चंडीगढ़. डीएसपी रामचंद्र मीना समेत तीन अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज 40 लाख रुपए नकद और 30 लाख रुपए के चेक रिश्वत मामले में गुरुवार को सीबीआई विशेष अदालत में करीब डेढ़ घंटे तक जमानत पर बहस हुई। बचाव पक्ष के वकीलों ने सीबीआई की दलीलों पर सवाल उठाते हुए उनमें मतभेद होने की बात कही। सीबीआई ने मामले में अपना पक्ष रखते हुए आरोपियों की जमानत अर्जी का विरोध किया हुआ। बहस के बाद सीबीआई विशेष अदालत ने चारों आरोपियों ईडब्ल्यू के डीएसपी रामचंद्र मीना, एसआई सुरेंद्र, बर्कले के मालिक संजय दहूंजा और केएलजी के अमन ग्रोवर की जमानत अर्जी खारिज कर दी है।
सीबीआई ने ई–डब्ल्यू डीएसपी रहे रामचंद्र मीना, एसआई सुरिंदर समेत रिश्वत मामले में बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले बर्कले के मालिक संजय दहूंजा और केएलजी होटल मालिक अमन ग्रोवर को गिरफ्तार किया था। आरोप के मुताबिक पुलिस सेक्टर-17 के चावला पेट्रोलपंप के संचालक और उसके परिजनों को गिरफ्तार न करने के बदले में यह रिश्वत ले रही थी।
सीबीआई ने दिनों तक जांच करने और मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाया था और ट्रैप लगाया था। चावला पेट्रोल पंप के मालिक गुरकिरपाल सिंह चावला, उनकी पत्नी जगजीत कौर और बेटे हरमीत के खिलाफ ई–डब्ल्यू ने 24 दिसंबर 2014 को सेक्टर-9 की दीपा दुग्गल की शिकायत पर 6.25 करोड़ रुपए की ठगी का केस दर्ज किया था। दीपा की शिकायत थी कि चावला ने ९ साल पहले उनके और उनके घरवालों के फर्जी दस्तखत कर सेक्टर-9 की कोठी की फर्जी सेल डीड, अथॉरिटी लेटर और अन्य कागजात तैयार किए थे। इन डॉक्युमेंट्स के आधार पर करोड़ों का लोन लिया जाना था।