अमृतसर. नगर निगम चुनावों को लेकर भाजपा में मची अंतर्कलह ने नेताओं के माथे पर शिकन बढ़ाई हुई है। परिणाम कहीं दिग्गजों नेताओं के आमने सामने होने से उनकी इज्जत दाव पर लगी हुई है, तो कहीं गठबंधन नेताओं में चुनावी टक्कर ने गठबंधन धर्म के सामने संकट खड़ा किया हुआ है। इतना ही नहीं चुनाव को लेकर पार्टी अपना कुनबा भी संभालने में बुरी तरह से असफल साबित हुई। चुनाव में अभी तक रुठों को मनाया नहीं जा सका है, जहां वह चले भी है वहां भी सिर्फ चेहरे दिखाकर कर्तव्य की अति श्री हो रही है।
भाजपा के लिए सबसे हॉट सीट वार्ड नंबर नौ बनी हुई है। सीट पर सांसद नवजोत सिंह सिद्धू और कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। सिद्धू की तरफ से नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन संजीव खन्ना की पत्नी सीमा खन्ना पार्टी टिकट पर मैदान में है, वहीं जोशी के खास पार्षद पप्पू महाजन की पत्नी नीतू महाजन आजाद तौर पर मैदान में डटी हुई है।
दोनों ही धड़ों ने अपनी स्पेशल टीमों के अलावा पूरी ताकत इस वार्ड में झोंकी हुई हैं , इतना ही नहीं एक दूसरे के खिलाफ प्रचार करने में भी कोई कसर नहीं रखी जा रही। एक दूसरे की बैठकों को दबाव डालकर रद करवाया जा रहा हैं। महाजन के मंच पर जोशी खुलकर तो नहीं जा रहे, परंतु सूत्रों के मुताबिक वे उन्हें विजयी बनाने के लिए हर हथकंडा अपना रहे है। सिद्धू प्रतिदिन खन्ना की रैलियां खुद कर रहे है।
फेंड्रली मैच नहीं, गठबंधन धर्म संकट में
वार्ड 14 और 53 को लेकर चाहे प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा यह कहकर बात टाल गए हो कि वहां भाजपा और अकाली दल में फ्रेंडली मैच है, पर हकीकत मे दोनों ही सीटों पर गठबंधन धर्म के सामने संकट खड़ा हो गया है। दोनों ही पार्टियों के लिए यह सीटें इज्जत का सवाल बनी हुई है। दोनों ही पार्टियों ने अपने प्रत्याशी को जिताकर दूसरे को नीचा दिखाने के लिए पूरी ताकत इन वार्डो में झोंकी हुई है। आने वाले दिनों में आमने-सामने के टकराव के भी हालात बने हुए है।
भाजपा के लिए सबसे हॉट सीट वार्ड नंबर नौ बनी हुई है। सीट पर सांसद नवजोत सिंह सिद्धू और कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। सिद्धू की तरफ से नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन संजीव खन्ना की पत्नी सीमा खन्ना पार्टी टिकट पर मैदान में है, वहीं जोशी के खास पार्षद पप्पू महाजन की पत्नी नीतू महाजन आजाद तौर पर मैदान में डटी हुई है।
दोनों ही धड़ों ने अपनी स्पेशल टीमों के अलावा पूरी ताकत इस वार्ड में झोंकी हुई हैं , इतना ही नहीं एक दूसरे के खिलाफ प्रचार करने में भी कोई कसर नहीं रखी जा रही। एक दूसरे की बैठकों को दबाव डालकर रद करवाया जा रहा हैं। महाजन के मंच पर जोशी खुलकर तो नहीं जा रहे, परंतु सूत्रों के मुताबिक वे उन्हें विजयी बनाने के लिए हर हथकंडा अपना रहे है। सिद्धू प्रतिदिन खन्ना की रैलियां खुद कर रहे है।
फेंड्रली मैच नहीं, गठबंधन धर्म संकट में
वार्ड 14 और 53 को लेकर चाहे प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा यह कहकर बात टाल गए हो कि वहां भाजपा और अकाली दल में फ्रेंडली मैच है, पर हकीकत मे दोनों ही सीटों पर गठबंधन धर्म के सामने संकट खड़ा हो गया है। दोनों ही पार्टियों के लिए यह सीटें इज्जत का सवाल बनी हुई है। दोनों ही पार्टियों ने अपने प्रत्याशी को जिताकर दूसरे को नीचा दिखाने के लिए पूरी ताकत इन वार्डो में झोंकी हुई है। आने वाले दिनों में आमने-सामने के टकराव के भी हालात बने हुए है।