84 दंगों पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान के खिलाफ सिख संगठनों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. कांग्रेस मुख्यालय के बाहर हजारों की संख्या में सिख संगठन से जुड़े लोग पहुंच गए हैं.
मुख्यालय के बाहर जुटे सिख संगठन के लोगों ने मांग की है कि राहुल गांधी कांग्रेस के उन नेताओं का नाम जाहिर करें, जो दंगों में शामिल थे. वहां मौजूद लोगों ने कहा कि 84 में दंगा नही बल्कि कत्लेआम हुआ था. शिरोमणि अकाली दल समेत कुछ सिख संगठनों ने राहुल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
गौरतलब है कि एक निजी चैनल को दिए इंटरव्यू में राहुल गांधी ने कहा था कि 84 के दंगों में शायद कुछ कांग्रेसी भी शामिल थे, लेकिन उन्हें उनके किए की सजा मिल चुकी है. इस बयान के बाद सिख संगठनों ने राहुल के खिलाफ विरोध का बिगुल बजा दिया है. राहुल के घर और कांग्रेस मुख्यालय के बाहर सुरक्षा सख्त कर दी गई है.
राहुल के सिख दंगों पर दिए गए बयान पर विपक्षी पार्टियों ने हल्ला मचाना शुरू कर दिया है. एसपी नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि 84 दंगों की एसआईटी जांच होनी चाहिए. अगर राहुल ने कहा कि दंगे में कांग्रेसी थे, तो जांच होनी चाहिए. उधर, बीजेपी नेता विनय कटियार ने राहुल पर निशाना साधते हुए कहा कि राजीव गांधी चाहते थे कि दंगा हो. एसआईटी जांच की शुरुआत सोनिया गांधी से पूछताछ से होनी चाहिए, क्योंकि सोनिया प्रत्यक्षदर्शी थीं.
आम आदमी पार्टी (आप), अकाली दल और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को दिल्ली में 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराने की मांग की है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार सुबह उपराज्यपाल नजीब जंग से मुलाकात की तथा दंगों की एसआईटी द्वारा जांच कराने की मांग करते हुए अपना निवेदन सौंपा.
दूसरी ओर, हर्षवर्धन के नेतृत्व में भाजपा ने भी बुधवार दोपहर उपराज्यपाल से मुलाकात की. उपराज्यपाल से मिलने के बाद हर्षवर्धन ने मीडिया से कहा कि हम 1984 के दंगा पीड़ितों के लिए न्याय चाहते हैं, तथा दंगों की एसआईटी से जांच करवाए जाने की मांग कर रहे हैं.