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Thursday, February 17, 2011

तो क्या भारत को 'रौंदने' की तैयारी में है चीन

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बीजिंग. चीन ने कहा है कि तिब्बत क्षेत्र में राजधानी ल्हासा से धार्मिक गुरू पंचेन लामा के शहर तक एक नए रेलमार्ग को अगले चार वर्ष में पूरा करने की योजना है। यह जानकारी देते हुए चीन की एजेंसी शिन्हुआ ने कहा है कि 253 किमी लंबी इस रेल लाइन पर दो अरब डॉलर की लागत आएगी।

दरअसल चीन इन दिनों भारत को घेरने की रणनीति पर लगातार काम कर रहा है। इसी योजना के तहत चीन सिक्किम के नजदीक चुंबी घाटी तक अपना रेल नेटवर्क बढ़ाने की भी तैयारी कर रहा है।

चीन के रेल मंत्रालय के नक्शे में रेलवे नेटवर्क प्लान में इस योजना का जिक्र है। इससे पहले तक रेल की ऐसी योजन को लेकर सिर्फ कयास लगाए जाते रहे हैं, लेकिन रेल के नक्शे के सामने आने बाद अब इस पर आधिकारिक मुहर लग चुकी है। ताज़ा रेल नक्शे में ल्हासा से जांग्मू तक नेपाल की सीमा से सटे इलाके में रेल नेटवर्क बढ़ाए जाने की योजना है जो बाद में नेपाल की राजधानी काठमांडू तक भी जाएगी।

योजना के मुताबिक जांग्मू तक जाने वाली लाइन से शिगत्से नाम की जगह पर ही एक अन्य रेल लाइन जोड़ी जाएगी जो पूर्व में यादोंग नाम की जगह तक जाएगी जो चुंबी घाटी के बिल्कुल पास है। यादोंग सिक्किम से नाथूला दर्रे से जुड़ा हुआ है और भारत, चीन और भूटान की सीमा से सटा हुआ है। यह कस्बा रणनीतिक तौर पर अहम है।

गौरतलब है कि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी की पत्रिका कीशी में हाल ही छपे एक लेख में कहा गया था कि चीन का इतिहास गवाह है कि (1949 से) कभी भी यहां शांति घुटने टेकने से नहीं आई है, यह सिर्फ जंग के जरिए आई है। पत्रिका के मुताबिक राष्ट्रीय हितों की हिफाजत सिर्फ बातचीत से नहीं बल्कि लड़ाई से होती है।