धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश कृषि विविधिकरण प्रोत्साहन परियोजना के अंतर्गत प्रदेश में अधोसंरचना विकास सहित जैविक कृषि व फसलोत्तर तकनीक के विकास को बढ़ावा दिया जाएगा। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने कहा कि परियोजना के कार्यान्वयन के लिए वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामले विभाग तथा जापान सरकार के मध्य 321 करोड़ रुपए की योजना पर नई दिल्ली में हस्ताक्षर हुए हैं। इस परियोजना को शीघ्र ही प्रदेश में कार्यान्वित किया जाएगा। इसके अंतर्गत अधोसंरचना विकास जैसे सिंचाई, खेती तक सड़क, जैविक कृषि के बारे में किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण, सब्जी उत्पादन, फसल उत्पादन एवं फसलोत्तर तकनीक के विकास के माध्यम से कृषि विविधिकरण को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रदेश सरकार पिछले दो वषरें से इस परियोजना की स्वीकृति के लिए प्रयास कर रही है।
सामाजिक कल्याण पर 343 करोड़ रुपए व्यय
प्रदेश सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए छात्रवृत्ति के बारे में प्रधानमंत्री के 15 सूत्रीय कार्यक्रमों को अपनाया है। शिक्षण संस्थानों को ऐसे विद्यार्थियों को चिह्न्ति कर उनके आवेदनों को सीधे संबंधित विभाग को भेजने के निर्देश दिए हैं। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य मुख्यालय में राज्यस्तरीय समिति का गठन किया गया है, जबकि जिलाधीशों की अध्यक्षता में जिलास्तरीय समितियां गठित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड की पांचवीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को 53 लाख रुपए की छात्रवृत्तियां दी गई हैं। इस वित्त वर्ष में सामाजिक कल्याण गतिविधियों पर 343 करोड़ रुपए व्यय किए जा रहे हैं। इससे प्रत्येक पात्र व्यक्ति को इसके दायरे में लाया जा सकेगा।
जनसुरक्षा की जाएगी सुनिश्चित
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सैन्य बलों की तर्ज पर राज्य पुलिस बल में भर्ती के लिए गोरखा समुदाय को शारीरिक फिटनेस मापदंडों में छूट देने पर विचार करेगी। इससे समुदाय के युवाओं को प्रदेश पुलिस में अपनी सेवाएं देने का अवसर मिल सकेगा। सेना को फायरिंग रेंज के लिए सरकारी भूमि आबंटित करने से पहले सरकार जनसुरक्षा सुनिश्चित बनाएगी। गोरखा कल्याण बोर्ड की 11वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए धूमल ने कहा कि राज्य से सेना में भर्ती हुए जवानों ने सुरक्षा में मुख्य भूमिका अदा की है