Wednesday, March 7, 2012

SET TO BE 5TH TIME CM OF PUNJAB BADAL LONGEST POLITICAL PRISONER IN THE WORLD AFTER NELSON MANDELA


    badal
After Mandela, Badal. Did you know that Parkash Singh Badal, who could be Punjab chief minister for the fifth time, is the longest political prisoner in the world after South African anti-apartheid leader Nelson Mandela?
Born Dec 8, 1927, Badal spent nearly 17 years of his life in jails as a political prisoner - he was booked for a civil liberty agitation, sent to jail during Emergency (1975-77) and put in prison during the Dharam Yudh Morcha days of Punjab in 1980s, fighting for the rights of Punjab and its people.
The 84-year-old four-time chief minister of Punjab, who steered his Shiromani Akali Dal-Bharatiya Janata Party combine to victory for a record second consecutive term, is known for his mild mannerism, wit, grounded personality and his mass connect with people despite the huge security paraphernalia around him at all times. The veteran leader is well-respected in the country.
He entered politics way back in 1947, the year when India got independence, and never looked back. Badal, who comes from a landed, farming family of south-west Punjab's Muktsar district, was first elected to the Punjab assembly in 1957 on a Congress party ticket.
During the run-up to the January 2012 assembly poll in Punjab, Badal clearly told people that this would be the last election of his 65-year political career.
As his son and heir apparent Sukhbir Singh Badal, who is president of the Shiromani Akali Dal, led the party from the front in this election and created history in Punjab's politics by ensuring a second term to the combine, Badal Sr. looked a happy and satisfied man.
The man, who is slated to become the oldest chief minister of the state, was also its youngest. He became chief minister for the first time in 1970, at the age of 43. The government lasted only a few months. He had a brief stint as union minister in 1977 before becoming chief minister again (1977-80).
During the years (1981-95) of Sikh militancy in Punjab, Badal remained in political wilderness for over a decade.
Badal courted controversy during one of the agitations when he publicly tore the constitution of India. He apologised for the action years later. Ironically, he took oath as chief minister four times under the same constitution.
He returned as chief minister with a thumping majority in 1997. Ousted in the 2002 assembly polls and facing corruption cases with other family members and associates, Badal remained undeterred.
With the Akali Dal-BJP alliance, he romped home to power in 2007 to become chief minister for the fourth time. It was during this tenure that he let son Sukhbir take control of the Akali Dal and the government.
Sukhbir was made Akali Dal president in 2008 and elevated as Punjab deputy chief minister in 2009.
Badal was married to Surinder Kaur, whom he lost last year. They have two children - son Sukhbir and daughter Preneet. Badal's daughter-in-law Harsimrat Badal is the Lok Sabha MP from Bathinda. His son-in-law Adesh Pratap Singh Kairon is a minister in his government.

kis nu mil sakdi hia mantri di kursi

ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਵਲੋਂ ਸੱਤਾ ਦੀ ਦੂਜੀ ਪਾਰੀ ਸੰਭਾਲਣ ਸਮੇਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਵਜ਼ਾਰਤ 'ਚ ਪੁਰਾਣਿਆਂ ਦੇ ਨਾਲ ਕੁਝ ਨਵੇਂ ਚਿਹਰੇ ਵੀ ਸ਼ਾਮਲ ਹੋਣਗੇ। ਜਿਨ੍ਹਾਂ ਮੰਤਰੀਆਂ ਨੂੰ ਮੁੜ ਕਲਗੀ ਲੱਗ ਸਕਦੀ ਹੈ, ਉਨ੍ਹਾਂ 'ਚ ਡਿਪਟੀ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਸ. ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ, ਪਰਮਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਢੀਂਡਸਾ, ਆਦੇਸ਼ ਪ੍ਰਤਾਪ ਸਿੰਘ ਕੈਰੋਂ, ਜਨਮੇਜਾ ਸਿੰਘ ਸੇਖੋਂ, ਅਜੀਤ ਸਿੰਘ ਕੋਹਾੜ, ਗੁਲਜ਼ਾਰ ਸਿੰਘ ਰਣੀਕੇ ਆਦਿ ਸ਼ਾਮਲ  ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਵਜ਼ਾਰਤ 'ਚ ਨਵੇਂ ਚਿਹਰਿਆਂ 'ਚ ਬਿਕਰਮ ਸਿੰਘ ਮਜੀਠੀਆ, ਸਿਕੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਲੂਕਾ, ਸੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਰੱਖੜਾ, ਇੰਦਰਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬੁਲਾਰੀਆ, ਪ੍ਰਗਟ ਸਿੰਘ, ਗੁਰਬਚਨ ਸਿੰਘ ਬੱਬੇਹਾਲੀ, ਬੀਬੀ ਜਗੀਰ ਕੌਰ, ਜਥੇਦਾਰ ਤੋਤਾ ਸਿੰਘ, ਚੌਧਰੀ ਨੰਦ ਲਾਲ,N K sharma ,sant balbir singh ghunas ਮਨਤਾਰ ਸਿੰਘ ਬਰਾੜ ਅਤੇ ਦੀਪ ਮਲਹੋਤਰਾ,  ਡਾ. ਦਲਜੀਤ ਸਿੰਘ ਚੀਮਾ ਅਤੇ ਸਰਵਣ ਸਿੰਘ ਫਿਲੌਰ ਆਦਿ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਡਾਕਟਰ ਦਲਜੀਤ ਸਿੰਘ ਚੀਮਾ ਨੂੰ ਮੰਤਰੀ ਦੀ ਕਲਗੀ ਲਾਉਣ ਲਈ  ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇ ਮੀਡੀਆ ਸਲਾਹਕਾਰ ਹਰਚਰਨ ਸਿੰਘ ਬੈਂਸ ਵੀ ਲਾਬਿੰਗ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ।

एक्जिट पोल या सामूहिक बलात्कार ?


मुख्य चुनाव आयुक्त कुरेशी साहब ने अपने एक बयान में कहा है कि चैनलों के एक्जिट पोल लोगों का मनोरंजन करते हैं। कुरेशी साहब की बात से मैं पुरी तरह सहमत नहीं हूं। कुरेशी साहब की नौकरी की मजबूरी हो सकती है। शायद इस लिए वह खुल कर नहीं कह पा रहे। सच तो यह है कि यह एक्जिट पोल मनोरंजन का नहीं खीझ का सबब हैं। कितना भी घटिया हो मनोरंजन ऐसा तो नहीं होता। यह एक्जिट पोल तो लोकतंत्र ही नहीं जनता का भी घोर अपमान है। लेकिन चूंकि इन चैनलों की जवाबदेही सिर्फ़ अपने मालिकों और व्यवसाय के ही प्रति होती है, टी.आर.पी के प्रति होती है सो यह कुछ भी, कभी भी कह कर देते हैं। कभी दुनिया का अंत कर देते हैं तो कभी आंखों देखा अपराध परोस देते हैं, तो कभी भूत-प्रेत। सरकार यही चाहती है कि जनता ऐसे ही हवाई किलों में उडती रहे। सो किसिम-किसिम की नौटंकी चला रहे हैं ये चैनल वाले।

न्यूज़ तो इन के पास है नहीं,कायदे की नौटंकी भी नहीं सो अनाप शनाप दिखा रहे हैं। लाफ़्टर चैलेंज हो या एक्जिट पोल इन के लिए सब बराबर है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या कोई अल्ट्रा साउंड मशीन है इन चैनलों के पास? जो स्ट्रांग रुम में रखी मशीनों का अल्ट्रा साऊंड कर लाए हैं?

यह प्रक्रिया हर्गिज पारदर्शी नहीं है। यह एक्जिट पोल सिर्फ़ और सिर्फ़ भ्रम है, कुछ और नहीं। बार-बार एक्जिट पोल की पोल खुल चुकी है, कल फिर खुलेगी। किसी दुकान पर जैसे कोई मिलावटी सामान मिलता है और हम यह जानते हैं फिर भी कोई विकल्प न होने के कारण उस दुकान पर जाते ही हैं। यही हाल इन चैनलों वाली दुकानों का है। इन का कोई विकल्प नहीं है फ़िलहाल। सो यह जहर पीने को जनता अभिशप्त है। यह

एक्जिट पोल निश्चित रुप से लोकतंत्र के लिए धीमा जहर बनते जा रहे हैं। लोकतंत्र की हत्या को अगर रोकना है तो यह एक्जिट पोल की दुकान पूरी तरह बंद करना होगा चुनाव आयोग को। एक बात मैं पूछना चाहता हूं कि क्या आप से अगर पूछा जाए कि आप किस को वोट दे कर आ रहे हैं? तो क्या आप बता देंगे? कतई नहीं। फिर यह एक्जिट पोल किस आधार या किस सपने या किस गणित के तहत बताया जाता है? यह वैसा ही भरोसा है जैसे आप किसी स्त्री के साथ बिना संभोग के ही दावा करते फिरें कि मैं ने तो एक रात में दस बार संभोग किया। यह हकीकत भला उस स्त्री के अलावा कोई और भी बता सकता है क्या? वोटर नाम के असंगठित नागरिक वास्तव में उसी स्त्री की हैसियत में है। असल में यह एक्जिट पोल वोटरों के साथ सिर्फ़ और सिर्फ़ सामूहिक बलात्कार ही है,कुछ और नहीं।

सिब्बल, सलमान समेत कई जाएंगे, अन्ना होंगे अगले राष्ट्रपति ?अहमद पटेल की दस, जनपथ से छुट्टी होने जा रही है?


  

कांग्रेस के होश ठिकाने आ गए हैं. विधानसभा चुनावों में जो हुआ सो हुआ. लोकसभा चुनाव वो नहीं गंवाना चाहेगी. अन्ना से संपर्क उस ने साधा है. अन्ना की पहली शर्त ही ये है कि कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और मनीष तिवारी की छुट्टी हो. सोनिया गाँधी के बहुत करीबी सूत्रों के अनुसार कांग्रेस इस के लिए तैयार हो गई. है. शर्त अन्ना ने चिदंबरम को हटाने की भी रखी है. मगर उन्हें एनसीटीसी पे आम राय बनाने के लिए महीने भर की मोहलत मिल गई है. अन्ना के साथ इस डील की सब से ख़ास बात ये है कि कांग्रेस अन्ना के सर्वसम्मति से राष्ट्रपति हो सकने के लिए पहल करेगी. प्रशांत और शशि भूषण को उनके हाल पे छोड़ने के लिए तैयार हो गए हैं अन्ना. अरविन्द केजरीवाल को ब्राजील में राजदूत और मनीष सिसोदिया को प्रसार भारती का डायरेक्टर बनाने पे सहमति हुई है. केजरीवाल को रियो डी जेनेरियो में रहने की इजाज़त भी सरकार देगी. किरण बेदी को समाज कल्याण विभाग में किन्नर कल्याण कोष की व्यवस्था कर उसके निदेशक पद की जिम्मेवारी दी जाएगी. इस बीच एक बड़ा परिवर्तन ये होने जा रहा है कि अहमद पटेल की दस, जनपथ से छुट्टी होने जा रही है. उनकी जगह गोबिन्दाचार्य ले सकते हैं. उमा भारती के पहले भाजपा में वापिस और फिर उत्तर प्रदेश चले जाने के बाद से वे अकेले और अलग थलग थे. उन ने अपनी चाणक्य नीति का लाभ अब कांग्रेस को देने का मन बनाया है. उनके ज़रिये नरेन्द्र मोदी से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी ठुकवा कर भाजपा में पहले हलचल और फिर बगावत की रणनीति बनाई गई है. ये भी माना गया है कि उन के ज़रिये बाबा रामदेव के साथ गए स्वदेशी विचारधारा के लोगों को भी कांग्रेस के साथ जोड़ने में आसानी होगी. 

भारी पड़ी कांग्रेस पार्टी को रणनीतिक भूलें --कांग्रेस के काम नहीं आया डेरा फैक्टर

नई दिल्ली. पंजाब में सत्ता वापसी का सपना संजोए बैठा कांग्रेस आलाकमान अप्रत्याशित हार से पूरी तरह स्तब्ध है। वरिष्ठ नेताओं को यह मानने से कोई इंकार नहीं है कि पंजाब चुनाव में रणनीतिक स्तर पर बड़ी भूलें हुईं।



रणनीतिक मामलों में दस जनपथ के सबसे करीबी महासचिवों में से एक जनार्दन द्विवेदी ने स्वीकार किया कि जीत निश्चित मानकर कांग्रेस के लोग लापरवाह हो गए। जीत के लिए जितने प्रयास करने चाहिए थे, उतने नहीं हो पाए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी और प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी भीपरिणामों से पूरी तरह निराश दिखे। पार्टी के भीतर बड़े स्तर पर बगावत, पीपीपी की मौजूदगी का गलत विश्लेषण, समय से पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह को नेता घोषित कर देने व 2007 चुनाव की तुलना में डेरा सच्च सौदा की मदद के कमतर असर को हार के प्रमुख कारणों में शुमार किया जा रहा है।


हार से सन्न पंजाब कांग्रेस के प्रभारी जीएस चाड़क ने कहा कि वे एक-एक सीट पर हार के कारणों के विश्लेषण में जुट गए हैं। वे अगले दो-तीन दिनों में इन कारणों की विस्तृत रपट कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंप देंगे। चाड़क ने कहा कि पार्टी चूंकि सामूहिक नेतृत्व के नाम पर चुनाव में उतरी थी लिहाजा हार की जिम्मेदारी भी सामूहिक है।



वे जर्नादन की उस बात से सहमत नजर नहीं आए कि चुनाव के दौरान पार्टी के स्तर पर लापरवाही हुई। उन्होंने कहा कि मीडिया पर कब्जे व धनबल के जरिए शिअद ने सत्ता में रहने का लाभ उठाते हुए पैसा बहाया और परिणामों को प्रभावित किया। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी जीएस चाड़क ने कहा कि कांग्रेस के बागियों को मैदान में उतार कर उन्हें आर्थिक मदद भी शिरोमणि अकाली दल ने दी।




