Friday, January 17, 2014

AAP में एक और विधायक बागी? सुरेंद्र ने बिन्‍नी पर कार्रवाई का किया विरोध



AAP में एक और विधायक बागी? सुरेंद्र ने बिन्‍नी पर कार्रवाई का किया विरोध
नई दिल्ली. आम आदमी पार्टी (आप) में बगावत की आंधी चल रही है। गुरुवार शाम को पार्टी के विधायक सुरेंद्र कुमार ने खुलकर बागी विनोद कुमार बिन्नी का समर्थन कर दिया। उन्‍होंने कहा- बिन्‍नी ने जो मुद्दे उठाए हैं, वह सही हैं, लेकिन उनका तरीका गलत है। उन्‍होंने पार्टी से कहा कि बिन्‍नी पर कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। सुरेंद्र ने कहा कि यह परिवार का मामला है और इसे आपस में मिल-बैठ कर सुलझा लेना चाहिया था। इससे पहले विनोद कुमार बिन्नी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर (तस्वीर में) आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल पर जबर्दस्त हमले किए। आम आदमी पार्टी ने विनोद कुमार बिन्नी के आरोपों पर जवाब देते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है। पार्टी की ओर से मीडिया से मुखातिब हुए मुख्य प्रवक्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि आप में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है। आम आदमी पार्टी के ताज़ा रुख का जवाब देते हुए बिन्नी ने कहा है कि अगर मुद्दे उठाना अनुशासनहीनता है तो वे 100 बार ऐसा करेंगे।
योगेंद्र ने कहा कि बिन्नी ने बीजेपी की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया। इसी वजह से वे अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। योगेंद्र ने यह भी कहा कि पार्टी की बैठकों में बिन्नी ने अपनी चिंताएं कभी जाहिर नहीं कीं। शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच अब तक शुरू नहीं होने पर योगेंद्र यादव ने सफाई दी, 'दिल्ली में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। इसकी जांच के लिए एक प्रक्रिया चल रही है। हम किसी एक व्यक्ति के खिलाफ जांच नहीं करेंगे। अगर हम किसी एक के पीछे पड़ जाएं तो आप लोग (मीडिया) ही हमारे पीछे पड़ जाएंगे।' 
इससे पहले लक्ष्मी नगर से विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने गुरुवार की सुबह 'आप' की सरकार पर जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाया और अपनी कुछ मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में अनशन करने की धमकी दी। उन्‍होंने कहा कि शब्‍दों के खेल के जरिए अरविंद केजरीवाल दिल्‍ली की जनता से धोखा कर रहे हैं। बिन्नी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल कांग्रेस की कठपुतली हैं। बिन्नी ने आरोप लगाया कि इनदिनों पूर्वी दिल्ली से कांग्रेस के सांसद संदीप दीक्षित से केजरीवाल की नजदीकियां हैं। जो दीक्षित कहते हैं वही अरविंद करते हैं। 
बिन्नी ने कहा कि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे 27 जनवरी से जंतर मंतर पर अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि अगर बिजली के बिल आधे नहीं हुए, पानी मुफ्त नहीं हुआ, महिलाओं की सुरक्षा के लिए कमांडो दस्ते नहीं बने और जन लोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो वे अनशन पर बैठेंगे। बिन्नी ने कहा कि विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर ये मांगें पूरी की जाएं। पानी, बिजली, जन लोकपाल पर किए गए वादों को पूरा न करने पर भी बिन्नी ने तीखी आलोचना की। 

'आप' में बागी और नाराज नेताओं की संख्‍या लगातार बढ़ रही है। इन नेताओं ने जिन मुद्दों को उठाया है, ये वही मुद्दे हैं, जिन्‍हें आधार बना कर पार्टी खुद को कांग्रेस और भाजपा जैसे दलों से अलग बता रही है। 13 महीने पुरानी 'आप' ने जिन सिद्धांतों के आधार पर राजनीति को स्‍वच्‍छ करके भ्रष्‍टाचार मुक्‍त शासन का जो वादा किया है, उस पर अरविंद केजरीवाल की पार्टी के ही नेताओं ने प्रश्‍नचिन्‍ह खड़ा कर दिया है। आज 'आप' को लेकर आम लोगों के मन में जिन बातों को लेकर सवाल उठ रहे हैं, वे कुछ इस तरह से हैं:
 
