Monday, March 31, 2014

सांसद बनने के लिए प्रत्याशियों के सामने चुनौतियां, चुनाव प्रचार में झोंकी ताकत


संगरूर लोकसभा सीट पे अकाली दल बादल के उम्मीद वार सुखदेव सिंह ढींढसा आगे
 कांग्रेस का बेडा dubayegi आम आदमी की पार्टी

बहुजन समाज पार्टी lagayegi खोर कांग्रेस वोट बैंक को
अकाली दल अमृतसर करेगा नुकसान अकाली दल बादल का
सांसद बनने के लिए प्रत्याशियों के सामने चुनौतियां, चुनाव प्रचार में झोंकी ताकत

संगरूर. 9 विधानसभा हलकों में फैली संगरूर लोक सभी सीट पर चुनावी रण तेज होने लगा है। कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विजय इंदर सिंगला, अकाली-भाजपा के सुखदेव सिंह ढींढसा और आप के भगवंत मान ने अपनी पूरी ताकत चुनाव प्रचार में झोंकनी शुरू कर दी है। हालांकि अकाली दल (अ) के उम्मीदवार मास्टर करनैल सिंह नारीके, बसपा के मदन भट्टी भी अपना पूरा जोर लगा रहे हैं। सांसद बनने की उम्मीद के आगे हर उम्मीदवार के आगे चुनौतियों का पहाड़ है जिससे सभी उम्मीदवारों को चुनाव प्रचार से नापना होगा।
कांग्रेस और अकाली दल में चल रहे बयानबाजी के मुकाबले में आप ने भी अपनी सेंध लगा दी है। तीनों राजनीतिक संगठनों के उम्मीदवार मतदाता को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। संगरूर हलके में राजनीतिक पार्टियों की पकड़ की बात की जाए तो 1962 से 13 लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने चार, अकाली दल ने पांच बार जीत प्राप्त की है। दो बार वामपंथी और दो बार अकाली दल अ का कब्जा रहा है। ऐसे में साफ है कि हलके के मतदाता का झुकाव बदलता रहा है। मौजूदा समय में भी उम्मीदवारों की ओर से चुनाव का रास्ता आसान नहीं है।
सिंगला को प्रचार के लिए मजबूत कंधों की जरूरत
यदि कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार विजय इंदर सिंगला के चुनाव प्रचार की बात की जाए तो वर्तमान समय में सिंगला ने चुनाव प्रचार में अपना दिन रात एक कर रखा है परंतु सिंगला के समर्थन में अभी तक कोई बड़ा नेता चुनाव प्रचार के लिए नहीं पहुंचा है। हालांकि पार्टी में उठ रहे विरोध को सिंगला कुछ शांत करने में कामयाब हुए हैं परंतु सिंगला को लोकसभा हलके के हर विधानसभा हलके में प्रचार के लिए एक मजबूत कंधे की जरूरत है।
सत्ता की विरोध का दंश झेल रहे ढींढसा
अकाली-भाजपा के उम्मीदवार सुखदेव सिंह ढींढसा का चुनाव प्रचार भी शिखरों पर पहुंच रहा है। ढींढसा ने पंजाब के डिप्टी सीएम और शिअद के प्रधान सुखबीर बादल को अपने चुनाव प्रचार में बुलाकर अपनी चुनावी मुहिम को बल देने की कोशिश की है परंतु सरकार सत्ता की विरोध का दंश ढींढसा को झेलना पड़ सकता है। इसके लिए अकाली-भाजपा के वर्कर्स ढींढसा के पक्ष में जनसंपर्क अािभयान जोरों से कर रहे हैं।
प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों को नजरअंदाज करना मुश्किल
सबसे बाद में चुनाव प्रचार में उतरे हास्य कलाकार व आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार भगवंत मान का चुनाव प्रचार कांग्रेस और अकाली के बराबर आ खड़ा है। भगवंत मान दोनों मुख्य पार्टियों को टक्कर देने के लिए पूरे तैयार हैं। भगवंत मान की चुनावी सभा को लोगों का समर्थन मिल रहा है परंतु मान के लिए अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों की प्राप्तियों को नजरअंदाज कर लोगों से अपने लिए वोट मांगने का रास्ता आसान नहीं है।

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