Thursday, February 25, 2016

हाफिज सईद कुछ भारतीय पत्रकारों को टेस्ट करने के चक्कर में

अब तक भारत में अपने नापाक मंसूबों से सफल न होने से बौखलाई पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने अब अपनी रणनीति बदल ली है। अब उसका पयास है भारत के युवाओंपत्रकारों व कुछ संगठनों तक अपनी पहुंच बनाने का। अब आईएसआई सोशल मीडिया को भी हथियार बना रही है। आईएसआई अंगूठा छाप लश्कर चीफ हाफिज सईद के ट्विटर और फेसबुक एकाउंट चलाकर भारत के खिलाफ जहर उगल रही है। सूत्रों के अनुसार अब तक भारत में अपने नापाक मंसूबों में असफल होने के बाद आईएसआई अपने जेहादी पोपेगेंडा के साथ युवाओं को भड़काने और उन तक पहुंच बनाने के अलावा कुछ संगठनों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए ट्विटरफेसबुक और यू-ट्यूब जैसे एकाउंट का सहारा ले रही है। यह भी खबर है कि हाफिज सईद ने भारतीय इलैक्ट्रॉनिक चैनलों के कुछ पत्रकारों व एंकरों के बारे में भी जानकारी लेना शुरू कर दी है ताकि उन्हें एपोच कर अपने पोपेगेंडा के लिए उन्हें माध्यम बनाया जाए। इन पत्रकारों व एंकरों का बैक ग्राउंड छाना जा रहा है और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि जो मोदी सरकार के खिलाफ हैं और अक्सर मोदी और उनकी सरकार के खिलाफ मुद्दे उठाते रहते हैं। यह देखा जा रहा है कि इनमें से कौन-कौन एपोचेबल हो सकता है। आईएसआई ने आतंकी संगठन लश्कर के चीफ हाफिज सईद के एकाउंट चलाने और उस पर भारत में अस्थिरता पैदा करनेयुवाओं को भड़काने और जेहादी बातों को अपलोड करना शुरू कर दिया है। चूंकि अगूंठा छाप हाफिज सईद को अपनी भाषा के अलावा और कोई भी भाषा बोलनी-लिखनी नहीं आतीलिहाजा आईएसआई ने उसके ट्विटरफेसबुक और यू-ट्यूब जैसे एकाउंट चलाने का जिम्मा ले लिया है। सूत्रों के अनुसार भारत ने अब तक हाफिज के इस तरह के करीब दो दर्जन एकाउंट बंद कराए हैं। इसके बाद आईएसआई ने भी रणनीति बदलते हुए कमान अपने हाथ में ले ली है। सूत्रों के अनुसार कहने को हाफिज सईद का साइबर सेल हैजो भारतीय पत्रकारों का एक डाटा बैंक तैयार कर रहा है। इनमें पत्रकारों के मोबाइल नंबर-मेल और ट्विटर एकाउंट का लेखा-जोखा है। इसके अलावा कुछ छात्र संगठनों व कुछ अन्य संगठनों का भी डाटा बैंक तैयार किया जा रहा हैताकि हाफिज के नाम पर सोची समझी रणनीति के तहत अपनी बातों को इस एकाउंट पर डाला जा सके। अगर सूत्रों की मानें तो कुछ दिन पहले हाफिज सईद ने कुछ भारतीय पत्रकारों से ट्विटर के माध्यम से संपर्क भी साधा था। हाफिज के तथाकथित एकाउंट पर आ रहे संतोषजनक जवाब ने सुरक्षा एजेंसियों को चौंका दिया है। सुरक्षा एजेंसी उन भारतीय पत्रकारों से भी संपर्क करने वाली है जो ट्विटर के माध्यम से लश्कर सरगना हाफिज सईद से जुड़े हैं। आईएसआई की इस खतरनाक रणनीति पर अविलंब रोक लगाना जरूरी 

