Thursday, November 8, 2012

बीवी के जरिए 'बिग बॉस' से सिद्धू को बुलवाएगी भाजपा


 

बीवी के जरिए \'बिग बॉस\' से सिद्धू को बुलवाएगी भाजपा
चंडीगढ़। भाजपा हाईकमान ने अमृतसर संसदीय क्षेत्र से अपने सांसद नवजोत सिंह सिद्धू को बिग बॉस से बाहर आने का फरमान जारी कर दिया है।
 
ये खुलासा सिद्धू की बीवी व भाजपा विधायक नवजोत कौर सिद्धू ने चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान किया। उन्‍होंने कहा कि उन्‍हें पार्टी अध्‍यक्ष नितिन गडकरी का फोन आया था।
 
गडकरी ने उनसे कहा कि सिद्धू की जरूरत गुजरात चुनाव में है इसलिए वो बिग बॉस से बाहर आकर पार्टी के लिए काम करे। नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि सिद्धू एक दो दिन में बिग बॉस से बाहर आ जाएंगे।
 
इसके अलावा गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी ने भी खासतौर पर आग्रह किया है कि उन्‍हें गुजरात चुनाव में सिद्धू की बेहद जरूरत रहेगी है इसलिए वो जल्‍दी से जल्‍दी बिग बॉस से बाहर आ जाए। (देखिए, बिग बॉस के स्‍वीमिंग पूल में संपत पाल की तस्‍वीरें)
 
ये पूछे जाने पर कि पार्टी ने सिद्धू को सीधे ये फरमान जारी क्‍यों नहीं किए। इस पर नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि वो परिवार की सदस्‍य हैं, इसलिए गडकरी ने उन्‍हें निर्देश दिया कि वो मीडिया में जाकर ये मैसेज दें।
 
वो पार्टी से इजाजत लेने के बाद ही बिग बॉस में गए थे। इसके अलावा वो खुद चाहती थी कि सिद्धू बिग बॉस में शामिल हो। टीवी शोज का मामला उनकी रोजी रोटी से  जुड़ा है और सिद्धू का ये प्रोफेशन  है। वो बिग बॉस में जाने के चार ऑफर पहले ही ठुकरा चुके थे। ऐसे में बार -बार इंकार करना उनके लिए ठीक  नहीं था। ये पूछे जाने पर कि बिग बॉस में भीतर कुछ गड़बड़ तो नहीं चल रहा है। उन्‍होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। 
 
उन्‍होंने कहा कि नवजोत कौर सिद्धू ने कहा कि सिद्धू एक दो दिन में बिग बॉस से बाहर आ जाएंगे।

दिल्ली को हाल-ए-हिमाचल बताएंगे वीरभद्र

शिमला — प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वीरभद्र सिंह आलाकमान को हाल-ए-हिमाचल बताने दिल्ली गए हैं। शनिवार तक उनकी शिमला वापसी संभावित है। सूत्रों का कहना है कि शिमला में कांग्रेस नेताओं की शनिवार-रविवार तक बैठक हो सकती है, जिसमें संभावित रणनीति पर विचार होगा। वीरभद्र सिंह द्वारा दिल्ली में आलाकमान को मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य की जानकारी देने की सूचना है। चुनावों के बाद जहां भाजपा फिर से बहुमत हासिल करते हुए सत्ता में आने के दावे कर रही है। वहीं कांग्रेस भी सरकार बनाने के दावे ठोंक रही है। इसी बीच कांग्रेस में ही जिन वरिष्ठ नेताओं के लिए उन्हीं के गृह क्षेत्र में दिक्कतें खड़ी की गई थीं, वे भी शिमला लौटकर अब बेबाक बयान देने लगे हैं। परोक्ष तरीके से उन्होंने कुछ नेताओं पर जो वार करने शुरू कर दिए हैं, उससे आने वाले दिनों में कांग्रेस की अंदरूनी सियासत गरमा सकती है। वह भी ऐसे में जब उन्होंने भ्रष्टाचार को हथियार बनाकर कांग्रेस के ही भीतर भावी सीएम की कतार में खड़े नेताओं को घेरने के भी संकेत दिए हैं। कौल सिंह ने जिस तरह से अपने चुनाव क्षेत्र में एक नेता द्वारा बागियों को शह दिए जाने के आरोप लगाए हैं, उससे कांग्रेस में अंदरूनी सियासत फिर से सुलगती दिख रही है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक कई और नेता भी बागियों को शह देने के आरोपों के तहत हाइकमान को शिकायत करने की तैयारी में है। इसकी बकायदा रिपोर्ट भी तैयार की गई हैं। कांग्रेस को मौजूदा चुनावों में मंडी, कांगड़ा, शिमला, सोलन और चंबा के साथ-साथ कुल्लू व किन्नौर में भी भाजपा की ही तर्ज पर भितरघात से दो-चार होना पड़ा है। लिहाजा माना जा रहा है कि हाइकमान आने वाले दिनों में इस पूरे प्रकरण की रिपोर्ट तलब करते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी सिफारिश कर सकती है।