पार्टी में अंदरूनी लोकतंत्र: 'आप' के नेता कैप्‍टन अभिमन्‍यु, मल्लिका साराभाई, विनोद कुमार बिन्‍नी और टीना शर्मा ने पार्टी पर बंद कमरों में फैसले लेने का आरोप लगाया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्‍या कांग्रेस में गांधी परिवार, भाजपा में नरेंद्र मोदी और सपा में मुलायम सिंह की तरह 'आप' में सिर्फ केजरीवाल व उनके करीबी सभी फैसले ले रहे हैं? 
 
भाई-भतीजावाद: विनोद कुमार बिन्‍नी पर मनीष सिसोदिया को तरजीह, शाजिया इल्‍मी, कुमार विश्‍वास पर आरोपों के बाद भी पार्टी उन्‍हें टिकट देने को तैयार है। क्‍या केजरीवाल 'आप' में अलग तरह से भाई-भतीजावाद चला रहे हैं? 
 
भ्रष्‍टाचार पर नरम रुख: दिल्‍ली में सरकार बनाने के बाद केजरीवाल शीला दीक्षित पर अप्रत्‍याशित रूप से नरम पड़ गए हैं। सरकार बनाने से पहले बड़े-बड़े घोटालों का खुलासा करने वाले केजरीवाल घोटालों पर अचानक चुप क्‍यों हो गए हैं? 
 
आरोपों पर नहीं होता एक्‍शन : भ्रष्‍टाचार व अन्‍य मामलों में सिर्फ आरोपों को आधार बना कर कांग्रेस-भाजपा नेताओं से इस्‍तीफे मांगने वाली 'आप' अपने नेताओं पर यह फार्मूला लागू नहीं कर रही है। स्टिंग में फंसे अपने किसी नेता पर 'आप' ने एक्‍शन नहीं लिया। केजरीवाल सोमनाथ भारती के बचाव में खुद आ गए हैं। धार्मिक भावनाएं भड़काने वाले कुमार विश्‍वास के बयान पर भी केजरीवाल कुछ खास नहीं बोले।   
 
वोट बैंक की पॉलिटिक्‍स: बरेली के नेता तौफीक रजा से मुलाकात के बाद केजरीवाल की आलोचना हुई थी। हाल में उनसे खाप, नक्‍सलवाद पर प्रश्‍न पूछे गए, जिन्‍हें वह टाल गए। पार्टी के नेता योगेंद्र यादव आरक्षण की बात करते भी दिखे, तो क्‍या पार्टी वोट बैंक की पॉलिटिक्‍स कर रही है?
 
‘आप’ को सुशासन का यकीन दिलाना होगा:  
सच कहूं? मैं तो बहुत खुश हूं कि राजनीति में अस्पष्टता बढ़ती ही जा रही है। नई राजनीति के लिए ऐसी अस्पष्टता अच्छी बात है। वे सारे जो यह सोच रहे थे कि कांग्रेस अपने को संभाल पाएगी उसके पहले ही नरेंद्र मोदी अपनी ‘हिटलर डक वॉक’ पूरी करके विजय रेखा पार कर लेंगे, वे हाल की घटनाओं से घबरा गए हैं। मनमोहन सिंह तो दौड़ से हट गए हैं। (हालांकि थोड़ी देर हो गई। नुकसान तो हो चुका है। उन्हीं का कहना है कि जब उनके आस-पास चीजें घट रही थीं तो उनके बारे में उन्हें कुछ पता नहीं था। उनकी पार्टी के अवसर कम हैं, बहुत ही कम और जब तक कोई चमत्कार नहीं होता उनके लिए मोदी नाम के बुलडोजर की रफ्तार कम करना बहुत कठिन साबित होगा। 
 
