बरनाला
शहीद सेवा सिंह की 80वीं बरसी पर एक बार फिर शनिवार से राजनेताओं का जमावड़ा लगेगा। इस बार भी पिछले सालों की तरह लोगों से वादे किए जाएंगे जो चुनावी घोषणाएं बन कर रह जाएगी।
गौरतलब है कि मुगल सरकार का मुकाबला करने के लिए गुप्त योजनाओं को तैयार करने के लिए जंग-ए-आजादी में अहम भूमिका अदा करने वाले सिख इतिहास के महान जरनैलों का रक्षा केन्द्र यहां से 10 किमी दूर गांव ठीकरीवाला है। जहां शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाल की शनिवार से तीन दिवसीय राज्यस्तरीय बरसी मनाई जाएगी। शहीद ठीकरीवाला ने अपनी जीवनकाल में अकाली दल की सेवा की थी। 18 अप्रैल 1934 से भूख हड़ताल के बाद सेवा सिंह 19-20 जनवरी की मध्यरात्रि शहीद हो गए थे।
वादे पूरे नहीं करने से ग्रामीणों में रोष:ग्रामीण कुलदीप सिंह, मेजर सिंह, शेर सिंह, गुरदेव सिंह, गिंदर सिंह, जोरा सिंह, आक्रमण सिंह, हरनेक सिंह, कर्मजीत सिंह, नेक सिंह, नाजर सिंह, साधु सिंह तथा निर्मल सिंह ने कहा कि सीएम परकाश सिंह बादल एक करोड़ रुपए ग्रांट देने का ऐलान किया था जबकि डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने गांव ठीकरीवाला में यादगार स्थल बनाने, लड़कियों का कॉलेज बनाने और एक करोड़ रुपए देने का वादा किया था लेकिन यह वादा सिर्फ चुनावी वादा ही रह गया।
गांव सेवा सिंह ठीकरीवाला में जिस जगह शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाला ने जन्म लिया था। इस इमारत खंडहर का रूप धारण कर चुकी है। वर्षों से वीरान पड़ी इस इमारत के अंदर रुडिय़ों के ढेर लगे है। शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाला का परवरिश स्थल जन्मस्थल से 40 गज की दूरी पर सामने स्थित है। यह इमारत शहीद के चचेरे परिवार के सदस्य वकील नरदेव सिंह बठिंडा के पास है। हैरत की बात है कि शहीद का जन्मस्थल जो पूरी तरह से खंडहर बन चुका है, जिसे अकाली विगत 79 वर्षों में ऐतिहासिक धरोहर बनाने में नाकाम रहे है।
खंडहर इमारत की कोई सुध नहीं ले रहा है
शहीद सेवा सिंह की 80वीं बरसी पर एक बार फिर शनिवार से राजनेताओं का जमावड़ा लगेगा। इस बार भी पिछले सालों की तरह लोगों से वादे किए जाएंगे जो चुनावी घोषणाएं बन कर रह जाएगी।
गौरतलब है कि मुगल सरकार का मुकाबला करने के लिए गुप्त योजनाओं को तैयार करने के लिए जंग-ए-आजादी में अहम भूमिका अदा करने वाले सिख इतिहास के महान जरनैलों का रक्षा केन्द्र यहां से 10 किमी दूर गांव ठीकरीवाला है। जहां शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाल की शनिवार से तीन दिवसीय राज्यस्तरीय बरसी मनाई जाएगी। शहीद ठीकरीवाला ने अपनी जीवनकाल में अकाली दल की सेवा की थी। 18 अप्रैल 1934 से भूख हड़ताल के बाद सेवा सिंह 19-20 जनवरी की मध्यरात्रि शहीद हो गए थे।
वादे पूरे नहीं करने से ग्रामीणों में रोष:ग्रामीण कुलदीप सिंह, मेजर सिंह, शेर सिंह, गुरदेव सिंह, गिंदर सिंह, जोरा सिंह, आक्रमण सिंह, हरनेक सिंह, कर्मजीत सिंह, नेक सिंह, नाजर सिंह, साधु सिंह तथा निर्मल सिंह ने कहा कि सीएम परकाश सिंह बादल एक करोड़ रुपए ग्रांट देने का ऐलान किया था जबकि डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने गांव ठीकरीवाला में यादगार स्थल बनाने, लड़कियों का कॉलेज बनाने और एक करोड़ रुपए देने का वादा किया था लेकिन यह वादा सिर्फ चुनावी वादा ही रह गया।
गांव सेवा सिंह ठीकरीवाला में जिस जगह शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाला ने जन्म लिया था। इस इमारत खंडहर का रूप धारण कर चुकी है। वर्षों से वीरान पड़ी इस इमारत के अंदर रुडिय़ों के ढेर लगे है। शहीद सेवा सिंह ठीकरीवाला का परवरिश स्थल जन्मस्थल से 40 गज की दूरी पर सामने स्थित है। यह इमारत शहीद के चचेरे परिवार के सदस्य वकील नरदेव सिंह बठिंडा के पास है। हैरत की बात है कि शहीद का जन्मस्थल जो पूरी तरह से खंडहर बन चुका है, जिसे अकाली विगत 79 वर्षों में ऐतिहासिक धरोहर बनाने में नाकाम रहे है।
खंडहर इमारत की कोई सुध नहीं ले रहा है