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Thursday, February 24, 2011

विधायकों-मंत्रियों के वेतन में 300 फीसदी तक वृद्धि का प्रस्ताव

नई दिल्ली.दिल्ली सरकार ने मुद्रास्फीति में वृद्धि और राजधानी में रिहायशी की लागत में इजाफे का हवाला देते हुए विधायकों व मंत्रियों के वेतन में 300 फीसदी तक की वृद्धि से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया। जबकि तीन महीने पहले ही केंद्र ऐसे एक प्रस्ताव को ठुकरा चुका है। अब इस नए प्रस्ताव को मंजूरी के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेजा जाएगा।


प्रस्ताव के अनुसार जो विधायक मौजूदा समय में सभी भत्ते मिलाकर 32,000 रुपए प्रतिमाह का वेतन पाते हैं, उनका वेतन बढ़कर लगभग एक लाख रुपए हो जाएगा। जबकि उनका कुल वेतन मौजूदा 43,000 रुपए मासिक से बढ़कर 1,20,000 रुपए हो जाएगा। वहीं प्रस्ताव के अनुसार मुख्यमंत्री का वेतन मौजूदा 55,000 रुपए से बढ़कर 1,30,000 रुपए हो जाएगा।


बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि हमने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब हम इसे केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजेंगे। सरकार ने केंद्र द्वारा इसी तरह के एक प्रस्ताव को खारिज किए जाने के ठीक तीन महीने बाद यह प्रस्ताव पारित किया है। केंद्र ने प्रस्ताव को इस आधार पर खारिज कर दिया था कि दिल्ली सरकार द्वारा भेजा गया प्रस्ताव सांसदों को मिलने वाले वेतन और भत्ते से ज्यादा है।


अधिकारियों की मानें तो अगर केंद्र इस प्रस्ताव को मंजूरी दे देती है तो सरकारी खजाने पर 16.21 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। दोबारा मंजूर किए गए प्रस्ताव में सरकार ने विधायकों को पेट्रोल भत्ता देने और ब्याज रहित कार लोन जैसी बातों को हटा दिया है। इस तरह की सुविधाएं सांसदों को भी हासिल नहीं हैं।


प्रस्ताव में विधायकों के बेसिक वेतन को मौजूदा 6,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए किए जाने की बात कही गई है। जबकि मंत्रियों का बेसिक 10,000 रुपए से बढ़ाकर ३क्,क्क्क् रुपए किए जाने का प्रस्ताव है। मुख्यमंत्री के बेसिक को बढ़ाकर 35,000 रुपए किए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। यात्रा भत्ते को मौजूदा 4,000 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए किया गया है।


न्यूनतम मजदूरी में 15 फीसदी की वृद्धि


नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने बुधवार को न्यूनतम मजदूरी की दरों में बढ़ोतरी करने की घोषणा की है। दिल्ली के मंत्रिमंडल ने न्यूनतम मजदूरी कानून, 1948 के तहत मजदूरी की दरों में वृद्धि को मंजूरी दी। सरकार ने दरों में 15 प्रतिशत बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है, जो दिल्ली सरकार द्वारा अधिसूचित 29 रोजगार सूचियों के लिए है।


दिल्ली सरकार ने पिछली बार एक फरवरी 2010 को न्यूनतम दरों में वृद्धि की थी। पदभार संभालने के बाद पहली बार कैबिनेट में शामिल हुए श्रम मंत्री रमाकांत गोस्वामी ने बताया कि नई दरें एक फरवरी 2011 से लागू होंगी। उन्होंने बताया कि अकुशल मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी प्रतिदिन 203 रुपए से बढ़ाकर 234 रुपए कर दी गई है।


ऐसे मजदूरों की मासिक मजदूरी में 806 रुपए की बढ़ोतरी हुई है, जो 5,278 रुपए से बढ़कर 6,084 रुपए हो गई है। अर्ध कुशल मजदूरों की दैनिक मजदूरी 225 रुपए से बढ़ाकर 259 रुपए की गई है। उनकी मासिक मजदूरी में 884 रुपए का इजाफा हुआ है, जो 5,840 रुपए से बढ़कर 6,734 रुपए हो गई है।


इसी प्रकार, कुशल मजदूरों की दैनिक मजदूरी 248 रुपए से बढ़ाकर 284 रुपए की गई है। उनकी मासिक मजदूरी में 962 रुपए की बढ़ोतरी हुई है, जो 6,448 रुपए से बढ़कर 7,410 रुपए हो गई है। श्रम मंत्री ने बताया कि क्लर्को और गैर तकनीकी सुपरवाइजरी कर्मचारियों की न्यूनतम मजदूरी भी बढ़ाई गई है। मैट्रिक से कम पढ़े लिखे कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी 225 रुपए से बढ़ाकर 259 रुपए की गई है।


उनकी मासिक मजदूरी में 884 रुपए का इजाफा होगा, जो 5,840 रुपए से बढ़ाकर 6,734 रुपए हो गई है। मैट्रिक से ज्यादा शिक्षित, लेकिन स्नातक की डिग्री न हासिल करने वाले कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी 248 रुपए से बढ़ाकर 285 रुपए की गई है। उनकी मासिक मजदूरी में 962 रुपए का इजाफा हुआ है, जो 6,448 रुपए से बढ़कर 7,410 रुपए हो गई है।


स्नातक और उससे अधिक शिक्षित कर्मचारियों की दैनिक मजदूरी 270 रुपए से बढ़ाकर 310 रुपए कर दी गई है। उनकी मासिक मजदूरी में 1040 रुपए का इजाफा हुआ है, जो 7,020 रुपए से बढ़कर 8,060 रुपए हो गई है।


श्रम मंत्री ने बताया कि अब न्यूनतम मजदूरी में वृद्धि केंद्र और दिल्ली सरकार द्वारा एक साथ एक महीने में की जाएगी। ज्ञात हो कि दिल्ली सरकार यह वृद्धि अप्रैल और अक्टूबर महीने में करती है। अब एक साथ वृद्धि करने के लिए राज्य सरकार इस साल अप्रैल मेंन्यूनतम मजदूरी फिर बढ़ाएगीके