अखरने लगे 46 दिन


शिमला — चुनावी नतीजों की देरी पर नेता इस कद्र आहत होने लगे हैं कि उन्होंने अब चुनाव आयोग को निशाने पर ले लिया है। बुधवार को कांग्रेस की तरफ से पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने भी कहा कि गुजरात चुनाव से दस रोज पहले हिमाचल विधानसभा चुनाव करवाए जाते तो सही था। 46 दिन का लंबा इंतजार नेताओं को ही नहीं, अफसरों व आम व्यक्ति को भी अब अखरने लगा है। सरकार ने जिन योजनाओं को सिरे चढ़ाना था, वे थम सी गई हैं।  हर अनुमति के लिए चुनाव आयोग के दर दस्तक देनी पड़ रही है। हिमाचल में एक हजार करोड़ के लगभग पीएमजीएसवाई के दूसरे चरण का प्रोजेक्ट लागू किया जाना प्रस्तावित है। सूत्रों के मुताबिक इस संदर्भ में तमाम औपचारिकताएं भी पूरी हो चुकी हैं, मगर चुनाव आचार संहिता 24 दिसंबर तक लागू होने की वजह से पूरा कार्य थम चुका है। यही नहीं औद्योगिक क्षेत्र में अब न तो सिंगल विंडो की बैठक हो सकती है और न ही उन सीमेंट कारखानों को अनुमति मिल सकती है, जिनके लिए 15 नामी कंपनियां लाइन में खड़ी हैं। यह कारखाने जिला शिमला व मंडी में लगाए जाने प्रस्तावित हैं। इनके लिए उद्योग विभाग ने सर्वेक्षण भी पूरे कर रखे हैं। यही नहीं अधिकारी व कर्मचारी भी मजबूरी के आलम में राजनीतिक चर्चाएं करने के लिए विवश दिख रहे हैं। शायद ही ऐसा कोई अदारा हो, जहां भावी सरकार पर चर्चा न होती दिख रही हो। कोई भाजपा का मिशन रिपीट करवा रहा है तो कोई कांग्रेस की बढ़त के दावे कर रहा है। इतनी लंबी समय अवधि की चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण आम व्यक्ति भी आहत दिख रहा है। दूरदराज के जिन इलाकों के लोगों को हिमाचल प्रदेश सचिवालय समेत अन्य सरकारी महकमों से कार्य निपटाने आवश्यक रहते हैं, वे भी अब मजबूर दिख रहे हैं। एक आला अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि दो तीन रोज में जनहित से जुड़े कार्यों को भी निपटाने की अनुमति दी जा सकती है, ताकि आम आदमी को दिक्कतें न आएं।


हिमाचल चुनाव


ये हैं आमने-सामने

जिला कांगड़ा

विस क्षेत्र

कुल प्रत्याशी

  भाजपा

     कांग्रेस

हिलोमो

निर्दलीय/अन्य

कांगड़ा9संजय चौधरीसुरेंद्र काकू—–सात
जवाली9अर्जुन सिंहनीरज भारतीरविंद्र सिंहछह
देहरा16रविंद्र सिंह रविराजेंद्र राणादुर्गेश पाल13
जसवां-परागपुर8विक्रम ठाकुरनिखिल राजौरनवीन धीमानपांच
सुलाह8विपिन परमारजगजीवन पालदीपक नागपांच
शाहपुर7सरवीण चौधरीमेजर मनकोटियाबलबीरचार
पालमपुर9प्रवीण शर्माबृज बिहारी बुटेलदूलो रामछह
नूरपुर5रणवीर निक्काअजय महाजन—–तीन
इंदौरा7रीता धीमानकमल किशोर—-पांच
फतेहपुर8बलदेव ठाकुरसुजान सिंह—-छह
ज्वालामुखी5रमेश धवालासंजय रतन—-तीन
जयसिंहपुर8कै. आत्मा रामयादवेंद्र गोमाबच्चन सिंहपांच
नगरोटा बगवां8मंगल चौधरीजीएस बाली—-छह
धर्मशाला14किशन कपूरसुधीर शर्मा—-12
बैजनाथ8मुलख राज प्रेमीकिशोरी लालऊधो रामपांच

