पटना. भारतीय जनता पार्टी ने बिहार के वोटरों को रिझाने के लिए अपना विजन डॉक्युमेंट जारी कर दिया है। इसमें स्टूडेंट्स को लैपटॉप, दलित और महादलित परिवारों को टीवी, लड़कियों को स्कूटी, गरीब परिवारों के लिए हर साल धोती-साड़ी देने की बात कही गई है। पटना के मौर्या होटल में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भाजपा का मेनिफेस्टो जारी किया। इसे पार्टी ने 'बिहार विजन डॉक्युमेंट' नाम दिया है। बीजेपी के विजन डाक्युमेंट में मेक इन बिहार और डिजिटल बिहार का नारा दिया गया है। इस मौके पर जेटली ने कहा कि जंगलराज के प्रोड्यूसर-डायरेक्टर (उनका इशारा शायद लालू की तरफ था) अब भी हैं, सिर्फ हीरो (उनका इशारा शायद नीतीश की तरफ था) बदलने से कुछ नहीं बदलता।
बीजेपी के अन्य प्रमुख वादे
-शहर में खाली पड़ी जमीन पर दुकानें बनवाकर बेरोजगारों को दी जाएंगी।
-हर परिवार से एक को ई-शिक्षित किया जाएगा।
-भूमिहीनों को 5 डिसमिल ज़मीन घर बनाने के लिए दी जाएगी।
-सभी ब्लॉक में आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले जाएंगे।
-शहर में खाली पड़ी जमीन पर दुकानें बनवाकर बेरोजगारों को दी जाएंगी।
-हर परिवार से एक को ई-शिक्षित किया जाएगा।
-भूमिहीनों को 5 डिसमिल ज़मीन घर बनाने के लिए दी जाएगी।
-सभी ब्लॉक में आईटीआई और पॉलिटेक्निक कॉलेज खोले जाएंगे।
-नए जिले और ब्लॉक बनाने का वादा।
'जंगलराज के खिलाफ जीते और बाद में उन्हीं पर निर्भर हो गए'
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस मौके पर कहा कि उनकी पार्टी सरकार बनने पर बिहार में जंगलराज खत्म करेगी। जेटली ने यह भी कहा, "आज़ादी को 68 साल हो गए। पहले चार दशकों में कांग्रेस पार्टी की सरकार रही। 15 साल तक आरजेडी रही और पिछले दस वर्षों से जेडीयू की सरकार है। जेडीयू जंगलराज के खिलाफ जीती और आज उसी पर (आरजेडी) पर निर्भर हो गई। भाजपा जूनियर पार्टनर के बतौर कभी सरकार का हिस्सा रही है, लेकिन पूरे 68 वर्ष गैर भाजपा सरकारें रही हैं। इतने लंबे कार्यकाल में राज्य की पूरी तस्वीर बदली जा सकती थी। एमपी भी बीमारू राज्य था, लेकिन शिवराज जी के नेतृत्व वाली सरकार ने पूरी तस्वीर बदल दी। लेकिन यहां तो पूर्व की सरकारों ने कुछ नहीं किया। राज्यों के विकास के पैमाने पर बिहार बहुत पीछे है। बिजली, उद्योग सभी सेक्टर की स्थिति बहुत खराब है। कांग्रेस की सरकार ने भी बिहार की कोई मदद नहीं की।"
तीन टांग की दौड़ है जो जीती नहीं जा सकती
जेटली ने जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस गठबंधन में वैचारिक दृष्टि, राजनैतिक शैली और विचार में कोई समानता नहीं है। राजनैतिक स्थिरता नहीं है, इसलिए ऐसा गठबंधन देखने को मिलता है। ये तीन टांग की दौड़ है जो कभी जीती नहीं जा सकती। इस मौकापरस्ती के गठबंधन में शामिल पार्टियों में राजनीतिक स्थिरता किसी का चरित्र नहीं है।
जेटली ने जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस के गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा कि इस गठबंधन में वैचारिक दृष्टि, राजनैतिक शैली और विचार में कोई समानता नहीं है। राजनैतिक स्थिरता नहीं है, इसलिए ऐसा गठबंधन देखने को मिलता है। ये तीन टांग की दौड़ है जो कभी जीती नहीं जा सकती। इस मौकापरस्ती के गठबंधन में शामिल पार्टियों में राजनीतिक स्थिरता किसी का चरित्र नहीं है।
'बिहार की दो ताकतें-खेती और काम करने वालों की संख्या'
अरुण जेटली ने कहा, "बिहार की दो ताकतें हैं। एक तो खेती, दूसरी यहां काम करने वाले लोगों की तादाद। लेकिन मौकों की कमी के चलते लोग बाहर चले जाते हैं। इस वजह से यह ताकत बिखर जाती है। यहां पहले एग्रो बेस्ड इंडस्ट्री लगे, फिर अन्य कंपनियां आएं। यहां बिजली, पानी, रोड और हाईवे बनें, ताकि लोगों को उनका हक मिल सके।"
'कांग्रेस की ताकत खत्म, आरजेडी के पास विकास का एजेंडा नहीं'
जेटली ने कहा, "बिहार में कांग्रेस की ताकत नहीं के बराबर है और आरजेडी यह नहीं मानती कि विकास चुनाव का एजेंडा हो सकता है। ऐसे में, मैं मानता हूं कि यहां बीजेपी की सरकार बनेगी। मैं बिहार की जनता से अपील करता हूं कि यहां बीजेपी को भारी बहुमत से जिताएं।