Wednesday, July 28, 2010

लापता विदेशी पैराग्लाइडर का शव मिला...


kangra me dholadhaar पालमपुर की ऊपरी पहाड़ियों में एक पैराग्लाइडर का शव मिला है। शव मिलने की सूचना एक चरवाहे ने पुलिस को दी। पुलिस शव को लाने की तैयारी में जुट गया है। शव तक पहुंचने में दो दिन तक पैदल रास्ता तय करना होगा। इसके लिए पुलिा पर्वतारोहियों की मदद लेने पर विचार का रही है। अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि यह शव किसका है, लेकिन शव के आसपास पैराशूट और अन्य सामान मिला है।
- बीड़ से हुआ था लापता...
माना जा रहा है कि यह शव एक साल पहले लापता हुए का हो सकता है। झंझारडा (बंदला) गांव का सरन दास जानवरों सहित इन पहाड़ियों में गया था। उसने दुर्गम पहाड़ी में एक अज्ञात शव और पैराशूट देखा। पिछले साल एक अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय पैराग्लाइडिंग केंद्र बीड़ में हर वर्ष की तरह प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था।

- इस दौरान तीन विदेशी पैराग्लाइडिंग पायलट लापता हो गए थे। एक को बचा लिया गया था जबकि एक की मौत हो गई थी। तीसरे का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। ग्लैक्सी आरसोलोव की गमशुदगी की शिकायत बैजनाथ थाना में 23 अक्तूबर 2009 को दर्ज की गई थी।

- इससे पहले भी वर्ष 2000 में लापता इंग्लैंड के पैराग्लाइडर जोल किग्चन का कोई पता नहीं लग पाया था। पुलिस का कहना है कि भेड़पालक की ओर से बताए गए स्थल पर जांच दल भेजा जाएगा। इसमें पर्वतारोही दल का सहयोग लिया जाएगा। जांच दल के बुधवार सुबह तक रवाना होगा।

Tuesday, July 20, 2010

गुरु के बल से ही मिलते हैं भगवान

हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ पूर्णिमा का दिन गुरु की आराधना का है। यह अवसर गुरु-शिष्य परंपरा की महत्व को बताता है। इस वर्ष यह पुण्य अवसर २५ जुलाई को आएगा।
शास्त्र कहते हैं गुरु से मंत्र लेकर वेदाध्ययन करने वाला शिष्य ही साधना की योग्यता पाता है। गुरु हमेशा वंदनीय और पूजनीय होते हैं। व्यावहारिक जीवन में भी पाते हैं कि बिना गुरु के मार्गदर्शन या सहायता के किसी कार्य या परीक्षा में सफलता कठिन हो जाती है। किंतु गुरु मिलते ही लक्ष्य आसान हो जाता है। सफलता कदम चूमती है। इस प्रकार गुरु शक्ति का ही रुप है। वह किसी भी व्यक्ति के लिए एक अवधारणा और राह बन जाते हैं, जिस पर चलकर व्यक्ति मनोवांछित परिणाम पा लेता है। इस प्रकार बगैर गुरु बनाए कोई साधना सफल नहीं होती।
कहते हैं ईश्वर के कोप से गुरु रक्षा कर सकते हैं। पर जब गुरु रुष्ट हो जाए तो असफलता और कष्टों से ईश्वर भी रक्षा नहीं कर पाता। यही कारण है कि गुरु का महत्व भगवान से ऊपर बताया गया है। गुरु ही हमें जीवन में अच्छे-बुरे, सही-गलत, उचित-अनुचित का फर्क बताता है। जो सफल जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। गुरु ही हमें गोविन्द यानि भगवान से मिला सकता है। सद्गुरु कबीरदासजी ने इसीलिए कहा है-

गुरु गोबिन्द दोउ खड़े काके लागू पाय।
बलिहारी आपनी गोबिन्द दियो बताय

गुरुब्र्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरा:।

हिन्दू धर्म में आषाढ़ पूर्णिमा (इस वर्ष २५ जुलाई) गुरु भक्ति को समर्पित गुरु पूर्णिमा का पवित्र दिन भी है। भारतीय सनातन संस्कृति में गुरु को सर्वोपरि माना है। वास्तव में यह दिन गुरु के रुप में ज्ञान की पूजा का है। गुरु अज्ञान रुपी अंधकार से ज्ञान रुपी प्रकाश की ओर ले जाते हैं। गुरु धर्म और सत्य की राह बताते हैं। गुरु से ऐसा ज्ञान मिलता है, जो जीवन के लिए कल्याणकारी होता है।
गुरु शब्द का सरल अर्थ होता है- बड़ा, देने वाला, अपेक्षा रहित, स्वामी, प्रिय यानि गुरु वह है जो ज्ञान में बड़ा है, विद्यापति है, जो निस्वार्थ भाव से देना जानता हो, जो हमको प्यारा है। गुरु का जीवन में उतना ही महत्व है, जितना माता-पिता का। माता-पिता के कारण इस संसार में हमारा अस्तित्व होता है। किंतु जन्म के बाद एक सद्गुरु ही व्यक्ति को ज्ञान और अनुशासन का ऐसा महत्व सिखाता है, जिससे व्यक्ति अपने सद्कर्मों और सद्विचारों से जीवन के साथ-साथ मृत्यु के बाद भी अमर हो जाता है। यह अमरत्व गुरु ही दे सकता है। सद्गुरु ने ही भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम बना दिया। इसलिए गुरुपूर्णिमा को अनुशासन पर्व के रुप में भी मनाया जाता है। इस प्रकार व्यक्ति के चरित्र और व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास गुरु ही करता है। जिससे जीवन की कठिन राह को आसान हो जाती है।
जब अध्यात्म क्षेत्र की बात होती है तो बिना गुरु के ईश्वर से जुडऩा कठिन है। गुरु से दीक्षा पाकर ही आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान प्राप्त होता है।
हिन्दु धर्म ग्रंथों में गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश माना गया है।
गुरुब्र्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवो महेश्वरा:।
गुरुर्साक्षात् परब्रह्मï तस्मै: श्री गुरुवे नम:॥
सार यह है कि गुरु शिष्य के बुरे गुणों को नष्ट कर उसके चरित्र, व्यवहार और जीवन को ऐसे सद्गुणों से भर देता है। जिससे शिष्य का जीवन संसार के लिए एक आदर्श बन जाता है। ऐसे गुरु को ही साक्षात ईश्वर कहा गया है। इसलिए जीवन में गुरु का होना जरुरी है।