कांग्रेस के काम नहीं आया डेरा फैक्टर

चंडीगढ़. डेरा सच्चा सौदा फैक्टर भी कांग्रेस के काम नहीं आया। मालवा बेल्ट में अकाली दल के 22, भाजपा का एक उम्मीदवार जीतने में कामयाब रहे। शुतराणा, समाना, घनौर, संगरूर, अमरगढ़, सुनाम, दिड़बा, बुढलाडा, मानसा, मौड़, बठिंडा रूरल, बठिंडा अर्बन, रामपुराफूल, कोटकपूरा, लंबी, बल्लुआणा, जलालाबाद, फिरोजपुर रूरल, जीरा, धर्मकोट, बाघापुराना और निहाल सिंहवाला शामिल हैं, जबकि फाजिल्का की एक सीट भाजपा के खाते में गई है। जहां कांग्रेस के उम्मीदवार डेरा प्रेमियों के चलते मात्र एक दर्जन सीटें ही ले पाए हैं। उनमें मोगा, फिरोजपुर सिटी, गुरुहरसहाय, अबोहर, गिद्दड़बाहा, जैतों, भुच्चो मंडी, तलवंडी साबो, सरदूलगढ़, लहरागागा, बरनाला, धूरी, पटियाला रूरल, सनौर और पटियाला जनरल शामिल हैं।

 

सुखबीर बादल ने बदला 46 साल का इतिहास



 
 
परकाश सिंह बादल से जब पूछा गया कि पंजाब में ज़बरदस्त जीत का श्रेय वह किसे देंगे तो जवाब था पांच साल तक कायम रहे भाईचारे और विकास को। इसमें उन्होंने दोनों बातें कह दीं। सरदार बादल सभ्याचार और भाईचारे के स्तंभ हैं और काकाजी सुखबीर बादल विकास पुरुष की छवि बनाने में कामयाब रहे हैं।

इस बार नया ये भी था कि चुनाव की कमान सुखबीर सिंह बादल के हाथ थी। वह सूबे और पार्टी, दोनों में अपना लोहा मनवाना चाहते थे। टिकट बांटने से लेकर प्रचार की सारी रणनीति इस बार छोटे बादल के हाथ थी।

बड़े बादल ने इन पर इतना भरोसा जताया कि स्टार प्रचारक होने के बावजूद वह अपने गृह क्षेत्र से कम ही निकले और सुखबीर बादल को प्रचार का मंच भी सौंप दिया। यह सुखबीर बादल की जीत है, जिन्होंने पूरे राज्य में गठबंधन के लिए प्रचार किया।

अपनी उपलब्धियों को गिनाया और आगे के वादों पर जनता का भरोसा जीता। परिवार टूटने के बाद मनप्रीत बादल ने पार्टी बनाकर एक बड़ी चुनौती दी। कई अकाली भी सुखबीर के बढ़ते प्रभाव से नाराज़ थे और मौके की तलाश में थे। सुखबीर अपने एजेंडे पर कायम रहे।


सकारात्मक सोच, बिना कांग्रेस को निशाना बनाए, विकास को मुद्दा बनाने में सफल रहे। आज पार्टी के भीतर और बाहर उनके विरोधियों की हवा निकल गई है। अपने कंधे पर पार्टी को एंटी-इनकंबेंसी के दरिया के पार ले गए। सुखबीर बादल ने पार्टी का मौक़फ़ बरकरार रखते हुए दोहराया है कि मुख्यमंत्री तो परकाश सिंह बादल ही बनेंगे।

पर मंगलवार के नतीजे से साफ़ हो गया कि वह राज्य को नेतृत्व देने की क्षमता रखते हैं। प्रश्नचिन्ह थे, उसका उत्तर मिल गया है। परकाश सिंह बादल जब भी रिटायर हों, वह अपनी पार्टी के लिए आश्वस्त हो सकते हैं।
 
 

Tuesday, March 6, 2012

कॉलोनाइजरों पर कसा शिकंजा

Barnala शहर में कई जगह नियमों की धज्जियां उड़ा धड़ाधड़ अनधिकृत कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इस संबंध में रविवार को स्थानीय निकाय विभाग के मुख्य विजिलेंस अधिकारी अनिल कुमार कंसल ने अपनी टीम के सदस्यों सहित बरनाला क्षेत्र में निर्माणाधीन कॉलोनियों की जांच के लिए औचक निरीक्षण किया। देर शाम करीब सात बजे तक गुप्त ढंग से शुरू किए इस निरीक्षण अभियान के बारे कुछ भी बताए बिना विजिलेंस अधिकारी लौट गए। बरनाला पहुंचे निकाय विभाग के मुख्य विजिलेंस अधिकारी अनिल कुमार कंसल, नगर कौंसिल के कार्यकारी अधिकारी मनवीर सिंह गिल सहित अन्य कर्मचारियों की टीम साथ लेकर बरनाला-हंडियाया रोड, रायकोट रोड, बरनाला-बाजाखाना रोड, संघेड़ा रोड, धनौला रोड व बरनाला-धनौला मुख्य मार्ग पर पड़ते नानकसर रोड आदि विभिन्न क्षेत्रों में स्थित करीब सात निर्माणाधीन कालोनियों का मौका मुआयना किया। यहां कालोनाइजरों ने सुंदर गेट व सड़कें आदि का निर्माण कर रखा है। नगर कौंसिल बरनाला के ईओ मनवीर सिंह गिल ने औचक निरीक्षण की पुष्टि की और कहा कि मामला विजिलेंस विभाग के अधिकारियों के पास है, इसलिए वह इस बारे में कुछ भी बताने में सक्षम नहीं हैं। 
निकाय विभाग के मुख्य विजिलेंस अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि बरनाला क्षेत्र में कॉलोनाइजरों द्वारा कथित तौर पर अवैध ढंग से धड़ाधड़ काटी जा रही कालोनियों का मामला क्षेत्र के एक व्यक्ति ने विभाग के आला अधिकारियों के समक्ष उठाया था। उस शिकायत पर ही विजिलेंस विभाग के अधिकारियों की टीम ने बरनाला क्षेत्र में निर्माणाधीन कॉलोनियों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि विजिलेंस विभाग ने सात कॉलोनियों के 99 प्रतिशत दस्तावेज अपने कब्जे में लेकर गहराई से जांच शुरू कर दी है। कालोनियों संबंधी जो रिकार्ड मौके पर नहीं मिल पाया, वह सोमवार को हर हाल में विजिलेंस के कार्यालय में लेकर पहुंचने की ताकीद कॉलोनाइजरों को कर दी गई है। 
विजिलेंस विभाग द्वारा शहर की सात कॉलोनियों का पूरा रिकार्ड सोमवार को चंडीगढ़ कार्यालय में तलब किया गया है और पूरी जांच होने के बाद कॉलोनाइजरों के अलावा गैर-कानूनी ढंग से नक्शा पास करने वालों के खिलाफ, बिजली, सीवरेज, पानी के कनेक्शन देने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।

ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ-ਭਾਜਪਾ ਦੀ ਵਾਪਸੀ, ਰਚਿਆ ਇਤਿਹਾਸ

ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ, 6 ਮਾਰਚ : ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਪਿਛਲੇ ਚਾਰ ਦਹਾਕਿਆਂ ‘ਚ ਜੋ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ ਉਹ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ (ਐਸ. ਏ. ਡੀ.)- ਭਾਰਤੀ ਜਨਤਾ ਪਾਰਟੀ (ਭਾਜਪਾ) ਗਠਬੰਧਨ ਨੇ ਕਰ ਦਿਖਾਇਆ। ਸੱਤਾ ਵਿਰੋਧੀ ਰੁਝਾਨਾਂ ਨੂੰ ਦਰਕਿਨਾਰਾ ਕਰਦੇ ਹੋਏ ਇਸ ਗਠਬੰਧਨ ਨੇ ਲਗਾਤਾਰ ਦੂਜੀ ਵਾਰ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਸੱਤਾ ‘ਤੇ ਕਬਜ਼ਾ ਜਮਾਇਆ। ਸੂਬੇ ਦੀਆਂ 117 ਸੀਟਾਂ ‘ਚੋਂ ਅਕਾਲੀ-ਭਾਜਪਾ ਗਠਬੰਧਨ ਨੇ 68 ਸੀਟਾਂ ਜਿੱਤ ਕੇ ਸਪੱਸ਼ਟ ਬਹੁਮਤ ਹਾਸਲ ਕੀਤਾ ਹੈ ਜਦੋਂਕਿ ਕਾਂਗਰਸ ਤਮਾਮ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ਾਂ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ 46 ਸੀਟਾਂ ‘ਤੇ ਆ ਕੇ ਸਿਮਟ ਗਈ। ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਨੂੰ 56 ਸੀਟਾਂ ‘ਤੇ ਜਿੱਤ ਹਾਸਲ ਹੋਈ ਤਾਂ ਭਾਜਪਾ ਨੇ 12 ਸੀਟਾਂ ‘ਤੇ ਫਤਿਹ ਹਾਸਲ ਕੀਤੀ। ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਨੇ ਜਿੱਥੇ ਜਿੱਤ ‘ਤੇ ਖੁਸ਼ੀ ਜਤਾਈ ਹੈ, ਉਧਰ ਕਾਂਗਰਸ ਨੇ ਚੋਣ ਨਤੀਜਿਆਂ ‘ਤੇ ‘ਹੈਰਾਨੀ’ ਜਤਾਈ ਹੈ।
ਚੋਣ ਕਮਿਸ਼ਨ ਤੋਂ ਪ੍ਰਾਪਤ ਅੰਕੜਿਆਂ ਮੁਤਾਬਕ ਅਕਾਲੀ ਦਲ-ਭਾਜਪਾ ਗਠਬੰਧਨ ਸੂਬੇ ਦੀਆਂ 117 ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਸੀਟਾਂ ‘ਚੋਂ 68 ਸੀਟਾਂ ਜਿੱਤ ਚੁੱਕਾ ਹੈ ਜਦੋਂਕਿ ਕਾਂਗਰਸ 46 ਸੀਟਾਂ ‘ਤੇ ਜਿੱਤ ਚੁੱਕੀ ਹੈ। ਤਿੰਨ ਸੀਟਾਂ ਹੋਰਨਾਂ ਉਮੀਦਵਾਰਾਂ ਦੇ ਖਾਤੇ ‘ਚ ਗਈਆਂ ਹਨ। ਕਾਂਗਰਸ ਦੀਆਂ ਉਮੀਦਾਂ ‘ਤੇ ਪਾਣੀ ਫੇਰਦੇ ਹੋਏ ਇਹ ਗਠਬੰਧਨ ਲਗਾਤਾਰ ਦੂਜੀ ਵਾਰ ਸੂਬੇ ਦੀ ਸੱਤਾ ‘ਤੇ ਵਾਪਸ ਆਇਆ ਹੈ। ਇਹ ਆਪਣੇ ਆਪ ‘ਚ ਇਕ ਇਤਿਹਾਸ ਹੈ। ਪਿਛਲੇ ਕਰੀਬ ਚਾਰ ਦਹਾਕਿਆਂ ਤੋਂ ਕੋਈ ਵੀ ਪਾਰਟੀ ਲਗਾਤਾਰ ਦੂਜੀ ਵਾਰ ਸੱਤਾ ‘ਤੇ ਕਾਬਜ਼ ਹੋਣ ‘ਚ ਕਾਮਯਾਬ ਨਹੀਂ ਹੋਈ ਹੈ।
ਚੋਣ ਨਤੀਜਿਆਂ ਤੋਂ ਬੇਹੱਦ ਖੁਸ਼ ਦਿਖ ਰਹੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਨੇ ਪਿੰਡ ਬਾਦਲ ‘ਚ ਆਪਣੇ ਘਰ ‘ਤੇ ਪੱਤਰਕਾਰਾਂ ਦੀ ਮੌਜੂਦਗੀ ‘ਚ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਜਨਤਾ ਦਾ ਧੰਨਵਾਦ ਕੀਤਾ। ਲੰਬੀ ਤੋਂ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਖੇਤਰ ਤੋਂ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਨੇ ਕਾਂਗਰਸੀ ਉਮੀਦਵਾਰ ਤੇ ਆਪਣੇ ਚਚੇਰੇ ਭਰਾ ਮਹੇਸ਼ਇੰਦਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਨੂੰ 24,739 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ ਜਦੋਂਕਿ ਜਲਾਲਾਬਾਦ ਸੀਟ ਤੋਂ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੇਟੇ ਤੇ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਮੁਖੀ ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ 50246 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਜਿੱਤ ਹਾਸਲ ਕੀਤੀ। ਸੁਖਬੀਰ ਨੇ ਆਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਹੰਸਰਾਜ ਜੋਸਨ ਨੂੰ ਹਰਾਇਆ।  ਕ੍ਰਿਕਟ  ਦੀ ਦੁਨੀਆ ਤੋਂ ਰਾਜਨੀਤੀ ‘ਚ ਆਏ ਸੰਸਦ ਨਵਜੋਤ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ ਦੀ ਪਤਨੀ ਨਵਜੋਤ ਕੌਰ ਸਿੱਧੂ ਨੇ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਪੂਰਬੀ ਤੋਂ ਜਿੱਤ ਹਾਸਲ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਸਿਮਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਨੂੰ 7099 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ. ਸਾਬਕਾ ਓਲੰਪੀਅਨ ਪਰਗਟ ਸਿੰਘ ਵੀ ਜਿੱਤ ਗਏ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੇ ਨਿੜਲੇ ਵਿਰੋਧੀ ਜਗਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਰਾੜ ਨੂੰ 6798 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ।
ਭਾਜਪਾ ਦੇ ਸੀਨੀਅਰ ਨੇਤਾ ਮਨੋਰੰਜਨ ਕਾਲੀਆ ਵੀ ਜਿੱਤ ਗਏ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਕਾਂਗਰਸੀ ਉਮੀਦਵਾਰ ਰਜਿੰਦਰ ਬੇਰੀ ਨੂੰ 1065 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ। ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਪਟਿਆਲਾ ਸ਼ਹਿਰੀ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਸੀਟ ਤੋਂ 42000 ਵੋਟਾਂ ਦੇ ਫਰਕ ਨਾਲ ਜਿੱਤ ਗਏ ਜਦੋਂਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਬੇਟੇ ਰਣਇੰਦਰ ਸਿੰਘ ਸਮਾਣਾ ਸੀਟ ਤੋਂ ਹਾਰ ਗਏ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਸੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਰੱਖੜਾ ਨੇ ਸੱਤ ਹਜ਼ਾਰ ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ।
ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਸਾਬਕਾ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਤੇ ਕਾਂਗਰਸ ਨੇਤਾ ਰਜਿੰਦਰ ਕੌਰ ਭੱਠਲ ਨੇ ਲਹਿਰਾ ਸੀਟ ਬਰਕਰਾਰ ਰੱਖੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਸੁਖਵੰਤ ਸਿੰਘ ਨੂੰ 3355 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ. ਪੀਪਲਜ਼ ਪਾਰਟੀ ਆਫ ਪੰਜਾਬ (ਪੀ. ਪੀ. ਪੀ.) ਦੇ ਮੁਖੀ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਗਿੱਦੜਬਾਹਾ ਅਤੇ ਮੌੜ ਦੋਵਾਂ ਸੀਟਾਂ ਤੋਂ ਹਾਰ ਗਏ। ਵਿੱਤ ਮੰਤਰੀ ਉਪਿੰਦਰਜੀਤ ਕੌਰ ਸੁਲਤਾਨਪੁਰ ਲੋਧੀ ਸੀਟ ਤੋਂ ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਨਵਤੇਜ ਸਿੰਘ ਤੋਂ 4298 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਾਰ ਗਈ। ਸਹਿਕਾਰਤਾ ਮੰਤਰੀ ਰਣਜੀਤ ਸਿੰਘ ਬ੍ਰਹਮਪੁਰਾ ਖਡੂਰ ਸਾਹਿਬ ਤੋਂ ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਰਮਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਤੋਂ ਹਾਰ ਗਏ ਹਨ।
ਰਣਜੀਤ 2007 ‘ਚ ਨੌਸ਼ਹਿਰਾ ਪੰਨੂਆ ਤੋਂ ਖੜੇ ਹੋਏ ਸਨ। ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਹੋਰ ਜੇਤੂਆਂ ‘ਚ ਜੁਗਿੰਦਰ ਸਿੰਘ (ਜੈਤੋ), ਰਾਜ ਕੁਮਾਰ (ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਪੱਛਮੀ), ਕੇਵਲ ਢਿੱਲੋਂ (ਬਰਨਾਲਾ), ਐਸ. ਏ. ਐਸ. ਨਗਰ (ਮੋਹਾਲੀ) ਅਤੇ ਬਲਬੀਰ ਸਿੰਘ ਸਿੱਧੂ  ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ। ਅਕਾਲੀ    ਉਮੀਦਵਾਰ ਜਨਮੇਜਾ ਸਿੰਘ (ਮੌੜ), ਹਰਮੀਤ ਸਿੰਘ ਸੰਧੂ (ਤਰਨਤਾਰਨ), ਗੁਰਬਚਨ ਸਿੰਘ ਬੱਬੇਹਾਲੀ (ਗੁਰਦਾਸਪੁਰ) ਅਤੇ ਅਜੀਤ ਸਿੰਘ ਕੋਹਾੜ (ਸ਼ਾਹਕੋਟ) ਆਪਣੀਆਂ-ਆਪਣੀਆਂ ਸੀਟਾਂ ਬਚਾਉਣ ‘ਚ ਕਾਮਯਾਬ ਰਹੇ ਹਨ।
ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਜੇਤੂਆਂ ‘ਚ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ (ਡੈਖਾ), ਪਵਨ ਕੁਮਾਰ ਟੀਨੂੰ (ਆਦਮਪੁਰ), ਸ਼ਰਨਜੀਤ ਸਿੰਘ ਢਿੱਲੋਂ (ਸਾਹਨੇਵਾਲ), ਸਰਵਨ ਸਿੰਘ (ਕਰਤਾਰਪੁਰ), ਮੰਤਰ ਸਿੰਘ ਬਰਾੜ (ਕੋਟਕਪੂਰਾ) ਅਤੇ ਸਿਕੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮਲੂਕਾ (ਰਾਮਪੁਰਾ ਫੂਲ) ਤੋਂ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ। ਭਾਜਪਾ ਦੇ ਜੇਤੂਆਂ ‘ਚ ਸਾਬਕਾ ਮੰਤਰੀ ਅਤੇ ਮੌਜੂਦਾ ਵਿਧਾਇਕ ਮਨੋਰੰਜਨ ਕਾਲੀਆ (ਜਲੰਧਰ ਸੈਂਟਰਲ), ਸਾਬਕਾ ਮੰਤਰੀ ਮਦਨ ਮੋਹਨ ਮਿੱਤਲ (ਆਨੰਦਪੁਰ ਸਾਹਿਬ) ਅਤੇ ਸਾਬਕਾ ਆਈ. ਐਸ. ਆਈ. ਅਧਿਕਾਰੀ ਸੋਮ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਫਗਵਾੜਾ ਸ਼ਾਮਲ ਹਨ। ਕਾਂਗਰਸ ਨੇ ਤਲਵੰਡੀ ਸਾਬੋ, ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਮੱਧ, ਰਾਜਪੁਰਾ, ਨਾਭਾ ਅਤੇ ਪਟਿਆਲਾ ਸੀਟਾਂ ਜਿੱਤ ਲਈਆਂ ਹਨ ਜਦੋਂਕਿ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਨੇ ਬਲਾਚੌਰ, ਅਟਾਰੀ, ਫਰੀਦਕੋਟ ਅਤੇ ਘਨੌਰ ‘ਤੇ ਜਿੱਤ ਹਾਸਲ ਕੀਤੀ।
ਭਾਜਪਾ ਨੇ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਪੂਰਬੀ ਸੀਟ ਜਿੱਤ ਲਈ ਹੈ। ਸਾਬਕਾ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਅਤੇ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ ਪ੍ਰਧਾਨ ਕਾਂਗਰਸ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਪਟਿਆਲਾ ਸੀਟ ‘ਤੇ ਕਬਜ਼ਾ ਬਰਕਰਾਰ ਰੱਖਿਆ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਸੁਰਜੀਤ ਸਿੰਘ ਕੋਹਲੀ ਨੂੰ 42 ਹਜ਼ਾਰ 318 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ। ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਗੁਲਜਾਰ ਸਿੰਘ ਰਣੀਕੇ ਨੇ ਅਟਾਰੀ ਸੀਟ ‘ਤੇ ਕਬਜ਼ਾ ਬਰਕਰਾਰ ਰੱਖਿਆ।  ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ ਆਪਣੇ ਨੇੜਲੇ ਵਿਰੋਧੀ ਤਰਸੇਮ ਸਿੰਘ (ਕਾਂਗਰਸ) ਨੂੰ 4983 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ। ਦੀਪ ਮਲਹੋਤਰਾ (ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ) ਮੌਜੂਦਾ ਵਿਧਾਇਕ ਅਵਤਾਰ ਸਿੰਘ ਬਰਾੜ (ਕਾਂਗਰਸ) ਨੂੰ 2727 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾ ਕੇ ਫਰੀਦਕੋਟ ਤੋਂ ਜੇਤੂ ਰਹੇ। ਐਸ. ਏ. ਡੀ. ਦੀ ਹੀ ਹਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਨੇ ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਮਦਨ ਲਾਲ ਜਲਾਲਪੁਰ ਨੂੰ ਘਨੌਰ ਤੋਂ 1778 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ।  ਭਾਜਪਾ ਸੰਸਦ ਨਵਜੋਤ ਸਿੱਧੂ ਦੀ ਪਤਨੀ ਨਵਜੋਤ ਕੌਰ ਨੇ ਅੰਮ੍ਰਿਤਸਰ ਪੂਰਬੀ ਤੋਂ ਆਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰ ਸਿਮਰਪ੍ਰੀਤ ਕੌਰ ਨੂੰ 7099 ਵੋਟਾਂ ਨਾਲ ਹਰਾਇਆ.
ਪੰਜਾਬ ‘ਚ ਨਵੀਂ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਸਹੁੰ ਚੁੱਕਣ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਵੀਰਵਾਰ ਨੂੰ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ ਭਾਜਪਾ ਵਿਚਾਲੇ ਬੈਠਕ ਦੀ ਸੰਭਾਵਨਾ ਹੈ। ਉਧਰ ਕਾਂਗਰਸ ਨੇ ਚੋਣਾਂ ‘ਚ ਹਾਰ ਮੰਨ ਲਈ ਹੈ। ਪੰਜਾਬ ਪ੍ਰਧਾਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਆਪਣੇ ਘਰ ‘ਚ ਪੱਤਰਕਾਰ ਸੰਮੇਲਨ ‘ਚ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅਸੀਂ ਹਾਰ ਮੰਨ ਲਈ ਹੈ। ਅਸੀਂ ਦੇਖਾਂਗੇ ਕਿ ਕਿੱਥੇ ਗਲਤੀ ਹੋਈ। ਚੋਣ ਨਤੀਜੇ ਹੈਰਾਨੀ ਜਤਾਉਂਦਿਆਂ ਸੂਬੇ ਦੇ ਸਾਬਕਾ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਮੈਂ ਹਾਰ ਦੀ ਪੂਰੀ ਜ਼ਿੰਮੇਵਾਰੀ ਲੈਂਦਾ ਹਾਂ। ਨਤੀਜੇ ਹੈਰਾਨੀਜਨਕ ਸਨ।

पंजाब चुनाव: आठ मार्च को होगा सीएम का फैसला, विधायक दल की बैठक बुलाई

चंडीगढ़।पंजाब विधानसभा की 117 सीटों के लिए आज हुई मतगणना में अकाली-भाजपा गठबंधन पूर्ण बहुमत हासिल कर सत्ता में  लौट आया है।  चुनाव आयोग की ओर से घोषित सभी 117 सीटों में से शिरोमणि अकाली दल ने 56 सीटों पर कब्जा किया है जबकि भाजपा 12 सीटों पर जीती है। इस तरह अकाली भाजपा का ये गठबंधन 68 सीटों पर विजय हासिल कर दोबारा सत्ता में लौट आया है।
117 सीटों वाली पंजाब विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 58 सीटों की जरूरत थी लेकिन गठबंधन ने 68 सीटें जीत कर कांग्रेस के सत्ता में आने के सपने को ध्वस्त कर दिया है। मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल, उनकी बहू हरसिमरत  कौर बादल और उनका बेटा सुखबीर सिंह बादल ने आज बादल गांव में जीत के बाद समर्थकों संग जश्र मनाया।
आठ को विधायक दल की बैठक
क्लीयर कट जीत मिल जाने के बाद  शिरोमणि अकाली दल की विधायक दल की  बैठक आठ मार्च होली के दिन होगी। इसी दिन पार्टी की कोर कमेटी की बैठक भी होगी। बादल गांव में मुख्यमंत्री परकाश सिंह बादल ने कहा कि मुख्यमंत्री का  फैसला इसी बैठक में होगा। एसएडी के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा किबैइक होली वाले दिन चंडीगढ़ में बुलाई गई हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि पंजाब के आगामी सीएम परकाश सिंह बादल ही होंगे।
अमरिंदर ने कबूली हार
उधर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पार्टी की हार कबूल करते हुए हार का ठीकरा बागियों पर फोड़ा है। मीडिया से चंडीगढ़ में रूबरू हुए अमरिंदर ने कहा कि अगर हाइकमान कहेगा तो वो इस्तीफा दे देंगे। अमरिंदर सिंह का अपना बेटा रणइंदर सिंह समाना से चुनाव हार गए है।
मनप्रीत भी हारे
अकाली भाजपा गठबंधन सरकार में वित्त मंत्री रहे मनप्रीत सिंह बादल मौड़ और गिद्दड़बाहा दोनों ही सीटों से चुनाव हार गए है।
भाजपा को मिली बारह सीटें
इन चुनावों में भााजपा को बारह सीटें मिली है।
कांग्रेस
कौन कहां से जीता
कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला से 42299 मतों से चुनाव जीते है। जबकि समाना से उनके बेटे रणइंद्र सिंह चुनाव हार गए है। यहां से अकाली दल के सुरजीत सिंह रखड़ा चुनाव जीते है। जलालाबाद से उप मुख्यमंत्री व अकाली दल प्रत्याशी सुखबीर सिंह बादल चुनाव जीते।
लुधियाना की साहनेवाल सीट अकाली दल की झोली में गई है। यहां से अकाली प्रत्याशी शरणजीत सिंह ढिल्लों को 71573 मत मिले जबकि उनके विरोधी व कांग्रेस प्रत्याशी बिक्रम जीत सिंह मजीठा को 50364 मतों से संतोष करना पड़ा ।
अमृतसर ईस्ट से क्रिकेटर व भाजपा सांसद की पत्नी नवजोत कौर सिद्दू चुनाव जीत गई । उनकी जीत का अंतर 7101 रहा है। राजासांसी से कांग्रेस पार्टी के सुखविंदर सरकारिया बारह हजार वोटों से जीत गए ।
गिदड़बाहा से कांग्रेस प्रत्याशी राजा अमरिंदर सिंह बडिंग से आगे चल रहे हैं।
मोहाली से कांग्रेस के बलबीर सिंह सिद्दू 16752 मतों से जीत गए है।
उधर अमृत सर से सेंट्रल सीट से कांग्रेस प्रत्याशी ओमप्रकाश सोनी 1279 मतों से चुनाव जीते है।
अटारी से अकाली प्रत्याशी गुलजार सिंह रणिके 4980 मतों से जीते हैं।
बलाचौर से अकाली दल के नंदलाल14534 मतों से व फरीदकोट से अकाली दल के ही दीप मलहोत्रा 2745मतों जीत गए है। तलवंडी साबों से कांग्रेस के जीत मोहिंदर सिंह 8515 मतों से जीते हैं। मौड़ से अकाली दल के जनमेजा सिंह 1388 मतों से जीते है। राजपुरा से कांग्रेस के हरदयाल सिंह कंबोज 31510 मतों से जीत गए है। नाभा से कांग्रेस के साधू सिंह 22548 और घन्नौर से अकाली दल के हरजीत कौर 1787 मतों से चुनाव जीत गए है।
विभिन्न दलों की स्थिति
शिरोमणि अकाली दल      56
भाजपा                      12
कांग्रेस                      46
अन्य                         3                                 
                                           

