सिरसा - जिला नगर योजनाकार राम कुमार ने सिरसा में कार्यभार संभालते ही अवैध कालौनी काटने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने तथा अवैध कालौनियों में किए गए निर्माण तोड़ने का दावा किया था, मगर अब यह दावा हवा-हवाई होता नजर आने लगा है। अवैध कालौनाईजर तथा विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता के बीच चर्चित तालमेल के चलते शहर में अवैध कालौनियों की बाढ़ आई हुई थी, मगर जिला नगर योजनाकार राम कुमार द्वारा उक्त कनिष्ठ अभियंता के चक्रव्यूह में न फंसने के कारण उम्मीद बनी थी, कि अवैध कालौनियां के विकसित होने पर विराम लगेगा। अवैध कालौनाईजरों पर शिकंजा कसने वाले सरकारी तंत्र को कालौनाईजर अपने जाल में इस तरह फंसा लेते है कि वह चाहकर भी कोई कार्यवाही नहीं कर पाते। इसका प्रमाण वीटा मिलक प्लांट, बेगू रोड़ के पीछे काटी गई अवैध कॉलोनी है, जिसके लिए बकायदा बीडीओ कार्यालय द्वारा सिंचाई विभाग की भूमि इंटरलाकिंग सड़क का निर्माण करना है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक यह सड़क पीर मंदिर तक जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई है, मगर सत्यता कुछ ओर ही दर्शाती है। पीर मंदिर के नाम की आड़ में दरअसल सरकारी तंत्र अवैध कालौनाईजर को लांभावित करना चाहता था, इसलिए यह सड़क का निर्माण वहीं जाकर समाप्त हो जाता है, जहां अवैध कालौनी की सीमा समाप्त हो जाती है। मजेदार पहलू यह है कि इस अवैध कालौनी में निर्माण शुरू हो चुका है और जिला नगर योजनाकार ने चुप्पी साधे हुई है, क्योंकि इसमें विभाग के एक इंजीनियर की बेनामी हिस्सेदारी है। मामला मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यानार्थ लाया जा चुका है।
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Monday, June 17, 2013
सिरसा, जहां अवैध कालौनियों को मिल रहा है सरकारी सरंक्षण
सिरसा - जिला नगर योजनाकार राम कुमार ने सिरसा में कार्यभार संभालते ही अवैध कालौनी काटने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने तथा अवैध कालौनियों में किए गए निर्माण तोड़ने का दावा किया था, मगर अब यह दावा हवा-हवाई होता नजर आने लगा है। अवैध कालौनाईजर तथा विभाग के एक कनिष्ठ अभियंता के बीच चर्चित तालमेल के चलते शहर में अवैध कालौनियों की बाढ़ आई हुई थी, मगर जिला नगर योजनाकार राम कुमार द्वारा उक्त कनिष्ठ अभियंता के चक्रव्यूह में न फंसने के कारण उम्मीद बनी थी, कि अवैध कालौनियां के विकसित होने पर विराम लगेगा। अवैध कालौनाईजरों पर शिकंजा कसने वाले सरकारी तंत्र को कालौनाईजर अपने जाल में इस तरह फंसा लेते है कि वह चाहकर भी कोई कार्यवाही नहीं कर पाते। इसका प्रमाण वीटा मिलक प्लांट, बेगू रोड़ के पीछे काटी गई अवैध कॉलोनी है, जिसके लिए बकायदा बीडीओ कार्यालय द्वारा सिंचाई विभाग की भूमि इंटरलाकिंग सड़क का निर्माण करना है। सरकारी रिकार्ड के मुताबिक यह सड़क पीर मंदिर तक जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए बनाई गई है, मगर सत्यता कुछ ओर ही दर्शाती है। पीर मंदिर के नाम की आड़ में दरअसल सरकारी तंत्र अवैध कालौनाईजर को लांभावित करना चाहता था, इसलिए यह सड़क का निर्माण वहीं जाकर समाप्त हो जाता है, जहां अवैध कालौनी की सीमा समाप्त हो जाती है। मजेदार पहलू यह है कि इस अवैध कालौनी में निर्माण शुरू हो चुका है और जिला नगर योजनाकार ने चुप्पी साधे हुई है, क्योंकि इसमें विभाग के एक इंजीनियर की बेनामी हिस्सेदारी है। मामला मुख्यमंत्री सहित वरिष्ठ अधिकारियों के ध्यानार्थ लाया जा चुका है।