जेएनयू की बिसात पर रोटियां सेंकते सियासी दल

पिछले कई दिनों से जारी जेएनयू विवाद के लिए गुनहगार कौन-कौन हैं यह तो अब अदालतें ही तय करेंगी लेकिन सियासी दल बहरहाल इस मुद्दे को लेकर अपने सियासी फायदे नफे-नुकसान के लिए अपनी रोटियां सेंकने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। राष्ट्रभक्ति और राष्ट्रद्रोह के पाले खींचकर एक-दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। दरअसल कटु सत्य तो यह है कि जिस दिन से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने उसी दिन से एक तरफ कांग्रेस पार्टी और मुस्लिमों का एक बड़ा वर्ग उनके खिलाफ हो गया। आप पिछले दो साल देख लें शायद ही कोई ऐसा मुद्दा हो जब कांग्रेस व इस अल्पसंख्यक वर्ग ने मोदी का विरोध नहीं किया हो। जहां तक वामपंथियों का सवाल है लगभग सारी दुनिया में सिमट चुके वामदलों को भी मौके की तलाश थीजब वह अपनी खोई जमीन वापस हासिल कर सकें। इनकी मदद कर रहे हैं इलैक्ट्रॉनिक चैनल के कुछ एंकर व मैनेजमेंट। टीवी पर रोज यह किसी न किसी बहाने मोदी और उनकी सरकार को घेरने का प्रयास करते हैं। आज इलैक्ट्रॉनिक चैनल भी दो खेमों में बंट गए हैं। कुछ खुलकर विरोध कर रहे हैं तो कुछ खुलकर समर्थन। इस सियासी जंग में असल मुद्दे दब रहे हैं। जेएनयू में नौ फरवरी को क्या हुआनौ फरवरी को जेएनयू में एक सभा में पाकिस्तान जिन्दाबादकश्मीर की आजादी और भारत की बर्बादी तक जैसे नारे लगे। इस सभा में और नारेबाजी में बाहर से आए लोगों के साथ न सिर्प जेएनयू के छात्र-छात्राएं थीं बल्कि उस असैम्बली में कन्हैया कुमार भी मौजूद था। सो सभा तो हुई और उसमें राष्ट्र विरोधी नारे लगे यह तो तय है। अब सवाल उठता है कि कन्हैया ने नारे लगाए या नहींक्या उस पर देशद्रोह का केस होना चाहिए था या नहींदिल्ली पुलिस के कमिश्नर भीम सेन बस्सी ने कई बार दोहराया है कि पुलिस के पास कन्हैया के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं जो अदालत में पेश कर दिए गए हैं। वीडियो रिकार्डिंग सही है या नहीं निष्पक्ष और वैज्ञानिक जांच से ही तय हो पाएगा। इसका पता लगाने के लिए दिल्ली पुलिस भारत विरोधी नारों के टेप और कन्हैया कुमार की आवाज की फोरेंसिक जांच करा रही है। सोशल मीडिया पर वायरल अलग-अलग वीडियो में कन्हैया कुमार के राष्ट्र विरोधी नारे लगाने और नहीं लगाने के दावे किए जा रहे हैं। फोरेंसिक जांच से साफ हो पाएगा कि भारत विरोधी नारों में कन्हैया की आवाज थी या नहींदिल्ली पुलिस का दावा है कि वीडियो टेप के अलावा पुलिस के पास 17 गवाह हैं। उन्होंने पुलिस के सामने कन्हैया के खिलाफ बयान दर्ज कराए हैं। ज्यादातर ने कहा कि कन्हैया देश विरोधी नारे लगा रहा था। वह उस कार्यक्रम का हिस्सा था जिसमें देश विरोधी नारे लगे। कन्हैया ने न तो नारों को रोकने के लिए कहा और न ही सभा से हटा। 17 गवाहों में ज्यादातर जेएनयू के हैं। पर यह सियासी दल कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं करना चाहते और कन्हैया को बेकसूर साबित करने में लगे हुए हैं। हम कहते हैं कि अगर कन्हैया ने देशद्रोह नहीं किया और उन पर जबरन यह चार्ज लगाया गया है तो अदालतें हैं वह उसे राष्ट्रद्रोह से मुक्त कर देंगी। हमारी लड़ाई जेएनयू से नहीं है। जेएनयू ऐसा नहीं कि वह एक महान संस्थान नहीं पर मुट्ठीभर छात्रों की वजह से वह आज निशाने पर आ गया है। अगर आज जेएनयू गलत कारणों से सुर्खियों में है तो इसके लिए सरकारयूनिवर्सिटी प्रशासन और जेएनयू के छात्र सभी जिम्मेदार हैं। राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए जेएनयू में गिरफ्तारी भले ही पहली बार हुई होलेकिन अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में ऐसी हरकतें वहां लगातार होती रही हैं। भारत के टुकड़े करने की नारेबाजी इसकी चरम परिणति थी। यदि पहले ही ऐसी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती तो यह दिन न देखना पड़ता। 80 के दशक में जेएनयू कैम्पस में इंदिरा गांधी के खिलाफ नारेबाजी को सियासी विरोध मानकर भले भुला दिया जाएलेकिन 2000 में कारगिल में लड़ने वाले वीर जवानों के साथ जो हुआउसे कतई भुलाया नहीं जा सकता है। कारगिल युद्ध खत्म होने के बाद ही जेएनयू कैम्पस में भारत-पाकिस्तान मुशायरा का आयोजन किया गया। मुशायरे का आनंद लेने के लिए कारगिल में पाकिस्तान के साथ लड़ने वाले सेना के मेजर केके शर्मा और मेजर एलके शर्मा भी पहुंच गए। एक पाकिस्तानी शायर की भारत विरोधी शायरी का कारगिल के दोनों हीरो ने विरोध किया। इस पर जेएनयू के छात्रों ने उल्टा उन दोनों की बुरी तरह पिटाई कर दी। अधमरी हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया। उस समय यह मुद्दा संसद में भी उठा और तत्कालीन रक्षामंत्री जॉर्ज फर्नांडीस घायल मेजरों को देखने अस्पताल भी गए। लेकिन छात्र संघ और शिक्षकों के विरोध के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। सरकार ने एक जांच कमेटी भी बनाई पर इसको जेएनयू में घुसने नहीं दिया। 2010 में पूरा देश जब छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के हाथों 76 जवानों के मारे जाने का शोक मना रहा थातब जेएनयू में इसकी खुशी में पार्टी दी जा रही थी। अखबारों में इसकी खबर छपने के बावजूद तत्कालीन संप्रग सरकार ने कोई कार्रवाई की जरूरत नहीं समझी। इसके बाद जेएनयू के कुछ छात्रों के सीधे नक्सलियों के साथ संबंध भी मिले और गढ़चिरौली में जेएनयू छात्र हेम मिश्रा को गिरफ्तार भी किया गया। पुलिस की जांच से साफ हो गया है कि भारत की बर्बादी के लिए कार्यक्रम आयोजित करने की साजिश रचने वाला उमर खालिद भी हेम मिश्रा की तरह डीएसयू का सदस्य है। आज दुर्भाग्य है कि जेएनयू के कुछ छात्रों की गतिविधियों पर अंकुश लगाने की जगह कुछ सियासी दल अपनी रोटियां सेंकने में लगे हुए हैं।