भगवान गणोश बुद्धि के देवता

उज्जैन. बिजनेस मैनेजमेंट हो या लाइफ मैनेजमेंट इन दोनों के सबसे बड़े गुरु हैं भगवान गणपति। गणपति का स्वरूप अपने आप में मैनेजमेंट की पूरी किताब है। अगर भगवान गणपति के चित्र को ठीक से समझा जाए तो हम पाएंगे कि उनके पूरे शरीर और अस्त्र, आभूषण में हमारे लिए लाइफ मैनेजमेंट के फंडे छुपे हैं। आइए, जानते हैं कि भगवान गणोश का स्वरूप हमें क्या सिखाता है।
- भगवान गणोश बुद्धि के देवता है, उनका सिर बड़ा है, यह संकेत करता है कि मनुष्य का अपनी सोच विस्तृत रखनी चाहिए। कभी भी मानसिकता छोटी न हो।
- उनकी आंखें भी बड़ी-बड़ी हैं, यह बताती है कि हमें समदर्शी होना चाहिए। हमारी नजर में कोई बड़ा छोटा न हो, अमीर-गरीब या मनुष्यों में किसी प्रकार का भेद न करें। सबसे प्रति समान भाव रखें।
- उनकी सूंड यानी लंबी नाक यह बताती है कि हमारी सूंघने की शंक्ति यानी दूरदर्शिता अच्छी होनी चाहिए। हम परिस्थितियों को पहले से भांप लें और उसके अनुसार तैयारी शुरू करें।
- बड़े कान बताते हैं कि हम ज्यादा सुनें, कम बोलें। ज्यादा लोगों की बातें सुनें। जिससे हमारा ज्ञान भी बढ़े और हम बेहतर निर्णय भी लें सकें।
- गणपति का बड़ा पेट कहता है कि हमारे भीतर हर तरह की बातें पचाने की क्षमता हो। कई लोग कोई भी बात अपने तक नहीं रख पाते।
- गणपति के हाथ में अंकुश है, यह बताता है कि आपका मन भी हाथी की तरह मस्त होकर इधर-उधर फिरता है, इस पर नियंत्रण होना जरूरी है।
- गणपति का वाहन चूहा है, गणपति बुद्धि के देवता हैं और यह चूहा तर्क का प्रतीक है। आपकी बुद्धि तब तक साबित नहीं हो सकती है जब तक कि आपके पास तर्क न हो। इसलिए गणपति कहते हैं तार्किक भी बनिए।
- गणपति के एक हाथ में लड्डू भी है। यह वाणी का प्रतीक है, आपकी वाणी ऐसी मीठी होनी चाहिए कि हर कोई आपके प्रति आकर्षित हो जाए।

