किसानों का कर्ज माफ और बिजली बिल आधा करेंगे- कांग्रेस
देवरिया: कल यूपी के देवरिया में राहुल गांधी की खाट सभा राहुल के भाषण से ज्यादा चर्चा में है. राहुल के जाते ही खाट सभा की लूटमार शूरु हो गई. राहुल की खाट सभा आगे भी होती रहेगी. खबर ये है कि खाट सभा को हिट बनाने के लिए 10 हजार खाटों का ऑर्डर दिया गया है.खटिया खड़ी करने का मुहावरा आपने सुना होगा. फिल्म में खटिया सरकाने पर तो गाना ही बन गया. लेकिन यहां तो फर्स्ट डे, फर्स्ट शो में ही कांग्रेस की खटिया लुट गई. करीब आठ हजार लोग उत्तर प्रदेश के देवरिया में इस पहली खाट पंचायत के गवाह बने और इसमें से डेढ़ हजार लोग तो खटिया लेकर भी चलते बने. किसी ने एक तो किसी ने दो-दो उठा रखी थी.फ्री का नारा राहुल गांधी देकर गए. लेकिन पांच मिनट भी नहीं बीते कि लोगों ने उसे अमल में लाना शुरू कर दिया. कांग्रेस की खटिया घर-घर पहुंच गई. वो भी तब जबकि ये न तो घोषणापत्र में होगा न राहुल गांधी के वादों में.! हालत ये हो गई कि कुशीनगर की अगली सभा में ऐलान तक करना पड़ा कि खाट छोड़कर जाएं. क्योंकि यही खाट राहुल गांधी की अगली सभा में जाएगी. एक खाट की कीमत 800 से हजार रुपये की है. यानी 12 से 15 लाख की खाट देवरिया में लुट गई.खाट लगाने का काम कांग्रेस ने ठेकेदार को दे रखा है. लेकिन अब कांग्रेस खाट के पैसे भरेगी. हालांकि देवरिया के कुशीनगर में 600 लकड़ी के खाट लगे थे और 100 लोहे की खाट. अब चुनौती अगले दिन से खाट लगाने और खाट बचाने की भी रहेगी.खटिये का कॉन्सेप्ट प्रशांत किशोर लेकर आए हैं. हर जगह प्रशांत किशोर खुद मौजूद हैं और खाट सम्मेलन का इंतजाम अपने हाथों में लिए हुए हैं. ये वही प्रशांत किशोर हैं जो नरेंद्र मोदी के लिए चाय पे चर्चा और नीतीश कुमार के लिए घर-घर दस्तक कार्यक्रम कर चुके हैं. मोदी और नीतीश को सत्ता तक पहुंचाने के बाद प्रशांत किशोर अब राहुल की राजनीति चमकाने में लगे हैं. राहुल के लिए रैंप वॉक कराया लेकिन इस बार खाट ज्यादा ही चर्चा में है.इस खटिया एपिसोड से पहले राहुल बस पर नारा लिखवाकर आए थे, कर्ज माफ और बिजली हाफ. राहुल कह रहे हैं कि यूपी में सत्ता में लौटे तो किसानों का कर्ज माफ कर देंगे और बिजली बिल आधा हो जाएगा.उत्तर प्रदेश में कुल 2 करोड़ किसान हैं और हर किसान पर करीब 27 हजार 300 का कर्ज है. ऐसे में कर्ज की रकम जोड़ी जाए तो करीब 50000 करोड़ बनती है. 2009 में कांग्रेस ने पूरे देश में किसानों का कर्ज 60 हजार करोड़ कर्ज माफ किया था.किसानों का कर्ज माफ करके यूपीए दोबारा सत्ता में आ गई. लेकिन वो पूरे देश का था. इस बार सिर्फ यूपी में 50 हजार करोड़ कर्ज माफ करना होगा, अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो. ये वही कांग्रेस है जो दिल्ली में केजरीवाल की मुफ्त की राजनीति का विरोध कर चुकी है. लेकिन अब फ्री के फॉर्मूले के भरोसे ही है.राहुल गांधी ने देवरिया में अपनी खटिया खड़ी रैली की शुरुआत की है. आधी बिजली माफ आप की नीति है लेकिन कॉंग्रेस को इस अनुकरण से कोई लाभ नहीं होगा.एक दिन पहले ही अखिलेश सरकार फ्री में स्मार्ट फोन बांटने का एलान कर चुकी है. जाति की राजनीति यूपी के लिए नई नहीं है और अब कांग्रेस भी यही दांव आजमा रही है. ब्राह्मण सम्मेलन करके कांग्रेस के नेता धड़ल्ले से वादे किए जा रहे हैं जबकि राहुल गांधी तो जात-पात से ऊपर उठने की वकालत कर चुके हैं.उत्तर प्रदेश में कांग्रेस 27 सालों से सत्ता से दूर है, दिल्ली की सत्ता गए भी दो साल बीत गए हैं. इसलिए यूपी में वापसी के लिए कांग्रेस कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती. उसूल पीछे छूट चुके हैं और आवाज बदल चुकी है. प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर जिस प्रशांत किशोर को साउंड रिकॉर्डिस्ट कह चुके हैं, अब उसी की बोली बोलकर कांग्रेस कुर्सी वापस पाना चाह रही है.