जिला कुल्लू

मनाली6गोबिंद ठाकुरभुवनेश गौड़वीर चंदतीन
कुल्लू सदर6राम सिंहसुंदर ठाकुरमहेश्वर सिंहतीन
बंजार5खीमी रामकर्ण सिंह—-तीन
आनी5किशोरी लालखूब रामनंद लालदो

जिला मंडी

मंडी सदर8दुर्गा दत्त ठाकुरअनिल शर्माहरीश शर्मापांच
सुंदरनगर5राकेश जम्वालसोहन लाल—-तीन
करसोग6हीरा लालमंशा रामउत्तम चंदतीन
बल्ह9इंद्र सिंह गांधीप्रकाश चौधरीनेत्र सिंहछह
सिराज4जय राम ठाकुरतारा ठाकुर—-दो
जोगिंद्रनगर7गुलाब सिंहसुरेंद्र पाल ठाकुर—-पांच
धर्मपुर8महेंद्र सिंहचंद्रशेखरअभिमन्युचार
नाचन6विनोद कुमारटेक चंद डोगराखेम राजतीन
सरकाघाट8कर्नल इंद्र सिंहरंगीला राम रावकंवर सिंहपांच
द्रंग6जवाहर ठाकुरकौल सिंह ठाकुरकपिल ठाकुरतीन

जिला सिरमौर

नाहन6राजीव बिंदलकुश परमारश्यामा शर्मातीन
पांवटा साहिब5सुखराम चौधरीस. ओंकार सिंह—–तीन
पच्छाद6सुरेश कश्यपगंगू राम मुसाफिरदेश राजतीन
शिलाई5बलदेव तोमरहर्षवर्द्धन—-तीन
श्रीरेणुकाजी4हिरदा रामविनय कुमार—-तीन

जिला शिमला

शिमला शहर4सुरेश भारद्वाजहरीश जनार्थाटिकेंद्र पंवरएक
शिमला ग्रामीण3ईश्वर रोहालवीरभद्र सिंहगौरव शर्मा—-
कुसुम्पटी4प्रेम ठाकुरअनिरुद्ध सिंहबालनाहटाएक
ठियोग4राकेश वर्माविद्या स्टोक्सराकेश सिंघाएक
रामपुर3प्रेम सिंह द्रैकनंद लालनींजू राम—-
रोहड़ू3बालक राम नेगीमदन लाल बरागटारतन जिंटा—-
चौपाल2सीमा मेहतासुभाष मंगलेट—-—-
जुब्बल-कोटखाई2नरेंद्र बरागटारोहित ठाकुर—-—-

जिला किन्नौर, लाहुल-स्पीति

किन्नौर5तेजवंत सिंहजगत सिंह नेगीचेतरामदो
लाहुल-स्पीति6रामलाल मार्कंडेयरवि ठाकुरचार

जिला हमीरपुर

हमीरपुर सदर7प्रेम कुमार धूमलनरेंद्र ठाकुर—-पांच
सुजानपुर7उर्मिल ठाकुरअनिता वर्मा—-पांच
नादौन3विजय अग्निहोत्रीसुखविंद्र सुक्खूबाबू राम
भोरंज5आईडी धीमानडा. रमेश डोगरापवन चंदेलदो
बड़सर7बलदेव शर्माइंद्र दत्त लखनपालसतीशचार

जिला चंबा

चंबा सदर8बीके चौहानपवन नैयर—-छह
भरमौर5जिया लालठाकुर सिंह भरमौरी—-तीन
भटियात6विक्रम जरियालकुलदीप पठानिया—-चार
चुराह3हंस राजसुरेंद्र भारद्वाज—-एक
डलहौजी5रेणु चड्डाआशा कुमारी—-तीन

जिला ऊना

चिंतपूर्णी6बलबीर चौधरीकुलदीप कुमाररामलोकतीन
गगरेट10सुशील कालियाराकेश कालियानरेंद्र परमारसात
हरोली5राम कुमारमुकेश अग्निहोत्रीतीन
ऊना सदर6सतपाल सत्तीसतपाल रायजादाचार
कुटलैहड़7वीरेंद्र कंवररामदास मलांगड़सुनीताचार

