वसूली मामले में लद्दड़ को नोटिस
चंडीगढ़. जालंधर डिवीजन के कमिश्नर आईएएस अधिकारी सुच्च राम लद्दड़ पर मध्यस्थ बनकर प्राइवेट पार्टी से करीब डेढ़ करोड़ रुपए वसूलने के मामले में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने लद्दड़, केंद्र व पंजाब सरकार तथा नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को नोटिस जारी किया है।
जवाब 2 नवंबर तक देना होगा। वकील एचसी अरोड़ा की याचिका में आरोप है कि आईएएस लद्दड़ ने प्राइवेट पार्टी (भूमि मालिकों) व एनएचएआई के बीच विवाद के चलते पहले खुद को मध्यस्थ नियुक्त किया और फिर करीब डेढ़ करोड़ की फीस वसूल ली। राशि खजाने में जमा करवाने की बजाय अपने खाते में डलवाई। याचिका में मांग की गई है कि सारी राशि 12 फीसदी ब्याज के साथ वसूली जाए और लद्दड़ के खिलाफ आपराधिक व विभागीय कार्रवाई की जाए।
याचिका में कहा गया है कि लद्दड़ ने शर्त रखी कि दोनों पक्ष मध्यस्थ की फीस का भुगतान करने के बाद ही फैसले की मूल प्रति हासिल कर सकेंगे। ऐसा न करने पर 30 दिनों में फैसला खुद ब खुद ही खारिज माना जाएगा। इसके बाद एक अन्य शर्त डाली गई जिसमें कहा गया कि प्राइवेट पार्टी मध्यस्थ को पूरी फीस का भुगतान कर सकती है।
दबाव डालकर वसूली फीस
चीफ जस्टिस एके सीकरी व जस्टिस आरके जैन की खंडपीठ ने कहा कि याची के मुताबिक पंजाब में एक अधिकारी ऐसा भी है जो सरकारी पद पर रहते पहले तो खुद मध्यस्थ बनता है और फिर इसके बाद प्राइवेट पार्टी को मध्यस्थ की फीस के लिए मजबूर करता है। संबंधित मामले में एनएचएआई ने बताया था कि अधिकारी राज्य सरकार की अनुमति के बगैर फीस वसूली नहीं कर सकते। इसके बावजूद लद्दड़ ने फीस वसूली।
जवाब 2 नवंबर तक देना होगा। वकील एचसी अरोड़ा की याचिका में आरोप है कि आईएएस लद्दड़ ने प्राइवेट पार्टी (भूमि मालिकों) व एनएचएआई के बीच विवाद के चलते पहले खुद को मध्यस्थ नियुक्त किया और फिर करीब डेढ़ करोड़ की फीस वसूल ली। राशि खजाने में जमा करवाने की बजाय अपने खाते में डलवाई। याचिका में मांग की गई है कि सारी राशि 12 फीसदी ब्याज के साथ वसूली जाए और लद्दड़ के खिलाफ आपराधिक व विभागीय कार्रवाई की जाए।
याचिका में कहा गया है कि लद्दड़ ने शर्त रखी कि दोनों पक्ष मध्यस्थ की फीस का भुगतान करने के बाद ही फैसले की मूल प्रति हासिल कर सकेंगे। ऐसा न करने पर 30 दिनों में फैसला खुद ब खुद ही खारिज माना जाएगा। इसके बाद एक अन्य शर्त डाली गई जिसमें कहा गया कि प्राइवेट पार्टी मध्यस्थ को पूरी फीस का भुगतान कर सकती है।
दबाव डालकर वसूली फीस
चीफ जस्टिस एके सीकरी व जस्टिस आरके जैन की खंडपीठ ने कहा कि याची के मुताबिक पंजाब में एक अधिकारी ऐसा भी है जो सरकारी पद पर रहते पहले तो खुद मध्यस्थ बनता है और फिर इसके बाद प्राइवेट पार्टी को मध्यस्थ की फीस के लिए मजबूर करता है। संबंधित मामले में एनएचएआई ने बताया था कि अधिकारी राज्य सरकार की अनुमति के बगैर फीस वसूली नहीं कर सकते। इसके बावजूद लद्दड़ ने फीस वसूली।