एक ब्लू ‘वैगनआर’ कार अचानक दिल्ली की राजनीतिक चर्चाओं का हिस्सा बन गई है. नई तरह की राजनीति का दावा करने वाले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसी कार से चलते हैं. उन्होंने सरकारी गाड़ी नहीं ली है. इसी कार से वह शपथ लेने गए थे, इसी से सचिवालय भी जाते हैं. जब उन्हें धरना देने से रोक दिया जाता है तो इसी कार के बराबर में बिछौना बिछाकर, वह सो जाते हैं.
पार्टी ने लेटरहेड पर दी रिसीविंग
कार की छत पर बैठी कुंदन की बेटी अग्रिमा
कार की आरसी
कुंदन शर्मा
टीवी चैनलों और अखबारों में केजरीवाल के साथ-साथ उनकी इस ‘आम’ कार की तस्वीरें भी छाई हुई हैं. छोटी-छोटी बातों को गौर से देखने वाला सोशल मीडिया भी स्वेटर-मफलर के साथ इस कार पर चर्चा कर रहा है. बताते हैं आपको कि केजरीवाल की कार का किस्सा क्या है.
डोनेट की गई है कार
दरअसल इस कार को अरविंद केजरीवाल के एक दीवाने ने आम आदमी पार्टी डोनेट किया है. नाम है कुंदन शर्मा. लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जुड़े. वही बैठे-बैठे अऩ्ना के आंदोलन के पक्ष में सोशल मीडिया पर लिखने लगे. आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई. पार्टी नई थी, लोगों से मदद की जरूरत थी. लंदन में बैठे कुंदन के मन में अपनी ब्लू वैगनआर कार डोनेट करने का ख्याल आया.
दरअसल इस कार को अरविंद केजरीवाल के एक दीवाने ने आम आदमी पार्टी डोनेट किया है. नाम है कुंदन शर्मा. लंदन में सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे. इंडिया अगेंस्ट करप्शन से जुड़े. वही बैठे-बैठे अऩ्ना के आंदोलन के पक्ष में सोशल मीडिया पर लिखने लगे. आंदोलन के बाद आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई. पार्टी नई थी, लोगों से मदद की जरूरत थी. लंदन में बैठे कुंदन के मन में अपनी ब्लू वैगनआर कार डोनेट करने का ख्याल आया.
पार्टी ने लेटरहेड पर दी रिसीविंग
कुंदन का घर दिल्ली के द्वारका में है. यह गाड़ी उनकी पत्नी श्रद्धा शर्मा के नाम पर थी. कुंदन बताते हैं, ‘घर पर कार की जरूरत न के बराबर थी. मेरा मन था कि कार आम आदमी पार्टी को डोनेट कर दी जाए, पर थोड़ा दुविधा में था. फिर निर्भया मामले में पार्टी का स्टैंड देखा तो खुद को रोक नहीं पाया. तय कर लिया कि इस राजनीतिक आंदोलन में जो मदद कर सकूंगा, करूंगा.’
कुंदन ने अरविंद केजरीवाल और AAP नेता दिलीप पांडे को ईमेल करके अपनी कार डोनेट करने की इच्छा जता दी. कुंदन चाहते थे कि जो भी गाड़ी ले, वह इसकी जवाबदेही भी ले. दिलीप पांडे से फोन पर बातचीत के बाद वह आश्वस्त हो गए और सब तय हो गया.
पार्टी ने लिखित में दी गाड़ी की रिसीविंग
1 जनवरी 2013, नए साल की पहली सुबह थी, जब कुंदन ने पहली बार अपने हीरो अरविंद केजरीवाल से फोन पर बात की. कुंदन के मुताबिक, ‘केजरीवाल ने कहा कि वह ड्राइवर के जरिये उनके घर से गाड़ी मंगवा लेंगे.’ 3 जनवरी 2013 को कुंदन के द्वारका स्थित घर से गाड़ी पिक कर ली गई. आम आदमी पार्टी ने अपने लेटर-हेड पर गाड़ी स्वीकार करने का प्रमाण पत्र दिया. इस पर लिखा है, ‘DL 9CG-9769 कार का मालिकाना हक आम आदमी पार्टी के पास होगा और इस पर अब श्रद्धा शर्मा की कोई जवाबदेही या नियंत्रण नहीं रहेगा.’
1 जनवरी 2013, नए साल की पहली सुबह थी, जब कुंदन ने पहली बार अपने हीरो अरविंद केजरीवाल से फोन पर बात की. कुंदन के मुताबिक, ‘केजरीवाल ने कहा कि वह ड्राइवर के जरिये उनके घर से गाड़ी मंगवा लेंगे.’ 3 जनवरी 2013 को कुंदन के द्वारका स्थित घर से गाड़ी पिक कर ली गई. आम आदमी पार्टी ने अपने लेटर-हेड पर गाड़ी स्वीकार करने का प्रमाण पत्र दिया. इस पर लिखा है, ‘DL 9CG-9769 कार का मालिकाना हक आम आदमी पार्टी के पास होगा और इस पर अब श्रद्धा शर्मा की कोई जवाबदेही या नियंत्रण नहीं रहेगा.’
