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Monday, March 25, 2013

टेबलेट की शेप में सप्लाई होती थी आइस ड्रग्स

 
 

लुधियाना. आइस ड्रग्स मामले में अब पुलिस ने नया खुलासा किया है। पुलिस के मुताबिक पकड़े जाने से बचने के लिए ड्रग माफिया आइस ड्रग्स को टेबलेट की शेप में तैयार करता था। मार्किट में बेचने के लिए इसकी पेकिंग मेरठ की फर्म फ्रांसिस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में करवाते थे।  पुलिस यूपी पुलिस में पूर्व डीएसपी रैंक के अफसर को पहले ही पकड़ चुकी है।
पूछताछ में पूर्व डीएसपी कृपाल सिंह ने बताया कि उनका बेटा अनुज सिंह और उसका दोस्त गौरव चौधरी उर्फ रक्कू ड्रग्स के कारोबार में मास्टरमाइंड हैं। मेरठ की यह दवा फैक्ट्री भी अनुज के नाम पर रजिस्टर्ड है। दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने बुधवार को मेरठ  के अशोक वाटिका इलाके में इनके निवास पर रेड भी की।  फतेहगढ़ साहिब पुलिस के एसपी (डिटेक्टिव) गुरप्रीत सिंह तूर के नेतृत्व में टीम को यहां भेजा गया था। इस दौरान कृपाल सिंह के पारिवारिक सदस्यों से पूछताछ की गई।
पुलिस टीम ने वो फारचूनर कार भी कब्जे में ले ली है, जिसमें ड्रग्स सप्लाई की जाती थी। एसपी गुरप्रीत सिंह ने बताया कि परिवार को यह समझाया गया है कि वो अनुज को पंजाब पुलिस के सामने सरेंडर करने के लिए के राजी कर लें।  पुलिस सूत्रों से यह भी पता चला है कि ड्रग्स माफिया के तार हरिद्वार से भी जुड़े हुए हैं। इस संबंधी सबूत जुटाने के लिए पुलिस की एक टीम को हरिद्वार भी भेजा गया है।
ड्रग्स को टेबलेट की शेप में सप्लाई करने के मामले को मेरठ की मीडिया ने मार्च 2011 में ही खुलासा कर दिया था। जिसके बाद हरकत में आई मेरठ पुलिस ने गांव कंकड़ खेड़ा की उक्त दवा फैक्ट्री में रेड की थी। मगर बाद में उस मामले को फाइलों में दफन कर दिया गया। सूचना यह थी कि एमफिटामाइन के रैपर और आइस ड्रग्स के खाली रैपर उस फैक्ट्री के आस-पास देखे गए थे। गौर इस मामले बॉक्सर विजेंद्र भी फंसे हुए हैं।