Monday, May 19, 2014

सबसे कम वोट के साथ बहुमत पाने वाली पार्टी बनी बीजेपी

BJP's 31% lowest vote share of any party to secure majority

नई दिल्ली
2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने भले ही अपने दम पर बहुमत हासिल किया, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है जब कोई पार्टी महज 31 पर्सेंट वोट पाकर लोकसभा की आधी से ज्यादा सीटें हासिल करने में कामयाब रही है। इससे पहले 1967 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने 40.8 पर्सेंट वोटों के बलबूते 520 सीटों में 283 सीटें हासिल की थीं।

2014 के लोकसभा चुनावों के आंकड़े कई दिलचस्प तस्वीर पेश करते हैं। यह दिखाते हैं कि अलग-अलग पार्टियों के बीच वोट किस कदर बंटे और बीजेपी एक तिहाई से कम वोट पाने के बाद भी बहुमत के आंकड़े को पार कर गई। बीजेपी कुल वैध मतों के 31 पर्सेंट पाकर 282 सीटें निकालने में कामयाब रही। इसे इस तरह समझ सकते हैं कि 10 में से चार से कम वोटरों ने एनडीए को वोट दिया और एक तिहाई वोटरों ने भी बीजेपी को नहीं चुना। 19.3 पर्सेंट वाली कांग्रेस को चुनने वालों को तादाद इससे भी कम रही। पांच में से एक से भी कम ने उसे वोट दिया।

कांग्रेस की बदकिस्मती यह रही कि उसे मिले 19.3 पर्सेंट वोट 44 सीट ही दिला पाए, जबकि पिछले आम चुनाव में बीजेपी महज 18.5 पर्सेंट वोटों से 116 सीटें जीतने में सफल रही थी। इन चुनावों का एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी है कि बीजेपी और कांग्रेस दोनों को मिलाकर 50 पर्सेंट वोट मिले, यानी दूसरी सभी पार्टियों को मिले वोटों के बराबर हैं।

यदि कांग्रेस और बीजेपी के सहयोगियों के वोट भी साथ में जोड़ दिए जाएं, तो भी मतों का बहुत बड़ा हिस्सा इन दोनों से दूर रहा। NDA को कुल वैध मतों के 38.5% मिले, जबकि यूपीए के हिस्से में 23 % से कुछ कम आए। दोनों को मिला दें तो 39 पर्सेंट यानी एनडीए को मिले मतों के बराबर मत दूसरी पार्टियों के खाते में गए।

क्या एनडीए को मिले 38.5 पर्सेंट वोट किसी सत्ताधारी पार्टी या गठबंधन को मिले सबसे कम वोट हैं? ऐसा नहीं है। कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए-1 ने 35.9 पर्सेंट वोट हासिल कर सरकार बनाई थी। 1991 में बनी पीवी नरसिम्हा राव की अल्पमत सरकार के लिए कांग्रेस को 38.2 पर्सेंट वोट मिले थे। लेकिन यह भी एक तथ्य है यूपीए-1 सरकार को बाहर से भी समर्थन था।

2004 में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए गठबंधन को 36 पर्सेंट से कुछ कम वोटों के साथ 220 सीटें मिली थीं। लेकिन यूपीए को एसपी, लेफ्ट और पीडीपी का समर्थन मिला था। जिनके पास करीब 11.2 पर्सेंट वोट शेयर के साथ 100 सीटें थीं। इस तरह यूपीए-1 के साथ कुल 320 सांसद और 47 पर्सेंट वोट थे।

इसी तरह 1989 में कांग्रेस (एस), जनता दल, डीएमके, टीडीपी वाले नैशनल फ्रंट ने 146 सीटें जीती थीं। उन्हें 23.8 पर्सेंट वोटे मिले थे। इसमें बीजेपी की 85 सीटें और 11.5 पर्सेंट वोट, लेफ्ट की 52 सीटें और 10.2 पर्सेंट वोट मिला दें तो यह कुल 283 सीटें व 45.3 पर्सेंट वोट शेयर बैठता है।

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