शत्रु बोले, भाजपा मेरी पहली और आखिरी पार्टी

हैदराबाद। भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि "भाजपा उनकी पहली और आखिरी पार्टी" है। उन्होंने बिहार के पार्टी नेताओं द्वारा उन्हें पार्टी मामलों की आलोचना करने के कारण पार्टी छोडने की सलाह देने के लिए निशाने पर लिया। 

अभिनेता-नेता ने कहा कि उनके मन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए काफी सम्मान है। उन्होंने कहा कि यह कौन लोग कह रहे हैं, वही लोग जो बिहार (विधानसभा चुनाव) में मिली शर्मनाक हार के लिए जिम्मेदार हैं। जो खुद बाहर जाने की राह पर हैं, जो अपना चेहरा दिखाने के लायक नहीं बचे हैं। वे केवल अपनी हताशा जाहिर कर रहे हैं। सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा कि इन नेताओं को पहले अपनी साख पर ध्यान देना चाहिए।  

यूपी: अमित शाह ने प्रदेश कार्यालय का उद्घाटन किया

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) ने पूरी तरह से कार्पोरेट लुक अपना लिया है। भाजपा ने प्रदेश कार्यालय का जीर्णोद्धार कराया, जिसका गुरूवार सुबह पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने उद्घाटन किया। नए कार्यालय के उद्घाटन के बाद शाह ने कहा, "यहां का कार्यालय आधुनिक तकनीक से बना है। मैंने प्रभारी रहते हुए इस बारे में सोचा था। अब इस कार्यालय में सभी सुविधाएं मौजूद हैं।" पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि इस साल दिसंबर तक देशभर के सभी जिला मुख्यालयों पर पार्टी कार्यालय के लिए जमीन खरीद ली जाएगी। उत्तर प्रदेश में 40 जिलों में जमीन खरीद ली गई है। शाह ने कहा, "केंद्र में भाजपा की सरकार बनने का पूरा श्रेय उत्तर प्रदेश को जाता है सभी कार्यकर्ता मिलकर भाजपा की विचारधारा को आगे बढ़ाएं।" उन्होंने कहा कि हमारे सामने उत्तर प्रदेश में 2017 में सरकार बनाने की चुनौती है। भाजपा के नए कार्यालय में कुशाभाउ ठाकरे सभागार, माधव सभागार के नाम से दो ऑडीटोरियम बनाए गए हैं। कुशभाउ ठाकरे सभागार में 200 लोगों के एक बैठने की व्यवस्था है। चुनाव प्रबंधन रूम, विवेकानंद रूम, महामना लाइब्रेरी, आईटी सेल, सोशल मीडिया सेल, रिसर्च विंग भी अलग से बनाए गए हैं। इसके अलावा मीडिया कांफ्रेंस रूम को भी नया लुक दिया गया है। बाहरी नेताओं के ठहरने के लिए अलग से फाइव स्टार कमरों की व्यवस्था भी की गई है। उत्तर प्रदेश प्रदेश अध्यक्ष से लेकर हर पदाधिकारी के लिए अलग-अलग कमरों की व्यवस्था की गई है। 