भगवान गणोश बुद्धि के देवता

उज्जैन. बिजनेस मैनेजमेंट हो या लाइफ मैनेजमेंट इन दोनों के सबसे बड़े गुरु हैं भगवान गणपति। गणपति का स्वरूप अपने आप में मैनेजमेंट की पूरी किताब है। अगर भगवान गणपति के चित्र को ठीक से समझा जाए तो हम पाएंगे कि उनके पूरे शरीर और अस्त्र, आभूषण में हमारे लिए लाइफ मैनेजमेंट के फंडे छुपे हैं। आइए, जानते हैं कि भगवान गणोश का स्वरूप हमें क्या सिखाता है।
- भगवान गणोश बुद्धि के देवता है, उनका सिर बड़ा है, यह संकेत करता है कि मनुष्य का अपनी सोच विस्तृत रखनी चाहिए। कभी भी मानसिकता छोटी न हो।
- उनकी आंखें भी बड़ी-बड़ी हैं, यह बताती है कि हमें समदर्शी होना चाहिए। हमारी नजर में कोई बड़ा छोटा न हो, अमीर-गरीब या मनुष्यों में किसी प्रकार का भेद न करें। सबसे प्रति समान भाव रखें।
- उनकी सूंड यानी लंबी नाक यह बताती है कि हमारी सूंघने की शंक्ति यानी दूरदर्शिता अच्छी होनी चाहिए। हम परिस्थितियों को पहले से भांप लें और उसके अनुसार तैयारी शुरू करें।
- बड़े कान बताते हैं कि हम ज्यादा सुनें, कम बोलें। ज्यादा लोगों की बातें सुनें। जिससे हमारा ज्ञान भी बढ़े और हम बेहतर निर्णय भी लें सकें।
- गणपति का बड़ा पेट कहता है कि हमारे भीतर हर तरह की बातें पचाने की क्षमता हो। कई लोग कोई भी बात अपने तक नहीं रख पाते।
- गणपति के हाथ में अंकुश है, यह बताता है कि आपका मन भी हाथी की तरह मस्त होकर इधर-उधर फिरता है, इस पर नियंत्रण होना जरूरी है।
- गणपति का वाहन चूहा है, गणपति बुद्धि के देवता हैं और यह चूहा तर्क का प्रतीक है। आपकी बुद्धि तब तक साबित नहीं हो सकती है जब तक कि आपके पास तर्क न हो। इसलिए गणपति कहते हैं तार्किक भी बनिए।
- गणपति के एक हाथ में लड्डू भी है। यह वाणी का प्रतीक है, आपकी वाणी ऐसी मीठी होनी चाहिए कि हर कोई आपके प्रति आकर्षित हो जाए।

भगवान गणोश बुद्धि के देवता

उज्जैन. बिजनेस मैनेजमेंट हो या लाइफ मैनेजमेंट इन दोनों के सबसे बड़े गुरु हैं भगवान गणपति। गणपति का स्वरूप अपने आप में मैनेजमेंट की पूरी किताब है। अगर भगवान गणपति के चित्र को ठीक से समझा जाए तो हम पाएंगे कि उनके पूरे शरीर और अस्त्र, आभूषण में हमारे लिए लाइफ मैनेजमेंट के फंडे छुपे हैं। आइए, जानते हैं कि भगवान गणोश का स्वरूप हमें क्या सिखाता है।
- भगवान गणोश बुद्धि के देवता है, उनका सिर बड़ा है, यह संकेत करता है कि मनुष्य का अपनी सोच विस्तृत रखनी चाहिए। कभी भी मानसिकता छोटी न हो।
- उनकी आंखें भी बड़ी-बड़ी हैं, यह बताती है कि हमें समदर्शी होना चाहिए। हमारी नजर में कोई बड़ा छोटा न हो, अमीर-गरीब या मनुष्यों में किसी प्रकार का भेद न करें। सबसे प्रति समान भाव रखें।
- उनकी सूंड यानी लंबी नाक यह बताती है कि हमारी सूंघने की शंक्ति यानी दूरदर्शिता अच्छी होनी चाहिए। हम परिस्थितियों को पहले से भांप लें और उसके अनुसार तैयारी शुरू करें।
- बड़े कान बताते हैं कि हम ज्यादा सुनें, कम बोलें। ज्यादा लोगों की बातें सुनें। जिससे हमारा ज्ञान भी बढ़े और हम बेहतर निर्णय भी लें सकें।
- गणपति का बड़ा पेट कहता है कि हमारे भीतर हर तरह की बातें पचाने की क्षमता हो। कई लोग कोई भी बात अपने तक नहीं रख पाते।
- गणपति के हाथ में अंकुश है, यह बताता है कि आपका मन भी हाथी की तरह मस्त होकर इधर-उधर फिरता है, इस पर नियंत्रण होना जरूरी है।
- गणपति का वाहन चूहा है, गणपति बुद्धि के देवता हैं और यह चूहा तर्क का प्रतीक है। आपकी बुद्धि तब तक साबित नहीं हो सकती है जब तक कि आपके पास तर्क न हो। इसलिए गणपति कहते हैं तार्किक भी बनिए।
- गणपति के एक हाथ में लड्डू भी है। यह वाणी का प्रतीक है, आपकी वाणी ऐसी मीठी होनी चाहिए कि हर कोई आपके प्रति आकर्षित हो जाए।