Monday, March 5, 2012

जाली कागजात बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश

अमृतसर. थाना कैंटोनमेंट की पुलिस चौकी गुमटाला बाईपास ने सरकारी जाली दस्तावेज बना उसे बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इस गिरोह के दो सदस्यों अमृतपाल सिंह निवासी हर्षा-छीना व मनजीत सिंह निवासी एकता नगर चमरंग रोड को गिरफ्तार कर उनसे चार जाली राशन कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, दो बर्थ सर्टिफिकेट व एक आरसी बरामद की है। 

गिरोह का सरगना फूड व सप्लाई विभाग का क्लर्क मंगत राम बताया जा रहा है। पुलिस मंगत राम की तलाश में छापेमारी कर रही है। वहीं इस गिरोह में डीटीओ, नगर निगम और सेहत विभाग के जन्म व मृत्यु विभाग के कई मुलाजिमों व अधिकारियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।

पुलिस को सूचना मिली थी कि अमृतपाल सिंह और मनजीत सिंह जाली दस्तावेज बनाने व उसे बेचने का धंधा कर रहे हैं। इसमें विभिन्न सरकारी विभागों के क्लर्क व अधिकारी भी शामिल हैं। सूचना देने वाले ने पुलिस को बताया कि उक्त आरोपी जाली दस्तावेज बना उसकी सप्लाई देने गुमटाला बाईपास की तरफ जा रहे हैं। इसी आधार पर पुलिस ने नाकेबंदी के दौरान दो आरोपियों को धर लिया। उनकी तलाशी लेने पर उनसे जाली दस्तावेज बरामद हुए। प्राथमिक पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि फूड सप्लाई विभाग का क्लर्क मंगत राम सहित कई और लोग भी इस घालमेल में शामिल हैं। 

इस गिरोह के तार कहां-कहां तक और किस-किस विभाग के किस कर्मी के साथ जुड़े हैं और गिरोह कब से काम कर रहा है। ऐसे कई सवालों के जवाब तलाशने के लिए पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है।

असली काम भी रिश्वत से

पूछताछ में सामने आया कि अगर किसी ग्राहक का सरकारी विभाग में काम फंसा होता था तो वह उससे सरकारी फीस के अलावा मोटी रकम ले संबंधित विभाग में तैनात अपने साथी को उसका हिस्सा दे असली काम भी करवाते थे।


काली भेड़ों का पता लगाया जाएगा

आरोपियों से पूछताछ जारी है। इसमें कोई दो राय नहीं की सरकारी विभागों में तैनात कर्मियों की मिलीभगत के साथ ही उक्त गिरोह काम कर रहा था, लेकिन वह कौन सी काली भेड़ें थी। इसका पता लगाया जा रहा है।
पन्ना लाल, गुमटाला चौकी इंचार्ज

स्टडी वीजा के नाम पर छात्रों से 33 लाख रुपए की ठगी

मोगा. स्टडी वीजा के नाम पर छात्रों से 33 लाख ठगने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपी जिले के दर्जनों छात्रों को लंबे समय से एजुकेशन वीजा के नाम पर गुमराह कर रहे थे। वर्तमान में पुलिस ने 6 छात्राओं के बयान पर इनके खिलाफ केस दर्ज किया है। 

परमजीत कौर ने पुलिस को बताया कि जवाहर नगर मोगा के मोहित गोयल और शिवपुरी के साहिल नंदा ने स्टडी वीजा लगाने के नाम पर उनसे 33 लाख रुपए लिए। सभी के सर्टिफिकेट और पासपोर्ट भी अपने पास रख लिए। बाद में उन्हें कहा गया कि असली सर्टीफिकेट जमा करवाने पर ही उन्हें एजुकेशन वीजा मिलेगा। 

यही नहीं इसके लिए प्रति छात्र चार से पांच लाख रुपए की वसूली की गई। इसमें परमजीत कौर से चार लाख 60 हजार रुपए, मनजिंदर सिंह से चार लाख 50 हजार रुपए, सुखप्रीत कौर से चार लाख 60 लाख रुपए, बलविंदर सिंह से साढ़े तीन लाख रुपए, जतिंदर सिंह से साढ़े आठ लाख रुपए, जगसीर सिंह से साढ़े छह लाख रुपए वसूल किए। छात्रों ने जब आरोपियों से पैसे वापस देने के लिए कहा तो उन्हें धमकियां देने लगे। कहा कि अगर उन्होंने पुलिस के पास शिकायत की तो वह उनके प्रमाणपत्र भी जब्त कर लेंगे।

लाटरी का झांसा दे डॉक्टर से फ्रॉड

मोगा. गीता कालोनी के एक डॉक्टर को लाखों रुपए की लाटरी का झांसा देकर विदेशी मोबाइल कंपनी ने 24 हजार 950 रुपए ठग लिए। डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने आईटी मोबाइल कंपनी यूके के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। डॉ. विनोद कुमार गोयल ने बताया कि उनके मोबाइल पर गत दिन एक एसएमएस आया कि उसकी एक मिलेनियम पाउंड की लाटरी निकली है। इसके लिए उन्हें एक खाता नंबर दिया गया। कहा गया कि राशि ट्रांसफर करने के लिए उन्हें 24 हजार 950 रुपए के सरचार्ज देने होंगे। 

उन्होंने खाते में यह राशि जमा करवा दी। फिर कंपनी से फोन आया कि उन्हें पाउंड को भारतीय करंसी में बदलने को एक लाख रुपए और जमा करवाने होंगे। इस पर डॉक्टर विनोद को शक हुआ तो उन्होंने कंपनी से फोन पर पैसे लौटाने को कहा लेकिन कंपनी प्रबंधकों ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्होंने मामले की शिकायत एसएसपी मोगा को दी।

21 लाख ले लिए, कैनेडा भेजा नहीं

मोगा. कैनेडा भेजने के नाम पर दंपती एजेंट ने दो लोगों से 21 लाख रुपए ठग लिए। अब पैसे वापस करने से भी मना कर रहे हैं। पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने दंपती के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। 

फिरोजपुर के जगविंदर सिंह ने शिकायत दर्ज करवाई कि गोल्डी ट्रैवल एजेंसी जीरा रोड के गुरमीत सिंह, उसकी पत्नी परमजीत कौर निवासी सूरज नगर ने उसे व उसके एक अन्य साथी कुलविंदर सिंह लंडेके को कैनेडा भेजने के लिए 21 लाख रुपए लिए लेकिन आरोपियों ने न तो उन्हें कैनेडा भेजा और न पैसे लौटा रहे हैं। उलटा उन्हें धमकाया जा रहा है। दूसरी तरफ एक अन्य मामले में विदेश भेजने के नाम पर 2 लाख 45 हजार ठगने के आरोप में पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है

पीयू में फर्जी डिग्रियों का भंडाफोड़

चंडीगढ़. पंजाब यूनिवर्सिटी की प्रोफेशनल डिग्रियां फर्जी तरीके से तैयार करके सैकड़ों युवा विदेशों में भेजे गए हैं। इसका खुलासा कनाडा हाई कमीशन की तरफ से पीयू को भेजी गई डिग्रियों की जांच के बाद हुआ है। कनाडा हाई कमीशन ने पीयू से प्रोफेशनल डिग्री लेने वाले दो दर्जन से अधिक स्टूडेंट की डिग्रियां जांच के लिए भेजी थीं। 

विदेश भेजने के लिए पीयू से फर्जी डिग्री हासिल करने का फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पीयू प्रशासन के हाथ पांव फूले हुए हैं। सूत्रों के अनुसार यह फर्जीवाड़ा लंबे समय से चल रहा है। अकेले कनाडा ही नहीं बल्कि अमेरिका और यूरोप के कई अन्य देशों में भी युवकों को फर्जी डिग्री थमाकर विदेश भेजा जा रहा है। गौरतलब है कि पीयू की डिग्री एवं प्रमाण पत्र शाखा ने करीब 25 डिग्रियों को फर्जी बताया है। पीयू प्रशासन की ओर से डिग्रियां फर्जी होने संबंधी रिपोर्ट कनाडा हाई कमीशन को भेजी गई है।


ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन के दूतावास भी सतर्क


ऑस्ट्रेलिया तथा ब्रिटेन गए कई युवकों ने भी पीयू से फर्जी डिग्री हासिल की हैं। इन देशों के दूतावासों के पास इसकी जानकारी पहुंची है, इसके बाद कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। चंडीगढ़ की कई इमीग्रेशन कंपनियों पर बैंकों के फर्जी कागजातों के जरिए युवकों को विदेश भेजने के मामले में पहले ही ऑस्ट्रेलियाई तथा ब्रिटेन के दूतावासों की तरफ से पुलिस को शिकायत दी जा चुकी हैं।


फर्जी डिग्री धारकों के खिलाफ अभियान


कनाडा तथा यूरोपीय देशों में फर्जी डिग्री लेकर प्रवेश करने वालों के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। इनमें से कई युवकों को कनाडा तथा अन्य देशों की सरकारों की तरफ से वापस भेजा जा रहा है। लाखों रुपये लौटाने के बावजूद भी ये युवक अब इमीग्रेशन एजेंटों तथा फर्जी डिग्री तैयार करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कराने से कतरा रहे हैं।


नहीं दर्ज कराया केस 


पीयू में फर्जी डिग्रियां तैयार हो रही हैं और इन्हें लेकर युवक विदेश रवाना हो रहे हैं। बावजूद इसके पीयू प्रशासन की ओर से इस संबंध में चुप्पी साधी हुई है। यहां तक की पुलिस में भी इसकी शिकायत दर्ज नहीं कराई। इसको लेकर तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।

ऐसा हो सकता है, लेकिन मेरे ध्यान में यह बात नहीं है। मुझे पीयू की हर चीज की जानकारी नहीं है। रिकॉर्ड देखने पर ही बताया जा सकता है।

-एके भंडारी, कंट्रोलर एवं रजिस्ट्रार,पीयू

हां, हाई कमीशन से सर्टिफिकेट जांच के लिए आते रहते हैं। कनाडा एंबेसी से भी सर्टिफिकेट आए थे। फर्जी सर्टिफिकेट के बारे में एंबेसी अथवा हाई कमीशन को जानकारी दे दी जाती है।

-सुलक्षणा शर्मा, असिस्टेंट रजिस्ट्रार सर्टिफिकेट

पंजाब समेत पांच राज्यों में कौन संभालेंगे सत्ता, फैसला कल


 

 
चंडीगढ़. पंजाब समेत पांच राज्यों की सत्ता किसके हाथ लगेगी, यह मंगलवार दोपहर तक तय हो जाएगा। पंजाब की बात करें तो ज्यादातर एग्जिट पोल कांग्रेस को सरकार बनाते दर्शा रहे हैं, लेकिन कांटे की टक्कर की बात से भी कोई नहीं मुकर रहा।

59 के मैजिक फिगर तक अगर कोई पार्टी नहीं पहुंची तो बागियों का कद तो बढ़ेगा ही, पार्टियों के सामने भी गंभीर सैद्धांतिक समस्याएं पैदा हो जाएंगी। जिन बागियों के जीतने की उम्मीद बनी हुई है, उन पर दोनों प्रमुख पार्टियों की नजरें हैं, ताकि यदि जरूरत पड़ी तो किसी भी कीमत पर उन्हें अपने पाले में शामिल किया जाए। बातचीत का दौर भी शुरू हो चुका है।

कांग्रेस, गठबंधन अपने-अपने दावों पर कायम

कांग्रेस निश्चित रूप से पूर्ण बहुमत लेकर आएगी। इसलिए किसी अन्य विधायक की सेवाएं लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

- कैप्टन अमरिंदर सिंह

पंजाब की जनता ने अकाली-भाजपा सरकार के कामों को देखा है। हम सरकार अपने दम पर ही बनाएंगे।

- सुखबीर बादल

हमारे सहयोग के बिना कोई भी दल सरकार नहीं बना पाएगा। हम 22 सीटें जीतेंगे। एग्जिट पोल फेल रहेंगे।

- मनप्रीत बादल


किस पार्टी के सामने क्या विकल्प, क्या समीकरण

कांग्रेसः कांग्रेस यदि सत्ता की चाबी हासिल करने से एक-दो कदम पीछे रहती है, उसकी नैया बागियों के बिना पार नहीं लग सकती। डेराबस्सी, मुकेरियां, पठानकोट, कोटकपूरा, बल्लुआणा समेत 12 ऐसी ही सीटें हैं, जहां कांग्रेस के बागी चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से यदि कोई जीतता है तो उसे पार्टी में लेना कांग्रेस के लिए एकमात्र विकल्प होगा।

शिअद-भाजपाः अकाली-भाजपा गठबंधन इस स्थिति में रहा कि वह सरकार बना सके तो यह उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि होगी। गठबंधन की नजर अपने बागियों के अलावा कांग्रेस के बागियों पर भी है। अकाली दल को बागियों से सौदेबाजी करने में दिक्कत कम आएगी, क्योंकि इसके लिए नेताओं को किसी आलाकमान से पूछने की जरूरत नहीं होगी।

पीपीपीः मनप्रीत की पार्टी को 4-5 सीटें मिलती दिखाई गई हैं। ऐसा होता है तो बड़ी पार्टियां पीपीपी की हालत उसी तरह की बनाना चाहेंगी, जैसी हरियाणा में कांग्रेस ने कुलदीप बिशनोई की पार्टी हजंका की बनाई है। पीपीपी के विधायक क्या मनप्रीत को छोड़कर दल बदलेंगे? यह भी बड़ा सवाल बना हुआ है।

