Monday, August 22, 2016

निडर गोरक्षक श्री. सतीश प्रधान को बंदी बनाने की पार्श्‍वभूमि पर पुणे के गोसेवकों द्वारा व्यक्त प्रतिक्रियाएं…

हिन्दु निष्ठा के कारण लोगों ने प्रधानमंत्री को मताधिक्य / बहुमत से चुन कर दिया । मोदी ने गोरक्षकों को समाजकंटक संबोध कर उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है । गोरक्षकों पर अपराध प्रविष्ट करने के स्थान पर उनको प्राणीसुरक्षा कानून पर कार्यवाही करनी चाहिए । पुलिस द्वारा गोरक्षा का कार्य न होने से गोरक्षकों को यह कार्य करना पडता है । महाराष्ट्र में गोरक्षा के संदर्भ में ९५ प्रतिशत से अधिक प्रथमदर्शी अहवाल गोरक्षकों के हैं । पुलिस स्वयं आगे आकर अवैधानिक रूप से गोवंशियों की यातायात करनेवाली किसी गाडी को नियंत्रण में नहीं लेती । मोदी सरकार को हिन्दुओं की भावनाओं का किचार करना चाहिए । गोरक्षकों की दृष्टि से गाय जीवित भगवान है । सतीश कुमार समान गोरक्षकों को बंदी बना कर सरकार ने पागलपन किया है । सरकार को इस का मूल्य चुकाना पडेगा । हिन्दुत्व की भावना से गोरक्षक प्रधानमंत्री मोदी के साथ रहे । मोदी शासन सत्ता में आने में गोरक्षकों का बहुत बडा योगदान है । प्रधानमंत्री मोदी ने गोरक्षकों के संदर्भ में असंवेदनशील कक्तव्य करना ही नहीं चाहिए था; क्योंकि गोरक्षा करनेवाला कार्यकर्ता अपनी जान संकट में डाल कर धन अर्पण कर गोरक्षा का कार्य करता है ।

सतीश प्रधान केवल गोरक्षक नहीं, अपितु साधू भी हैं । उनसे भेंट होने का योग आया, तब मैंने उन्हें सवेरे चार बजे उठ कर गोशाला में गोमाता का ध्यान रखते देखा है । गोरक्षा हेतु वे दिन-रात कष्ट ले रहे हैं । वहां गाय को घास देने वाले लोग पंक्ति में खडे रहते थे । उनको बंदी बनाने से पंजाब के लाखों लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंची है ।

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