Thursday, March 10, 2011

सात समंदर पार, सात फेरों का फेर



 
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ग्लोबलाइजेशन के दौर में विदेश जाकर पढ़ना और नौकरीकरना पहले से ज्यादा आसान हो गया है। पिछले कुछ बरसों मेंविदेश जाकर नौकरी करने और वहीं बस जाने वाले भारतीयोंकी संख्या काफी बढ़ी है। शादी के मामले में ऐसे ज्यादातरलोगों की पसंद कोई हिंदुस्तानी लड़की ही होती है जिसकेपीछे वे इंडियन कल्चर का हवाला देते हैं। कितनी सही होतीहैं ऐसी शादियां और क्या है उनके पीछे की हकीकत ,एक्सपर्ट्स से बात करके बता रही हैं  मुस्कान  

तान्या बदला हुआ नाम ने एक ब्रिटिश एनआरआई से शादीकी। शादी के बाद पति और ससुरालवालों के साथ वह ब्रिटेन मेंरहने लगी। दो बच्चे हुए और फिर उसका पति और ससुरालवाले उसे परेशान करने लगे। किसी तरह बहला फुसलाकरपति और ससुर तान्या को भारत ले आए जबकि उसके दोनों बच्चे वहीं थे। यहां आते ही पति ने उसका पासपोर्ट जबर्दस्तीछीन लिया और बाप बेटा वापस ब्रिटेन चले गए। वहां पहुंचकर तलाक और बच्चों की कस्टडी के लिए यूके की कोर्ट मेंकेस दाखिल कर दिया। इस तरह धोखा खाने वाली तान्या अकेली नहीं है एनआरआई दूल्हों के जाल में फंसने वालीलड़कियों की फेहरिस्त काफी लंबी है। 

कौन होते हैं NRI 

वह शख्स जो भारतीय नागरिक हो और नौकरी के लिए विदेश में रहता हो एनआरआई कहलाता है। वह भारतीयनागरिक और भारतीय पासपोर्ट धारक होना चाहिए। वहां अगर पत्नी अपने पति पर आश्रित हो यानी नौकरी न करती होतो उसे भी एनआरआई ही माना जाएगा। 

कौन होते हैं PIO 

पीआईओ यानी पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन ऐसे शख्स को कहा जाता है जो भारतीय मूल का हो लेकिन उसका जन्मकिसी दूसरे देश में हुआ हो जो भारत का नागरिक न हो और उसकी कई पी़ढ़ियां विदेश में रही हों। जो लोग विदेश मेंजाकर वहां की नागरिकता ले लेते हैं वे भी इसी कैटिगरी में आते हैं। 

क्या है एनआरआई मैरिज 

भारत में रह रही किसी भारतीय लड़की और विदेश में रहने वाले भारतीय लड़के चाहे वह किसी देश में एनआरआई केतौर पर रहता हो या उस देश के नागरिक के रूप में रहता हो के बीच हुई मैरिज को एनआरआई मैरिज कहा जाएगा। 

क्यों है एनआरआई शादी का क्रेज 

अक्सर लड़कियां दोस्तों और सोसायटी के बीच खुद को बेहतर दिखाने के लिए और जल्दी अमीर होने के लिएएनआरआई लड़कों से शादी करना चाहती हैं। अपने ख्वाब पूरे करने के लिए किसी एनआरआई से शादी कर लेना उन्हेंसबसे आसान तरीका लगता है। 

कई मामलों में परिवारवालों की मर्जी के तहत भी लड़कियां ऐसे फैसले ले लेती हैं। 

क्या होती हैं समस्याएं 

ऐसी शादियों के बाद लड़की अपने घर और देश से अलग होकर एक ऐसे देश में पहुंच जाती है जहां के बारे में उसे कुछपता नहीं होता। उसे वहां के पुलिस लीगल सिस्टम कल्चर और भाषा के बारे में जानकारी नहीं होती। पति याससुरालवालों द्वारा परेशान किए जाने या किसी समस्या में फंस जाने पर वहां दोस्तों परिवारवालों आदि के न होने केकारण हालात ज्यादा खराब हो जाते हैं। ऐसे मामलों में ये समस्याएं हो सकती हैं :

