जानकारी के अनुसार अंदरून गेट हकीमा निवासी विजय कुमार ने पुलिस को बताया कि वह इलाके में डिपो चलाते हैं। वह डिपो पर लोगों को किरोसिन का तेल व अन्य सामान बांट रहे थे। इसी दौरान वहां पर चार युवक आए और कैमरे के साथ रिकार्डिग करने लगे। पूछने पर युवकों ने खुद को एक टीवी चैनल का पत्रकार बताया। इन पत्रकारों ने कहा कि उनका स्टिंग आपरेशन किया गया है। अगर वह स्टिंग आपरेशन को टीवी पर चलने से रोकना चाहते हैं तो उन्हें पचास हजार रुपये दें। वह घबरा गए और पच्चीस हजार रुपये दे दिए। इसके बाद उन्होंने अपने साथियों को इसके बारे में बताया। देखते ही देखते इलाका निवासी एकत्रित हो गए। लोगों ने पत्रकारों को घेर लिया। इसके बाद पुलिस को सूचित किया गया। एसीपी सेंट्रल नवीन सिंगला और एसएचओ गेट हकीमा सुशील कुमार मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मौके से बिक्रम सिंह, धर्मवीर सिंह निवासी गली मंदिर वाली बटाला रोड, अमनदीप सिंह निवासी गांव माहल और सम्मी निवासी गली गिलवाली गेट को काबू कर लिया। आरोपियों से एक इंडिका कार, कैमरा, टीवी चैनल का माइक, आई कार्ड, मोबाइल फोन और डिपो होल्डर से लिए गए पच्चीस हजार रुपये बरामद किए गए। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ थाना गेट हकीमा में विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है।
पूछताछ के दौरान सामने आया कि आरोपी खुद को जिला फूड सप्लाई विभाग द्वारा बनाई गई स्पेशल टीम के सदस्य बता कर डिपो होल्डरों को ब्लैकमेल करते थे। पुलिस ने जब इस संबंध में जिला फूड सप्लाई अधिकारी आरके सिंगला से बात की तो उन्होंने कहा कि इस तरह की कोई भी टीम नहीं बनाई गई है। यह बात भी सामने आई कि आरोपियों ने कुछ दिन पहले थाना गेट हकीमा के निकट अमन एवेन्यू के डिपो होल्डर से भी इसी तरह हजारों रुपये की राशि ऐंठी थी। बंगला बस्ती के डिपो होल्डर सन्नी को इसी तरह ब्लैकमेल करके आरोपी रुपये मांग रहे थे। आरोपियों की कार में से डिपो होल्डर सन्नी को भी पुलिस ने हिरासत में लिया था। सन्नी ने पुलिस को बताया कि उससे रुपये का प्रबंध नहीं हो पाया था, इसलिए वह आरोपियों से कुछ मोहलत मांगने के लिए आया था। पूछताछ के बाद उसे रिहा कर दिया गया। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। हालांकि पत्रकारिता के नाम पर ब्लैकमेलिंग करते पकड़े जाने पर पत्रकार जगत में हड़कम्प मचा हुआ है।