6 साल के मासूम की किडनैप कर की थी हत्या, जज बोले मरते दम जेल में ही रहना

मोहाली। शहर के चर्चित महरम किडनैपिंग व मर्डर केस में एडिश्नल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज तरसेम मंगला की कोर्ट में आरोपी तेजिंदर सिंह उर्फ गंजू को ताउम्र कैद की सजा सुनाई डाली। अपना फैसला सुनाते हुए जज तरसेम मंगला ने भरी अदालत में आरोपी को कहा कि वह मरते दम तक जेल में रहे। पढ़ें क्या था पूरा मामला ...
-बता दें कि 27 अक्टूबर को फेज-9 में पार्क से छह वर्षीय महरम सिंह अगवा हो गया था। परिजनों ने पुलिस को इसकी शिकायत दी थी।
-बच्चे की मां ने बच्चे के दादा पर ही उसे किडनैप करने का शक जताया था। बच्चे की मां हरिंदर कौर ने पुलिस को दी शिकायत में बताया था कि बच्चे का पिता ऑस्ट्रेलिया में रहता है, जबकि उसके ससुर खरड़ में रहते हैं।
-उसका पति से तलाक का केस चल रहा है और वह फेज-9 में रह रही थी। महरम फेज-11 के नामी प्राइवेट स्कूल में पढ़ता था। उस दिन शाम करीब 6.15 बजे के करीब महरम पार्क में खेल रहा था।
-वहीं से वह अचानक लापता हो गया। उन्होंने महरम की काफी तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद उसने पुलिस को बच्चे के लापता की सूचना दी गई थी। थोड़े दिनों बाद महरम का शव सेक्टर 69 में कूड़ेदान के पास मिला था।
-चिकित्सीय जांच में शव की पहचान हो चुकी थी। डीएसपी नवरीत विर्क ने शव महरम का होने की पुष्टि कर दी थी। सेक्टर 69 में रखे कूड़ादान में कूड़ा डालने आए व्यक्ति ने ने मिट्टी में एक शूज़ निकला हुआ देखा।
-किसी अनहोनी की आशंका से उसने तुरंत पुलिस को फोन किया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मामले की जांच की और कुछ दिन में पाया कि फेज-9 में उनके पड़ोसी तेजिंदर सिंह उर्फ गंजू ने ही किडनैप कर मर्डर किया था। पुलिस ने गंजू को गिरफ्तार कर मामला दर्ज कर दिया था।  

200 करोड़ से होगा बरनाला शहर का कायाकल्प: राजिंदर गुप्ता

बरनाला| ---पंजाब योजना बोर्डपंजाब के वाइस चेयरमैन, शिअद महासचिव एवं ट्राइडेंट के संस्थापक पद्मश्री राजिंदर गुप्ता ने कहा कि राजनीति में आने का उनका मकसद जिला बरनाला को मोहाली, लुधियाना, पटियाला बठिंडा जैसे शहरो की कतार में खड़ा करना है। 

उन्होंने कहा कि बरनाला शहर का 200 करोड़ की लागत से कायाकल्प किया जाएगा। शहर में सरकारी कॉलेज, टैक्सटाइल हब जैसे बड़े प्रोजेक्ट लगाए जाएंगे। प्रदेश के डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल से उनकी नजदीकी का फायदा हरेक शहरवासी को मिलेगा। एक सवाल के जवाब में राजिंदर गुप्ता ने कहा कि शहर में जो बी काम अधूरे पड़े हैं उन्हें पुरा करवाया जा रहा है और जो नींव पत्थर रखे गए हैं उन पर भी काम जल्द शुरू होगा। 

