गोसेवा संघ पंजाब के महासचिव अनिल बंसल नाणा ने रविवार को बरनाला की अग्रवाल धर्मशाला में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि पंजाब में कई साबुन बनाने की फैक्ट्रियों में नहाने और कपड़े धोने के साबुन में पशु चर्बी खासकर गाय की चर्बी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
नाणा ने कहा कि पूरे प्रदेश में पिछले दो माह में 16 ट्रक पशु और चर्बी के पकड़े गए हैं, जिनमें पशु और गाय की चर्बी पाए जाने का अंदेशा है। उन्होंने कहा कि सभी के सैंपल लेकर टेस्ट के लिए भेजे जा चुके हैं और रिर्पोट आने का इंतजार है।
उन्होंने बताया कि पंजाब में कुछ साबुन फैक्ट्रियों के मालिक भी लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। नाणा ने कहा कि वैसे तो साबुन में विशेष तेल का इस्तेमाल होता है जोकि विदेश से आता है और 300 रुपए प्रति लीटर की कीमत पर उपलब्ध होता है जबकि इस तेल के प्रयोग की जगह साबुन फैक्ट्रियों के मालिक पशु चर्बी का प्रयोग कर रहे हैं। नाणा ने कहा कि जानकारी के अनुसार जो कंपनी पशु चर्बी सप्लाई कर रही है उसका पंजाब में 55 करोड़ रुपए का व्यापार है। नाणा ने कहा कि इस संबंधी सीएम प्रकाश सिंह बादल से भी बात हो चुकी है और उन्होंने 16 नवंबर को मिलने का समय दिया है। सीएम को इस गौरख धंधे बारे अवगत कराया जाएगा। लुधियाना, जालंधर, राजपुरा, बठिंडा, अमृतसर, पटियाला जैसे शहरों में 50 के करीब ऐसी बड़ी साबुन फैक्ट्रियां हैं जो पशु चर्बी का इस्तेमाल करती हैं। इस मौके पर सचिव वकील चंद गोयल, गोरक्षा दल के वाइस प्रधान मोनू गोयल, सचिव मुनीश मिंटा, विकास जिंदल, सरफराज आदि मौजूद थे।