कोर्ट ने केंद्र के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल डॉ. अनमोल रत्न सिद्धू को कहा कि लोगों की राशि लेकर कंपनियां चंपत हो रही हैं और केंद्र हाथ पर हाथ रखे बैठा है। जीरकपुर निवासी नरदीप सैनी समेत कुल तीस की याचिका में कहा गया कि दोनों कंपनियों ने वर्ष 2009 में ऑन लाइन काम शुरू किया। कंपनी के राशि दोगुनी करने के दावे पर हजारों ने इसमें निवेश किया। शुरू में तो भुगतान हुए लेकिन सितंबर 2010 में कंपनी ने भुगतान करना बंद कर दिया।
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Wednesday, November 9, 2011
लोगों का पैसा डूब रहा
कोर्ट ने केंद्र के असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल डॉ. अनमोल रत्न सिद्धू को कहा कि लोगों की राशि लेकर कंपनियां चंपत हो रही हैं और केंद्र हाथ पर हाथ रखे बैठा है। जीरकपुर निवासी नरदीप सैनी समेत कुल तीस की याचिका में कहा गया कि दोनों कंपनियों ने वर्ष 2009 में ऑन लाइन काम शुरू किया। कंपनी के राशि दोगुनी करने के दावे पर हजारों ने इसमें निवेश किया। शुरू में तो भुगतान हुए लेकिन सितंबर 2010 में कंपनी ने भुगतान करना बंद कर दिया।