किस ग्रह के लिए कौन सा रत्न
ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों को बल प्रदान करने और उनका अनिष्ट फल रोकने हेतु रत्नों द्वारा ग्रहों का दुष्प्रभाव रोका जाता है। प्रत्येक ग्रहों का उनके स्वयं के रंग के अनुसार ही रत्नों का रंग होता है। रत्न धारण के बाद संबंधित ग्रह का प्रभाव जातक पर सकारात्मक पड़ता है। जिससे वह अनुकुल स्थिति महसूस करता है।सभी ग्रहों की सकारात्मक ऊर्जा प्राप्ति हेतु अलग-अलग रत्न निर्धारित किए गए हैं।ग्रह उनके रत्न, रंग और अंग्रेजी नामसूर्य का रत्न माणिक्य है जिसका रंग महरुन, लाल होता है। इसे रुबी भी कहते हैँ।चंद्र का रत्न मोती है इसका रंग सफेद है और इसे पर्ल भी कहा जाता है।मंगल का रत्न मूंगा है। मूंगा लाल और नारंगी रंग का होता है। इसे गोराल कहते हैं।बुध का रत्न पन्ना है। यह हरा होता है। इसे एमरल्ड भी कहते हैं।गुरु का रत्न पुखराज है यह पीला होता है। इसे तोपाज कहते हैं।शुक्र का रत्न हीरा है। हीरा चमकीला होता है और इसे डायमंड कहते हैं।शनि का रत्न नीलम है। यह नीला होता है। इसे सेफायर कहते हैं।राहु का रत्न गोमेद है। धुम्र रंग का होता है और इसे हेसोनाइट भी कहते हैं।केतु का रत्न सफेद-पीला लहसुनिया होता है। इसे केट्स आई भी कहते हैं।