अब यह काम अरविंद केजरीवाल को करना होगा। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने और राजनीतिक शतरंज में भाजपा को मात देने के बाद अब वे राजनीति के नए दबंग हैं। मीडिया का प्रेम उन पर उमड़ पड़ा है। मोदी के रथ की गडग़ड़ाहट धीमी पड़ गई है। केजरीवाल अब राजनीति के नए सितारे हैं और मुख्य धारा की दो प्रमुख पार्टियों को अकेले चुनौती दे रहे हैं। केजरीवाल की इस कोशिश में बड़ी भूलें भी हुई हैं, लेकिन बदलाव लाने की किसी भी कोशिश में ऐसी भूलों से बचा नहीं जा सकता। ये इस प्रक्रिया का अभिन्न अंग हैं और केजरीवाल बदलाव का ही तो वादा कर रहे है (कांग्रेस से थोड़ी मदद लेकर ताकि भाजपा को दूर रखा जा सके)। 
 
केजरीवाल के लिए आम आदमी को यह यकीन दिलाना जरूरी होगा कि सिर्फ भ्रष्टाचार के पीछे ही नहीं पड़े रहेंगे। सिर्फ उसी की चर्चा नहीं करते रहेंगे बल्कि वे अच्छा शासन भी दे सकते हैं। नकारात्मक चीजों के लिए वोट मिलना अच्छी बात है, लेकिन उसका असर सीमित होता है। उन्हें उन लोगों को भी आकर्षित करने की जरूरत है, जो नए भारत के लिए नए आइडिया चाहते हैं। ऐसे आइडिया जो हमें वहां ले जाएं जहां हमें होना चाहिए- बदलाव के सबसे अग्रिम मोर्चे पर। इसी के लिए उन्हें एक मजबूत, यकीन दिलाने वाली आर्थिक नीति की जरूरत है।
 अरविंद केजरीवाल पर निजी तौर पर हमला बोलते हुए बिन्नी ने कहा, 'जब वे गुस्सा होते हैं उनकी आंखें लाल हो जाती हैं। पार्टी के सारे फैसले 4-5 लोग बंद कमरे में करते हैं। सारे फैसले केजरीवाल करते हैं और बाकी लोग हां में हां मिलाते हैं। उनका इशारा मनीष सिसोदिया, अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और कुमार विश्वास की तरफ था। हालांकि, इन्‍हें उन्‍होंने अपना पुराना साथी भी बताया।
 
बिन्‍नी ने कहा कि अगर आप केजरीवाल के फैसले से असहमत होते हैं तो वे पहले समझाते हैं और फिर गुस्सा हो जाते हैं। सत्ता में आने के बाद केजरीवाल घमंडी हो गए हैं। वे तानाशाह की तरह बर्ताव करते हैं।' बिन्नी ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अन्ना हजारे, बाबा रामदेव और किरण बेदी का इस्तेमाल किया। 
 
बिन्नी ने कहा कि विधानसभा चुनाव से काफी पहले ही कई उम्मीदवारों के टिकट फिक्स थे। जनता से दस्तखत वगैरह कराना, पार्टी के वॉलंटियरों के साथ धोखा देना था। लोकसभा चुनाव से पहले कुमार विश्वास किस तरह अमेठी में चुनाव प्रचार कर रहे हैं, शाजिया इल्मी अपने क्षेत्र में किस हैसियत से प्रचार कर रही हैं। बिन्नी ने शीला दीक्षित के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की जांच न करने पर भी अरविंद केजरीवाल की आलोचना की। उन्होंने कहा कि केजरीवाल डॉ. हर्षवर्धन से शीला दीक्षित के खिलाफ सुबूत क्यों मांग रहे हैं? वे चुनाव से पहले जनता से यह क्यों कहते थे कि उनके पास शीला दीक्षित के खिलाफ सुबूत हैं? अगर उनके पास सुबूत नहीं थे तो वे दिल्ली की जनता से क्यों झूठ बोल रहे थे? और अगर उनके पास सुबूत हैं तो वे जांच क्यों नहीं कर रहे हैं?
 दिल्ली की सीटें तय, दिखावा कर रही 'आप': टीना शर्मा
 
