अमृतसर। विदेश भेजने के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपए इकट्ठे कर मर्चेंट ला ओवरसीज नाम की कंपनी दफ्तर को ताला लगाकर फरार हो गई। इस कंपनी का दफ्तर कोर्ट रोड स्थित दीप काम्प्लैक्स में है, जहां पर अब ताला लगा हुआ है। कंपनी के सभी फोन नंबर भी डिसकनेक्ट कर दिए गए हैं। सोमवार को राज्य के विभिन्न जिलों से आए सौ से ज्यादा युवकों ने अपनी लिखित शिकायत पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह औलख को दी है। इन युवकों का कहना है कि इस इमीग्रेशन कंपनी ने अलग-अलग देशों में भेजने और वहां पर काम करवाने का विश्वास दिलवाया। बदले में किसी से 2 लाख रुपए तो किसी से 5 लाख रुपए लिए हैं, लेकिन किसी भी युवक को विदेश नहीं भेजा।
पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे लुधियाना निवासी जसबीर सिंह, मनप्रीत सिंह निवासी तरनतारन, भूपिंदर सिंह निवासी अजनाला रोड, अंकुश शर्मा, इकबाल सिंह निवासी इस्लामाबाद, राजदीप सिंह निवासी नाभा, सुखविंदर सिंह निवासी पठानकोट सहित 100 से ज्यादा युवकों ने बताया कि उक्त कंपनी विभिन्न अखबारों में लगातार इश्तिहार दे रही थी। इनमें लिखा होता था कि न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, कैनेडा, दुबई, यूके आदि देशों में जाने और वहां पर नौकरी करने के लिए संपर्क करें। इसके साथ ही उक्त सभी देशों में पीआर दिलवाने का भी भरोसा दिलवाया जाता था। कंपनी के दफ्तर का पता 27-28 दुकान नंबर दीप काॅम्प्लैक्स कोर्ट रोड बताया गया था। इश्तिहार पढ़कर उन लोगों ने यहां पर फोन कर संपर्क किया तो आगे से कहा गया कि दफ्तर में विजिट करें। उन लोगों ने दफ्तर में विजिट की। वहां पर तैनात स्टाफ ने उन्हें विभिन्न देशों में भेजने और पक्का काम दिलवाने का विश्वास दिलवाया। विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग फीस बताई गई। इस उनसे रुपए ले लिए। आरोपियों ने अपना बैंक अकाउंट नंबर 50200014037085 दिया। इसमें कि पैसे ट्रांसफर करवाने के लिए कहा गया। उन सभी ने इस खाते में पैसे जमा करवा दिए। उनके पासपोर्ट सारे ओरिजनल दस्तावेज भी अपने पास रख लिए। करीब दो महीने बाद भी उन्हें विदेश भेजा गया। वह फोन पर संपर्क करते तो आगे से जवाब मिलता कि फाइल भेजी हुई है। 31 अक्टूबर को वे सभी कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो पता लगा कि आरोपी यहां ताला लगाकर फरार हो गए हैं।
पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह औलख ने कहा कि मामले की जांच शुरू करवा दी है। कंपनी को कौन लोग चला रहे थे। इसका पता लगाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इमिग्रेशन कंपनी खोलने से पहले विदेश मंत्रालय से रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ती है। इसलिए वेरिफाई कर लें कि जिस कंपनी को आप पैसे देने जा रहे हैं कि वह मंत्रालय में रजिस्टर्ड हो। बिना किसी पुख्ता जांच के कोई पैसा दिया जाए। इसके अलावा इमीग्रेशन वाले अखबारों में इश्तिहार देकर लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। इसमें पुलिस की भी जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह के इश्तिहार देने वाले लोगों की प्रॉपर स्कैनिंग करवाई जाए।
पुलिस कमिश्नर दफ्तर पहुंचे लुधियाना निवासी जसबीर सिंह, मनप्रीत सिंह निवासी तरनतारन, भूपिंदर सिंह निवासी अजनाला रोड, अंकुश शर्मा, इकबाल सिंह निवासी इस्लामाबाद, राजदीप सिंह निवासी नाभा, सुखविंदर सिंह निवासी पठानकोट सहित 100 से ज्यादा युवकों ने बताया कि उक्त कंपनी विभिन्न अखबारों में लगातार इश्तिहार दे रही थी। इनमें लिखा होता था कि न्यूजीलैंड, आस्ट्रेलिया, कैनेडा, दुबई, यूके आदि देशों में जाने और वहां पर नौकरी करने के लिए संपर्क करें। इसके साथ ही उक्त सभी देशों में पीआर दिलवाने का भी भरोसा दिलवाया जाता था। कंपनी के दफ्तर का पता 27-28 दुकान नंबर दीप काॅम्प्लैक्स कोर्ट रोड बताया गया था। इश्तिहार पढ़कर उन लोगों ने यहां पर फोन कर संपर्क किया तो आगे से कहा गया कि दफ्तर में विजिट करें। उन लोगों ने दफ्तर में विजिट की। वहां पर तैनात स्टाफ ने उन्हें विभिन्न देशों में भेजने और पक्का काम दिलवाने का विश्वास दिलवाया। विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग फीस बताई गई। इस उनसे रुपए ले लिए। आरोपियों ने अपना बैंक अकाउंट नंबर 50200014037085 दिया। इसमें कि पैसे ट्रांसफर करवाने के लिए कहा गया। उन सभी ने इस खाते में पैसे जमा करवा दिए। उनके पासपोर्ट सारे ओरिजनल दस्तावेज भी अपने पास रख लिए। करीब दो महीने बाद भी उन्हें विदेश भेजा गया। वह फोन पर संपर्क करते तो आगे से जवाब मिलता कि फाइल भेजी हुई है। 31 अक्टूबर को वे सभी कंपनी के दफ्तर पहुंचे तो पता लगा कि आरोपी यहां ताला लगाकर फरार हो गए हैं।
पुलिस कमिश्नर जतिंदर सिंह औलख ने कहा कि मामले की जांच शुरू करवा दी है। कंपनी को कौन लोग चला रहे थे। इसका पता लगाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इमिग्रेशन कंपनी खोलने से पहले विदेश मंत्रालय से रजिस्ट्रेशन करवानी पड़ती है। इसलिए वेरिफाई कर लें कि जिस कंपनी को आप पैसे देने जा रहे हैं कि वह मंत्रालय में रजिस्टर्ड हो। बिना किसी पुख्ता जांच के कोई पैसा दिया जाए। इसके अलावा इमीग्रेशन वाले अखबारों में इश्तिहार देकर लोगों को अपनी ओर खींचते हैं। इसमें पुलिस की भी जिम्मेदारी बनती है कि इस तरह के इश्तिहार देने वाले लोगों की प्रॉपर स्कैनिंग करवाई जाए।