नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में चौथे चरण के मतदान (19 फरवरी) के लिए आज प्रचार का आखिरी दिन है। लेकिन भाजपा के लिए बुरे संकेत आ रहे हैं। पार्टी के नेता और संघ की ओर से आ रही टिप्पणियां भाजपा की हताशा-निराशा बढ़ाने वाली हैं। जहां पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने साफ कह दिया है कि उत्तर प्रदेश में सपा सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरेगी, वहीं संघ के नेता का कहना है कि भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाए तो ही अच्छा।
उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए उमा भारती सहित भाजपा के तमाम नेता दिन रात एक कर रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर का कहना है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी नंबर एक पर रहेगी। राज्य में चुनाव प्रचार कर लौटे गौर ने दैनिक भास्कर से कहा कि भाजपा 80 से 90 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रहेगी। भाजपा में वापसी के बाद पार्टी ने उमा को चरखारी से उम्मीदवार बनाकर मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उत्तर प्रदेश में लगातार चुनावी दौरे कर रहे हैं। उनका भी दावा है कि उप्र में भाजपा सरकार बनाएगी। लेकिन गौर के बयान ने अलग ही माहौल बना दिया है।
गौर ने बताया कि भाजपा की सीटों में तीस से लेकर चालीस तक का इजाफा होने के आसार हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत के प्रचारक कहते हैं, 'उमा का उत्तर प्रदेश लाया जाना भाजपा के दिग्गजों को संघ का संदेश है। अब दिग्गजों के इलाकों में सीटों की घट-बढ़ के आंकड़ों का इंतजार है, जो बेहतर हों तो अच्छा है। बदतर हों तो और भी अच्छा!'
उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के मुद्दे के बूते भाजपा ने सरकारें बनाईं और धीरे-धीरे 50 सीटों पर जा सिमटी। मंदिर का मुद्दा मूल रूप से संघ का है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है, 'सीटें बढ़ें तो अच्छा है। बिल्कुल ही साफ हो जाएं तो बहुत ही अच्छा।' संघ का मानना है कि पार्टी से ज्यादा परिजनों को बढ़ाने में लगे रहे नेताओं के कारण ही दुर्गति हुई। लालजी टंडन ने लखनऊ से बेटे गोपाल को टिकट दिलाया। पूर्व अध्यक्ष रमापतिराम त्रिपाठी और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने भी बेटों को आगे किया।
19 फरवरी को राज्य के 11 जिलों की 56 सीटों पर मतदान होगा। उसी दिन भाजपा नेता कलराज मिश्रा की राजनीतिक किस्मत का भी फैसला होगा, जो पूर्वी लखनऊ से उम्मीदवार हैं। ऐसे में भाजपा नेता और संघ की टिप्पणी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।
उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए उमा भारती सहित भाजपा के तमाम नेता दिन रात एक कर रहे हैं। लेकिन मध्य प्रदेश सरकार में नगरीय प्रशासन मंत्री बाबूलाल गौर का कहना है कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी नंबर एक पर रहेगी। राज्य में चुनाव प्रचार कर लौटे गौर ने दैनिक भास्कर से कहा कि भाजपा 80 से 90 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर रहेगी। भाजपा में वापसी के बाद पार्टी ने उमा को चरखारी से उम्मीदवार बनाकर मुख्यमंत्री पद का दावेदार घोषित किया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उत्तर प्रदेश में लगातार चुनावी दौरे कर रहे हैं। उनका भी दावा है कि उप्र में भाजपा सरकार बनाएगी। लेकिन गौर के बयान ने अलग ही माहौल बना दिया है।
गौर ने बताया कि भाजपा की सीटों में तीस से लेकर चालीस तक का इजाफा होने के आसार हैं। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के काशी प्रांत के प्रचारक कहते हैं, 'उमा का उत्तर प्रदेश लाया जाना भाजपा के दिग्गजों को संघ का संदेश है। अब दिग्गजों के इलाकों में सीटों की घट-बढ़ के आंकड़ों का इंतजार है, जो बेहतर हों तो अच्छा है। बदतर हों तो और भी अच्छा!'
उत्तर प्रदेश में राम मंदिर के मुद्दे के बूते भाजपा ने सरकारें बनाईं और धीरे-धीरे 50 सीटों पर जा सिमटी। मंदिर का मुद्दा मूल रूप से संघ का है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का कहना है, 'सीटें बढ़ें तो अच्छा है। बिल्कुल ही साफ हो जाएं तो बहुत ही अच्छा।' संघ का मानना है कि पार्टी से ज्यादा परिजनों को बढ़ाने में लगे रहे नेताओं के कारण ही दुर्गति हुई। लालजी टंडन ने लखनऊ से बेटे गोपाल को टिकट दिलाया। पूर्व अध्यक्ष रमापतिराम त्रिपाठी और पूर्व मंत्री ओमप्रकाश सिंह ने भी बेटों को आगे किया।
19 फरवरी को राज्य के 11 जिलों की 56 सीटों पर मतदान होगा। उसी दिन भाजपा नेता कलराज मिश्रा की राजनीतिक किस्मत का भी फैसला होगा, जो पूर्वी लखनऊ से उम्मीदवार हैं। ऐसे में भाजपा नेता और संघ की टिप्पणी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।