भारतीय जनता पार्टी केन्द्र की सत्ता में आने के बाद न केवल पाकिस्तान को सबक सिखाने, बल्कि अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण के अपने ही किए गये वादों पर खामोश हैं। वहीं गौरतलब सवाल है कि सौ दिनों के भीतर विदेशी बैंकों से भारतीयों के लाखों करोड़ रुपयों के कथित कालेधन को वापस लाने, भ्रष्टाचार रहित साफ-सुथरा प्रशासन देने और आम जनता के लिए अच्छे दिन लाने जैसे वादों पर दो सौ दिनों बाद भी शून्यता क्या सबका साथ-सबका विकास जैसे नारे देकर ज्यादा समय विदेशों में बिताने वाले हुक्मरानों का देश की जनता को मूर्ख समझने का मुगालता है या संघ के वरदहस्त के चलते सत्तासीन होने के बाद खुद के पारंगत सियासतदां होने की खुशफहमी...। हमारे हुक्मरानों को यह समझना होगा कि फौरी और कारगर अमलीकरण के बिना लोक लुभावन नारे जनता के लिए अस्थाई आकर्षण तो बन सकते हैं,लेकिन कल्याणकारी नहीं