पति और परिवारवालों की ज्यादती। 

पत्नी को बेसहारा छोड़ देना। 

मारपीट शारीरिक शोषण उत्पीड़न और दहेज के लिए तंग करना। 

पासपोर्ट और दूसरे कानूनी कागजों को जब्त करना। 

बच्चे की कस्टडी आदि। 

इस तरह हो सकती हैं समस्याएं 

शादी के बाद पत्नी को विदेश में अपने घर ले जाने से पहले ही हनीमून मना लिया जाता है। इसके बाद विदेश पहुंचते हीटिकट भेजकर पत्नी को बुलाने की बात कहकर पति वापस चला जाता है। वहां जाने के बाद न तो कोई संपर्क किया जाताहै और न ही पति लौटकर आता है। कुछ मामलों में लड़की छोड़े जाने के समय प्रेग्नेंट होती है यानी एक तरह से लड़की औरहोने वाले बच्चे दोनों को पति द्वारा छोड़ दिया जाता है। अगर लड़के के घरवाले भारत में ही रहते हैं तो वे या तो खुद कोलाचार दिखा देते हैं या लड़की की मदद करने से मना कर देते हैं। 

लड़की को पति और उसके घरवालों द्वारा मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया जाता है। कई बार लड़की परवापस भारत आने का दबाव बनाया जाता है या उसे जबर्दस्ती भेज दिया जाता है। अगर बच्चे हैं तो ज्यादातर मामलों मेंउन्हें मां से छीन लिया जाता है। 

लड़की को खुश रखने के एवज में शादी से पहले या बाद में लड़की या उसके घरवालों से दहेज के रूप में मोटे पैसों कीमांग की जाती है। 

कुछ मामलों में लड़का टिकट भेजकर लड़की को विदेश बुला लेता है लेकिन वहां एयरपोर्ट पर उसे लेने कोई नहींआता। समस्या तब आती है जब बिना कानूनी मान्यता के वह उस देश में रह नहीं सकती और वापस आने के लिए उसकेपास कोई मदद नहीं होती। 

कई बार ऐसा भी होता है जब पत्नी को विदेश पहुंचने पर पति की दूसरी शादी के बारे में पता चलता है। लड़के ने दूसरीशादी का फैसला या तो अपने घरवालों के दबाव में या उन्हें खुश करने के लिए लिया होता है। ऐसे में दूसरी पत्नी काइस्तेमाल घरेलू नौकरानी के रूप में किया जाता है। 

ज्यादातर मामलों में लड़की को विदेश पहुंचने पर पता चलता है कि उसके एनआरआई पति द्वारा दी गई नौकरी ,सैलरी प्रॉपर्टी आदि की जानकारियां गलत हैं। 

विदेशों में तलाक संबंधी कानून और कानूनी प्रक्रिया आसान होती है जिसका फायदा उठाकर लड़की पर बेबुनियादआरोप लगाए जाते हैं और उसे तलाक दे दिया जाता है। ऐसा वे लड़की को जबर्दस्ती भारत भेजे जाने के बाद या उसकेवहां रहते हुए भी कर सकते हैं। 

तलाक के बाद अगर लड़की भारत में रह रही हो तो अक्सर लड़के और उसके घरवाले यह कहते हुए उसे गुजारा भत्तादेने से इनकार कर देते हैं कि विदेश में कोर्ट के फैसले के तहत शादी टूट चुकी है। 

अगर लड़की गुजारे भत्ते या तलाक के लिए पति के खिलाफ भारतीय या विदेशी कोर्ट में अपील करना चाहे तो कानूनीजानकारी न होने के कारण उसे परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

अगर विदेश में ही शादी की गई हो और तलाक दिया गया हो तो ऐसे मामलों में भारतीय कानून के पास इंसाफ करनेका अधिकार क्षेत्र सीमित हो जाता है। 
शादी का फैसला लेने से पहले 

चेक करें 

किसी भी एनआरआई के साथ शादी करने से पहले लड़के और उसके परिवार के बारे में छानबीन कर पूरी जानकारीहासिल करनी चाहिए। लड़के और उसके परिवार की विश्वसनीयता का पता लगाने के लिए इन बातों को जांचें :

पता करें कि लड़का पहले से शादीशुदा या तलाकशुदा तो नहीं है। यह भी देखें कि कहीं वह बिना तलाक के ही पत्नी सेअलग न रह रहा हो। 

