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Sunday, August 7, 2011

नैना देवी के आये चाले, उमड़े भगत मतवाले




  
Mata_Naina_Devi_Jiचंडीगढ़    नव दुर्गा स्वरुप्नी 52 शक्ति पीठ वर दात्री माता नैना देवी जी के सावन भादों के चाले जोरों शोरों से जारी हैं। भगत सुभाष भास्कर के अनुसार माता नैना देवी के चाले भगतों के लिये नव जीवन स्फूर्ति दाई होते है। भगत मन्नतें मुरादें मांगते हैं और जिनकी मुरादें पूरी हुई होती हैं वह दंड वत प्रणाम करते हुए या गाजे बजे सहित माता नैना देवी के दरवार में हाजिरी भरते हैं। पंडित राजिन्द्र शर्मा मोहाली वाले बताते हैं कि इन चालों में जो चल कर भौण  पर पहुंचता है उसको कभी टांगों और हाथों में पीड़ा नहीं होती है। स्वस्थ जीवन जीता है। माता रानी दियां कन्याएं पूजने से लाखों पापों का नाश होता है घर में माता रानी का वास होता है। दुर्बलता दूर होती है और शक्ति का सामराज्य स्थापित होता है। सुभाष भास्कर हर वर्ष माता दे चाले साइकिल या पैदल करते हैं। उनका ब्राह्मण जत्था हर साल फेरा डालता है और अपने क्षेत्र और देश की सुख शांति की कामना करते है। घर में मेट के कीर्तन आयोजित किये जा रहे हैं। महिलाएं माता रानी के गुणगान करती सुनाई देती हैं। चारों और माता दे जयकारे सुनाई देते हैं। अनेकों परिवार कन्या पूजन आयोजित करते है। ये नारी महिमा के बखान के महीने है, जो माँ बहिन पुत्री और पत्नी के प्रति आपके कर्तव्य और नैतिक जबावदेही की याद दिलाते हैं। नैना देवी के मन्दिर में इन दिनों पंजाब से हजारों सिख आस्थावान जत्थों के रूप में चाले पुरे करते हैं। माता नैना देवी के सिवा पंजाब  जैसे प्रांत में जो कभी अजेय हिमाचल नरेश  के विशाल राज्य का भाग होता था में सिर्फ एक ही शक्ति पीठ है। इसी कारण नैना देवी माता मन्दिर और शक्ति स्वरुप्नी माता जी की पूजा और गुणगान पंजाबियों के घरों में हिन्दुओं जैसा होता है जो हमारी धार्मिक आस्था की कहानी कहता है और धार्मिक एकता का प्रतीक भी है।