भगवान गणोश बुद्धि के देवता

उज्जैन. बिजनेस मैनेजमेंट हो या लाइफ मैनेजमेंट इन दोनों के सबसे बड़े गुरु हैं भगवान गणपति। गणपति का स्वरूप अपने आप में मैनेजमेंट की पूरी किताब है। अगर भगवान गणपति के चित्र को ठीक से समझा जाए तो हम पाएंगे कि उनके पूरे शरीर और अस्त्र, आभूषण में हमारे लिए लाइफ मैनेजमेंट के फंडे छुपे हैं। आइए, जानते हैं कि भगवान गणोश का स्वरूप हमें क्या सिखाता है।
- भगवान गणोश बुद्धि के देवता है, उनका सिर बड़ा है, यह संकेत करता है कि मनुष्य का अपनी सोच विस्तृत रखनी चाहिए। कभी भी मानसिकता छोटी न हो।
- उनकी आंखें भी बड़ी-बड़ी हैं, यह बताती है कि हमें समदर्शी होना चाहिए। हमारी नजर में कोई बड़ा छोटा न हो, अमीर-गरीब या मनुष्यों में किसी प्रकार का भेद न करें। सबसे प्रति समान भाव रखें।
- उनकी सूंड यानी लंबी नाक यह बताती है कि हमारी सूंघने की शंक्ति यानी दूरदर्शिता अच्छी होनी चाहिए। हम परिस्थितियों को पहले से भांप लें और उसके अनुसार तैयारी शुरू करें।
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- गणपति का बड़ा पेट कहता है कि हमारे भीतर हर तरह की बातें पचाने की क्षमता हो। कई लोग कोई भी बात अपने तक नहीं रख पाते।
- गणपति के हाथ में अंकुश है, यह बताता है कि आपका मन भी हाथी की तरह मस्त होकर इधर-उधर फिरता है, इस पर नियंत्रण होना जरूरी है।
- गणपति का वाहन चूहा है, गणपति बुद्धि के देवता हैं और यह चूहा तर्क का प्रतीक है। आपकी बुद्धि तब तक साबित नहीं हो सकती है जब तक कि आपके पास तर्क न हो। इसलिए गणपति कहते हैं तार्किक भी बनिए।
- गणपति के एक हाथ में लड्डू भी है। यह वाणी का प्रतीक है, आपकी वाणी ऐसी मीठी होनी चाहिए कि हर कोई आपके प्रति आकर्षित हो जाए।

वास्तु का हमारे जीवन पर व्यापक असर

घर का वास्तु हमारे जीवन पर व्यापक असर डालता है। वास्तु में की गई छोटी-छोटी गलतियों के कारण कई बार गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। कुछ सामान्य वास्तु नियमों का पालन कर हम वास्तु दोष से होने वाली दुष्प्रभाव से बच सकते हैं। इसके लिए इन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है-
1- जब भी पानी पीएं, अपना मुख उत्तर-पूर्व की ओर रखें।
2- भोजन करते समय थाली दक्षिण-पूर्व की ओर रखें और पूर्वाभिमुख होकर भोजन करें।
3- सोते समय दक्षिण-पश्चिम कोण में दक्षिण की ओर सिरहाना करके सोएं।
4- पूजा करते समय मुख उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की ओर करके बैठें।
5- उन्नति के लिए लक्ष्मी, गणेश, कुबेर, स्वास्तिक, ऊं आदि मांगलिक चिह्न मुख्यद्वार के ऊपर स्थापित करें।
6- यदि ट्यूबवैल उत्तर-पूर्व में नहीं है तो अवश्य लगवाएं।
7- पूजा स्थल सदैव उत्तर-पूर्व (ईशान) कोण में रखें।

बीच शहर में चल रहा था नकली थाना और अदालत

चेन्‍नई. भारत में आजकल हर ओर नक्‍कालों की पोल खोल रही है। इस कड़ी में चेन्‍नई में जो मामला सामने आया है, वह अद्भुत है। यहां तो नक्‍काल नकली थाना और अदालत चला रहे थे! वह भी बीच शहर में!

इस थाने और अदालत की कमान नक्‍कालों के शातिर गिरोह के हाथ में थी। भोले-भाले लोग न्‍याय पाने की आस में यहां पहुंचते थे और नक्‍काल उन्‍हें शिकार बनाते थे। पीडि़तों की मदद के नाम पर यह गिरोह दूसरी पार्टी से पुलिस और कानूनी कार्रवाई की धौंस देकर रकम वसूलने का काम करता था। इस गिरोह ने सीधे-सादे लोगों को मूर्ख बनाने के लिए बाकायदा ‘पुलिस इंस्‍पेक्‍टर’ और ‘जज’ नियुक्‍त कर रखा था।
गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब इसके दो सदस्‍य पुलिस के हत्‍थे चढ़ गए। बाकी 10 ठग फरार हो गए।
चेन्‍नई पुलिस के अतिरिकत पुलिस कमिश्‍नर शकील अख्‍तर का कहना है कि लालच में आकर लोग ऐसा करते हैं, लेकिन जब भी हमारी जानकारी में ऐसा मामला आता है, हम कार्रवाई करते हैं।
पुलिस इस मामले में सफाई देने में जुटी है, वहीं नेता इस मामले को भुनाने और सत्‍तारूढ़ दल पर आरोप लगाने में जुट गए हैं। एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता ने कहा है कि एक परिवार हम सबको मूर्ख बना रहा है। दूसरी ओर, मुख्‍यमंत्री एम. करुणानिधि ने कहा है कि हम जांच के लिए कमेटी का गठन कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हाल में राज्‍य में नकली दवाइयों, नकली खाद्यान्‍न और नकली मार्कशीट घोटाला उजागर हुआ था। यही नहीं, पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्‍सों से नकली सामान बरामद होने की खबरें आ रही हैं। राजधानी दिल्‍ली और पटना में नकली कोल्‍ड ड्रिंक बनाने की फैक्‍ट्री पकड़ी गई, तो दिल्‍ली से सटे नोएडा में एक असली मसाला कंपनी में नकली माल तैयार किया जा रहा था। जयपुर में तमाम बड़े ब्रांड के कॉस्‍मैटिक सामान बरामद किए गए तो उत्‍तर प्रदेश में हजारों लीटर नकली दूध पकड़ा गया। यहां तक कि नकली एसीटॉसीन इंजेक्‍शन की भारी मात्रा भी बरामद की गई। यह इंजेक्‍शन मवेशियों को दिया जाता है, ताकि वे ज्‍यादा दूध दें। फल-सब्जियों को बड़ा करने के लिए भी इस इंजेक्‍शन का इस्‍तेमाल किया जाता है। भारत में नकली सामान का कारोबार कितना बड़ा है, इसका ठीक-ठीक अंदाज लगाना भी मुश्किल है।