जिला बिलासपुर

बिलासपुर सदर7सुरेश चंदेलबंबर ठाकुरदौलत रामचार
झंडूता5रिखी रामबीरू राम किशोरकश्मीर चंददो
घुमारवीं7राजेंद्र गर्गराजेश धर्माणीकेडी धर्माणीचार
श्रीनयनादेवी6रणधीर शर्मारामलाल ठाकुरचार

जिला सोलन

अर्की11गोबिंद शर्मासंजय अवस्थी—-नौ
नालागढ़6केएल ठाकुरलखविंद्र राणाभोला रामतीन
दून7विनोद चंदेलराम कुमारदलजीत सिंहचार
सोलन सदर8शीलाधनी राम शांडिलओपी कांतपांच
कसौली7राजीव सहजलविनोद सुल्तानपुरी—-पांच

बागी उतारने वालों की रपट हाइकमान के पास



शिमला — कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने दावा किया है कि कांग्रेस बहुमत के साथ सत्ता में आएगी। शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि जिन नेताओं ने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों के खिलाफ बागी या निर्दलीय उम्मीदवार उतारे हैं, उनकी खबर पार्टी हाइकमान को पहले से ही है। चूंकि ऐसे ही नेताओं ने उन्हें टिकट देने की सिफारिश कर रखी थी। इस दौरान पार्टी महासचिव कुलदीप सिंह राठौर, शहरी कांग्रेस के महासचिव संदीप कुठियाला, पूर्व उपमहापौर शशि शेखर चिन्नू भी मौजूद थे। कौल सिंह ने कहा कि कांग्रेस यदि सत्ता में आती है तो भावी सीएम का अंतिम फैसला सोनिया गांधी परंपरा के मुताबिक लेंगी। इस मामले में किसी भी तरह की दबावी प्रक्रिया नहीं चलने वाली। उत्तराखंड की मिसाल हिमाचल के सामने है। उन्होंने कहा कि पार्टी आलाकमान भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टोलरेंस का ऐलान पहले ही कर चुकी है, जिसके तहत कई केंद्रीय मंत्रियों को अपने पद से हाथ धोना पड़ा और आरोप साबित होने पर जेल भी भेजा गया। उन्होंने प्रदेश में बड़ी रैलियां करने के लिए पार्टी आलाकमान सोनिया गांधी, महासचिव राहुल गांधी और प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का आभार व्यक्त किया। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि पार्टी का दो बार अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने पूरे प्रदेश का दौरा किया था। वह अपने चुनाव क्षेत्र को समय ही नहीं दे सके थे, लिहाजा उन्हें चुनाव के दौरान ज्यादा तवज्जो देनी पड़ी। उन्होंने कांगड़ा से चंद्रेश कुमारी को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए सोनिया गांधी व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह का आभार व्यक्त किया।

Sunday, November 4, 2012

3 बजे तक 55फीसद से ज्‍यादा मतदान,कांगड़ा में 60 के पार


शिमला।हिमाचल प्रदेश विधानसभा की 68 सीटों के लिए के लिए दोपहर 1 बजे तक 45 फीसद से ज्‍यादा वोटिंग हो चुकी  है। कांग्ड़ा के शाहपुर हलके में  ये प्रतिशत पचास को पार गया है। यहां से कांग्रेस पाटर्भ्‍ के प्रत्‍याशी मेजर विजय सिंह मनकोटिया की प्रतिष्‍ठा दांव पर है।सुबह धीमी रफ्तार से मतदान शुरू हुआ । सुबह आठ बजे से ही जाड़े के बीच मतदान केंद्रों के बाहर कतारों में वोटर पहुंच गए है। 
जिला कांगड़ा में कांग्रेस प्रत्‍याशी और पूर्व मुख्‍यमंत्री वीरभद्र सिंह के धूर विरोधी मेजर विजय सिंह मनकोटिया ने शाहपुर के रछाड़ू पोलिंग बूथ में वोट डाला। वहीं भाजपा प्रत्‍याशी किशनकपूर ने पटोला पोलिंग बूथ पर अपने मत का इस्‍तेमाल किया।      किशन कपूर और कांग्रेस प्रत्‍याशी सुधीर शर्मा एक ही समय  पर वोट डालने आए। उन्‍हें सुबह नौ बजे वोट डालने का मुहूर्त मिला था। दोनों मतदान केंद्र पर पहुंचे और दुआ सलाम तक नहीं किया।  प्रदेश के सीएम प्रेम कुमार धूमल12 बजे के करीब अपना वोट डालेंगे। पहले उन्‍हें सुबह नौ बजे वोट डालना था। लेकिन उन्‍होंने अपना प्रोग्रैम चेंज कर दिया।     

