नई दिल्ली.मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने शनिवार को पांच राज्यों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी। पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव एक ही दिन में होगा जबकि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में चुनाव संपन्न होंगे। 4 मार्च को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे।
गोवा में 40 सीटों में से एक एससी उम्मीदवार के लिए आरक्षित होगी। मणिपुर की कुल 60 सीटें पर चुनाव होगा जिनमें से एक सीट एसी के लिए आरक्षित और 19 सीटें एसटी के लिए आरक्षित रहेंगी। पंजाब 117 सीटें में से 34 एससी के लिए आरक्षित होंगी। उत्तर प्रदेश 403 सीटें में से 85 एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित रहेंगी। उत्तराखंड में 70 सीटों पर चुनाव होगा जिनमें से 13 एससी और 2 एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होंगी। इस तरह पांच राज्यों की विधानसभा के लिए कुल 690 सीटों पर चुनाव होगा जिनमें से 134 सीटें एससी के लिए और 21 सीटें एसटी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित होंगी।
एक जनवरी 2012 के रेफ्रेंस में इन सभी राज्यों की मतदाता सूचियों में संशोधित किया गया है। 2 जनवरी को नई मतदाता सूची प्रकाशित की जाएंगी। गोवा में 1011673 मतदाता, मणिपुर में 1677270 मतदाता, पंजाब में 17433408 मतदाता, उत्तर प्रदेश 111916689 मतदाता और उत्तराखंड 6740148 मतदाता हैं। पांचों राज्यों में कुल 13 करोड़ 87 लाख 79 हजार और 188 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। सभी राज्यों में चुनाव के लिए फोटो मतदाता सूची इस्तेमाल की जाएगी। गोवा में 100 फीसदी मतदाता सूचियों में मतदाताओं के फोटो उपलब्ध हैं। मणिपुर में 97. 29 प्रतिशत, पंजाब में 99.5 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश 98 प्रतिशत उत्तराखंड 99.6 प्रतिशत मतदाता की फोटो सूचियों में उपलब्ध है।
मतदान के दौरान पोलिंग बूथ पर मतदाता को अपनी पहचान स्पष्ट कराना आवश्यक होगा। मतदान के दौरान मतदाता को अपना फोटो पहचान पत्र दिखाना जरूरी होगा। पांचों राज्यों में सभी सीटों पर ईवीएम के जरिए चुनाव होगा। केंद्रीय पुलिस बलों और राज्य सुरक्षा बलों को चुनावों के दौरान तैनात किया जाएगा। कानून व्यवस्था को बेहद सख्त रखा जाएगा।
चुनावों के दौरान प्रेक्षक तैनात किए जाएंगे। उनके फोन नंबरों को अखबारों में प्रकाशित किया जाएगा ताकि मतदाता उनसे संपर्क कर सकें। खर्च पर नजर रखने के लिए भी प्रेक्षक रखे जाएंगे। सभी उम्मीदवारों को एक नया खाता खोलना होगा जिसके जरिए ही वो चुनाव खर्च कर सकेंगे। इसके साथ ही फ्लाइंग स्कवायड भी प्रत्याशियों पर नजर रखेंगे। प्रत्याशियों के खर्च और संपत्ति पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग ने आयकर और कर विभागों को भी निर्देशित किया है।