चंडीगढ़. 28 साल पहले जरनैल सिंह भिंडरांवाला और साथियों को श्री अकाल तख्त साहिब से निकालने के लिए सेना ने जो हमला किया था उसमें कितने लोग मारे गए इसका सही आंकड़ा आज तक हासिल नहीं हो सका है। ऐसे में देर से ही सही पर जब उनकी याद में स्मारक बनाने का मौका आया तो भी विरोध शुरू हो गया। इस मसले पर एक-दूसरे की खिलाफत कर रहे दलों के अलावा इसे बनाने की चाह रखने वालों तक में मतभेद है।
सबसे पहला विरोध तो इसी बात को लेकर है कि यहां स्मारक बनना चाहिए कि नहीं। इसे लेकर अकाली दल और कांग्रेस अलग-अलग रुख अख्तियार किए हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी अभी इस पर कुछ नहीं बोल रही है। स्मारक बनाने के पक्ष वाले भी आपस में भिड़े हुए हैं। वह स्मारक बनाने के तो पक्ष में हैं लेकिन यह कौन बनाए और इसका स्वरूप क्या हो? इसका वह खुलकर विरोध कर रहे हैं।
शिरोमणि अकाली दल ने स्मारक बनाने की जिम्मेदारी दमदमी टकसाल को सौंप दी है। बहुत से लोग इसका विरोध कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सभी विचारधारा के लोगों को बुलाकर सहमति बनाती कि यहां क्या बनना है और किसे बनाना है? अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल भी चुप हैं। वे केवल यह कहकर पल्ला छुड़ा लेते हैं कि यह एसजीपीसी का मामला है।
कितने मरे थे अभी तक पता नहीं
आप्रेशन ब्लू स्टार में मरने वालों की याद में बेशक स्मारक बनाने की तैयारियां चल रही हैं लेकिन यहां कितने लोग मरे थे इसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है। सेना, जिसका यह ऑप्रेशन था उसका आंकड़ा कुछ और है, जिनके खिलाफ यह आप्रेशन है उनका आंकड़ा कुछ और है। एसजीपीसी के पास भी कोई सही आंकड़ा नहीं है।
दरबार साहिब में बने संग्रहालय में मरने वालों की सूची में 743 लोगों के नाम हैं, जबकि सरकार ने इस आप्रेशन के मामले में जो व्हाइट पेपर जारी किया था उसमें मरने वालों की गिनती 493 बताई गई। भारतीय सेना के सेवानिवृत्त बिग्रेडियर डीवी राव जो उस समय 350 इंफेटरी बिग्रेड के कमांडर थे, ने अमृतसर की एक अदालत में हल्फनामा दायर करके मरने वालों की संख्या 492 बताई थी। ऑप्रेशन के तुरंत बाद जो रिपोर्ट अखबारों में आई उनके अनुसार मरने वालों की संख्या 2000 से ज्यादा थी, क्योंकि उस दिन गुरु अजरुन देव जी का शहीदी पर्व था और भारी संख्या में लोग दरबार साहिब में एकत्रित हुए थे।
सबसे पहला विरोध तो इसी बात को लेकर है कि यहां स्मारक बनना चाहिए कि नहीं। इसे लेकर अकाली दल और कांग्रेस अलग-अलग रुख अख्तियार किए हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी अभी इस पर कुछ नहीं बोल रही है। स्मारक बनाने के पक्ष वाले भी आपस में भिड़े हुए हैं। वह स्मारक बनाने के तो पक्ष में हैं लेकिन यह कौन बनाए और इसका स्वरूप क्या हो? इसका वह खुलकर विरोध कर रहे हैं।
शिरोमणि अकाली दल ने स्मारक बनाने की जिम्मेदारी दमदमी टकसाल को सौंप दी है। बहुत से लोग इसका विरोध कर रहे हैं। वह चाहते हैं कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी सभी विचारधारा के लोगों को बुलाकर सहमति बनाती कि यहां क्या बनना है और किसे बनाना है? अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल भी चुप हैं। वे केवल यह कहकर पल्ला छुड़ा लेते हैं कि यह एसजीपीसी का मामला है।
कितने मरे थे अभी तक पता नहीं
आप्रेशन ब्लू स्टार में मरने वालों की याद में बेशक स्मारक बनाने की तैयारियां चल रही हैं लेकिन यहां कितने लोग मरे थे इसका सही आंकड़ा किसी के पास नहीं है। सेना, जिसका यह ऑप्रेशन था उसका आंकड़ा कुछ और है, जिनके खिलाफ यह आप्रेशन है उनका आंकड़ा कुछ और है। एसजीपीसी के पास भी कोई सही आंकड़ा नहीं है।
दरबार साहिब में बने संग्रहालय में मरने वालों की सूची में 743 लोगों के नाम हैं, जबकि सरकार ने इस आप्रेशन के मामले में जो व्हाइट पेपर जारी किया था उसमें मरने वालों की गिनती 493 बताई गई। भारतीय सेना के सेवानिवृत्त बिग्रेडियर डीवी राव जो उस समय 350 इंफेटरी बिग्रेड के कमांडर थे, ने अमृतसर की एक अदालत में हल्फनामा दायर करके मरने वालों की संख्या 492 बताई थी। ऑप्रेशन के तुरंत बाद जो रिपोर्ट अखबारों में आई उनके अनुसार मरने वालों की संख्या 2000 से ज्यादा थी, क्योंकि उस दिन गुरु अजरुन देव जी का शहीदी पर्व था और भारी संख्या में लोग दरबार साहिब में एकत्रित हुए थे।