उसकी शैक्षणिक योग्यता किस कंपनी में कौन सी पोस्ट पर है सैलरी डिटेल्स ऑफिस का पता और अगर अपनाबिजनेस है तो उसकी जानकारी लें। 

वीजा से संबंधित पूरी जानकारी और उससे जुड़े कागजों के बारे में पता करें। 

पता करें कि उसके पास कौन से टाइप का वीजा है और क्या वह शादी के बाद पत्नी को अपने साथ विदेश ले जाने केलिए योग्य है। 

भारत और जिस देश में वह रहता हो दोनों जगह उसकी प्रॉपर्टी के बारे में पूछने के साथ यह भी देखें की उस पर किसीतरह का कर्ज आदि तो नहीं है। 

भारत और विदेश में रहने वाले उसके पारिवारिक सदस्यों के बारे में पूरी जानकारी हासिल करें। यह भी पूछें कि शादीके बाद वह पत्नी को जॉइंट फैमिली में रखेगा या न्यूक्लियर फैमिली में। भारत और विदेश में उसके रेजिडेंशल अड्रेस केबारे में सही से पता करें। 

देखें कि दोनों में से किसी भी देश में उसका पहले कोई क्रिमिनल रेकॉर्ड तो नहीं रहा। 

शादी से पहले लड़के के इन डॉक्युमेंट्स को करें चेक वीजा पासपोर्ट वोटर और एलियन रजिस्ट्रेशन कार्ड अमेरिकाके स्थायी निवासियों को दिया जाता है। यह वहां के नागरिक नहीं होते। इन्हें अमेरिका में स्थायी तौर पर रहने औरनौकरी करने की इजाजत होती है। ), सोशल सिक्युरिटी नंबर अमेरिका में वहां के नागरिक स्थायी और अस्थायीनिवासियों को उनके टैक्स के ब्यौरे पर नजर रखने के लिए दिया जाता है। ), पिछले तीन सालों के टैक्स रिटर्न बैंक औरप्रॉपर्टी के कागजात। 

क्या न करें 

जल्दबाजी या किसी के दबाव में शादी का फैसला न लें। 

लड़के और उसकी फैमिली से मिले बिना सिर्फ फोन पर बात करके और ई मेल्स के आधार पर शादी तय न करें। 

शादी किसी मैरिज ब्यूरो एजेंट या बिचौलिए की मार्फत तय न करें। अगर यह सब आपके जानने वाले भी हों तो भीबिना छानबीन किए उन पर जरूरत से ज्यादा यकीन न करें। 

अखबारों या मैट्रिमनियल साइट्स पर दिए लुभावने विज्ञापनों के जाल में न फंसें। 

शादी को गुप्त तरीके से न करें। रिश्तेदारों और दोस्तों को भी इसके बारे में जरूर बताएं। कई बार दोस्त और रिश्तेदारकुछ ऐसी बातें पता करने में मदद कर सकते हैं जो आपसे छुपाई गई हों और जिन्हें आप कहीं और से पता न लगा पाएं। 

विदेश में शादी के लिए राजी न हों। शादी भारत में ही कराएं। 

विदेश जाने के लिए किसी के दबाव लालच या बहकावे में आकर नकली या गलत तरीके से डॉक्युमेंट्स आदि बनवाएं। 

करवा सकते हैं जासूसी 

कुछ लोग एनआरआई लड़के और उसके घरवालों की प्रामाणिकता जांचने के लिए डिटेक्टिव की मदद भी लेते हैं। 

लड़के और घरवालों के बारे में तमाम बातें पता लगाने के लिए प्री मैरिटल शादी से पहले और पोस्ट मैरिटल (शादी के बाद दोनों तरह की ही जासूसी करा सकते हैं। 

प्री मैरिटल में भारत या विदेश में लड़के और उसके परिवार के बारे में जानने की कोशिश की जाती है। यह भी पतालगाया जाता है कि उनकी कोई क्रिमिनल हिस्ट्री तो नहीं रही। लड़का बेरोजगार हो और शादी के बाद जल्द ही कोई बड़ाबिजनेस शुरू करने की बात कहे तो उसकी हकीकत का पता लगाने के लिए कॉरपोरेट इनवेस्टिगेशन भी कराई जा सकतीहै। 

