Thursday, February 26, 2015

दिल्ली: चुनाव से पहले ही AAP की मदद कर रहे थे बीजेपी के कई नेता

नई दिल्ली. दिल्ली विधानसभा चुनाव में तीन सीटों पर सिमटी भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश ईकाई के नेताओं में जल्द आम आदमी पार्टी (आप) में शामिल होने की होड़ लग सकती है। खबर है कि भाजपा के कुछ बड़े नेता भी 'आप' में जाने की जुगत लगाने में जुट गए हैं। यही नहीं, चुनाव से पहले 'आप' से टूटकर बीजेपी में आए नेता भी वापसी का रास्ता खोज रहे हैं। 'आप' नेता योगेंद्र यादव, कुमार विश्वास और संजय सिंह समेत पार्टी के कई वरिष्ठों से भाजपा नेताओं ने संपर्क साधा है। भाजपा के आधिकारिक सूत्रों की मानें तो पार्टी को बड़ी संख्या में पार्षदों के आप नेताओं से संपर्क करने की जानकारी मिली है। बीजेपी प्रदेश ईकाई के एक नेता के मुताबकि पार्टी को यह भी पता चला है कि कुछ नेता 'आप' के नेताओं को पार्टी की अंदरूनी जानकारी चुनाव के पहले से दे रहे हैं, जिसके चलते आप का हर दांव सटीक बैठ रहा था। जबकि भाजपा चुनाव में बुरी तरह हारी। दिल्ली के नगर निगम चुनाव में मजबूती से खुद को उतारने के लिए आप भी इन नेताओं को मौका देने का मन बना रही है।भाजपा के आधिकारिक सूत्रों की माने तो दिल्ली के तीन नगर निगमों के कामकाज को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार के सख्त तेवरों को देखते हुए पार्टी के कई पार्षद आप नेताओं के साथ संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार ऐसे निगम पार्षदों की सूची बन रही है, जो आप से संपर्क साध रहे हैं। पार्टी को यह भी आशंका सता रही है कि बड़ी संख्या में पार्षद दोबारा टिकट न मिलने के कारण चुनाव से पहले ही भाजपा छोड़ सकते हैं। अगले निगम चुनाव दो साल बाद होने हैं पर भाजपा को पार्टी में टूट-फूट की आशंका अभी से सता रही है।हाल ही क्षेत्रीय और प्रदेश स्तर के दो दर्जन से भी ज्यादा नेताओं को बीजेपी प्रदेश नेतृत्व की ओर से तलब किया गया था। भाजपा किसी भी सूरत में दिल्ली नगर निगम से बेदखल नहीं होना चाहती। नगर निगम चुनाव में सत्ता खोने का मतलब दिल्ली की राजनीति से भाजपा का पूरी तरह से बेदखल होना होगा। इसी के मद्देनजर केंद्रीय नेतृत्व की ओर से प्रदेश के नेताओं को पार्टी को बिखरने से रोकने और हर स्तर के नेताओं को टूटने से रोकने का निर्देश दिया गया है।भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबकि आप के विजयी 67 विधायकों में लगभग 20 का भाजपा या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से पुराना नाता रहा है। दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष बने रामनिवास गोयल 1993 में भाजपा की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे। गोयल शाहदरा भाजपा के अध्यक्ष भी रहे हैं। गोकलपुर से विधायक बने फतेह सिंह भी 1993 में भाजपा के निशाने पर विधानसभा में पहुंचे थे। फतेह सिंह विधानसभा के उपाध्यक्ष रहे हैं। भावना गौड़, नरेश बालयान, विशेष रवि, कपिल मिश्रा का भाजपा और संघ से जुड़ाव रहा है। आप की प्रथम कड़ी के नेता योगेंद्र यादव, कुमार विश्वास और संजय सिंह के अलावा भाजपा नेताओं ने अपने पूर्व साथियों से भी मौका दिलाने की गुहार लगाई है। हालांकि इनके अलावा कई अन्य विधायाकों का भी भाजपा और संघ से जुड़ाव रहा है, जिनसे भी संपर्क साधा गया है।भाजपा की दिल्ली ईकाई में यह चर्चा आम होने के बाद से चुनावी दौर में कांग्रेस से पार्टी में शामिल हुए नेता भी बगलें झांकने लगे हैं। अब वह भी आप व अन्य पार्टियों में शामिल होने का मौका ढूंढ रहे हैं। इनमें से एक बदरपुर से विधायक रहे रामवीर सिंह विधूड़ी की भी हार के बाद फिर से पार्टी छोड़ने की चर्चा है।वहीं आप सूत्रों के मुताबकि भाजपा के उन नेताओं ने भी पार्टी में शामिल होने के लिए संपर्क साधा है, जो अपनी ही पार्टी के नेताओं की जानकारी दे रहे हैं। हालांकि आप का शीर्ष नेतृत्व इन नेताओं को अपने पाले में लेने का इच्छुक नहीं है, क्योंकि पार्टी का मानना है कि जो भाजपा नेताओं की जानकारी बाहर कर सकता है, वह आप नेताओं की जानकारी दूसरी पार्टी को भी दे सकता है। बताया जा रहा है कि 'आप' ऐसे अवसरवादी नेताओं से दूर रहना चाहती है।

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