इस्लामाबाद : मानवाधिकार समूहों के विरोध के बीच चार बार मृत्युदंड टलने के बाद पाकिस्तानने मंगलवार को एक ‘किशोर हत्यारे’ को फांसी दे दी। इन समूहों का कहना था कि 2004 में अपराध के वक्त वह नाबालिग था।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के निवासी हुसैन को कराची में सात वर्षीय एक लड़के को अगवा करने और उसकी हत्या करने के जुर्म में गिरफ्तार किया गया और 2004 में दोषी ठहराया गया। उसकी सभी अपीलें खारिज कर दी गई थी।
पहले 14 जनवरी को उसे फांसी दी जानी थी लेकिन उसकी उम्र को लेकर विवाद बढ़ने के बाद फांसी टाल दी गई।
विभिन्न स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का कहना था कि उसे 14 साल की उम्र में दोषी ठहराया गया और यह किशोर कानूनों का उल्लंघन है।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों को दरकिनार कर उसपर मुकदमा चलाया गया और पाकिस्तान से उम्र समेत उन दावों की जांच कराने को कहा, जिसमें कहा गया था कि उसने यातना के कारण अपराध स्वीकारा।