...ये भी नकली
नकली मार्कशीट: हाल ही में तमिलनाडु के अन्‍ना यूनिवर्सिटी ने अधिकारियों ने कई जाली मार्कशीट पकड़े। इसके बाद चेन्‍नई पुलिस के पास नकली मार्कशीट जारी किए जाने से संबंधित शिकायतों की भरमार होने लगी। कुछ ही दिनों में ऐसी 25 शिकायतें पुलिस के पास आ गईं। तमिलनाडु में इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले के लिए जाली अंकपत्र बनवाने का धंधा खूब जोर पकड़ चुका है।

नकली उल्‍फा वाले: असम में कुछ शातिर दिमाग अपराधियों ने उल्‍फा आतंकियों के नाम पर उगाही शुरू की है। ये अपराधी उगाही के लिए चिट्ठी के साथ गोलियां भी भेजते हैं, ताकि ऐसा लगे कि नोट उल्‍फा की ओर से ही मांगे जा रहे हैं। उल्‍फा ने पहले ही पुलिस की नाक में दम कर रखा है और अब ‘नकली उल्‍फा’ वालों ने पुलिस-प्रशासन की परेशानी और बढ़ा दी है

बीच शहर में चल रहा था नकली थाना और अदालत

चेन्‍नई. भारत में आजकल हर ओर नक्‍कालों की पोल खोल रही है। इस कड़ी में चेन्‍नई में जो मामला सामने आया है, वह अद्भुत है। यहां तो नक्‍काल नकली थाना और अदालत चला रहे थे! वह भी बीच शहर में!

इस थाने और अदालत की कमान नक्‍कालों के शातिर गिरोह के हाथ में थी। भोले-भाले लोग न्‍याय पाने की आस में यहां पहुंचते थे और नक्‍काल उन्‍हें शिकार बनाते थे। पीडि़तों की मदद के नाम पर यह गिरोह दूसरी पार्टी से पुलिस और कानूनी कार्रवाई की धौंस देकर रकम वसूलने का काम करता था। इस गिरोह ने सीधे-सादे लोगों को मूर्ख बनाने के लिए बाकायदा ‘पुलिस इंस्‍पेक्‍टर’ और ‘जज’ नियुक्‍त कर रखा था।
गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब इसके दो सदस्‍य पुलिस के हत्‍थे चढ़ गए। बाकी 10 ठग फरार हो गए।
चेन्‍नई पुलिस के अतिरिकत पुलिस कमिश्‍नर शकील अख्‍तर का कहना है कि लालच में आकर लोग ऐसा करते हैं, लेकिन जब भी हमारी जानकारी में ऐसा मामला आता है, हम कार्रवाई करते हैं।
पुलिस इस मामले में सफाई देने में जुटी है, वहीं नेता इस मामले को भुनाने और सत्‍तारूढ़ दल पर आरोप लगाने में जुट गए हैं। एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता ने कहा है कि एक परिवार हम सबको मूर्ख बना रहा है। दूसरी ओर, मुख्‍यमंत्री एम. करुणानिधि ने कहा है कि हम जांच के लिए कमेटी का गठन कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हाल में राज्‍य में नकली दवाइयों, नकली खाद्यान्‍न और नकली मार्कशीट घोटाला उजागर हुआ था। यही नहीं, पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्‍सों से नकली सामान बरामद होने की खबरें आ रही हैं। राजधानी दिल्‍ली और पटना में नकली कोल्‍ड ड्रिंक बनाने की फैक्‍ट्री पकड़ी गई, तो दिल्‍ली से सटे नोएडा में एक असली मसाला कंपनी में नकली माल तैयार किया जा रहा था। जयपुर में तमाम बड़े ब्रांड के कॉस्‍मैटिक सामान बरामद किए गए तो उत्‍तर प्रदेश में हजारों लीटर नकली दूध पकड़ा गया। यहां तक कि नकली एसीटॉसीन इंजेक्‍शन की भारी मात्रा भी बरामद की गई। यह इंजेक्‍शन मवेशियों को दिया जाता है, ताकि वे ज्‍यादा दूध दें। फल-सब्जियों को बड़ा करने के लिए भी इस इंजेक्‍शन का इस्‍तेमाल किया जाता है। भारत में नकली सामान का कारोबार कितना बड़ा है, इसका ठीक-ठीक अंदाज लगाना भी मुश्किल है।