  हिमाचल लोक मोर्चा के प्रमुख महेश्वर सिंह ने डाला वोट भाजपा से अलग हुए पूर्व सांसद महेश्वर सिंह ने कुल्लू में अपने गांव में सुबह अपने मतदान का इस्‍तेमाल किया । उन्‍होंने सवा आठ बजे के करीब अपना वोट डाला। शिमला में  केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने लॉंगवुड में पोलिंग बुथ पर अपना वोट डाला।  

उधर कांग्रेस प्रत्‍याशी हरीश जनारथा ने संजौली में वोट कास्‍ट किया। ।  भाजपा प्रत्‍याशी व विधायक सुरेश भारद्वाज ने छोटा शिमला पोलिंग बूथ में अपने मत का इस्‍तेमाल किया। जबकि वामपंथी नेता व डिप्‍टी मेयर टिकेंद्र पंवर  ने  ताराहॉल पोलिंग बूथ पर अपने मतदान कर इस्‍तेमाल किया।     

जिला मंडी में सुखराम ने डाला वोट टेलीकॉम घोटाले से कभी सुर्खियों में रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम ने मंडी में  वोट डाला। उनके बेटे अनिल शर्मा ने भी वोट कॉस्‍ट कर दिया है। ये दोनों अलग अलग समय पर पोलिंग बूथ पर पहुंचे। सुखराम ने कांग्रेस के लिए वीरभ्रद सिंह के साथ कई रैलियां की थी।

 उधर धूमल सरकार में मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने धर्मपुर में अपने मत का इस्‍तेमाल किया। जबकि जयराम ने चच्‍योट और प्रदेश कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्‍यक्ष कौल सिंह ने द्रंग में वोट कॉस्‍ट किया।  मंडी में सुबह नौ बजे तक सात फीसद वोट कॉस्‍ट हुए । 11 बजे तक जिला कांगड़ा में 27 प्रतिशत से ज्‍यादा,मंडी में 28 प्रतिशत से ज्‍यादा मतदान हो चुका है। 
 हिमाचल में 7253 मतदान केंद्रों पर मतदान चल रहा है।l मतदान के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए है और सुरक्षा बलों की साठ कंपनियों को तैनात किया गया है। हिमाचल में काउंटिंग 20 दिसंबर को होनी है। 

हिमाचल विधानसभा की सभी 68 सीटों पर हो रहा है मतदान आज



शिमला : हिमाचल प्रदेश में कल 68 विधानसभा सीटों के लिए रविवार को होने वाले चुनाव को लेकर उम्मीदवारों के दिलों की धड़कनें बढ़ गई हैं। चुनाव प्रेम कुमार धूमल और वीरभद्र सिंह जैसे दिग्गजों

 के लिए अग्निपरीक्षा है जिन्होंने अपने-अपने ढंग से मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की है। कांग्रेस ने जहां अपने चुनाव प्रचार में सत्ता विरोधी लहर पैदा करने की कोशिश की, वहीं सत्तारुढ़ भाजपा ने महंगाई और भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर अपनी पूरी ताकत झोंक दी।

भाजपा और कांग्रेस सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जबकि बसपा ने 66 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। हिमाचल लोकहित पार्टी (36), तृणमूल कांग्रेस (25), सपा (16), माकपा (15), राकांपा (12), स्वाभिमान पार्टी (12), भाकपा (7) और शिवसेना चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 105 निर्दलीय भी चुनावी अखाड़े में अड़े में हैं। मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में भाजपा पंजाब की तर्ज पर हिमाचल में इतिहास लिखने की उम्मीद लगाए बैठी है। पंजाब में अकाली भाजपा गठबंधन ऐतिहासिक परिपाटी के विपरीत लगातार दूसरी बार सत्ता में आया था। काफी हद तक पंजाब की तरह ही हिमाचल में भी 1977 से कभी किसी दल की लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बनी। 4 नवम्बर का चुनाव साबित करेगा कि भाजपा इतिहास बना पाती है या फिर कांग्रेस उत्तराखंड को दोहराती है।