भाजपा छोड़कर हाल ही में आम आदमी पार्टी में शामिल हुई टीना शर्मा ने भी बुधवार को यह कहते हुए बगावत कर दी कि पार्टी केवल सत्ता के लिए काम कर रही है। टीना ने वादा किया पार्टी ने दिल्ली की सात सीटों में से पांच पर प्रत्याशियों के नाम पहले से ही तय कर लिए हैं, टिकट के लिए फॉर्म भरा जाना तो महज एक दिखावा है। टीना ने बताया कि पार्टी शाजिया इल्मी, गोपाल राय, आशुतोष, आशीष तलवार और दिलीप पांडेय को टिकट देगी तो बाकी लोगों को फॉर्म भरवाने के नाम पर बेवकूफ क्यों बनाया जा रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि पार्टी ने 2013 के घोषणा-पत्र पर अभी तक कोई काम नहीं किया और उसका ध्यान 2014 के घोषणा-पत्र पर है। पार्टी का पूरा ध्यान केवल 2014 के लोकसभा चुनाव पर है। महिला कमांडो का वादा किया गया था? इस संबंध में मैंने सभी नेताओं को मेल किया। चिट्ठी लिखी। लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है। आम आदमी को जो मुद्दे थे वो कहीं गुम हो गए और जब हम जनता के बीच जाते हैं तो उनके सवालों का हमारे पास कोई जवाब नहीं होता। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में आजकल एक अजीब सा ट्रेंड बन गया है कि बड़े-बड़े लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं और इसके साथ ही वे अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़ने का एलान भी कर देते हैं।
फिर बिफरे बिन्नी, बोले- झूठे हैं अरविंद केजरीवाल
 
बुधवार को जब बिन्‍नी ने बागी तेवर दिखाए थे तो अरविंद केजरीवाल खुद सफाई देने सामने आए। उन्होंने कहा, ‘बिन्नी पहले मंत्री का पद मांग रहे थे। अब लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मांग रहे हैं। वो इसके लिए मेरे घर भी आए थे। लेकिन पार्टी फैसला कर चुकी है कि कोई विधायक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेगा।’ तब बिन्नी ने भी पलटवार किया। कहा, ‘न तो मैं मंत्री पद मांगने गया था और न ही लोकसभा चुनाव का टिकट मांगने। केजरीवाल ने यदि ऐसा कहा है तो वो झूठ बोल रहे हैं।’ 
 
बिन्नी ने कहा, ‘पार्टी नेता संजय सिंह ने ही फॉर्म मंगवाया था। ये कहकर कि केजरीवाल ने कहा है। मैं नहीं गया था किसी के पास।’ 
 
पार्टी नहीं छोड़ेंगे, मुद्दे से भटकने पर विरोध करेंगे 
 
लक्ष्मी नगर से विधायक विनोद कुमार बिन्नी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को दिल्ली की जनता ने अपना समर्थन दिया था। तब सरकार कह रही थी कि सत्ता में आए तो 15 दिन के भीतर कांग्रेस की भ्रष्ट मुख्यमंत्री व मंत्रियों को जेल में डाल देंगे। आज सरकार उन्हीं के साथ मिलकर सत्ता में है जिनके खिलाफ पार्टी ने चुनाव लड़कर जीता। भ्रष्टाचारियों को जेल में डालना तो दूर अभी तक उन मामलों की जांच तक शुरू करने के आदेश नहीं दिए गए। बिन्नी ने कहा कि वे पार्टी नहीं छोड़ेंगे और मुद्दों से भटकने पर इसका विरोध करेंगे। 
 
उन्‍होंने कहा कि महत्वाकांक्षा बहुत छोटा शब्द है, मैंने तो 15 मार्च को तब पार्टी ज्वाइन की थी जब पार्टी का कोई नामलेवा नहीं था। मैंने पार्टी के लिए 9 महीने खून-पसीना बहाया। आज बहुत से लोग पार्टी में आ रहे हैं

Uploads by drrakeshpunj

Popular Posts

Search This Blog

Popular Posts

followers

style="border:0px;" alt="web tracker"/>