...ये भी नकली
नकली मार्कशीट: हाल ही में तमिलनाडु के अन्‍ना यूनिवर्सिटी ने अधिकारियों ने कई जाली मार्कशीट पकड़े। इसके बाद चेन्‍नई पुलिस के पास नकली मार्कशीट जारी किए जाने से संबंधित शिकायतों की भरमार होने लगी। कुछ ही दिनों में ऐसी 25 शिकायतें पुलिस के पास आ गईं। तमिलनाडु में इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले के लिए जाली अंकपत्र बनवाने का धंधा खूब जोर पकड़ चुका है।

नकली उल्‍फा वाले: असम में कुछ शातिर दिमाग अपराधियों ने उल्‍फा आतंकियों के नाम पर उगाही शुरू की है। ये अपराधी उगाही के लिए चिट्ठी के साथ गोलियां भी भेजते हैं, ताकि ऐसा लगे कि नोट उल्‍फा की ओर से ही मांगे जा रहे हैं। उल्‍फा ने पहले ही पुलिस की नाक में दम कर रखा है और अब ‘नकली उल्‍फा’ वालों ने पुलिस-प्रशासन की परेशानी और बढ़ा दी है

बीच शहर में चल रहा था नकली थाना और अदालत

चेन्‍नई. भारत में आजकल हर ओर नक्‍कालों की पोल खोल रही है। इस कड़ी में चेन्‍नई में जो मामला सामने आया है, वह अद्भुत है। यहां तो नक्‍काल नकली थाना और अदालत चला रहे थे! वह भी बीच शहर में!

इस थाने और अदालत की कमान नक्‍कालों के शातिर गिरोह के हाथ में थी। भोले-भाले लोग न्‍याय पाने की आस में यहां पहुंचते थे और नक्‍काल उन्‍हें शिकार बनाते थे। पीडि़तों की मदद के नाम पर यह गिरोह दूसरी पार्टी से पुलिस और कानूनी कार्रवाई की धौंस देकर रकम वसूलने का काम करता था। इस गिरोह ने सीधे-सादे लोगों को मूर्ख बनाने के लिए बाकायदा ‘पुलिस इंस्‍पेक्‍टर’ और ‘जज’ नियुक्‍त कर रखा था।
गिरोह का पर्दाफाश तब हुआ जब इसके दो सदस्‍य पुलिस के हत्‍थे चढ़ गए। बाकी 10 ठग फरार हो गए।
चेन्‍नई पुलिस के अतिरिकत पुलिस कमिश्‍नर शकील अख्‍तर का कहना है कि लालच में आकर लोग ऐसा करते हैं, लेकिन जब भी हमारी जानकारी में ऐसा मामला आता है, हम कार्रवाई करते हैं।
पुलिस इस मामले में सफाई देने में जुटी है, वहीं नेता इस मामले को भुनाने और सत्‍तारूढ़ दल पर आरोप लगाने में जुट गए हैं। एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता ने कहा है कि एक परिवार हम सबको मूर्ख बना रहा है। दूसरी ओर, मुख्‍यमंत्री एम. करुणानिधि ने कहा है कि हम जांच के लिए कमेटी का गठन कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
हाल में राज्‍य में नकली दवाइयों, नकली खाद्यान्‍न और नकली मार्कशीट घोटाला उजागर हुआ था। यही नहीं, पिछले कुछ दिनों में देश के कई हिस्‍सों से नकली सामान बरामद होने की खबरें आ रही हैं। राजधानी दिल्‍ली और पटना में नकली कोल्‍ड ड्रिंक बनाने की फैक्‍ट्री पकड़ी गई, तो दिल्‍ली से सटे नोएडा में एक असली मसाला कंपनी में नकली माल तैयार किया जा रहा था। जयपुर में तमाम बड़े ब्रांड के कॉस्‍मैटिक सामान बरामद किए गए तो उत्‍तर प्रदेश में हजारों लीटर नकली दूध पकड़ा गया। यहां तक कि नकली एसीटॉसीन इंजेक्‍शन की भारी मात्रा भी बरामद की गई। यह इंजेक्‍शन मवेशियों को दिया जाता है, ताकि वे ज्‍यादा दूध दें। फल-सब्जियों को बड़ा करने के लिए भी इस इंजेक्‍शन का इस्‍तेमाल किया जाता है। भारत में नकली सामान का कारोबार कितना बड़ा है, इसका ठीक-ठीक अंदाज लगाना भी मुश्किल है।

...ये भी नकली
नकली मार्कशीट: हाल ही में तमिलनाडु के अन्‍ना यूनिवर्सिटी ने अधिकारियों ने कई जाली मार्कशीट पकड़े। इसके बाद चेन्‍नई पुलिस के पास नकली मार्कशीट जारी किए जाने से संबंधित शिकायतों की भरमार होने लगी। कुछ ही दिनों में ऐसी 25 शिकायतें पुलिस के पास आ गईं। तमिलनाडु में इंजीनियरिंग कोर्स में दाखिले के लिए जाली अंकपत्र बनवाने का धंधा खूब जोर पकड़ चुका है।

नकली उल्‍फा वाले: असम में कुछ शातिर दिमाग अपराधियों ने उल्‍फा आतंकियों के नाम पर उगाही शुरू की है। ये अपराधी उगाही के लिए चिट्ठी के साथ गोलियां भी भेजते हैं, ताकि ऐसा लगे कि नोट उल्‍फा की ओर से ही मांगे जा रहे हैं। उल्‍फा ने पहले ही पुलिस की नाक में दम कर रखा है और अब ‘नकली उल्‍फा’ वालों ने पुलिस-प्रशासन की परेशानी और बढ़ा दी है

