नई दिल्ली. खालिस्तान जिंदाबाद व बब्बर खालसा के लिए फंड जुटाने वाले नेटवर्क का पता चला है। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने भारत को यह जानकारी दी है। बलविंदर सिंह संधू से पूछताछ में कई अहम जानकारियों मिली हैं। एफबीआई ने भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ और आईबी से ये सूचनाएं साझा की हैं। अमेरिका में 39 साल का बलविंदर फर्जी दस्तावेज के आधार पर रह रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पता चला कि वह भारत विरोधी मुहिम में लगा हुआ था।उसे खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और बब्बर खालसा को पंजाब, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और हिमाचल के साथ देश के कई शहरों में काम करने के लिए पैसा जुटाने को कहा गया था।
इस काम में उसे कराची व इस्लामाबाद में लश्कर और जैश के अलावा दुबई में दाउद और जर्मनी व कनाडा के कुछ बड़े सिख संगठनों की मदद मिल रही थी। बलविंदर ने भारतीय जेल में बंद अब्दुल करीम टुंडा के भी इस काम में शामिल होने की बात कही है। एफबीआई के स्पेशल एजेंट इंचार्ज लोरा ए बुचेट ने बलविंदर से पूछताछ की है। वह लश्कर के जरिए इंडियन मुजाहिदीन के संपर्क में भी था। और पार्सल से कनाडा और नेपाल से पैसे भिजवाता था।
चुनाव से पहले आतंक फैलाने की साजिश
एफबीआई ने भारत को सतर्क किया है। बताया है कि खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स और बब्बर खालसा आतंकी वारदात, बड़े नेताओं को निशाना बनाने और राजनीतिक उथल-पुथल पैदा करने की भी योजना पर काम कर रहा है। बलविंदर ने बताया है कि चुनाव के पहले भारत में अशांति फैलाने की साजिश है। इसके लिए अमेरिका को मुख्य तौर पर नेटवर्क का केंद्र बनाया गया है