भूकंप: हिसार में दीवार गिरी, 6 दबे

हिसार. हरियाणा के हिसार जिले में सोमवार को दोपहर एक बजकर 11 मिनट पर आए भूकंप के चलते दीवार गिर गई। दीवार के मलबे में छह लोग दब गए हैं। इनमें से दो की हालत गंभीर है। वहीं, रोहतक के एक स्कूल की छत में भी दरारें पड़ गईं। रोहतक पीजीआई अस्पताल के नए ओपीडी ब्लॉक और नए लघु सचिवालय की इमारत में दरारें पड़ गई हैं। दरारें देखकर लोग इन इमारतों से बाहर आ गए। शहर के किला रोड इलाके में कई घरों में दरारें पड़ गई हैं। 

हरियाणा के अलावा भूकंप के झटके दिल्ली, पंजाब और उत्तर प्रदेश के अलावा जयपुर समेत राजस्थान के कई शहरों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में एक व्यक्ति के मकान में दरारें पड़ गईं।  भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 5.1 (यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक) थी। भूकंप का केंद्र दिल्ली से कुछ दूर बहादुरगढ़ (हरियाणा) में धरती की सतह से 19.1 किलोमीटर नीचे रहा। यह इलाका नई दिल्ली से 48 किलोमीटर, उत्तर पश्चिम उत्तर दिशा में और रोहतक से 22 किलोमीटर पूर्व दक्षिण पूर्व दिशा में है।  भूकंप के झटके करीब दस सेकंड तक महसूस किए गए। भूकंप से कई इलाकों में लोग दहशत में आ गए थे। झटके महसूस होने के बाद लोग दफ्तरों और घरों के बाहर आ गए। 
 
इससे पहले पिछले साल 7 सितंबर को दिल्‍ली और एनसीआर में रिक्टर स्केल पर 4.2 तीव्रता के भूकंप के मध्‍यम झटके महसूस किए गए थे। भूकंप के ये झटके 10 से 15 सेकेंड तक महसूस किए गए थे। तब भूकंप का केंद्र दिल्‍ली-हरियाणा की सीमा पर सोनीपत के पास था।

ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇ ਅਹੁਦੇ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਦੌੜ



 ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇ ਅਹੁਦੇ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਦੌੜ

 
ਕਾਂਗਰਸ ਦਾ ਚੋਣ ਨਤੀਜਾ ਤੈਅ ਕਰੇਗਾ ਡਿਪਟੀ ਸੀ. ਐੱਮ.
ਜਲੰਧਰ :¸ ਪੰਜਾਬ ਕਾਂਗਰਸ ਨੂੰ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ 'ਚ ਬਹੁਮਤ ਮਿਲਣ 'ਤੇ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇ ਅਹੁਦੇ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਹੁਣ ਭਾਵੇਂ ਕੋਈ ਗੈਰ-ਯਕੀਨੀ ਵਾਲੀ ਹਾਲਤ ਨਹੀਂ ਰਹੀ ਪਰ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਅਹੁਦਾ ਕਿਸ ਦੀ ਝੋਲੀ 'ਚ ਜਾਵੇਗਾ, ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਕਾਂਗਰਸ 'ਚ ਚਰਚਾ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਗਈ ਹੈ। ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਚੋਣ ਨਤੀਜੇ ਤੈਅ ਕਰਨਗੇ ਕਿ ਡਿਪਟੀ ਸੀ. ਐੱਮ. ਦੀ ਕੁਰਸੀ 'ਤੇ ਕੌਣ ਬੈਠਦਾ ਹੈ। ਪਿਛਲੀ ਵਾਰ ਜਦੋਂ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਬਣੇ ਸਨ ਤਾਂ ਕਾਂਗਰਸ ਹਾਈ ਕਮਾਨ ਨੇ ਡਿਪਟੀ ਸੀ. ਐੱਮ. ਦਾ ਅਹੁਦਾ ਬਾਅਦ 'ਚ ਰਾਜਿੰਦਰ ਕੌਰ ਭੱਠਲ ਨੂੰ ਸੌਂਪਿਆ ਸੀ। ਭੱਠਲ    ਜੇ ਲਹਿਰਾਗਾਗਾ ਅਸੈਂਬਲੀ  ਹਲਕੇ ਤੋਂ ਚੁਣੀ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਡਿਪਟੀ ਸੀ. ਐੱਮ. ਦੀ ਅਹੁਦੇ ਦੀ ਉਹ ਮਜ਼ਬੂਤ ਦਾਅਵੇਦਾਰ ਹੋਵੇਗੀ। ਭਾਵੇਂ ਹਿੰਦੂ ਭਾਈਚਾਰੇ 'ਚੋਂ ਅਸ਼ਵਨੀ ਸੇਖੜੀ ਅਤੇ ਓ. ਪੀ. ਸੋਨੀ ਵੀ ਇਸ ਅਹੁਦੇ 'ਤੇ ਨਜ਼ਰ ਰੱਖ ਕੇ ਚੱਲ ਰਹੇ ਹਨ ਪਰ ਇਹ ਅਹੁਦਾ ਕਿਸ ਦੀ ਝੋਲੀ 'ਚ ਪਏਗਾ, ਇਸ ਬਾਰੇ ਅੰਤਿਮ ਫੈਸਲਾ ਕਾਂਗਰਸ ਹਾਈਕਮਾਨ ਵਲੋਂ ਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ।
ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ 'ਚ ਕੋਈ ਵਿਵਾਦ ਨਹੀਂ
ਜਲੰਧਰ :¸ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਅਤੇ ਭਾਜਪਾ ਗਠਜੋੜ ਨੂੰ ਚੋਣਾਂ 'ਚ ਬਹੁਮਤ ਮਿਲਣ ਦੀ ਸਥਿਤੀ 'ਚ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇ ਅਹੁਦੇ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਕੋਈ ਵਿਵਾਦ ਛਿੜਣ ਦੇ ਆਸਾਰ ਨਹੀਂ ਹਨ। ਇਸ ਸਮੇਂ ਇਹ ਅਹੁਦਾ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਕੋਲ ਹੈ ਅਤੇ ਬਹੁਮਤ ਮਿਲਣ 'ਤੇ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਹੀ ਹੋਣਗੇ। ਸੁਖਬੀਰ ਨੂੰ ਹੀ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਵਜੋਂ ਸਹੁੰ ਚੁਕਾਈ ਜਾਵੇਗੀ। ਅਕਾਲੀ ਹਲਕਿਆਂ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਹੈ ਕਿ ਭਾਜਪਾ ਕੋਲ ਪਿਛਲੀ ਵਾਰ 19 ਵਿਧਾਇਕ ਸਨ ਤਾਂ ਉਹ ਉਸ ਸਮੇਂ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਅਹੁਦਾ ਹਾਸਿਲ ਨਹੀਂ ਕਰ ਸਕਦੀ ਸੀ। ਇਸ ਵਾਰ ਭਾਜਪਾ ਵਲੋਂ ਉਪ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇ ਅਹੁਦੇ 'ਤੇ ਦਾਅਵਾ ਕੀਤੇ ਜਾਣ ਦੇ ਆਸਾਰ ਨਹੀਂ ਹਨ ਕਿਉਂਕਿ ਭਾਜਪਾ ਨੂੰ ਪਿਛਲੀਆਂ ਚੋਣਾਂ ਦੇ ਮੁਕਾਬਲੇ ਇਸ ਵਾਰ ਘੱਟ ਸੀਟਾਂ ਮਿਲਣ ਦੇ ਅਨੁਮਾਨ ਲਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਹਨ। ਚੋਣ ਨਤੀਜੇ ਐਲਾਨੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹੀ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਤੇ ਭਾਜਪਾ ਵਲੋਂ ਆਪਣੇ ਪੱਤੇ ਖੋਲ੍ਹੇ ਜਾਣਗੇ।

ਸੁਖਬੀਰ ਤੇ ਕੈਪਟਨ ਦੇ ਭਵਿੱਖ 'ਤੇ ਸਵਾਲੀਆ ਨਿਸ਼ਾਨ!


 

 
ਲੁਧਿਆਣਾ- ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਧਰਤੀ 'ਤੇ ਦੋ ਦਿਨ ਬਾਅਦ ਚੋਣ ਨਤੀਜੇ ਆਪਣਾ ਫੈਸਲਾ ਸੁਣਾ ਕੇ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਇਕ ਸਰਕਾਰ ਦਾ ਗਠਨ ਕਰਕੇ ਚਲਦੇ ਬਣਨਗੇ ਤੇ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਇਕ ਮਹੀਨੇ ਤੇ ਚੰਦ ਦਿਨਾਂ ਤੋਂ ਲੱਗੀਆਂ ਨਜ਼ਰਾਂ ਵੀ ਹੁਣ ਰੁਕ ਜਾਣਗੀਆਂ। ਇਹ ਚੋਣ ਨਤੀਜੇ ਕਿਸ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਬਣਾਉਣਗੇ ਇਸ ਬਾਰੇ ਹੁਣ ਤਕ ਵੱਡੀ ਬੁਝਾਰਤ ਬਣੀ ਹੋਈ ਹੈ ਕਿਉਂਕਿ ਪੰਜਾਬ ਵਿਚਲੀਆਂ ਦੋ ਵੱਡੀਆਂ ਪਾਰਟੀਆਂ ਕਾਂਗਰਸ ਤੇ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਆਪੋ-ਆਪਣੀ ਜਿੱਤ ਦੇ ਪੱਕੇ ਦਾਅਵੇ ਤੇ 49-51 ਦੀ ਗੱਲ  ਕਰ ਰਹੀਆਂ ਹਨ।
ਬਾਕੀ 6 ਮਾਰਚ ਨੂੰ ਚੋਣ ਨਤੀਜੇ ਜਿਸ ਵੀ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਹੱਕ 'ਚ ਸਰਕਾਰ ਬਣਾਉਣਗੇ, ਉਸ ਦੀ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਰਾਜਨੀਤੀ 'ਚ ਪਕੜ ਏਨੀ ਜ਼ਿਆਦਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਤੇ ਹਾਰ ਜਾਣ ਵਾਲੀ ਪਾਰਟੀ ਨੂੰ ਮੁੜ ਤੋਂ ਬਰਾਬਰੀ ਕਰਨ ਦਾ ਮੌਕਾ ਨਹੀਂ ਮਿਲੇਗਾ ਤੇ ਹਾਰਨ ਵਾਲੀ ਪਾਰਟੀ 'ਤੇ ਵੱਡਾ ਸਵਾਲੀਆ ਨਿਸ਼ਾਨ ਲੱਗ ਜਾਵੇਗਾ।
ਇਸ ਸਵਾਲੀਆ ਨਿਸ਼ਾਨਾਂ ਬਾਰੇ ਰਾਜਸੀ ਪੰਡਿਤਾਂ ਨੇ ਆਪਣੀ ਚੁੱਪੀ ਤੋੜਦਿਆਂ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਜੇਕਰ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਅਕਾਲੀ-ਭਾਜਪਾ ਗਠਜੋੜ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਰਪੀਟ ਹੋ ਜਾਂਦੀ ਹੈ ਤਾਂ ਹਰ ਪਾਸੇ ਸੁਖਬੀਰ ਬਾਦਲ ਦੀ ਜੈ-ਜੈਕਾਰ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ ਤੇ ਬਾਦਲ ਦਾ ਜਾਦੂ ਚੱਲ ਜਾਵੇਗਾ ਤੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸ 'ਚ ਪਹਿਲੀ ਵਾਰੀ ਕੋਈ ਸਰਕਾਰ ਰਪੀਟ ਹੋ ਕੇ ਨਵਾਂ ਇਤਿਹਾਸ ਰਚ ਦੇਵੇਗੀ ਤੇ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਦਾ ਸੁਪਨਾ ਆਪਣੇ ਬੇਟੇ ਨੂੰ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਪੂਰਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ਤੇ 25 ਸਾਲ ਦੇ ਰਾਜ ਨੂੰ ਬੂਰ ਪੈ ਜਾਵੇਗਾ। ਚਾਚੇ ਦੇ ਪੁੱਤ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਵਲੋਂ ਬਾਗੀ ਹੋ ਕੇ ਗੁੰਦੀਆਂ ਗਈਆਂ ਚਾਲਾਂ ਵੀ ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਫੇਲ੍ਹ ਹੋ ਜਾਣਗੀਆਂ।
ਰਾਜਸੀ ਪੰਡਿਤਾਂ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਜੇਕਰ ਉਪਰੋਕਤ ਹਟਵਾਂ ਫੈਸਲਾ ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਹੱਕ ਵਿਚ ਚਲਾ ਗਿਆ ਤਾਂ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦੀ ਤੂਤੀ ਬੋਲੇਗੀ ਤੇ ਹਰ ਪਾਸੇ ਕੈਪਟਨ ਦਾ ਜਾਦੂ ਚੱਲਣ ਦੇ ਚਰਚੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਤੇ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਲੋਕ ਵੀ ਇਹ ਸਾਬਤ ਕਰ ਦੇਣਗੇ ਕਿ ਉਹ ਵਿਕਾਸ 'ਚ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਨਹੀਂ ਰੱਖਦੇ, ਉਹ ਤਾਂ ਸਰਕਾਰ ਬਦਲਣ 'ਚ ਆਪਣੀ ਡਿਊਟੀ ਨਿਭਾਉਂਦੇ ਹਨ ਤੇ ਪੰਜ ਸਾਲਾਂ ਬਾਅਦ ਧੋਬੀ ਪਟਕਾ ਮਾਰ ਕੇ ਬਾਹਰਲਾ ਰਾਹ ਦਿਖਾ ਦਿੰਦੇ ਹਨ।  ਇਸ ਦੇ ਨਾਲ ਚਾਚੇ ਦੇ ਪੁੱਤ ਦਾ ਵੀ ਉਹ ਸੁਪਨਾ ਪੂਰਾ ਹੋ ਜਾਵੇਗਾ ਕਿ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਚਲੀ ਜਾਵੇਗੀ ਤੇ ਸੁਖਬੀਰ ਦਾ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਬਣਨ ਦਾ ਸੁਪਨਾ ਵੀ ਪੂਰਾ ਨਹੀਂ ਹੋ ਸਕਿਆ। ਰਾਜਸੀ ਮਾਹਿਰਾਂ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਇਥੇ ਹੀ ਬੱਸ ਨਹੀਂ ਇਸ ਵਾਰ ਹਾਰਨ ਵਾਲੀ ਪਾਰਟੀ  ਨੂੰ ਵੱਡੀ ਨਿਮੋਸ਼ੀ ਤੇ ਪਾਰਟੀ ਵਿਚਲੀ ਧੜੇਬੰਦੀ ਤੋਂ ਰਾਜਸੀ ਕਾਟੋ-ਕਲੇਸ਼ ਤੇ ਟਿਕਟਾਂ ਦੀ ਗਲਤ ਵੰਡ ਤੇ ਹੋਰ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੋਸ਼ ਲੱਗਣੇ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋ ਜਾਣਗੇ ਤੇ ਪਾਰਟੀ 'ਚ ਬਗਾਵਤੀ ਸੁਰਾਂ ਵੀ ਉੱਠ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ। ਸਾਰਾ ਭਾਂਡਾ ਪਾਰਟੀ ਤੋਂ ਬਾਗੀ ਹੋਏ ਆਜ਼ਾਦ ਉਮੀਦਵਾਰਾਂ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਤਰ੍ਹਾਂ-ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੀਆਂ ਦੰਦ ਕਥਾਵਾਂ 'ਚ ਘਿਰੀ ਉਸ ਹਾਰਨ ਵਾਲੀ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਨੂੰ ਨੈਤਿਕ ਦੇ ਆਧਾਰ 'ਤੇ ਅਸਤੀਫਾ ਦੇਣਾ ਪਵੇਗਾ। ਰਾਜਸੀ ਮਾਹਿਰਾਂ ਨੇ ਅਖੀਰ 'ਚ ਕਿਹਾ ਕਿ ਹੁਣ 6 ਮਾਰਚ ਨੂੰ ਜਿਥੇ ਚੋਣ ਨਤੀਜੇ ਇਕ ਪਾਰਟੀ ਦੀ ਬੱਲੇ-ਬੱਲੇ ਕਰਵਾ ਜਾਣਗੇ ਤੇ ਦੂਸਰੀ ਪਾਰਟੀ ਨੂੰ ਜ਼ਰੂਰ ਪੜ੍ਹਨੇ ਪਾ ਜਾਣਗੇ। ਜੇਕਰ ਦੋਵਾਂ ਪਾਰਟੀਆਂ ਲਈ ਸੀਟਾਂ ਦਾ ਫਰਕ 50-51 ਵਾਲਾ ਰਹਿ ਗਿਆ ਤਾਂ ਆਜ਼ਾਦ ਤੇ ਬਾਗੀ ਤੇ ਪੀ. ਪੀ. ਪੀ. ਸਰਕਾਰ ਬਣਾਉਣ ਦਾ ਹੱਕ ਆਪਣੇ ਹੱਥ ਲੈ ਗਏ ਤਾਂ ਇਸ ਵਾਰ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਇਤਿਹਾਸਕ 'ਚ ਆਪਣੀਆਂ ਫੌੜ੍ਹੀਆਂ ਨਾਲ ਸਰਕਾਰ ਨੂੰ ਚਲਾਉਣ ਦਾ ਕੰਮ ਕਰ ਜਾਣਗੇ ਤੇ ਸਰਕਾਰ ਜਿਸ ਦੀ ਵੀ ਬਣੇਗੀ, ਉਹ ਫੂਕ-ਫੂਕ ਕੇ ਪੈਰ ਧਰੇਗੀ ਤੇ ਹਰ ਰੋਜ਼ ਨਵੇਂ ਇਮਤਿਹਾਨ ਦੇਵੇਗੀ।