Sunday, July 4, 2010

माही की साक्षी

नई दिल्ली. शनिवार को अपनी महिला मित्र साक्षी सिंह रावत से सगाई करने वाले टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी चट मंगनी पट ब्याह करेंगे। देहरादून के विश्रांती फार्म हाउस में शाम सात बजे धोनी की शादी होगी।

धोनी अपने परिवार के संग होटल कंपीटेंस में ठहरे हुए हैं। कल माही ने भागिरथ फार्म हाउस में साक्षी के साथ एक निजी आयोजन में अंगूठी बदल कर सगाई की थी।

कप्तान की शादी में शामिल होने के लिए कई साथी खिलाड़ी रवाना हो गए हैं। सगाई में शामिल हुए आशीष नेहरा और हरभजन के साथ गेंदबाज आरपी सिंह, सुरेश रैना भी शादी में शरीक होंगे। माही के जीवन के सबसे बड़े अवसर पर बॉलीवुड अभिनेता जॉन एब्राहम भी पहुंचे हैं। बीसीसीआई प्रमुख शशांक मनोहर और सचिव एन श्रीनिवासन भी कप्तान की शादी में उपस्थित रहेंगे।





हल्दी की रस्म





धोनी की होनेवाली अर्धांगिनी की हल्दी की रस्म विश्रांति रिसोर्ट में संपन्न हुए। शादी की इस रस्म में धोनी और साक्षी के घरवाले शामिल हुए।

नौ को जाएगी टीम, 11 को कप्तान





शादी के बंधन में बंध रहे धोनी श्रीलंका दौरे के लिए टीम के रवाना होने के दो दिन बाद जाएंगे। भारतीय टीम नौ जुलाई को श्रीलंका जाएगी। शादी के कारण धोनी 11 तारीख को रवाना होंगे। भारत को श्रीलंका में तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलना है। पहला मैच 18 जुलाई से शुरु होगा।





सभी हसीनाओं की दिल की धड़कन रहे कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने साक्षी सिंह रावत से सगाई कर सबका दिल तोड़ दिया। कई बॉलीवुड बालाओं के साथ प्रेम प्रसंगों की चर्चाओं में रहने वाले माही ने चोरी छुपे प्यार की दुनिया बसा ली। धोनी की छोटी सी लव स्टोरी की दास्तान इस प्रकार रही...

साक्षी और माही स्कूल के समय से दोस्त हैं। पर इतने सालों तक दोनों को एक-दूसरे के लिए पनप रहे प्यार का एहसास नहीं हुआ। धोनी कप्तान बन गए और साक्षी ओरंगाबाद से होटल मेनेजमेंट का कोर्स करने में मशगूल हो गईं।

पर बिपाशा बसु की फिल्म रेस के साथ कैप्टन कूल और साक्षी के बीच मोहब्बत की शुरुआत हुई। बिप्स धोनी की खास दोस्त रही हैं। इसलिए उन्होंने कप्तान को रेस के महूरत पर बुलाया था। वहीं पर धोनी की नजर जब साक्षी से मिली और वो उनमें खो गए।

इसके बाद दोनों के बीच डेटिंग का सिलसिला शुरु हो गया। और नतीजा सबके सामने है। धोनी ने पूरे मीडिया की नाक के नीचे देहरादून में सगाई भी रचा ली।

Thursday, July 1, 2010

पंजाब में चरपंथियों के साथ मुठभेड़

पंजाब के सीमावर्ती गुरदासपुर इलाक़े में पुलिस और चरमपंथियों के बीच रविवार की सुबह एक मुठभेड़ में दो चरमपंथी मारे गए हैं.


इस मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं. चंडीगढ़ से वरिष्ठ पत्रकार असित जौली ने बताया है कि पुलिस को सूचना मिली थी इस इलाक़े में कुछ चरमपंथी छिपे हो सकते हैं.


सूचना मिलते ही पुलिस ने चरमपंथियों को घेर लिया.


गुरदासपुर ज़िले के रतारवन गांव के निकट यह मुठभेड़ तब हुई, जब एक दंपति ने पुलिस को सूचित किया कि शुक्रवार देर रात दो सशस्त्र व्यक्ति उनके पास आए थे और उन्होंने उनसे रास्ता पूछा था.


पुलिस महानिरीक्षक (सीमा रेंज) आईपीएस सहोता ने बताया कि मुठभेड़ में दो चरमपंथियों की मौत हुई है और उनका एक साथी घायल हुआ है और दो पुलिसकर्मी मारे गए हैं.


पुलिस ने स्थानीय लोगों से सूचना मिलने के बाद चरमपंथियों का पता लगाने के लिए शनिवार को अभियान चलाया था.


बीएसएफ़ का कहना है कि इस मुठभेड़ में उनकी कोई भूमिका नहीं है ये मुख्य रूप से पंजाब पुलिस का ऑपरेशन था.


ये मुठभेड़ जिस जगह पर हुई है वह भारत और पाकिस्तान के सीमा से भी सटा है.

