कांग्रेस के होश ठिकाने आ गए हैं. विधानसभा चुनावों में जो हुआ सो हुआ. लोकसभा चुनाव वो नहीं गंवाना चाहेगी. अन्ना से संपर्क उस ने साधा है. अन्ना की पहली शर्त ही ये है कि कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और मनीष तिवारी की छुट्टी हो. सोनिया गाँधी के बहुत करीबी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस के लिए तैयार हो गई. है. शर्त अन्ना ने चिदंबरम को हटाने की भी रखी है. मगर उन्हें एनसीटीसी पे आम राय बनाने के लिए महीने भर की मोहलत मिल गई है. अन्ना के साथ इस डील की सब से ख़ास बात ये है कि कांग्रेस अन्ना के सर्वसम्मति से राष्ट्रपति हो सकने के लिए पहल करेगी. प्रशांत और शशि भूषण को उनके हाल पे छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं अन्ना. अरविन्द केजरीवाल को ब्राजील में राजदूत और मनीष सिसोदिया को प्रसार भारती का डायरेक्टर बनाने पे सहमति हुई है. केजरीवाल को रियो डी जेनेरियो में रहने की इजाज़त भी सरकार देगी. किरण बेदी को समाज कल्याण विभाग में किन्नर कल्याण कोष की व्यवस्था कर उसके निदेशक पद की जिम्मेवारी दी जाएगी. इस बीच एक बड़ा परिवर्तन ये होने जा रहा है कि अहमद पटेल की दस, जनपथ से छुट्टी होने जा रही है. उनकी जगह गोबिन्दाचार्य ले सकते हैं. उमा भारती के पहले भाजपा में वापिस और फिर उत्तर प्रदेश चले जाने के बाद से वे अकेले और अलग थलग थे. उन ने अपनी चाणक्य नीति का लाभ अब कांग्रेस को देने का मन बनाया है. उनके ज़रिये नरेन्द्र मोदी से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी ठुकवा कर भाजपा में पहले हलचल और फिर बगावत की रणनीति बनाई गई है. ये भी माना गया है कि उन के ज़रिये बाबा रामदेव के साथ गए स्वदेशी विचारधारा के लोगों को भी कांग्रेस के साथ जोड़ने में आसानी होगी.