पोस्ट मैरिटल जासूसी में लड़के की जॉब प्रोफाइल आदि के बारे में पता लगाने के लिए लड़कीवाले डिटेक्टिव एजेंसी कासहारा लेते हैं। हालांकि दोनों ही मामलों में यह पता लगाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है कि लड़के का कहीं और अफेयरन चल रहा हो। 

शादी का फैसला लेने के बाद 

लड़के की पूरी जानकारी लेने के बाद अगर आपने शादी का फैसला कर लिया है तो इन बातों पर गौर करें :

शादी से पहले लड़की को उस देश के कानून और अधिकारों के बारे में बताएं। खासकर ऐसे कानूनों और अधिकारों केबारे में जो उसे उसके साथ की जाने वाली किसी भी तरह की घरेलू हिंसा से बचा सकें। 

रीति रिवाजों के साथ हुई शादी का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं। कोई परेशानी होने पर रजिस्ट्रेशन के कागज और शादीके फोटो सबूत के तौर पर काम आते हैं। 

शादी के बाद 

अगर तलाक देने या छोड़ देने का दबाव बनाकर आपसे पैसों या किसी और चीज की मांग की जाए तो दबाव में आकरकोई भी फैसला न करें। 

अपने देश में हों या विदेश में पति या ससुराल वालों द्वारा मानसिक शारीरिक या भावनात्मक रूप से प्रताडि़त किएजाने पर चुप न रहें बल्कि ऐसे विषयों से जुड़े मामलों को देखने वाली संस्थाओं से संपर्क करें। 

अगर आपका पति वहां के कोर्ट में तलाक आदि का केस फाइल करें तो जरूरी नहीं हैं कि आप भी जवाब में वहां के कोर्टजाएं। आप पर उस देश के कोर्ट में ही केस लड़ने के लिए भी दबाव नहीं डाला जा सकता। भारत आकर उसके खिलाफ केसदाखिल कर सकती हैं क्योंकि विदेशों के मुकाबले भारत के कानून महिलाओं के ज्यादा अनुकूल हैं। 

अगर लड़की की जानकारी के बगैर पति विदेश में उसे तलाक दे देता है तो चिंता न करें। वह भारत में मान्य नहीं होता।ऐसे मामलों की भारत में मान्यता तभी होगी जबकि लड़की भी संबंधित विदेशी कोर्ट में चल रहे केस में शामिल रही हो। 

लड़की को पति या उसके घरवालों पर बिना किसी सबूत के झूठे आरोप नहीं लगाने चाहिए। ऐसे में वे लड़की के ऊपरमानहानि का दावा कर सकते हैं। पुलिस वकील सोशल वर्कर और कोर्ट आदि के सामने पुख्ता सबूतों के साथ अपनी बातरखें। 

बदले की भावना में कानून को अपने हाथ में न लें। पति और ससुरालवालों के साथ मामला सही करने के लिए किसी भीतरह की हिंसा या गैर कानूनी तरीके का सहारा न लें। शादी में किसी भी तरह की परेशानी होने पर सरकारी अथॉरिटीकी मदद लें। कभी भी झूठी या बेबुनियाद शिकायत न करें। 

अगर लड़की के साथ शारीरिक सेक्सुअल या भावनात्मक हिंसा की जाए तो उसे वहां मौजूद अपने किसी दोस्त यारिश्तेदार को इस बारे में बताना चाहिए। 

घर के नजदीकी बैंक में लड़की को अपने नाम से बैंक अकाउंट जरूर खुलवाना चाहिए। कोई भी परेशानी आने पर वहउसका इस्तेमाल कर सकेंगी। 

वहां अपने पड़ोसियों दोस्तों रिश्तेदारों पति के साथ ऑफिस में काम करने वाले कलीग्स पुलिस ऐंबुलेंस इंडियनएम्बेसी या हाई कमिशन के कॉन्टैक्ट डिटेल्स जैसे फोन नंबर आदि अपने पास जरूर रखें। 

जरूरी डॉक्युमेंट्स जैसे पासपोर्ट वीजा बैंक और प्रॉपर्टी के कागज मैरिज सर्टिफिकेट्स भारत या उस देश में मौजूदअपने नजदीकी दोस्तों के फोन नंबर आदि की एक फोटोकॉपी अपने पास और एक कॉपी भारत में मौजूद अपने घर मेंजरूर छोड़ें। ओरिजनल कॉपी खो जाने पति या ससुरालवालों द्वारा छीन लिए जाने पर ये कागजात लड़की के पास सबूतके तौर पर मौजूद रहेंगे। 