जगमोहन बाड़मेर कोर्ट में पेश

जोधपुर.बाड़मेर. गत वर्ष बाड़मेर के पास मारूड़ी गांव में मिले हथियारों के जखीरे के मामले में पंजाब की पटियाला जेल में बंद बब्बर खालसा से जुड़े आंतकवादी जगमोहन को बाड़मेर के अतिरिक्त सेशन कोर्ट में गुरूवार को पूछताछ के लिए पेश किया गया। गत वर्ष बाड़मेर के मारूड़ी गांव में पुलिस ने अवैध हथियारों का एक बड़ा जखीरा पकड़ा था। इस सिलसिले में पकड़े गए तीन स्थानीय लोगों ने ये हथियार बब्बर खालसा संगठन से जुड़े आंतकवादी जगमोनसिंह को सप्लाई करना बताया था। जिस पर पटियाला पुलिस गुरूवार को इस आंतकवादी को कोर्ट में पेश करने के लिए लेकर बाड़मेर आई। इस मामले में तीन अन्य स्थानीय आरोपी जो बाड़मेर जेल में बंद हैं, उन्हें भी कोर्ट में पूछताछ के लिए पेश किया गया।

आतंकवादी को भोज करवाती रही पंजाब पुलिस

आतंकवादी को भोज करवाती रही पंजाब पुलिस






व्यस्त इलाके में होटल पर बिना हथकड़ी के आतंकी को ले गई पुलिस, पटियाला से कोर्ट में पेश करने के लिए लाए थे आतंकी को

बाड़मेर. बाड़मेर में एक आतंकी को कोर्ट में पेश करने के लिए लाए पंजाब पुलिस के जवान उसी के साथ खाना खाते और घूमते हुए दिखे। गुरुवार को बब्बर खालसा से जुड़े आतंकवादी जगमोहन की बाड़मेर कोर्ट में पेशी थी। वह बाड़मेर में हथियार तस्करी के मामले में आरोपी है। पेशी के बाद पंजाब पुलिस उसे शहर के व्यस्ततम इलाके में बिना हथकड़ी के ले गई जहां उसे एक होटल में लजीज भोजन करवाया गया और फिर वहां से पैदल ही उसे होटल से स्टेशन ले गए।

मात्र चार सिपाहियों के पहरे में बिना हथकड़ी लगाए आम जन के बीच होटल में भोजन करवाने से पंजाब पुलिस की आतंकवादी के सुरक्षा इंतजामों की पोल खुल गई। यही नहीं भोजन के बाद पंजाब पुलिस के सिपाही इस आतंकवादी को पैदल ही होटल से स्टेशन तक ले गए। यहां से उसे वापस पटियाला ले जाया गया।

गत वर्ष सितंबर माह में बाड़मेर के मारूड़ी गांव में पकड़ी गई तस्करी के हथियारों की खेप के मामले में संलिप्त आतंकवादी जगमोहन को गुरुवार को पंजाब की पटियाला जेल से प्रोटेक्शन वारंट से बाड़मेर लाया गया था। बाड़मेर एडिशन एसपी श्रीराम मीणा ने आतंकवादी को भोजन करवाने को पंजाब पुलिस के स्वविवेक का मामला बताया।

आतंकवादी को भोज करवाती रही पंजाब पुलिस

आतंकवादी को भोज करवाती रही पंजाब पुलिस






व्यस्त इलाके में होटल पर बिना हथकड़ी के आतंकी को ले गई पुलिस, पटियाला से कोर्ट में पेश करने के लिए लाए थे आतंकी को

बाड़मेर. बाड़मेर में एक आतंकी को कोर्ट में पेश करने के लिए लाए पंजाब पुलिस के जवान उसी के साथ खाना खाते और घूमते हुए दिखे। गुरुवार को बब्बर खालसा से जुड़े आतंकवादी जगमोहन की बाड़मेर कोर्ट में पेशी थी। वह बाड़मेर में हथियार तस्करी के मामले में आरोपी है। पेशी के बाद पंजाब पुलिस उसे शहर के व्यस्ततम इलाके में बिना हथकड़ी के ले गई जहां उसे एक होटल में लजीज भोजन करवाया गया और फिर वहां से पैदल ही उसे होटल से स्टेशन ले गए।

मात्र चार सिपाहियों के पहरे में बिना हथकड़ी लगाए आम जन के बीच होटल में भोजन करवाने से पंजाब पुलिस की आतंकवादी के सुरक्षा इंतजामों की पोल खुल गई। यही नहीं भोजन के बाद पंजाब पुलिस के सिपाही इस आतंकवादी को पैदल ही होटल से स्टेशन तक ले गए। यहां से उसे वापस पटियाला ले जाया गया।

गत वर्ष सितंबर माह में बाड़मेर के मारूड़ी गांव में पकड़ी गई तस्करी के हथियारों की खेप के मामले में संलिप्त आतंकवादी जगमोहन को गुरुवार को पंजाब की पटियाला जेल से प्रोटेक्शन वारंट से बाड़मेर लाया गया था। बाड़मेर एडिशन एसपी श्रीराम मीणा ने आतंकवादी को भोजन करवाने को पंजाब पुलिस के स्वविवेक का मामला बताया।

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