादा लोग विदेश जाते हैं। डा. किशन चंद बताते हैं कि इन कार्यक्रमों में वे लोगों को बता रहे हैं कि विदेश जाने के लिए किसी भी एक कागज पत्र, प्रमाण पत्र आदि की कमी के कारण वे विदेश से वापस भेजे जा सकते हैं। विदेश जाने के लिए एजेंटों को राशि की नकद अदायगी नहीं की जानी चाहिए। एजेंटों को राशि की अदायगी बैंक के जरिये ही करनी चाहिए। इस तरह ही अज्ञात व मुफ्त सेवाएं देने वाली वेबसाइट्स से भी सतर्क रहना चाहिए। ऐसी वेबसाइट्स ज्यादातर फर्जी एजेंटों की तरफ से चलाई जाती हैं। इन पर विश्वास करने से पहले इनके पहचान नंबर जरूर चेक कर लेने चाहिए।

नकली संस्थाओं के धोखे से बचने के लिए इस बात की जांच जरूर करनी चाहिए कि प्रवास के सलाहकार (इमिग्रेशन कंसल्टेंट) या वकील अपने देश में रजिस्टर्ड हैं या नहीं। डा. किशन चंद के मुताबिक विदेश जाने वाले लोगों को यह कोशिश करनी चाहिए कि वे अपने कागजात दूसरों के हवाले न करें। अगर किसी कारण ऐसा करना जरूरी हो जाए, तो इनकी फोटो कॉपी करवाकर अपने पास रख लेनी चाहिए। विदेश में जाने से पहले सभी जरूरी कागजात की फोटो कॉपियों पर अपनी फोटो चिपका अपने रिश्तेदारों के पास छोड़ जाने चाहिए। क्रिड के मुताबिक इस बात की भी जांच कर ली जानी चाहिए कि वीजा व पासपोर्ट सही है।

आईओएम दे रही मदद
क्रिड की तरफ से करवाए जा रहे ये कार्यक्रम इंटरनेशनल आर्गेनाइजेशन फॉर माइग्रेशन (आईओएम) के सहयोग से चलाए जा रहे हैं। आईओएम को इन कार्यक्रमों के लिए बेल्जिमय सरकार मदद दे रही है। इसके अलावा प्रवासी भारतीय कार्य मंत्रालय का भी सहयोग है। इनका मकसद यही है कि लोग विदेशों में कानूनी ढंग से ही जाएं।

इन्हें कहा जाता है कि अनियमित प्रवासी
जिनके पास दूसरे देश में प्रवेश करने के लिए उचित कागजात नहीं होते वे दूसरे देश के जाली कागजों के सहारे वहां पर प्रवेश करते हैं। दूसरे देश में उचित प्रवेश के बाद वीजा अवधि खत्म हो जाने पर भी लोग इस वर्ग में आ जाते हैं। डा. किशन चंद कहते हैं कि विदेश में जाने से पहले यह जरूर जाने लें कि जिस देश में जाना चाहते हो वहां पर किस तरह के कार्यों के लिए लेबर की जरूरत है। स्किल्ड लेबर की या अनस्किल्ड की। इसके लिए वर्क परमिट, वीजा आदि जरूर होना चाहिए।

जाली एजेंटों पर नाटक
क्रिड के कार्यक्रमों में पंजाबी के नाटकार गुरशरण सिंह का नाटक ठगी-ठगी-ठगी भी पेश किया जाता है। इसमें बताया जाता है कि किस तरह जाली एजेंट लोगों को विदेश में बढ़िया जिंदगी के सब्जबाग दिखाकर ठगते हैं। उन्हें विदेशों में शिक्षा के नाम पर ठगा जाता है। शादी कराने के नाम पर या धर्म के नाम पर भी ठगी की जाती है