नई दिल्ली। ।दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शनिवार देर रात एक व्यक्ति को एनकाउंटर में मार गिराया। मुठभेड़ राजेंद्र नगर इलाके के एक रेस्टोरेंट में हुई। पुलिस का कहना है कि उस पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं, मृतक की पत्नी ने इसे फर्जी मुठभेड़ करार दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मारे गए व्यक्ति की शिनाख्त मनोज वशिष्ठ अधयक्ष देश भक्त सेना ट्रस्ट के रूप में हुई। वह दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम के साथ मुठभेड में मारा गया। पुलिस के मुताबिक, वशिष्ठ कई मामलों में वांछित था और उसके सिर पर इनाम भी था। जानकारी मिली थी कि वह न्यू राजेंद्र नगर के सागर रत्ना रेस्टोरेंट में आने वाला है। इस जानकारी के आधार पर जाल बिछाया गया। रात करीब नौ बजे वह रेस्टोरेंट में पहुंच गया, जबकि मिलने वाला नहीं पहुंचा। वह रेस्टोरेंट में उसका इंतजार कर रहा था। सूचना मिलने पर इसी बीच इंस्पेक्टर संजय दत्त के नेतृत्व में चार पुलिसकर्मी रेस्टोरेंट पहुंचे और उसे गिरफ्तार करने के लिए आगे बढ़े।
पुलिस को देखकर उसने पहले फायरिंग की। इसके बाद, जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। पुलिस के मुताबिक, इस मुठभेड में कोई और हताहत हुआ है। मारे गए व्यक्ति की पत्नी प्रियंका वशिष्ट ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए पुलिस पर जानबूझ कर हत्या करने का आरोप लगाया है। मृतक बागपत का रहने वाला था और उसकी उम्र 37 साल थी। मृतक की पत्नी प्रियंका बागपत में जिला पंचायत सदस्य हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक मनोज पर धोखाधडी के कुल चार मामले दर्ज थे, तीन केस दिल्ली में और एक चंडीगढ में दर्ज है, मनोज पर चेक बाउंस के भी कई मामले दर्ज हैं। परिवार का आरोप है कि करीब 1 हफ्ते पहले मनोज को कुछ लोगों ने धौलाकुआं के पास घेर लिया था।
मनोज ने शक जताया था कि यह स्पेशल सेल के लोग हो सकते हैं। ऎसे में परिवार के वकील ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और जवाब में पाया कि मनोज के खिलाफ स्पेशल सेल में कोई भी अपराधिक मामला नहीं है। परिवार का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने मनोज की हत्या की है। परिवार ने इस पूरे मामले की न्यायिक जाँच की मांग की है। मनोज कई साल से देश भक्त सेना ट्रस्ट चला रहा है। मनोज ने ट्रस्ट में नारा दिया था कि खाकी और खादी सुधरे तो देश सुधरे।
मनोज ने पांच साल पहले बागपत में एक समारोह का आयोजन कर 101 निर्धन कन्याओं के विवाह कराए थे। इसी दौरान अवैध बालू खनन के खिलाफ के आंदोलन भी छेडा था। मनोज ने डीयू से बीकॉम कर रखा था। उसके भाई अनिल वशिष्ठ ने बागपत में चैयरमैन पद के लिए चुनाव भी लडा था, लेकिन हार गया था
पुलिस को देखकर उसने पहले फायरिंग की। इसके बाद, जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया। पुलिस के मुताबिक, इस मुठभेड में कोई और हताहत हुआ है। मारे गए व्यक्ति की पत्नी प्रियंका वशिष्ट ने एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए पुलिस पर जानबूझ कर हत्या करने का आरोप लगाया है। मृतक बागपत का रहने वाला था और उसकी उम्र 37 साल थी। मृतक की पत्नी प्रियंका बागपत में जिला पंचायत सदस्य हैं। दिल्ली पुलिस के मुताबिक मनोज पर धोखाधडी के कुल चार मामले दर्ज थे, तीन केस दिल्ली में और एक चंडीगढ में दर्ज है, मनोज पर चेक बाउंस के भी कई मामले दर्ज हैं। परिवार का आरोप है कि करीब 1 हफ्ते पहले मनोज को कुछ लोगों ने धौलाकुआं के पास घेर लिया था।
मनोज ने शक जताया था कि यह स्पेशल सेल के लोग हो सकते हैं। ऎसे में परिवार के वकील ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और जवाब में पाया कि मनोज के खिलाफ स्पेशल सेल में कोई भी अपराधिक मामला नहीं है। परिवार का आरोप है कि दिल्ली पुलिस ने मनोज की हत्या की है। परिवार ने इस पूरे मामले की न्यायिक जाँच की मांग की है। मनोज कई साल से देश भक्त सेना ट्रस्ट चला रहा है। मनोज ने ट्रस्ट में नारा दिया था कि खाकी और खादी सुधरे तो देश सुधरे।
मनोज ने पांच साल पहले बागपत में एक समारोह का आयोजन कर 101 निर्धन कन्याओं के विवाह कराए थे। इसी दौरान अवैध बालू खनन के खिलाफ के आंदोलन भी छेडा था। मनोज ने डीयू से बीकॉम कर रखा था। उसके भाई अनिल वशिष्ठ ने बागपत में चैयरमैन पद के लिए चुनाव भी लडा था, लेकिन हार गया था
जब पुलिस टीम मौके पर पहुंची तो मनोज ने पुलिस की उपस्थिति को भांप लिया और उसने पुलिस पर गोली चला दी। इसके बाद पुलिस टीम ने अपनी आत्मरक्षा में गोली चलाई जो उसे लग गई।
- एसएन श्रीवास्तव, स्पेशल कमिश्नर, स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस
मेरे पति की साजिशन हत्या की गई है। वह ऐसे अपराधी नहीं थे जिसका एनकाउंटर किया जाए। वह पहले पटेल नगर में रहते थे। करोलबाग में उनका होटल है। उनका रियल एस्टेट का कारोबार भी है। शनिवार दोपहर वह घर से एक बैठक के लिए गए थे।
- प्रियंका वशिष्ठ, मृतक मनोज की पत्नी
डेल्ही पुलिस दवारा किये गए इस ऑपरेशन पर कई सवाल उठने शुरू हो गए है क्या पुलिस उसे उसके राजिंदर नगर वाले ऑफिस से गिरफ्तार नहीं कर सकती थी ? उसका घर भी डेल्ही में ही सिथत था उसका करोल बाग़ में एक होटल है जहा पर उसका रोजाना आना जाना था फिर पुलिस को जाल बिछा कर पकरने की क्या जरुरत थी ? परिवार वालो का कहना है के इस इन्कॉउंटर की उच्च सतरीय जांच होनी चाहिए !