चुनाव मैदान में ताल ठोंकने वाले कुल 459 प्रत्याशियों में से 27 महिलाएं हैं। चुनाव के लिए 7253 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। सबसे ऊंचा मतदान केंद्र 15 हजार फुट की ऊंचाई पर लाहौल स्पीति के हिक्किम में स्थापित किया गया है। मतों की गिनती 20 दिसंबर को होगी। वर्ष 2007 में 41 सीटों पर भाजपा जीती थी जबकि कांग्रेस 23 सीटों में ही सिमट गई थी। निर्दलीय तीन सीटों पर विजयी रहे थे और बसपा सिर्फ एक सीट पर ही कब्जा करने में कामयाब हो पाई थी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही खेमों के लिए राज्य में भ्रष्टाचार एक बड़ा चुनावी मुद्दा है। कांग्रेस को कोयला, 2जी और राष्ट्रमंडल खेल जैसे घोटालों की वजह से गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है।

हालांकि, समूचे चुनाव प्रचार में भ्रष्टाचार का आरोप बड़ा मुद्दा बना रहा, लेकिन कांग्रेस ने धमूल और उनके मंत्रिमंडल सहकर्मियों पर जवाबी हमला कर इनके प्रभाव को कम करने की कोशिश की है। वीरभद्र सिंह सार्वजनिक रूप से धूमल पर यह आरोप लगा चुके हैं कि उन्होंने कीमती जमीन कम दामों पर खास लोगों को दे दी। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वीरभद्र के खिलाफ भाजपा का आक्रामक वार उस समय कुछ कुंद पड़ गया जब पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी पर भी आरोप लग गए। कल तक के परिदृश्य के अनुसार महंगाई का मुद्दा सबसे मजबूत मुद्दा बनकर उभरा है। भाजपा नेतृतव ने घरेलू गैस और डीजल के दामों में वृद्धि को कांग्रेस के खिलाफ सशक्त हथियार के रूप में इस्तेमाल किया और मतदाताओं से कहा कि ऐसे में उनके घर का खर्च कैसे चलेगा।

हिमाचल जहां रेल नेटवर्क नगण्य है, वहां डीजल अर्थव्यवस्था की जीवनरेखा है और घर पर वैकल्पिक ईंधन के अभाव में एलपीजी गैस भी काफी जरूरी है। धूमल ने कांग्रेस नीत केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी वाले सिलेंडरों की संख्या घटाए जाने पर इंडक्शन चूल्हा पेश कर 22.31 लाख महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिश की। स्थानीय कांग्रेस नेताओं को इसके चलते आखिरी क्षणों में एलपीजी के दामों में एक और वृद्धि को वापस लेने के लिए केंद्र पर दबाव बनाना पड़ा।

भाजपा के बागियों द्वारा बनाई गई हिमाचल लोकहित पार्टी ने लड़ाई को रोचक बना दिया है। 68 में से 22 सीटों पर बागी असर डाल सकते हैं। 2007 के चुनावों में भी ऐसा ही हुआ था जब 22 सीटों पर जीत का फासला ढाई हजार से कम मतों का था। 40 सीटों पर जीत का अंतराल पांच हजार से कम मतों का था। ऐसे में धूमल और वीरभद्र की शक्ति आखिरी क्षणों में प्रभावित हो सकती है।

हिमाचल में 50.01 प्रतिशत मत अगड़ी जातियों के हैं। अनुसूचित जाति 25.59, अन्य पिछड़ा वर्ग 4.32 और अल्पसंख्यकों के तीन प्रतिशत मत हैं। परंपरागत तौर पर अनुसूचित जातियों का वोट कांग्रेस के खाते में जाता रहा है। हिमाचल लोकहित पार्टी के रूप में तीसरी ताकत, बसपा, राकांपा और तृणमूल कांग्रेस की उपस्थिति भी परिणामों पर असर डालेगी। निर्दलीय भी चुनावी गणित को प्रभावित करेंगे जिन्हें 2007 में आठ प्रतिशत मत मिले थे। उस समय भाजपा को 43.78 प्रतिशत और कांग्रेस को 38.90 प्रतिशत मत मिले थे। पिछले चुनाव में बसपा ने 7.26 प्रतिशत मत हासिल किए थे। माकपा के खाते में 0.57 और भाकपा की झोली में 0.19 प्रतिशत वोट गए थे।

इस बार हिमाचल लोकहित पार्टी का हिस्सा बने वाम दल अपने प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद कर रहे हैं। दो बार मुख्यमंत्री रहे धूमल यदि जीत दोहराते हैं तो 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में उनकी ताकत बढ़ जाएगी। इस चुनाव में सबकी नजरें कांग्रेस की 84 वर्षीय विद्या स्टोक्स पर भी होंगी जो चुनाव में सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं।

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