ਕੈਪਟਨ ਦੇ ਸਿਤਾਰੇ ਤਾਜਪੋਸ਼ੀ ਵਾਲੇ


   


ਕੈਪਟਨ ਦੇ ਸਿਤਾਰੇ ਤਾਜਪੋਸ਼ੀ ਵਾਲੇ

      

ਕੈਪਟਨ ਦੇ ਸਿਤਾਰੇ ਤਾਜਪੋਸ਼ੀ ਵਾਲੇ : ਪੰਡਤ ਐੱਸ. ਪੀ. ਦੀਕਸ਼ਿਤ
ਬਾਦਲ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ 13 ਦਸੰਬਰ 2011 ਤੋਂ 1 ਮਈ 2012 ਤੱਕ ਠੀਕ ਨਹੀਂ
ਪਟਿਆਲਾ- ਪ੍ਰਸਿੱਧ ਜੋਤਿਸ਼ ਸ਼ਾਸਤਰੀ ਪੰਡਤ ਐੱਸ. ਪੀ. ਦੀਕਸ਼ਿਤ (ਚਪੜਵਾਲੇ) ਨੇ ਭਵਿੱਖਬਾਣੀ ਕੀਤੀ ਹੈ ਕਿ ਕੈ. ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਅਨੁਸਾਰ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਸਿਤਾਰੇ ਤਾਜਪੋਸ਼ੀ ਵਾਲੇ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕੈ. ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦੀ ਜੋ ਜਨਮ ਤਰੀਕ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਮਿਲੀ ਹੈ, ਉਸ ਅਨੁਸਾਰ ਕੈਪਟਨ ਦਾ ਜਨਮ 11 ਮਾਰਚ 1942 ਸਵੇਰੇ 3:20 ਵਜੇ ਬੁੱਧਵਾਰ ਨੂੰ ਪਟਿਆਲਾ ਵਿਖੇ ਹੋਇਆ ਹੈ। ਜੋਤਿਸ਼ ਸ਼ਾਸਤਰੀ ਅਨੁਸਾਰ ਕੈਪਟਨ ਦੇ ਭਾਗ ਸਥਾਨ ਦਾ ਮਾਲਕ ਗ੍ਰਹਿ ਸੂਰਜ ਰਾਹੂ-ਕੇਤੂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਹੋਣ ਨਾਲ ਜਦੋਂ ਵੀ ਗੋਚਰ ਵਿਚ ਰਾਹੂ-ਕੇਤੂ ਦੇ ਵਿਚਕਾਰ ਆਵੇਗਾ ਤਾਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਅਤੇ ਪ੍ਰੇਸ਼ਾਨੀ ਦੇਣ ਵਾਲਾ ਹੋਵੇਗਾ। ਰਾਹੂ ਮਹਾਦਸ਼ਾ ਕੈ. ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੂੰ 5 ਫਰਵਰੀ 1987 ਤੋਂ ਸ਼ੁਰੂ ਹੋਈ ਸੀ। ਮਿਤੀ 20-6-2001 ਤੋਂ 23-8-2001 ਅਤੇ 25-10-2001 ਤੋਂ 14-12-2001 ਵਾਲਾ ਸਮਾਂ ਸੰਘਰਸ਼ ਵਾਲਾ ਸੀ। 14-12-2001 ਤੋਂ 4-5-2002 ਤੱਕ ਕੁੰਡਲੀ ਅਨੁਸਾਰ ਕੈਪਟਨ ਦਾ ਬ੍ਰਹਸਪਤੀ, ਸ਼ਨੀ, ਬੁੱਧ ਗ੍ਰਹਿ ਹੋਣ ਕਾਰਨ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਬਤੌਰ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਤਾਜਪੋਸ਼ੀ ਕਰਵਾ ਦਿੱਤੀ। ਮੌਜੂਦਾ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚ 13-5-2011 ਤੋਂ 27-3-2012 ਤੱਕ ਦਾ ਸਮਾਂ ਫਿਰ ਤੋਂ ਮਾਣ ਸਨਮਾਨ ਦੇਣ ਵਿਚ ਪੂਰਾ ਸਮਰੱਥ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਕੈਪਟਨ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਗਈ ਸੀ ਤਾਂ ਉਸ ਸਮੇਂ 28-11-2006 ਤੋਂ 23-3-2007 ਤੱਕ ਕੈਪਟਨ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਅਨੁਸਾਰ ਸੂਰਜ ਰਾਹੂ ਕੇਤੂ ਵਿਚਕਾਰ ਸੀ। ਜੋਤਿਸ਼ ਸ਼ਾਸਤਰੀ ਅਨੁਸਾਰ ਕੈ. ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੂੰ 1 ਅੰਕ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਅਤੇ ਐਤਵਾਰ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਕੋਈ ਵੀ ਅਹਿਮ ਫੈਸਲਾ ਲੈਣ ਤੋਂ ਗੁਰੇਜ਼ ਕਰਨਾ ਚਾਹੀਦਾ ਹੈ। ਪੰਡਿਤ ਐੱਸ. ਪੀ. ਦੀਕਸ਼ਿਤ ਨੇ ਸਾਲ 1992 ਵਿਚ ਕੈ. ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਦੀ ਕੁੰਡਲੀ ਦੇਖ ਕੇ ਭਵਿੱਖਬਾਣੀ ਕੀਤੀ ਸੀ ਕਿ ਸਹੀ 12 ਸਾਲ ਬਾਅਦ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਤਾਜਪੋਸ਼ੀ ਹੋ ਜਾਵੇਗੀ, ਜੋ ਕਿ ਸੱਚ ਸਾਬਤ ਹੋਵੇਗੀ।
ਪੰਡਿਤ ਦੀਕਸ਼ਿਤ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਜੋ ਸ. ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਦੀ ਜਨਮ ਤਰੀਕ ਮਿਲੀ ਹੈ, ਉਸ ਅਨੁਸਾਰ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦਾ ਜਨਮ 8 ਦਸੰਬਰ 1926 ਨੂੰ ਸਵੇਰੇ 7:30 ਵਜੇ ਮੁਕਤਸਰ ਸਾਹਿਬ ਵਿਖੇ ਹੋਇਆ ਹੈ। ਜਨਮ ਕੁੰਡਲੀ ਅਨੁਸਾਰ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਦੂਜੇ ਘਰ ਦਾ ਸਿਤਾਰਾ ਬ੍ਰਹਸਪਤੀ ਹੈ ਅਤੇ ਪੰਜਵੇਂ ਘਰ ਦਾ ਸਿਤਾਰਾ ਵੀ ਬ੍ਰਹਸਪਤੀ ਹੈ, ਜੋਕਿ ਤੀਜੇ ਘਰ ਨੀਚ ਰਾਸ਼ੀ ਵਿਚ ਸਥਾਪਿਤ ਹੈ। ਬਾਦਲ ਸਾਹਿਬ ਨੂੰ ਬ੍ਰਹਸਪਤੀ ਮਹਾਦਸ਼ਾ, ਜੋ 16 ਸਾਲ ਦੀ ਹੁੰਦੀ ਹੈ 16-6-1967 ਤੋਂ 16-6-1983 ਤੱਕ ਸੀ, ਜੋ ਕਿ ਬੜੇ ਸੰਘਰਸ਼ ਵਾਲਾ ਸਮਾਂ ਸੀ। ਬ੍ਰਹਸਪਤੀ ਗ੍ਰਹਿ ਜੋ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਤੀਜੇ ਘਰ ਵਿਚ ਬੈਠਾ ਹੈ, ਭੈਣ, ਭਰਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸੰਤਾਨ ਨਾਲ ਸਬੰਧਤ ਹੈ। ਜਦੋਂ ਹੀ ਬ੍ਰਹਸਪਤੀ ਦੀ ਦਸ਼ਾ ਚੱਲੇਗੀ ਤਾਂ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਭੈਣ, ਭਰਾਵਾਂ ਅਤੇ ਸੰਤਾਨ ਤੋਂ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਪੈਦਾ ਹੋ ਸਕਦੀਆਂ ਹਨ। ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਪੰਡਿਤ ਦੀਕਸ਼ਿਤ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੇ 30-10-2009 ਨੂੰ ਸਪੱਸ਼ਟ ਲਿਖਿਆ ਸੀ ਕਿ ਬਾਦਲ ਸਾਹਿਬ ਨੂੰ 29-9-2009 ਤੋਂ 23-2-2010 ਤੱਕ
ਕੋਈ ਵੀ ਅਹਿਮ ਫੈਸਲਾ ਲੈਣਾ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹਿੱਤ ਵਿਚ ਨਹੀਂ ਹੋਵੇਗਾ। ਇਸ ਸਬੰਧੀ ਪਟਿਆਲਾ ਬਾਣੀ ਵਿਚ 31-10-2009 ਨੂੰ ਛਪਿਆ ਸੀ। ਇਸ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ ਬ੍ਰਹਸਪਤੀ ਨੇ ਬਾਦਲ ਸਾਹਿਬ ਨੂੰ 14-12-1999 ਤੋਂ ਲੈ ਕੇ 16-6-2002 ਤੱਕ ਕਾਫੀ ਸਮੱਸਿਆਵਾਂ ਦਿੱਤੀਆਂ ਸਨ ਤੇ ਹੁਣ ਵੀ ਸਮਾਂ 13-12-2011 ਤੋਂ 1-5-2012 ਤੱਕ ਜ਼ਿਆਦਾ ਅੱਛਾ ਨਹੀਂ ਕਿਹਾ ਜਾ ਸਕਦਾ। ਅਜਿਹੇ ਸਮੇਂ ਵਿਚ ਆਪਣੇ ਖਾਸਮ-ਖਾਸ ਇੱਥੋਂ ਤੱਕ ਕਿ ਸਕੇ ਭੈਣ ਭਰਾ ਵੀ ਧੋਖਾ ਦੇ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਗੁਰੂ ਤੇ ਰਾਹੂ ਦੋਵੇਂ ਗ੍ਰਹਿ ਉੁਨ੍ਹਾਂ ਦੇ ਹੱਕ ਵਿਚ ਨਹੀਂ। 22-1-1981 ਤੋਂ 16-6-1983 ਦਾ ਸਮਾਂ ਵੀ ਉਤਾਰ ਚੜ੍ਹਾਅ ਵਾਲਾ ਸੀ, ਇਸ ਲਈ ਬਾਦਲ ਸਾਹਿਬ ਨੂੰ ਸਲਾਹ ਹੈ ਕਿ ਉਹ ਵੀਰਵਾਰ ਅਤੇ 3 ਅੰਕ ਵਾਲੇ ਦਿਨ ਤੋਂ ਕੋਈ ਵੀ ਅਹਿਮ ਫੈਸਲਾ ਲੈਣ ਤੋਂ ਗੁਰੇਜ਼ ਕਰਨ। 

