टिकट फ्लाइट की और सफर टैक्सी का
लुधियाना. आप टिकट फ्लाइट की लें, लेकिन आपको कार में बैठने के लिए बोल दिया जाए तो आपको कैसा लगेगा। जाहिर है यह कड़वा अनुभव होगा। एयर इंडिया की दिल्ली लुधियाना फ्लाइट के यात्रियों के साथ आजकल ऐसा ही हो रहा है। वे टिकट तो दिल्ली से लुधियाना तक के हवाई सफर की लेते हैं, लेकिन उन्हें आधा सफर कार में तय करना पड़ रहा है।
यात्रियों को तो फ्लाइट के टिकट पर कार का सफर अखरता ही है। ये सौदा एयर इंडिया को भी महंगा पड़ रहा है। उसे रोज यात्रियों को चंडीगढ़ से साहनेवाल एयरपोर्ट तक लाने ले जाने के लिए टैक्सियां किराये पर लेनी पड़ रही हैं। बहरहाल, यह फ्लाइट एयर इंडिया के लिए भी घाटे का सौदा साबित हो रही है।
साहनेवाल एयरपोर्ट पर इन दिनों नामुमकिन हो चुकी पांच किमी. विजिबिलिटी के कारण फ्लाइट को बार बार चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर डायवर्ट करना पड़ रहा है। ऐन मौके फ्लाइट डायवर्ट होने पर यात्री भी ठगा सा महसूस करते हैं। उधर, फ्लाइट डायवर्ट होने से एयर इंडिया प्रबंधन अलग से परेशान है।
प्रबंधन को यात्रियों को चंडीगढ़ एयरपोर्ट से लाने ले जाने की व्यवस्था करनी पड़ रही है। एक टैक्सी पर साहनेवाल से चंडीगढ़ का करीब 1900 रुपये किराया लिया जाता है और तीन सवारियां भेजी जाती हैं। ऐसे में जिस दिन फ्लाइट डायवर्ट होने पर तीस सवारियां चंडीगढ़ भेजनी हों तो दस टैक्सियों पर एवरेज 19 हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। बताते हैं कि पिछले दिनों में कंपनी के चार लाख रुपये से ज्यादा तो टैक्सियों के किराये पर ही खर्च हो चुके हैं।
13 दिन में एक बार ही आई फ्लाइट
पिछले 13 दिनों में सिर्फ एक बार 29 नवंबर को ही फ्लाइट साहनेवाल एयरपोर्ट पर लैंड कर सकी है। जबकि 23 दिनों में 19 बार फ्लाइट को या तो रद्द या फिर चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर डायवर्ट करना पड़ा।