नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी केंद्र सरकार के बचाव में अब खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी उतर आई हैं। प्रधानमंत्री पर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए सोनिया ने टीम अन्ना और रामदेव कांग्रेस के दुश्मन बताया है।
वहीं कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी को ही राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुनने का अधिकार दिया गया। बैठक में प्रणब मुखर्जी ने प्रस्ताव रखा जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की उम्मीदवारी के लिए चयन का अधिकार पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिया गया। सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पार्टी ने पास किया। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में 98 सदस्यों ने हिस्सा लिया जिनमें से 42 ने अपनी बात रखी।
बैठक में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए कोई भी नाम सोनिया गांधी को नहीं सुझाया गया है। इसका मतलब यह है कि पार्टी की ओर से अब सिर्फ सोनिया गांधी ही यह तय करेंगी कि राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा।
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री का बचाव करते कहा कि विपक्ष के आरोप निराधार हैं। सोनिया का कहना है कि साजिश के तहत यूपीए सरकार और मनमोहन सिंह को बदनाम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री की ईमानदारी पर शक नहीं किया जा सकता है।
सोनिया ने इस बैठक में टीम अन्ना पर भी निशाना साधा और इसे कांग्रेस विरोध तत्वों का जमावड़ा बताया। इसके अलावा उन्होंने विपक्ष को भी आड़े हाथ लेते हुए कहा कि विपक्ष केंद्र सरकार की मदद नहीं कर रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि हमारे लिए आर्थिक समस्या से निपटना बड़ी चुनौती है। लेकिन इससे भी पार पा लिया जाएगा। सोनिया ने माना कि महंगाई से आम आदमी परेशान है। लेकिन महंगाई को दूर करने के लिए सरकार प्रयासरत है। अगले कुछ बरसों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव को लेकर सोनिया ने कहा कि चुनाव से पहले संगठन को मजबूत किया जाएगा।