चंडीगढ़। सूबे में फास्टवे केबल आॅपरेटर के हाथों परेशान छोटे केबल ऑपरेटर्स ने कामकाज में हो रही परेशानी के चलते हाईकोर्ट में दस्तक दी है। याचिका पर प्राथमिक सुनवाई के बाद जस्टिस राजन गुप्ता ने फास्टवे ट्रांसमिशन प्राइवेट लिमिटेड, पंजाब सरकार के साथ पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
जस्टिस गुप्ता ने स्पष्ट किया कि इस दौरान सरकार सुनिश्चित करे कि छोटे केबल ऑपरेटर्स को किसी तरह की कोई परेशानी न हो। मालवा केबल ऑपरेटर्स संघर्ष कमेटी के सदस्य बठिंडा, मोगा, फरीदकोट, फिरोजपुर और संगरूर के 26 छोटे केबल ऑपरेटर्स की तरफ से याचिका दायर कर कहा गया कि फास्टवे ट्रांसमिशन के मालिक पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल हैं। पंजाब में 95 फीसदी केबल के बिजनेस पर इस कंपनी का अधिकार है। इनके कारण उनके जैसे छोटे केबल ऑपरेटर्स का काम प्रभावित हो रहा है। याचियों के वकील महेंद्र कुमार ने कोर्ट में कहा कि इसके चलते उन्होंने दिल्ली स्थित टेलीकॉम डिस्प्यूट सेटलमेंट एंड आर्बिटेशन ट्रिब्यूनल में भी दस्तक दी थी। ट्रिब्यूनल ने केबल ऑपरेटर्स के कामकाज पर यथास्थिति के निर्देश दिए थे। इन निर्देशों के बाद उनका काम करना मुश्किल हो गया है। उन पर झूठे केस दर्ज किए जा रहे हैं। याचिका में जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित किए जाने की मांग करते हुए सीबीआई जांच की मांग की गई है। पंजाब सरकार के एडीशनल एडवोकेट जनरल ने नोटिस को स्वीकार करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए 10 दिन का समय दिए जाने की मांग की है। कोर्ट ने कहा कि इस दौरान याचियों को परेशान न किया जाए।