ਤੇ ਭਿੜ ਗਏ ਖਹਿਰਾ ਤੇ ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ




 
ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ,   ਐਤਵਾਰ ਨੂੰ ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ ਵਿਚ ਪੰਜਾਬ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ 'ਤੇ ਇਕ ਚਰਚਾ ਦੇ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦੌਰਾਨ ਹਲਕਾ ਭੁਲੱਥ   ਦੇ ਵਿਧਾਇਕ ਸੁਖਪਾਲ ਸਿੰਘ ਖਹਿਰਾ ਤੇ ਪੀ. ਪੀ. ਪੀ. ਆਗੂ ਭਗਵੰਤ ਮਾਨ 'ਚ ਤਿੱਖੀ ਬਹਿਸਬਾਜ਼ੀ ਦੇ ਦੌਰਾਨ ਕਿਸੇ ਮੁੱਦੇ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਜ਼ਬਰਦਸਤ ਝੜਪ ਹੋ ਗਈ। ਇਸ ਚਰਚਾ ਦੇ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਵਿਚ ਭਾਜਪਾ ਦੇ ਸੀਨੀਅਰ ਨੇਤਾ ਮਨੋਰੰਜਨ ਕਾਲੀਆ ਵੀ ਹਾਜ਼ਰ ਸਨ। ਚਰਚਾ ਦੌਰਾਨ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਦਾ ਸੰਚਾਲਨ ਕਰ ਰਹੇ ਐਂਕਰ ਨਾਲ ਵੀ ਕਿਸੇ ਮੁੱਦੇ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਖਹਿਰਾ ਦੀ ਬਹਿਸ ਹੋਈ ਅਤੇ ਝਗੜੇ ਨੂੰ ਵਧਣ ਤੋਂ ਰੋਕਣ ਲਈ ਟੀ. ਵੀ. ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਵਿਚ ਕੁਝ ਸਮੇਂ ਲਈ ਰੁਕਾਵਟ ਪਈ। ਇਸ 'ਤੇ ਟੀ. ਵੀ. ਚੈਨਲ ਦੇ ਇਕ ਬੁਲਾਰੇ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਹੈ ਕਿ ਅਜਿਹੀਆਂ ਚਰਚਾਵਾਂ ਵਿਚ ਤਿੱਖੀ ਬਹਿਸ ਤਾਂ ਚਲਦੀ ਰਹਿੰਦੀ ਹੈ ਪਰ ਪੰਜਾਬ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ 'ਤੇ ਕੋਈ ਚਰਚਾ ਦਾ ਪ੍ਰੋਗਰਾਮ ਬਿਨਾਂ ਕਿਸੇ ਰੁਕਾਵਟ ਦੇ ਸ਼ਾਂਤੀਪੂਰਵਕ ਸੰਪੰਨ ਹੋਇਆ।

ਦਿੱਲੀ ਭੂਚਾਲ ਦੇ ਝਟਕਿਆਂ ਨਾਲ ਹਿੱਲੀ!

ਨਵੀਂ ਦਿੱਲੀ— ਅੱਜ ਨਵੀਂ ਦਿੱਲੀ ਅਤੇ ਉਸਦੇ ਆਲੇ-ਦੁਆਲੇ ਦੇ ਇਲਾਕਿਆਂ 'ਚ ਭੂਚਾਲ ਦੇ ਝਟਕੇ ਮਹਿਸੂਸ ਕੀਤੇ ਗਏ। ਰੈਕਟਰ ਪੈਮਾਨੇ 'ਤੇ ਭੂਚਾਲ ਦੀ ਤੀਬਰਤਾ 4.9 ਮਾਪੀ ਗਈ।  ਦਿੱਲੀ ਨਾਲ ਲੱਗਦੇ ਫਰੀਦਾਬਾਦ, ਗਾਜੀਆਬਾਦ ਅਤੇ ਗੁੜਗਾਓਂ 'ਚ ਵੀ ਭੂਚਾਲ ਦੇ ਝਟਕੇ ਮਹਿਸੂਸ ਕੀਤੇ ਗਏ। ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਪੰਜਾਬ, ਰਾਜਸਥਾਨ ਅਤੇ ਉੱਤਰ ਪ੍ਰਦੇਸ਼ 'ਚ ਵੀ ਭੂਚਾਲ ਦੇ ਝਟਕੇ ਮਹਿਸੂਸ ਕੀਤੇ ਗਏ। ਇਹ ਭੂਚਾਲ ਦੁਪਹਿਰ ਲਗਭਗ 1.12 ਵਜੇ ਆਇਆ ਸੀ। ਟੀ. ਵੀ. ਰਿਪੋਰਟਾਂ ਅਨੁਸਾਰ ਭੂਚਾਲ ਦਾ ਕੇਂਦਰ ਬਹਾਦੁਰਗੜ੍ਹ ਤੋਂ ਦਿੱਲੀ-ਹਰਿਆਣਾ ਬਾਰਡਰ 'ਤੇ ਸੀ। ਇਹ ਝਟਕੇ 15-20 ਸੈਕੰਡ ਤੱਕ ਮਹਿਸੂਸ ਕੀਤੇ ਗਏ। ਹਾਲਾਂਕਿ ਕਿਸੇ ਵੀ ਤਰ੍ਹਾਂ ਦੇ ਜਾਨੀ ਤੇ ਮਾਨੀ ਨੁਕਸਾਨ ਦੀ ਕੋਈ ਖਬਰ ਨਹੀਂ ਮਿਲੀ ਹੈ।

ਤੰਤਰ-ਮੰਤਰ ਨਾ ਆਇਆ ਕੰਮ



ਤੰਤਰ-ਮੰਤਰ ਨਾ ਆਇਆ ਕੰਮ

 
ਜਲੰਧਰ  -   ਪੈਸੇ ਲੈ ਕੇ ਤਿੰਨ ਦਿਨਾਂ ਵਿਚ ਵਿਦੇਸ਼ ਨਾ ਭੇਜਣ ਵਾਲੇ ਠੱਗ ਤਾਂਤਰਿਕ ਨੂੰ ਕੁਝ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਨੇ ਅਗਵਾ ਕਰ ਲਿਆ। ਤਾਂਤ੍ਰਿਕ ਦੇ ਅਗਵਾ ਦੀ ਖਬਰ ਸੁਣਦੇ ਹੀ ਪੁਲਸ ਪ੍ਰਸ਼ਾਸਨ ਹਰਕਤ ਵਿਚ ਆ ਗਿਆ। ਹਾਲਾਂਕਿ ਪੁਲਸ ਨੇ ਦੇਰ ਰਾਤ ਤਾਂਤਰਿਕ ਨੂੰ ਅਗਵਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਨੌਜਵਾਨ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰ ਲਿਆ ਪਰ ਉਸਦੇ ਬਾਕੀ ਸਾਥੀ ਫਰਾਰ ਹੋ ਗਏ। ਬੱਸ ਸਟੈਂਡ ਚੌਕੀ ਇੰਚਾਰਜ ਨਰੇਸ਼ ਜੋਸ਼ੀ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਬੱਸ ਸਟੈਂਡ ਨੇੜੇ ਤਾਂਤਰਿਕ ਮੀਆਂ ਸੁਭਾਨੀ ਸਮਰਾਟ ਦੇ ਦਫਤਰ ਵਿਚ ਬੈਠੇ ਤਾਂਤਰਿਕ ਸ਼ੋਏਬ ਨੇ ਤੰਤਰ-ਮੰਤਰ ਜ਼ਰੀਏ ਹੁਸ਼ਿਆਰਪੁਰ ਨਿਵਾਸੀ  ਗੌਰਵ ਹਾਂਡਾ ਨੂੰ ਤਿੰਨ ਦਿਨਾਂ ਵਿਚ ਵਿਦੇਸ਼ ਭੇਜਣ ਦੇ ਨਾਂ 'ਤੇ 2500 ਰੁਪਏ ਠੱਗ ਲਏ। ਤਿੰਨ ਦਿਨ ਬੀਤ ਜਾਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਜਦੋਂ ਉਹ ਵਿਦੇਸ਼ ਨਾ ਪਹੁੰਚਿਆ ਤਾਂ  ਗੌਰਵ ਹਾਂਡਾ ਆਪਣੇ ਸਾਥੀਆਂ ਸਮੇਤ ਦਫਤਰ ਆ ਕੇ ਤਾਂਤਰਿਕ ਤੋਂ ਪੈਸੇ ਮੰਗਣ ਲੱਗਾ, ਜੋ ਉਸਨੇ ਨਹੀਂ ਦਿੱਤੇ ਤਾਂ ਉਕਤ ਨੌਜਵਾਨਾਂ ਨੇ ਤਾਂਤਰਿਕ ਦੇ ਦਫਤਰ ਵਿਚ ਬੈਠੇ ਨੌਜਵਾਨ ਸਵੈਮ ਨੂੰ ਅਗਵਾ ਕਰਕੇ ਆਪਣੀ ਗੱਡੀ ਵਿਚ ਬਿਠਾ ਲਿਆ। ਪਤਾ ਲੱਗਣ 'ਤੇ ਪੁਲਸ ਨੇ ਮੌਕੇ 'ਤੇ ਮੌਜੂਦ ਲੋਕਾਂ ਤੋਂ ਗੱਡੀ ਦਾ ਨੰਬਰ ਪਤਾ ਕਰਵਾਇਆ। ਪੁਲਸ ਨੇ ਦੇਰ ਰਾਤ ਹੁਸ਼ਿਆਰਪੁਰ ਵਿਚ ਛਾਪੇਮਾਰੀ ਕਰਕੇ ਤਾਂਤਰਿਕ ਨੂੰ ਅਗਵਾ ਕਰਨ ਵਾਲੇ ਨੌਜਵਾਨ ਨੂੰ ਕਾਬੂ ਕਰਕੇ ਤਾਂਤਰਿਕ ਨੂੰ ਬਰਾਮਦ ਕਰ ਲਿਆ ਤੇ ਉਸਦੇ ਬਾਕੀ ਸਾਥੀ ਫਰਾਰ ਹੋ ਗਏ। ਪੁਲਸ ਨੇ ਅਗਵਾਕਾਰ ਦੀ ਪਛਾਣ ਗੌਰਵ ਹਾਂਡਾ ਪੁੱਤਰ ਕਵੀਰਾਜ ਹਾਂਡਾ ਨਿਵਾਸੀ ਹੁਸ਼ਿਆਰਪੁਰ ਦੇ ਰੂਪ ਵਿਚ ਕੀਤੀ ਹੈ। ਗੌਰਵ ਤੇ ਉਸਦੇ ਸਾਥੀਆਂ ਖਿਲਾਫ ਪੁਲਸ ਨੇ ਮਾਮਲਾ ਦਰਜ ਕਰ ਲਿਆ।

ਕਾਂਗਰਸ ਨੂੰ 70 ਸੀਟਾਂ 'ਤੇ ਜਿੱਤ ਦਾ ਯਕੀਨ - ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ


ਜਲੰਧਰ, (ਧਵਨ)¸ਵੱਖ-ਵੱਖ ਚੈਨਲਾਂ 'ਤੇ ਦਿਖਾਏ ਜਾ ਰਹੇ ਐਗਜ਼ਿਟ ਪੋਲ ਦੇ ਨਤੀਜਿਆਂ  ਨਾਲ ਪੰਜਾਬ ਕਾਂਗਰਸ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਸਹਿਮਤ ਨਹੀਂ ਹਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਐਤਵਾਰ ਮੁੜ ਦਾਅਵਾ ਕੀਤਾ ਕਿ ਕਾਂਗਰਸ ਦਾ ਪ੍ਰਦਰਸ਼ਨ ਐਗਜ਼ਿਟ ਪੋਲ ਦੇ ਨਤੀਜਿਆਂ ਨਾਲੋਂ ਵੀ ਵਧੀਆ ਹੋਵੇਗਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਕਾਂਗਰਸ ਦਾ ਅੱਜ ਵੀ ਇਹ ਮੰਨਣਾ ਹੈ ਕਿ ਪਾਰਟੀ 70 ਸੀਟਾਂ ਜਿੱਤ ਲਵੇਗੀ।
ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਨੇ ਐਗਜ਼ਿਟ ਪੋਲ ਦੇ ਨਤੀਜਿਆਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਆਪਣੇ ਸਹਿਯੋਗੀਆਂ ਨਾਲ ਵਿਚਾਰ-ਵਟਾਂਦਰਾ ਕੀਤਾ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਵਧੇਰੇ ਚੈਨਲਾਂ ਨੇ ਇਹ ਤਾਂ ਮੰਨ ਲਿਆ ਹੈ ਕਿ ਸੂਬੇ ਵਿਚ ਕਾਂਗਰਸ ਹੀ ਸਰਕਾਰ ਬਣਾਏਗੀ ਪਰ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਨਿੱਜੀ ਰਾਏ ਹੈ ਕਿ ਪਾਰਟੀ ਦੀਆਂ ਜੇਤੂ ਸੀਟਾਂ ਦੀ ਗਿਣਤੀ ਕਿਤੇ ਵੱਧ ਰਹੇਗੀ ਕਿਉਂਕਿ ਵੋਟਰਾਂ ਨੇ ਵੱਡੀ ਪੱਧਰ 'ਤੇ ਵੋਟਾਂ ਪਾਈਆਂ ਹਨ ਅਤੇ ਇਹ ਵੋਟਾਂ  ਅਕਾਲੀ-ਭਾਜਪਾ ਸਰਕਾਰ ਵਿਰੁੱਧ ਗਈਆਂ ਹਨ। ਅਮਰਿੰਦਰ ਦੇ ਨੇੜਲਿਆਂ ਨੇ ਦਸਿਆ ਕਿ ਇਕ ਤਾਂ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੀਆਂ ਸੀਟਾਂ ਘਟਣਗੀਆਂ, ਦੂਜਾ ਆਜ਼ਾਦਾਂ ਨੂੰ ਵੱਧ ਸੀਟਾਂ ਮਿਲਣ ਦੀ ਉਮੀਦ ਨਹੀਂ। ਆਜ਼ਾਦ ਤੇ ਬਾਗੀਆਂ ਦਾ ਅੰਕੜਾ 5 ਸੀਟਾਂ ਤਕ ਹੀ ਸੀਮਤ ਰਹੇਗਾ।
ਉਪ ਮੁਖ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਮੁੱਦਾ ਅਜੇ ਖੁਲ੍ਹਾ ਹੈ : ਭਾਜਪਾ
ਪੰਜਾਬ ਭਾਜਪਾ ਨੇ ਐਤਵਾਰ ਜਿੱਥੇ ਐਗਜ਼ਿਟ ਪੋਲ ਦੇ ਨਤੀਜਿਆਂ ਨੂੰ ਰੱਦ ਕਰ ਦਿਤਾ, ਉਥੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਉਸ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਉਪ ਮੁਖ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਮੁੱਦਾ ਅਜੇ ਖਤਮ ਨਹੀਂ ਹੋਇਆ। 
ਪੰਜਾਬ ਭਾਜਪਾ ਦੇ ਜਨਰਲ ਸਕੱਤਰ ਕਮਲ ਸ਼ਰਮਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਇਹ ਕਹਿਣਾ ਠੀਕ ਨਹੀਂ ਹੈ ਕਿ ਉਨ੍ਹਾਂ ਦੀ ਪਾਰਟੀ ਨੇ ਉਪ ਮੁਖ ਮੰਤਰੀ ਦਾ ਮੁੱਦਾ ਛੱਡ ਦਿਤਾ ਹੈ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਅਸਲ ਵਿਚ ਇਸ ਮੁੱਦੇ 'ਤੇ ਚਰਚਾ ਚੋਣ ਨਤੀਜਿਆਂ ਦੇ ਐਲਾਨ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਕੀਤੀ ਜਾਵੇਗੀ। 
ਕਮਲ ਸ਼ਰਮਾ ਨੇ ਕਿਹਾ ਕਿ ਗਠਜੋੜ ਧਰਮ ਇਹੀ ਸਿਖਾਉਂਦਾ ਹੈ ਕਿ ਨਤੀਜੇ ਐਲਾਨੇ ਜਾਣ ਤੋਂ ਬਾਅਦ ਹੀ ਅਜਿਹੇ ਨਾਜ਼ੁਕ ਮੁੱਦਿਆਂ 'ਤੇ ਦੋਵੇਂ ਪਾਰਟੀਆਂ ਮਿਲ ਕੇ ਫੈਸਲਾ ਕਰਨ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਐਗਜ਼ਿਟ ਪੋਲ ਵਿਚ ਭਾਜਪਾ ਨੂੰ ਕਮਜ਼ੋਰ ਮੰਨਿਆ ਗਿਆ ਹੈ ਜੋ ਅਸਲੀਅਤ ਤੋਂ ਦੂਰ ਦੀ ਗੱਲ ਹੈ।

