Saturday, July 25, 2015

लोकी खाओ दिल के रोगो को कहो बाई बाय -स्वामी चिन्मयनन्द जी महाराज 09050960954

हमारे दिल का वज़न लगभग 340 ग्राम होता है। शरीर में नियमित रक्त संचार बनाये रखने के लिए हमारा दिल किसी पंप की तरह काम करते हुए एक दिन में एक लाख बार धड़कता है। इस पंप को सदैव चालू रखने के लिये इसमे खून की सप्लाई एक अलग रक्त वाहिका के द्वारा होती हैं, जिसेकोरोनरी आरटेरी (Coronary Artery) कहते हैं। समय के साथ कोरोनरी आरटेरी (Coronary Artery) की दीवारो पर चिकनाई जमती रहती है। कैलशियम और अन्य चीज भी उस चिकनाई में जमा होते रहते हैं, उस जमाव को पलाक (Plaque) कहते हैं। पलाक (Plaque) के कारण कोरोनरी आरटेरी का अंदर का व्यास कम हो जाता है, इस कारण दिल के विभिन्न भागों को खून कम मिलता है और दिल सही तरह से काम नहीं कर पाता है। जब पलाक (Plaque) की वज़ह से कोरोनरी आरटेरी (Coronary Artery) में रक्त प्रवाह रुक जाता है तो दिल में खून की सप्लाई बंद हो जाती है। इसेदिल का दौरा या हार्ट अटैक (Heart attack) कहते हैं। 
हार्ट अटैक के पचास प्रतिशत मरीजों की अस्पताल पहुँचने से पहले ही मृत्यु हो जाती है। हर साल भारत में 30 लाख लोगों की मौत दिल की बीमारी से होती है।स्वामी चिन्मय नन्द जी महाराज ने दिल की बीमारी के संभंद में बातचीत करते हुए आगे बताया के हम अपनी दिनचर्या को बदल कर इस बीमारी से निजात पा सकते है हमारा दिल एक दम सवस्थ रह सकता है स्वामी जी ने कहा के अगर हम लोकी का जूस रोजाना सुभह खाली  पेट ले और लहसुन की चार तुरिआ अपने भोजन में सम्मिलित कर ले तो हार्ट अटैक की संभावना नहीं रहती है स्वामी जी ने कहा के कुदरत ने हमें तंदरुस्त रखने के लिए हजारो बख्शीश की है जिनमे दिल के लिए पीपल के पत्ते भी बहुत कारगर सिद्ध हुए है अगर हम पीपल के १५ पते आधा लीटर पानी में उबाल कर रोजाना तीन पहर १००म्ल पानी पिए तो दिल एक नौजवान की तरह हो जाता है 

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