शिर्डी के साईं बाबा पर श्री शंकराचार्या के बियान के बाद हाय तोबा मचाने वालो ने अपनी अपनी राजनितिक रोटिआ सेकनी शुरू कर दी है ! इस बात की किसी को कोई चिंता नहीं है के इससे नुकसान सनातन धरम का ही होगा !
हिस्ट्री रही है के भारत में हर दस बरस बाद एक भगवान पैदा हो जाता है ! और कथित हिन्दू लोग हाथ धो कर उसके पीछे पढ़ जाते है ! मुआफ़ी चाहता हु कथित हिन्दू लिखने के लिए क्यों के धरम तो सनातन है !
जहा तक सवाल है साईं बाबा का तो आज से ५५ बरस पहले कौन जानता था साईं बाबा को पुत्तपारती के एक शकष ने अपने आप को साईं का अवतार कहना शुरू किया था और अपनी दुकान चलाने के लिए उसने कहा के जो शिर्डी के साईं के जहा माथा टेकेगा उसके उसके ऊपर धनलक्ष्मी की आपार किरपा होगी !
जब वो बाबा खुद भगवान बन गए तो बाद में वो शिर्डी और खुद को अलग बताने लगे !
साईं को मानने वाले ये सोच कर साईं को मानाने लगे के वो बहुत जल्द धनवान बन जायेगे ! और धन मिलने के बाद वो उससे कुश हिस्सा साईं के दर पैर भी चढ़ाने लगे ! जिससे सारी ज़िन्दगी फटे हाल रहने वाला सूफी दरवेश संत के मंदिर में अरबो का चढ़ावा चढ़ने लगा !
मुझे नहीं लगता के साईं के नाम पर कोई मस्जिद होगी ! मंदिरो की गिनती हजारो में होगी ! सायद ही कोई मुस्लिम साईं को अल्लाह मानता होगा ! कहते तो कथित हिन्दू भी हैं के भग्वान इक हैं परनतु हर 10 बरस बात एक नए भगवन को मनने लाग जते हैं ! देश में आज भी हजारों लाग हैं जौ आपने अप कॉ अवतार ओर भगवान कहलाने में गर्व मेहसूस करते है !और उनको सनातन धर्म में रोकने वाला कोई नहीं है !ज्यादातर लोग किसी न किसी बडी पोलिटिकल पार्टी के साथ जुड़े हुए है !
सनातन धर्म से कितने धरम निकलें है ये सब को पता है! सदीओ से सनातन धरम को कम्जोर करने के लिए खेल खेले जा रहे है ! और सनातनी धरम गुरु ३३ करोरी को ३३ करोड़ देवता कह कर ३३ करोड़ की गिनती पूरी करने को लगे है !सबका मालिक एक सिर्फ सिर्फ सनातन हि कह्ते हैं ! कही साईं मस्जिद ,साईं चरच या साइ गुरद्वारा दिखाईं दिया है किसि को ?
अभी तो मक्का मदीना में गैर मुस्लिम के जाने पर ही सख्त पाबंदी है , वरना भक्त जनों का बस चले तो छोटे मोटे दरगाह , या मज़ार को छोड़कर परम कृपा लेने और मत्था टेकने हज्ज करने चले जाएँ .!
मै सोचता हु के इस बहस में न पड़ कर, .हमें सभी मंदिरों को, चाहे वो किसी भी देवी देवता या भगवान के हो एक संस्था या बोर्ड के अंतर्गत ला कर उसमे चढ़ने वाले चढ़ावे को मंदिरों के रख रखाव और गाओं के रख रखाव और संभाल के लिए और सनातन धर्म के लिए खरच किए जाये !
आप सभ जानते है के अब तक ज्यादातार मन्दिरोँ मे चङनि वाला धन या तो राज्य सरकार या केन्दर सरक़ार ले जाति हैं , और सब सीडी के रूप में कहा खरच होता हैं अप साब जनते हैं ,जब के दूसरे धर्मो का पैसा उनके पास ही रहता है और वो सिर्फ अपनी कम्युनिटी पेर है खर्चते हैं !
सनातन धर्म के सभी बोर्ड्स और सोसाइटीज को एक बोर्ड़ या सोसाइटीज के अनदेर लाना इत्ना आसान नहीं है ! परन्तु सिख धर्म से बहुत कुश सीखां जा सकते है !जिस दिन देश में सभी हिन्दू मंदिर एक सनातन संस्था के अंतर्गत आ गए उस दिन के बाद न कोई सनातनी गरीब रहेगा ! न ही कोई गाये कटेगी !
इस लिए मेरी से बिनती है की एस बेहेस कॉ यहि छोङ क़र देशः हीत ओर धर्म हीत में चिन्तन क़ी ज़रूरत है !