जोधपुर में पतरकारो ने खबर रोकने की मांगी कीमत

जोधपुर : शिव सेना जिला प्रमुख नेमाराम पटेल ने जोधपुर में कार्यरत प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के तीन पत्रकारों पर ब्लैकमेल कर पैसे मांगने का लगाया आरोप। नेमाराम ने दैनिक भास्कर के रिपोर्टर रणबीर चौधरी, मनोज वर्मा और सहारा समय न्यूज़ चैनल के प्रदीप जोशी के खिलाफ महा मंदिर थाने में रिपोर्ट दी। इसमें कहां गया है कि उक्त व्यक्तियों ने उसकी एक वीडियो क्लिपिंग दिखाकर कहा कि यह खबर अखबार और इलेक्टॉनिक मीडिया में आ गई तो तुमारा राजनैतिक कैरियर समाप्त हो जाएगा। अगर तुम चाहते हो कि खबर रोक दी जाए तो हम यह खबर रोकने के एवज में पैसे लेंगे। फिर उन्होंने पहले 60 हजार और उसके बाद इसकी दुगनी राशि रिश्वत में मांगी। शिव सेना नेता की दी हुई इस रिपोर्ट पर महामंदिर पुलिस कर रही है जांच।
यह भी कहा जा रहा है कि दैनिक भास्कर, सहारा समय के अलावा न्यूज़ नेशन और DNA के पत्रकारों ने भी जोधपुर शिवसेना जिला प्रमुख नेमाराम पटेल से खबर दबाने के एवज में 60 हजार रूपये मांगे। मामला 15 जनवरी का है। एक शादी समारोह में शिरकत करने पहुंचे जिला प्रमुख ने अपनी एयर पिस्टल से म्यूजिक सिस्टम पर थिरकते हुए हवाई फायर किये थे। वीडियो का मामला दैनिक भास्कर के रिपोर्टर रणवीर चौधरी और मनोज वर्मा के पास कब पहुंचा, जानकारी नहीं। लेकिन 10 फ़रवरी से शिवसेना जिला प्रमुख को भास्कर एवम सहारा समय, न्यूज़ नेशन की ओर से पटेल का राजनीतिक कैरियर समाप्त करने के लिए फोन आने शुरू हुए और 11 फ़रवरी की सांय 5 बजे तक 60 हजार रूपये पहुंचाने की डेड लाइन दे दी गई।
साथ ही कहा गया कि यदि आपने हमे 60 हजार दे दिए तो 4-5 इलेक्ट्रॉनिक एवं एक प्रिंट मीडिया आपको हीरो बना देगा। ये पैसे हमें नहीं चाहिए, दैनिक भास्कर को देने हैं। हम लोग 12 फ़रवरी तक जवाब का वेट करेंगे नहीं तो देख लेना। 12 / 2 को सांय 5 बजे के बाद दैनिक भास्कर और न्यूज़ नेशन, सहारा समय, दैनिक भास्कर से पटेल के पास फोन आने शुरू हुए। पैसे न होने और डांस वीडियो में कुछ नहीं के चलते उन्होंने कॉल नहीं लिया। 13 /2 की सुबह दैनिक भास्कर ने पेज नम्बर 2 पर नेमा राम की फ़ोटो एयर पिस्टल चलाते हुए खबर छाप दी। 14 / 2 को यही खबर उसी पेज पर फिर छापी गई जो यह साबित करती है कि रिपोर्टरों की नीयत ठीक नही थी।
नेमाराम ने उसी रोज दैनिक भास्कर के चीफ रिपोर्टर मनोज वर्मा, रणवीर चौधरी एवं न्यूज़ नेशन के प्रदीप जोशी के खिलाफ महामंदिर थाने में शिकायत दी। पत्रकरों की ओर से धमकी और माफ़ी मांगने का ऑडियो वायरल हो चुका है। लेकिन पुलिस-मीडिया-माफिया ने आज तक उनकी fir दर्ज नहीं होने दी। नेमाराम ने इन दो रिपोर्टरों के साथ ही जोधपुर दैनिक भास्कर में जमे कारोबारी रिपोर्टर डी डी वैष्णव, भंवर जांगिड़, कमल वैष्णव, प्रवीण धींगरा के बढ़ते कारोबार की जांच की मांग कर भास्कर MD सुधीर अग्रवाल और विजिलेंस को प्रूफ भेजकर नौकरी से निकालने की मांग की है। 

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