कार की छत पर बैठी कुंदन की बेटी अग्रिमा
बच्चे ने पहचाना कार में लगा पेंडेंट
कार डोनेट करते वक्त कुंदन को नहीं मालूम था कि केजरीवाल ही इसका इस्तेमाल करेंगे. इसका पता उन्हें कैसे चला, इसके पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है. एक न्यूज चैनल पर केजरीवाल की कार दिखाई दी. कैमरा नजदीक गया तो डैशबोर्ड के ऊपर टंगा पेंडेंट भी दिखा. कुंदन के 6 साल के बेटे ने पेंडेंट पहचान लिया. वह बोला, ‘ऐसा पेंडेंट तो मम्मा की कार में भी था.’ लंदन में बैठे कुंदन ने जब यूट्यूब पर वह कार्यक्रम देखा, तो वह खुशनुमा हैरत से भर गए. उनकी डोनेट की हुई कार को उनका हीरो इस्तेमाल कर रहा था.
कार डोनेट करते वक्त कुंदन को नहीं मालूम था कि केजरीवाल ही इसका इस्तेमाल करेंगे. इसका पता उन्हें कैसे चला, इसके पीछे भी एक दिलचस्प किस्सा है. एक न्यूज चैनल पर केजरीवाल की कार दिखाई दी. कैमरा नजदीक गया तो डैशबोर्ड के ऊपर टंगा पेंडेंट भी दिखा. कुंदन के 6 साल के बेटे ने पेंडेंट पहचान लिया. वह बोला, ‘ऐसा पेंडेंट तो मम्मा की कार में भी था.’ लंदन में बैठे कुंदन ने जब यूट्यूब पर वह कार्यक्रम देखा, तो वह खुशनुमा हैरत से भर गए. उनकी डोनेट की हुई कार को उनका हीरो इस्तेमाल कर रहा था.
पार्टी के प्रति कुंदन की दीवानगी अब और बढ़ गई थी. वह सोशल मीडिया पर पार्टी के पक्ष में जमकर लिखने लगे. वह बताते हैं, ‘हमने वहां से 2-3 कैंपेन भी चलाए. संतोष कोली की मौत के बाद ‘आई एम संतोष’ और फिर 15 अगस्त पर ‘क्रांति एक्सप्रेस’ नाम से. इसके तहत लोगों को एक-एक लाख रुपये डोनेट करने के लिए प्रेरित किया. इस कैंपेन में मैंने 1.75 लाख रुपये डोनेट किए थे.’
कार की आरसी
चुनाव से पहले दिल्ली लौटे कुंदन
लेकिन आखिरकार सब्र का बांध टूट गया. 4 दिसंबर 2013 को दिल्ली में चुनाव होने थे, नौकरी को अलविदा कहकर 2 दिसंबर को कुंदन दिल्ली आ पहुंचे. 4 तारीख को मटियाला विधानसभा में उन्होंने वोट डाला. 36 साल के कुंदन अब दिल्ली में ही रहते हैं. वह बताते हैं, ‘मेरे पिता सेना से रिटायर्ड हैं. उन्हें हर महीने 12 हजार रुपये की पेंशन मिलती है. जिसमें से उन्होंने 3000 रुपये आम आदमी पार्टी को डोनेट किए. मुझे मालूम है कि बहुत सारे लोग उनकी पेंशन से ज्यादा का इनकम टैक्स भरते होंगे. पर मुझे अपने पिता पर गर्व है.’
लेकिन आखिरकार सब्र का बांध टूट गया. 4 दिसंबर 2013 को दिल्ली में चुनाव होने थे, नौकरी को अलविदा कहकर 2 दिसंबर को कुंदन दिल्ली आ पहुंचे. 4 तारीख को मटियाला विधानसभा में उन्होंने वोट डाला. 36 साल के कुंदन अब दिल्ली में ही रहते हैं. वह बताते हैं, ‘मेरे पिता सेना से रिटायर्ड हैं. उन्हें हर महीने 12 हजार रुपये की पेंशन मिलती है. जिसमें से उन्होंने 3000 रुपये आम आदमी पार्टी को डोनेट किए. मुझे मालूम है कि बहुत सारे लोग उनकी पेंशन से ज्यादा का इनकम टैक्स भरते होंगे. पर मुझे अपने पिता पर गर्व है.’
कुंदन शर्मा
कुंदन ने हाल ही में रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैड (आरबीएस) में बतौर असिस्टेंट वाइस प्रेसिडेंट जॉइन किया है. आम आदमी पार्टी के वह सामान्य सदस्य हैं. लोकप्रिय शब्दों में कहें तो ’10 रुपये वाले मेंबर’. मुस्कुराते हुए कुंदन कहते हैं, ‘मेरा बेटा अपूर्व आम आदमी पार्टी के लिए शगुन की तरह है. उसका जन्मदिन 8 दिसंबर को होता है. दिल्ली चुनाव के नतीजे उसके नाम से मेल खाते हैं.’ दिलचस्प बात यह कि कुंदन को आज तक अरविंद से मुलाकात का इंतजार है. फेसबुक पर उनका नाम है, ‘कुंदन शर्मा झाड़ू वाले’.