ਐਗਜਿਟ ਪੋਲ : ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਅਕਾਲੀਆਂ ਦੀ ਹੋਵੇਗੀ ਹਾਰ, ਕਾਂਗਰਸ ਬਣਾਏਗੀ ਸਰਕਾਰ

ਚੰਡੀਗੜ੍ਹ— ਪੰਜਾਬ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ 'ਚ ਸੱਤਾਧਾਰੀ ਅਕਾਲੀ ਗਠਬੰਧਨ ਅਤੇ ਵਿਰੋਧੀ ਧਿਰ ਕਾਂਗਰਸ ਵਿਚਾਲੇ ਸਖਤ ਟੱਕਰ ਹੈ ਪਰ ਕਾਂਗਰਸ ਬਹੁਮਤ ਦੇ ਜਾਦੂਈ ਅੰਕੜੇ ਦੇ ਬਹੁਤ ਨੇੜੇ ਪਹੁੰਚ ਰਹੀ ਹੈ ਅਤੇ ਸੱਤਾ ਦੀ ਚਾਬੀ ਪੀ. ਪੀ. ਦੇ ਹੱਥ 'ਚ ਹੋਵੇਗੀ। ਐਗਜਿਟ ਪੋਲ ਮੁਤਾਬਕ ਪੰਜਾਬ 117 ਸੀਟਾਂ ਵਾਲੀ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ 'ਚ ਕਿਸੇ ਨੂੰ ਪੂਰਨ ਬਹੁਮਤ ਨਹੀਂ ਮਿਲੇਗਾ ਪਰ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਦੇ ਸਿਰ ਤੋਂ ਤਾਜ ਖੁੰਝ ਜਾਏਗਾ। 
ਪੋਸਟ ਪੋਲ ਸਰਵੇ ਮੁਤਾਬਕ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਕਾਂਗਰਸ ਨੂੰ 58, ਅਕਾਲੀ-ਭਾਜਪਾ ਨੂੰ 56 ਅਤੇ ਪੰਜਾਬ ਪੀਪਲਜ਼ ਪਾਰਟੀ ਨੂੰ  2 ਸੀਟਾਂ ਮਿਲਣਗੀਆਂ। ਬੀ. ਐਸ. ਪੀ. ਆਪਣਾ ਖਾਤਾ ਨਹੀਂ ਖੋਲ੍ਹ ਸਕੇਗੀ, ਜਦੋਂਕਿ ਇਕ ਸੀਟ ਹੋਰ ਦੇ ਖਾਤੇ 'ਚ ਜਾਏਗੀ।
ਅਕਾਲੀ ਗਠਬੰਧਨ ਨੂੰ ਜੋ 56 ਸੀਟਾਂ ਮਿਲਣਗੀਆਂ, ਉਨ੍ਹਾਂ 'ਚ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਖਾਤੇ 'ਚ 42 ਅਤੇ ਭਾਜਪਾ ਦੀ ਝੋਲੀ 'ਚ 14 ਸੀਟਾਂ ਜਾਣਗੀਆਂ। ਬਹੁਮਤ ਲਈ ਜਾਦੂਈ ਅੰਕੜਾ 56 ਦਾ ਹੈ ਅਤੇ ਕਾਂਗਰਸ ਇਕ ਸੀਟ ਤੋਂ ਪਿੱਛੇ ਰਹਿ ਜਾਏਗੀ ਪਰ ਅਕਾਲੀ ਗਠਬੰਧਨ ਵੀ ਬਹੁਮਤ 'ਚ ਪਿੱਛੇ ਨਹੀਂ ਸਗੋਂ ਉਹ ਵੀ ਜਾਦੂਈ ਅੰਕੜੇ ਤੋਂ ਸਿਰਫ ਤਿੰਨ ਸੀਟਾਂ ਦੂਰ ਹੈ। ਅਜਿਹੇ 'ਚ ਪੰਜਾਬ 'ਚ ਸੀਟਾਂ ਦਾ ਜੋ ਲੇਖਾ-ਜੋਖਾ ਸਾਹਮਣੇ ਆਇਆ ਹੈ ਉਸ ਤੋਂ ਲੱਗਦਾ ਹੈ ਕਿ ਦੋ ਸੀਟਾਂ ਹੀ ਜਿੱਤ ਕੇ ਮਨਪ੍ਰੀਤ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਵੱਡੀ ਭੂਮਿਕਾ 'ਚ ਹੋਣਗੇ।

ਇਤਿਹਾਸ ਰਚੇਗਾ ਅਕਾਲੀ ਦਲ : ਸੁਖਬੀਰ

ਪੰਜਾਬ ਵਿਧਾਨ ਸਭਾ ਚੋਣਾਂ ਬਾਰੇ ਵੱਖ-ਵੱਖ ਟੀ. ਵੀ. ਚੈਨਲਾਂ ਵਲੋਂ ਕੀਤੇ ਸਰਵੇਖਣਾਂ ਵਿਚ ਕਾਂਗਰਸ ਨੂੰ ਚੰਗੀ ਸਥਿਤੀ ਵਿਚ ਦਰਸਾਉਣ ਦੇ ਬਾਵਜੂਦ ਸ਼੍ਰੋਮਣੀ ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੇ ਵਰਕਰਾਂ ਅਤੇ ਲੀਡਰਾਂ ਵਿਚ ਭਰਪੂਰ ਵਿਸ਼ਵਾਸ ਅਤੇ ਹੌਸਲੇ ਦਾ ਮਾਹੌਲ ਪਾਇਆ ਜਾ ਰਿਹਾ ਹੈ। ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਆਮ ਵਾਂਗ ਦਫਤਰੀ ਕੰਮਾਂ ਵਿਚ ਰੁੱਝੇ ਹੋਏ ਹਨ ਅਤੇ ਪਾਰਟੀ ਦੇ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸੁਖਬੀਰ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਆਪਣੀ ਨਵੇਂ ਸਿਰਿਓਂ ਬਣਨ ਵਾਲੀ ਸਰਕਾਰ ਦੀਆਂ ਤਰਜੀਹਾਂ ਤੈਅ ਕਰਨ ਵਿਚ ਮਸ਼ਰੂਫ ਹਨ। ਅਕਾਲੀ ਵਰਕਰਾਂ ਅਤੇ ਸਮਰਥਕਾਂ 'ਚ ਟੀ. ਵੀ. ਚੈਨਲਾਂ ਉਤੇ ਪ੍ਰਸਾਰਤ ਹੋਏ ਸਰਵੇਖਣਾਂ ਨੂੰ ਲੈ ਕੇ ਭੋਰਾ ਵੀ ਮਾਯੂਸੀ ਨਹੀਂ ਕਿਉਂਕਿ ਇਹ ਸਰਵੇਖਣ ਬੇਹੱਦ ਆਪਾ-ਵਿਰੋਧ ਦੇ ਸ਼ਿਕਾਰ ਹਨ। ਪਾਰਟੀ ਪ੍ਰਧਾਨ ਸੁਖਬੀਰ ਬਾਦਲ ਨੇ ਦੱਸਿਆ ਕਿ ਅਕਾਲੀ-ਭਾਜਪਾ ਇਸ ਵਾਰ ਪੰਜਾਬ ਵਿਚ ਨਵਾਂ ਇਤਿਹਾਸ ਰਚੇਗੀ। ਉਨ੍ਹਾਂ ਕਿਹਾ ਕਿ ਪੰਜ ਸਾਲ ਪਹਿਲਾਂ ਕੋਈ ਨਹੀਂ ਸੀ ਮੰਨਦਾ ਕਿ ਅਸੀਂ ਆਟਾ-ਦਾਲ ਸਸਤਾ ਦੇਵਾਂਗੇ, ਕਿਸਾਨਾਂ ਨੂੰ ਮੁਫਤ ਬਿਜਲੀ ਜਾਰੀ ਰੱਖ ਸਕਾਂਗੇ, ਲੜਕੀਆਂ ਨੂੰ ਮੁਫਤ ਸਾਈਕਲ ਦੇਵਾਂਗੇ, ਪੰਜਾਬ ਅੰਦਰ ਤਿੰਨ ਅੰਤਰਰਾਸ਼ਟਰੀ ਹਵਾਈ ਅੱਡੇ ਲੈ ਕੇ ਆਵਾਂਗੇ, ਥਰਮਲ ਪਲਾਂਟ ਖੜ੍ਹੇ ਕਰ ਦੇਵਾਂਗੇ ਪਰ ਅਸੀਂ ਇਹ ਸਭ ਕੁਝ ਕਰ ਕੇ ਦਿਖਾਇਆ ਅਤੇ ਇਸ ਤੋਂ ਇਲਾਵਾ ਹਰ ਪਾਸੇ ਵਿਕਾਸ ਕਾਰਜਾਂ ਦੀ ਝੜੀ ਲਾ ਦਿੱਤੀ। ਅਸੀਂ ਨਵਾਂ ਇਤਿਹਾਸ ਕਾਇਮ ਕੀਤਾ ਅਤੇ ਹੁਣ ਵੀ ਕਰਾਂਗੇ। ਅਕਾਲੀ ਦਲ ਦੀ ਚੋਣ ਮੁਹਿੰਮ ਕਮੇਟੀ ਦੇ ਚੇਅਰਮੈਨ ਅਤੇ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਦੇ ਮੀਡੀਆ ਸਲਾਹਕਾਰ ਹਰਚਰਨ ਬੈਂਸ ਦਾ ਕਹਿਣਾ ਹੈ ਕਿ ਇਹ ਚੋਣ ਸਰਵੇਖਣ ਹਾਸੋ-ਹੀਣੀਆਂ ਗੱਲਾਂ ਨਾਲ ਭਰਪੂਰ ਹਨ। ਇਕ ਪਾਸੇ ਤਾਂ ਇਹ ਕਾਂਗਰਸ ਸਰਕਾਰ ਦੀ ਭਵਿੱਖਬਾਣੀ ਕਰ ਰਹੇ ਹਨ ਅਤੇ ਦੂਜੇ ਪਾਸੇ ਇਹ ਕਹਿ ਰਹੇ ਹਨ ਕਿ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਪਸੰਦ ਮੁਤਾਬਕ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇ ਅਹੁਦੇ ਲਈ ਪ੍ਰਕਾਸ਼ ਸਿੰਘ ਬਾਦਲ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਤੋਂ ਕੋਹਾਂ ਅੱਗੇ ਹਨ ਅਤੇ ਲੋਕਾਂ ਦੀ ਪਹਿਲੀ ਪਸੰਦ ਹਨ। ਜੇ ਲੋਕ ਬਾਦਲ ਨੂੰ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਦੇਖਣਾ ਚਾਹੁੰਦੇ ਹਨ ਤਾਂ ਫਿਰ ਉਹ ਕਾਂਗਰਸ ਦੀ ਸਰਕਾਰ ਦੇ ਹੱਕ ਵਿਚ ਕਿਵੇਂ ਹੋ ਸਕਦੇ ਹਨ। ਆਖਿਰਕਾਰ ਸ. ਬਾਦਲ ਮੁੱਖ ਮੰਤਰੀ ਤਾਂ ਹੀ ਬਣਨਗੇ ਜੇ ਅਕਾਲੀ-ਭਾਜਪਾ ਸਰਕਾਰ ਬਣੇਗੀ।  

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