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Friday, February 18, 2011

सब्सिडी घोटालाः ...................................... किसानों की सब्सिडी हुई हजम!

चंडीगढ़. पंजाब स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड में पांच करोड़ के सब्सिडी घोटाले की जांच में सीबीआई के हाथ कई नए तथ्य लगे हैं। इनके आधार पर अब 14 किसानों की सब्सिडी के साथ-साथ करीब 180 किसानों के नाम से जारी सब्सिडी भी जांच के घेरे में आ गई है।

घोटाले में पहली बार नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के अफसर की मिलीभगत भी सामने आई है। अभी तक स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के अफसरों और दो बैंकों के प्रबंधकों के नाम ही इससे जुड़े थे। सीबीआई 180 किसानों के दस्तावेजों की गहन पड़ताल कर रही है। उधर, डीलिंग हेड जीवनलाल को प्रीमैच्योर रिटायरमेंट देने वाले अधिकारी भी शक के दायरे में हैं।

सीबीआई जांच के लपेटे में कौन-कौन से अधिकारी आ रहे हैं इसका खुलासा दो सप्ताह में हो सकता है। 4 मार्च से शुरू हो रहे पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में सब्सिडी घोटाला उछलना तय माना जा रहा है। कांग्रेस जहां इसे ठोस मुद्दा बनाएगी, वहीं भाजपा के एक विधायक भी संबंधित विभाग के मंत्री को लपेटे में ले सकते हैं।

मंत्री और अधिकारी चुप

सीबीआई जांच में सनसनीखेज खुलासों के बाद स्वास्थ्य मंत्री लक्ष्मीकांता चावला ने अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है। विभाग के आला अधिकारियों ने भी इस घोटाले पर चुप्पी साध रखी है।

पीड़ित महिला को भूली सीबीआई

स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की उस महिला कर्मी को सीबीआई भूल गई है, जिसे घोटाले का सबसे पहले पता चला था। कैग की रिपोर्ट के बाद विभाग के आला अफसरों ने न केवल उस पर दबाव बनाया, बल्कि उसका तबादला भी कर दिया। महिला कर्मी का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने कैग के अधिकारियों द्वारा मांगे गए दस्तावेज दिखा दिए थे। इस महिला ने चंडीगढ़ पुलिस में अपने एक सीनियर अफसर के खिलाफ यौन शोषण का आरोप भी लगाया था।

नोडल अफसर पर शक

सीबीआई सूत्रों के अनुसार वर्ष 2005 से 2009 तक स्टेट मेडिसिनल प्लांट बोर्ड की नोडल अफसर रही एक महिला अधिकारी और बोर्ड का चार्टेड अकाउंटेंट सीबीआई के निशाने पर हैं। जांच एजेंसी का मानना है कि चार्टेड एकाउंटेट की मिलीभगत के बिना घोटाला संभव नहीं था। नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के एडवाइजर का नाम भी घोटाले से जुड़ रहा है। इन लोगों पर सीबीआई की गाज गिरनी तय मानी जा रही है