पति की पर्सनल डिटेल्स वाले डॉक्युमेंट्स जैसे पासपोर्ट वीजा प्रॉपर्टी डिटेल्स लाइसेंस नंबर सोशल सिक्युरिटी नंबरऔर वोटर आईडी आदि की फोटोकॉपी भी लड़की को अपने पास रखनी चाहिए। 

शादी होने से पहले और शादी हो जाने के बाद भी अगर लड़की भारत में रह रही है और उसका पति विदेश में है तोफोन या ई मेल के जरिए लड़की को उसके संपर्क में रहना चाहिए। अगर उस देश में मौजूद पति के दोस्तों और रिश्तेदारोंको जानती है तो उसे उनसे भी बात करते रहना चाहिए। अगर वह बात करने पर सही रेस्पॉन्स न दे तो अलर्ट हो जाएं। 

जब बात बिगड़ जाए 

1. तलाक 

प्रताड़ना शारीरिक मानसिक या सेक्सुअल आदि ), धोखा देने अगर झूठ के आधार पर शादी की गई हो को आधारबनाते हुए महिला स्पेशल मैरिज ऐक्ट 1954, हिंदू मैरिज ऐक्ट , 1955, पारसी मैरिज ऐंड डिवोर्स ऐक्ट 1936, इंडियनडिवोर्स ऐक्ट 1869, शरियत ऐक्ट 1937 आदि के तहत तलाक का केस फाइल कर सकती हैं। 

इन सभी ऐक्ट के साथ साथ पीडि़त महिला भारत में अपने और अगर बच्चे भी हैं तो दोनों के लिए मेंटेनेंस केस फाइलकर सकती है। 

अगर किसी महिला को कोर्ट से गुजारा भत्ता देने का फाइनल ऑर्डर मिल जाता है और फिर भी उसे भत्ता नहीं दियाजाता तो वह पति के खिलाफ अदालत जा सकती है और उसकी प्रॉपर्टी से भत्ता वसूली के लिए अर्जी दाखिल कर सकतीहै। 

2. विदेश में यहां से लें मदद 

इंडियन एंबेसी 

राष्ट्रीय महिला आयोग की साइट ncw.nic.in पर जाकर एनआरआई सेल में ऑनलाइन कंप्लेंट कर सकती हैं। 

वहां रहने वाले भारतीयों द्वारा बनाई गई लोकल इंडियन असोसिएशन। 

3. भारत में यहां से लें मदद 

2009 में राष्ट्रीय महिला आयोग के तहत एनआरआई सेल बनाया गया था। यह भारत और विदेशों में एनआरआईशादियों से जुड़े मामलों को देखने वाली एजेंसी हैं। 31 दिसंबर 2010 तक यहां एनआरआई शादियों से जुड़े लगभग 515मामले रजिस्टर कराए जा चुके हैं। एनआरआई सेल में इस पते पर शिकायत की जा सकती है एनआरआई सेल नैशनलकमिशन फॉर वुमन , 4, दीन दयाल उपाध्याय मार्ग नई दिल्ली -110002, फोन नंबर : 011-2323 4918, फैक्स : 011-2323 6988, ई मेल : nricell-ncw@nic.in

4. मदद का तरीका 

एनआरआई सेल में लेटर लिखकर खुद जाकर या ई मेल के जरिए अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पता है 

कंप्लेंट रजिस्टर और वेरिफाई होने के बाद यहां से काउंसलिंग और सलाह ले सकते हैं। 

पति के खिलाफ किसी तरह की कानूनी कार्यवाही करना चाहती हैं तो आपके केस के अनुसार कानूनी सलाह भी दीजाती है। 

सेल जरूरत के अनुसार केस को आपके घर के नजदीकी एनजीओ आदि के पास भी भेजता हैं जो आपकी जरूरत के तहतमदद करते हैं। 

सेल मिनिस्ट्री ऑफ ओवरसीज इंडियन अफेयर्स की मदद से विदेश स्थित इंडियन एम्बेसी के साथ मिलकर संबधितदेश में पीडि़त महिला की मदद करता है। 

एनआरआई सेल में आई शिकायतें सितंबर 2009-31 दिसंबर 2010) : स्त्रोत : ( राष्ट्रीय महिला आयोग )
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