Friday, June 3, 2016, मथुरा। मथुरा के राजकीय उद्यान जवाहरबाग को कब्जाकर सत्याग्रह की आड़ में समानांतर सरकार चलाने वाले उपद्रवियों ने गुरुवार को मौत का जो नंगा नाच किया उसकी जितनी भी आलोचना की जाए कम है। इस उपद्रव में यूपी पुलिस के दो बहादुर अफसर सहित कुल 21 लोगों की मौत हुई है। अब तक 124 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। यही है रामवृक्ष यादव जिसके इशारे पर मथुरा में मचा मौत का तांडव सुभाष चंद्र बोस और सत्याग्रह के नाम पर इन उपद्रवियों ने मथुरा में एक आतंक बना रखा था। इतना ही नहीं उनकी एक अलग मांग थी। जी हां आजाद भारत विधिक वैचारिक सत्याग्रही नाम के इस संस्था की मांगे जानकर आप सोच में पड़ जाएंगे। वाहियात मांगे भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का चुनाव रद्द किया जाए। इस समय की प्रचलित मुद्रा की जगह आजाद हिंद फौज करेंसी शुरू की जाए। एक रुपये में 60 लीटर डीजल और एक रुपये में ही 40 लीटर पेट्रोल की बिक्री शुरू की जाए। प्रणव मुखर्जी और नरेन्द्र मोदी को गैर भारतीय घोषित किया जाए। चूंकी इस संस्था के लोग सुभाष चन्द्र बोस के अनुयायी हैं, इसलिए उन्हें सेनानी का दर्जा दिया जाए। उनको पेंशन के साथ ही जवाहरबाग में स्थायी निवास दिया जाए। देश में सोने के सिक्कों का प्रचलन किया जाए। आजाद हिंद फौज के कानून माने जाएं। इसी की सरकार देश में शासन करे। जयगुरुदेव का मृत्यु प्रमाण पत्र दिया जाए। आजाद हिंद बैंक करेंसी से लेन-देन शुरू की जाए। सत्याग्रहियों' के बीच में पुलिस कोई कार्रवाई न करे। देश में अंग्रेजों के समय से चल रहे कानून खत्म किए जाएं। पूरे देश में मांसाहार पर बैन लगाया जाए। मांसाहार करने वालों को सजा दी जाए।